भास्कर न्यूज | जालंधर/होशियारपुर आदमपुर रेलवे स्टेशन पर 7 अक्टूबर को एएसआई जीवन लाल और प्रीतम दास की संदिग्ध मौत की जांच पुलिस ने 72 घंटे में पूरी कर ली है। जांच में साफ हो गया कि मौत साजिश नहीं, बल्कि सामूहिक आत्महत्या थी। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से वो दुकान ढूंढ ली, जहां से एएसआई जीवन लाल ने सल्फास की दो डिब्बी खरीदी थीं। हालांकि अभी मर्डर केस में फरार जुवेनाइल आरोपी पुलिस के हाथ नहीं आया है। भास्कर ने अपने स्तर पर मामले से जुड़े तथ्य जुटाए तो पता चला कि आरोपी के भागने के 50 मिनट बाद ही दोनों एएसआई तय कर चुके थे कि सुसाइड करना है, क्योंकि जुवेनाइल जेल होशियारपुर में नाबालिग हत्यारोपी को ले जाते समय स्टाफ ने कहा था कि हत्यारोपी बेहद शातिर है। तीन बार भागने का प्रयास कर चुका है, चौकस रहना। उधर, जालंधर के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने कहा कि पुलिस जल्द नाबालिग आरोपी को पकड़ लेगी। सीसीटीवी फुटेज और रेलवे स्टेशन से मिले क्लू से पूरा मामला साफ हो गया है कि दोनों एएसआई ने सुसाइड किया था। डीएसपी कुलवंत सिंह की सुपरविजन में जांच टीम ने होशियारपुर से लेकर कपूरथला कोर्ट में पेशी तक रूट के सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो पता लगा कि पेशी के बाद इनकी गाड़ी रास्ते में कहीं नहीं रुकी। शाम करीब 4 बजे गाड़ी आदमपुर पहुंची तो भीड़ थी। ड्राइवर एएसआई हरजिंदर सिंह ने पुलिस को बताया कि गाड़ी धीमी चल रही थी। दोनों आरोपी पीछे बैठे थे, जबकि अगल-बगल दोनों एएसआई थे। गाड़ी धीमी होते ही हत्यारोपी हाथापाई कर दौड़ गया। दोनों एएसआई पीछे दौड़े। मैंने गाड़ी साइड पर खड़ी की फिर पहले दूसरे आरोपी को थाने ले गया। करीब एक घंटे बाद भी दोनों एएसआई नहीं लौटे। कई बार कॉल की, मगर फोन उठाया। बाद में दोनों के शव रेलवे स्टेशन आदमपुर पर मिले। जांच टीम ने रूट के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो एक बाइक पर दोनों एएसआई जाते नजर आए। पुलिस ने बाइक के मालिक भगवंत सिंह को ट्रेस किया तो उसने कहा कि एक आरोपी भाग गया तो पीछा करने के लिए उससे बाइक मांगी थी। मैंने मदद करते हुए बाइक दी थी। आदमपुर की रेलवे रोड पर लगे सीसीटीवी से क्लू मिला कि एएसआई जीवन लाल ने बीज खाद भंडार से सल्फास खरीदी थी। जांच टीम को शॉप के मालिक अमरजीत सिंह वासी डरोली कलां ने पूरा मामला साफ कर दिया। शॉप में काम करने वाले रिंपी के पास एएसआई जीवन लाल शाम 4:50 पर आए थे। रिंपी से सल्फास मांगी तो उसने पूछा कि कितनी कनक में रखनी है। पहले तो एक डिब्बी खरीदी और फिर दो खरीद ली। 140 रुपए पेमेंट कर दी थी। शॉप के मालिक व रिंपी ने पुलिस को बताया कि अहसास तक नहीं हुआ कि वे सुसाइड के लिए सल्फास खरीद रहे हैं। भास्कर न्यूज | जालंधर/होशियारपुर आदमपुर रेलवे स्टेशन पर 7 अक्टूबर को एएसआई जीवन लाल और प्रीतम दास की संदिग्ध मौत की जांच पुलिस ने 72 घंटे में पूरी कर ली है। जांच में साफ हो गया कि मौत साजिश नहीं, बल्कि सामूहिक आत्महत्या थी। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से वो दुकान ढूंढ ली, जहां से एएसआई जीवन लाल ने सल्फास की दो डिब्बी खरीदी थीं। हालांकि अभी मर्डर केस में फरार जुवेनाइल आरोपी पुलिस के हाथ नहीं आया है। भास्कर ने अपने स्तर पर मामले से जुड़े तथ्य जुटाए तो पता चला कि आरोपी के भागने के 50 मिनट बाद ही दोनों एएसआई तय कर चुके थे कि सुसाइड करना है, क्योंकि जुवेनाइल जेल होशियारपुर में नाबालिग हत्यारोपी को ले जाते समय स्टाफ ने कहा था कि हत्यारोपी बेहद शातिर है। तीन बार भागने का प्रयास कर चुका है, चौकस रहना। उधर, जालंधर के एसएसपी हरकमलप्रीत सिंह खख ने कहा कि पुलिस जल्द नाबालिग आरोपी को पकड़ लेगी। सीसीटीवी फुटेज और रेलवे स्टेशन से मिले क्लू से पूरा मामला साफ हो गया है कि दोनों एएसआई ने सुसाइड किया था। डीएसपी कुलवंत सिंह की सुपरविजन में जांच टीम ने होशियारपुर से लेकर कपूरथला कोर्ट में पेशी तक रूट के सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो पता लगा कि पेशी के बाद इनकी गाड़ी रास्ते में कहीं नहीं रुकी। शाम करीब 4 बजे गाड़ी आदमपुर पहुंची तो भीड़ थी। ड्राइवर एएसआई हरजिंदर सिंह ने पुलिस को बताया कि गाड़ी धीमी चल रही थी। दोनों आरोपी पीछे बैठे थे, जबकि अगल-बगल दोनों एएसआई थे। गाड़ी धीमी होते ही हत्यारोपी हाथापाई कर दौड़ गया। दोनों एएसआई पीछे दौड़े। मैंने गाड़ी साइड पर खड़ी की फिर पहले दूसरे आरोपी को थाने ले गया। करीब एक घंटे बाद भी दोनों एएसआई नहीं लौटे। कई बार कॉल की, मगर फोन उठाया। बाद में दोनों के शव रेलवे स्टेशन आदमपुर पर मिले। जांच टीम ने रूट के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो एक बाइक पर दोनों एएसआई जाते नजर आए। पुलिस ने बाइक के मालिक भगवंत सिंह को ट्रेस किया तो उसने कहा कि एक आरोपी भाग गया तो पीछा करने के लिए उससे बाइक मांगी थी। मैंने मदद करते हुए बाइक दी थी। आदमपुर की रेलवे रोड पर लगे सीसीटीवी से क्लू मिला कि एएसआई जीवन लाल ने बीज खाद भंडार से सल्फास खरीदी थी। जांच टीम को शॉप के मालिक अमरजीत सिंह वासी डरोली कलां ने पूरा मामला साफ कर दिया। शॉप में काम करने वाले रिंपी के पास एएसआई जीवन लाल शाम 4:50 पर आए थे। रिंपी से सल्फास मांगी तो उसने पूछा कि कितनी कनक में रखनी है। पहले तो एक डिब्बी खरीदी और फिर दो खरीद ली। 140 रुपए पेमेंट कर दी थी। शॉप के मालिक व रिंपी ने पुलिस को बताया कि अहसास तक नहीं हुआ कि वे सुसाइड के लिए सल्फास खरीद रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts

चंडीगढ़ में 15 दिनों में 5 मंदिरों में चोरी:श्रद्वालु की तरह आया, सिर झुकाया, दानपेटी से पैसे लेकर चला गया
चंडीगढ़ में 15 दिनों में 5 मंदिरों में चोरी:श्रद्वालु की तरह आया, सिर झुकाया, दानपेटी से पैसे लेकर चला गया सिटी ब्यूटीफुल में अब मंदिरों को निशाना बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। 15 दिन में आरोपियों ने पांच मंदिरों को निशाना बनाया है। ताजा घटना इंडस्ट्रियल एरिया फेज-2 स्थित शिव मानस शनिधाम मंदिर की है। जहां आरोपियों ने एक के बाद एक पांच दानपात्र तोड़ दिए और हजारों रुपये की नकदी निकालकर फरार हो गए। हालांकि वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने भगवान को हाथ जोड़कर प्रणाम किया। पूरी वारदात मंदिर में लगे कैमरों में कैद हो गई है। इस मामले में शिकायत पर पुलिस ने सेक्टर-31 थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। घटना के वीडियो 24 मिनट में दिया वारदात को अंजाम आरोपी ने शिव मानस शनिधाम मंदिर में करीब 24 मिनट में वारदात को अंजाम दिया। आरोपी रात 2:51 बजे मंदिर में दाखिल हुआ, जबकि 3:15 बजे वह वहां से चोरी करके फरार हो गया। इस दौरान आरोपी ने वहां रखे पांच दान पत्र चुरा लिए। चोर भगवान का भक्त लग रहा था। दीवार फांदकर मंदिर में घुसते ही उसने सबसे पहले भगवान को हाथ जोड़कर प्रणाम किया और फिर चोरी को अंजाम दिया। चोरी का सामान ले जाने के लिए वह मंदिर से एक पीला कपड़ा ले गया। सबसे पहले उसने पुजारियों के सामान को निशाना बनाया। उसके बाद उसने भगवान की मूर्तियों के सामने रखे दान पत्रों को निशाना बनाया। ऐसे हुई अब तक की वारदातें चोरी की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। सबसे पहले शुक्रवार को सनातन धर्म मंदिर (सेक्टर-46) में चोरी हुई। चोर पूजा-अर्चना के बहाने पूरा दानपात्र लेकर अपने साथी के साथ भाग गया। इसमें 50 हजार रुपए थे। इसी तरह हनुमान मंदिर (हल्लोमाजरा) में चोरी हुई। इसी तरह शिव शक्ति महाकाली मंदिर (सेक्टर-38) और श्री शिव मानस मंदिर व शनि मंदिर में भी चोरी हुई। लोगों का कहना है कि इस पर अंकुश लगना चाहिए। आरोपी कोहरे आदि का फायदा उठा रहे हैं।

पटियाला में इमरजेंसी फिल्म का विरोध:सिख संगठनों का प्रदर्शन, सिनेमा हॉल में नहीं हुई स्क्रीनिंग
पटियाला में इमरजेंसी फिल्म का विरोध:सिख संगठनों का प्रदर्शन, सिनेमा हॉल में नहीं हुई स्क्रीनिंग पटियाला में कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। शुक्रवार को फिल्म की रिलीज के दिन सिख संगठनों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध के चलते शहर के दो प्रमुख सिनेमा हॉल में फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द करनी पड़ी। गांव चौरा स्थित पीवीआर मॉल के बाहर बड़ी संख्या में सिख संगठनों के सदस्य एकत्र हुए और फिल्म के प्रदर्शन का विरोध किया। इसी तरह ओमेक्स मॉल स्थित सिनेमा हॉल पर भी प्रदर्शनकारियों ने धरना दिया। दोनों सिनेमा हॉल के प्रबंधकों को सुरक्षा कारणों से फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द करनी पड़ी। फिल्म ‘इमरजेंसी’ भारत के इतिहास के एक महत्वपूर्ण काल को दर्शाती है, जिसमें कंगना रनौत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में नजर आ रही हैं। हालांकि, स्थानीय सिख संगठनों ने फिल्म के कुछ दृश्यों और प्रस्तुतिकरण पर आपत्ति जताई है।

बघेल के घर ईडी रेड से गर्माई पंजाब की राजनीति:वड़िंग बोले- बीजेपी को डर कहीं सरकार न बना दें, हम डरने वाली नहीं
बघेल के घर ईडी रेड से गर्माई पंजाब की राजनीति:वड़िंग बोले- बीजेपी को डर कहीं सरकार न बना दें, हम डरने वाली नहीं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी चल रही है। उन्होंने खुद इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर दी है। बघेल ने अपनी पोस्ट में कहा कि यदि इस कार्रवाई के जरिए कोई पंजाब में कांग्रेस को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है। उनकी यह टिप्पणी पंजाब की राजनीति में हलचल मचा रही है। यह छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब 13 मार्च को दिल्ली में राहुल गांधी के साथ पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक तय है, जिसमें बघेल भी शामिल होंगे। कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग समेत अन्य नेताओं का आरोप है कि यह कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को डर है कि बघेल कहीं पंजाब में कांग्रेस की सरकार न बना दें। ऐसे में वह डराने में लगे हैं, हम डरने वाले नहीं है। दिल्ली चुनाव के बाद पंजाब कांग्रेस का नया प्रभारी पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले, जनवरी 2024 में दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवेंद्र यादव को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 13 में से 7 सीटें जीती थीं। इसके अलावा, उप चुनाव, निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव भी उन्हीं की अगुवाई में लड़े गए थे। हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा और यादव चुनाव हार गए, जिसके बाद भूपेश बघेल को पंजाब का नया प्रभारी बनाया गया। बघेल ने 24 फरवरी को पंजाब का पहला दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका और 25 फरवरी को चंडीगढ़ में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। हम अपने नेता के साथ खड़े हैं कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर शेयर पोस्ट में वीडियों में कहा है- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी यह पहली रेड तो नहीं है। इससे पहले भी सीबीआई और ईडी की रेड हो चुकी हैं। जिस तरह से बीजेपी सरकार एजेंसियों का उपयोग कर रही है, वह उचित नहीं है। सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है और विपक्षी दलों के नेताओं पर दबाव बनाया जा रहा है। बीजेपी चाहती है कि हमारे नेताओं को इधर-उधर व्यस्त रखा जाए, क्योंकि बघेल अभी पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बने हैं। उन्हें डर है कि कहीं पंजाब में जाकर कांग्रेस की सरकार ही न बना दें। इसके पीछे का मकसद सब जानते हैं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि इन हरकतों से बीजेपी को कुछ हासिल होगा। भूपेश बघेल एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने जमीनी स्तर से अपनी लड़ाई लड़ी और प्रदेश में सरकार बनाई। पूरा देश मानता है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने नई सोच को जन्म दिया। आम जनता, हर वर्ग उनके शासन में खुश था। बीजेपी जिन तरीकों से राज्यों में अपनी सरकार बना रही है, वह सबके सामने है। लेकिन बघेल जी हमारे सम्मानित नेता हैं, और हम उनके साथ खड़े हैं। जितना हमें डराओगे, हम उतने ही मजबूत होंगे। हमारे नेता राहुल गांधी कहते हैं— “डरो मत।” जो डरने वाले थे, वे भाग गए। एनएसयूआई पंजाब के अध्यक्ष इशरप्रीत सिंह सिद्धू का कहना है कि चुनाव अभी दो साल दूर हैं, लेकिन केंद्र सरकार अभी से एजेंसियों का दुरुपयोग कर कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। 58 से 18 पर सिमट गई थी कांग्रेस पंजाब कांग्रेस का 2022 का विधानसभा चुनाव प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। पार्टी महज 18 सीटों पर सिमट गई थी। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ से 37,000 वोटों से हार गए थे, वहीं चमकौर साहिब से भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। कई अन्य कांग्रेस मंत्री भी चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 92 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की और 13 में से 7 सीटें जीतीं। चरणजीत सिंह चन्नी ने एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। वहीं, आम आदमी पार्टी सिर्फ 3 सीटें ही जीत पाई, जबकि उसके 5 मंत्री चुनाव हार गए थे।