भास्कर न्यूज | जालंधर शारदीय नवरात्र का समापन आज नवमी तिथि को है। नवरात्र के अंतिम दिन मां दुर्गा के स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। महानवमी के दिन कन्या पूजन और हवन किया जाता है। हवन करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन व्रत पारण भी किया जाता है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान किया जाता है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को आठ दिन की भक्ति पूजा का फल घर आकर प्रदान करती हैं। पंडित विजय शास्त्री और शिव दुर्गा खाटू श्याम मंदिर कमल विहार बस्ती पीर दाद पुजारी गौतम भार्गव ने बताया की देवी भागवत पुराण के अनुसार महालक्ष्मी की तरह मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान रहती हैं। इनके चार हाथ हैं, जिनमें शंख, गदा, कमल का फूल तथा चक्र धारण किए रहती हैं। मां सिद्धिदात्री का पूजन करने के बाद मौसमी फल हलवा-चना, पूड़ी खीर और नारियल का भोग लगाया जाता है। पंडितों के अनुसार 11 अक्टूबर को ही दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से नवमी तिथि शुरू होकर 12 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक रहेगी। उदय काल में होने की वजह से 12 अक्टूबर को नवमी व दशमी तिथि होगी। भास्कर न्यूज | जालंधर शारदीय नवरात्र का समापन आज नवमी तिथि को है। नवरात्र के अंतिम दिन मां दुर्गा के स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। महानवमी के दिन कन्या पूजन और हवन किया जाता है। हवन करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन व्रत पारण भी किया जाता है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान किया जाता है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को आठ दिन की भक्ति पूजा का फल घर आकर प्रदान करती हैं। पंडित विजय शास्त्री और शिव दुर्गा खाटू श्याम मंदिर कमल विहार बस्ती पीर दाद पुजारी गौतम भार्गव ने बताया की देवी भागवत पुराण के अनुसार महालक्ष्मी की तरह मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान रहती हैं। इनके चार हाथ हैं, जिनमें शंख, गदा, कमल का फूल तथा चक्र धारण किए रहती हैं। मां सिद्धिदात्री का पूजन करने के बाद मौसमी फल हलवा-चना, पूड़ी खीर और नारियल का भोग लगाया जाता है। पंडितों के अनुसार 11 अक्टूबर को ही दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से नवमी तिथि शुरू होकर 12 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक रहेगी। उदय काल में होने की वजह से 12 अक्टूबर को नवमी व दशमी तिथि होगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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क्रिकेट छोड़ने वाले थे अर्शदीप सिंह:माता-पिता कनाडा भेज रहे थे, एक साल में खुद को बदला; IPL-2025 में पंजाब ने 18 करोड़ में खरीदा
क्रिकेट छोड़ने वाले थे अर्शदीप सिंह:माता-पिता कनाडा भेज रहे थे, एक साल में खुद को बदला; IPL-2025 में पंजाब ने 18 करोड़ में खरीदा पंजाब के मोहाली के रहने वाले भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज अर्शदीप सिंह को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मेगा ऑक्शन में पंजाब किंग्स ने 18 करोड़ रुपए में खरीदा है। अर्शदीप सिंह 2024 के टी-20 वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के साथ हुआ फाइनल मैच भी खेले थे। तब उन्होंने 8 मैचों में 17 विकेट लेकर रिकॉर्ड बनाया है। ऐसा करके वह दुनिया के 5 गेंदबाजों की लिस्ट में शामिल हो गए। उनके जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहने की तैयारी कर ली थी। माता-पिता ने तो उन्हें कनाडा भेजकर वहीं सेटल करने का फैसला कर दिया था। परिवार ने कनाडा भेजने की कर ली थी तैयारी अर्शदीप सिंह का पंजाब टीम में चयन नहीं हो रहा था। परिवार के लोग भी चिंतित थे। ऐसे में माता-पिता ने उसे कनाडा उसके भाई के पास भेजने का फैसला किया। उन्होंने इस बारे में उसके कोच से बात की। कोच ने जब अर्शदीप से इस बारे में चर्चा की तो उसने कहा कि वह खेलना चाहता है। कोच की सलाह पर अर्शदीप ने यह बात अपने परिवार को बताई। परिवार के लोगों ने उसे एक साल का समय दिया। इसके बाद अर्शदीप ने ग्राउंड पर जमकर मेहनत की। फिर उसका चयन पंजाब की आयु वर्ग 19 की टीम में हो गया। इसके बाद उसने अंडर-19 विश्व कप खेला। इसके बाद यह सफर लगातार चलता रहा। पिता ने पहचाना हुनर, मां ने लगाई ताकत अर्शदीप सिंह का परिवार मोहाली के खरड़ में रह रहा है। उनके पिता दर्शन सिंह एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अर्शदीप का जन्म तब हुआ तो उस सम पिता की पोस्टिंग मध्य प्रदेश में थी। वह भी गेंदबाज है। उनके पिता ने क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को पहचाना। उन्होंने उन्हें पार्क में बॉलिंग करते देखा। फिर वे उन्हें 13 साल की उम्र में चंडीगढ़ के सेक्टर-36 स्थित गुरु नानक देव स्कूल की क्रिकेट एकेडमी में ले गए। जहां से उनकी कोचिंग शुरू हुई। अर्शदीप के पिता बाहर पोस्टेड थे। ऐसे में सुबह छह बजे खरड़ से चंडीगढ़ ग्राउंड पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि यह 15 किलोमीटर का सफर था। ऐसे में अर्शदीप सिंह की मां बलजीत कौर उन्हें सुबह साइकिल पर लेकर आती थीं। फिर वहीं रुकती थीं। स्कूल के बाद उन्हें पार्क में बिठाती थीं और खाना आदि खिलाती थीं। इसके बाद फिर से एकेडमी भेजती थीं। इसके बाद शाम को घर ले जाती थीं। शुरुआती दिनों में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। 2018 में पंजाब के लिए खेले, 2019 में IPL में डेब्यू अर्शदीप सिंह को 19 सितंबर 2018 को 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए खेलने के लिए चुना गया था। फिर उन्हें 2018 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत की टीम में चुना गया। दिसंबर 2018 में, उन्हें 2019 इंडियन प्रीमियर लीग के लिए किंग्स इलेवन पंजाब द्वारा चुना गया। वे टीम के दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की गई। नवंबर 2019 में उन्हें बांग्लादेश में 2019 एसीसी इमर्जिंग टीम एशिया कप के लिए भारत की टीम में चुना गया। मानसिक रूप से बहुत मजबूत, भगवान में रखते हैं आस्था अर्शदीप धार्मिक विचारों वाले हैं। वे ध्यान करते रहते हैं। उन्हें जानने वाले कहते हैं कि तेज गेंदबाज में आक्रामकता होती है। लेकिन वे इसे दिखाते नहीं। वे बहुत शांत रहते हैं। जब भी वे शहर आते हैं, तो सभी गुरुद्वारों में मत्था टेकने जाते हैं। वे मानसिक रूप से बहुत मजबूत हैं। उनके कोच जसवंत राय बताते हैं कि जब पाकिस्तान के खिलाफ मैच में कैच छोड़ने पर उन्हें ट्रोल किया गया, तो उन्होंने अर्शदीप को फोन करके सलाह दी कि आज सोशल मीडिया न देखें। इस पर अर्शदीप का जवाब था कि वे सुबह से ही इसे देख रहे हैं। उन्हें लोग जो कह रहे हैं, वह उन्हें अच्छा लग रहा है। उन्होंने पूछा कि वे उदास क्यों लग रहे हो। इस पर अर्शदीप ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ मैच में उन्हें चौका लगा और अगर वे उसे रोक लेते, तो हम मैच जीत जाते। इसलिए वे उदास हैं। ************************************************* IPL से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- IPL मेगा ऑक्शन में हरियाणा-पंजाब के खिलाड़ियों की नीलामी 5 साल की उम्र में क्रिकेट खेलने लगे थे चहल, पंजाब ने 18 करोड़ में खरीदा

अमृतसर में प्रीगैबलिन दवा की खुली बिक्री पर रोक:प्रशासन का दावा-लोगों को लग रही इसकी लत; विक्रेताओं को रिकॉर्ड रखने के निर्देश
अमृतसर में प्रीगैबलिन दवा की खुली बिक्री पर रोक:प्रशासन का दावा-लोगों को लग रही इसकी लत; विक्रेताओं को रिकॉर्ड रखने के निर्देश पंजाब के अमृतसर में जिला प्रशासन ने पेन किलर के तौर पर प्रयोग होने वाली दवा प्रीगैबलिन की खुली बिक्री पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन का दावा है कि इस दवा का लोग दुरुपयोग कर रहे हैं और इसके आदी भी हो रही हैं। जिसके चलते इस दवा की खुली बिक्री पर रोक लगा दी गई है। वहीं इस दवा के 75 मि.ग्रा. से अधिक का भंडार भी ना करने के निर्देश जारी हुए हैं। डीसी अमृतसर घनशाम थोरी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि प्रीगैबलिन के फार्मूले के तहत तैयार की गई एक दवा, जिसे मादक या मनो-सक्रिय पदार्थ के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है, लेकिन इसके दुरुपयोग को देखते हुए खुली बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसे बेचने के लिए डॉक्टर की सिफारिश के साथ सभी रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए हैं। 75 मिग्रा से अधिक प्रयोग कर रहे लोग जारी आदेश में उन्होंने कहा कि कैप्सूल/टैबलेट के रूप में 150 मिलीग्राम और 300 मिलीग्राम युक्त प्रीगैबलिन के फॉर्मूलेशन का जनता द्वारा व्यापक रूप से दुरुपयोग किया जा रहा है। बहुत से लोग इस फॉर्मूलेशन के आदी हो रहे हैं। देखने में आया है कि प्रीगैबलिन 150mg/300mg दवा अक्सर डॉक्टरों द्वारा प्रेस्क्राइब नहीं की जाती है। यहां तक कि न्यूरोलॉजिस्ट/ऑर्थोपेडिक्स भी प्रीगैबलिन दवा की केवल 75 मिलीग्राम ही लिख रहे हैं। नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत आदेश जारी डीसी अमृतसर घनशाम थोरी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत आदेश दिया है कि 75 मिलीग्राम से अधिक इस फॉर्मूलेशन के कैप्सूल/टैबलेट के भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, केमिस्ट/मेडिकल स्टोर के मालिक, अस्पतालों में फार्मेसी या कोई अन्य व्यक्ति बिना असल प्रेस्क्रीप्शन के प्रीगैबलिन 75 मिलीग्राम नहीं बेचेंगे। इसके अलावा वे 75 मिलीग्राम तक की खरीद-बिक्री का सटीक रिकॉर्ड रखेंगे। सभी विक्रेता पर्ची का उचित अध्ययन करके यह सुनिश्चित करेंगे कि बेची जा रही गोलियों/कैप्सूलों की संख्या डॉक्टर के पर्चे की आवश्यकता से अधिक न हों।

पंजाब में पराली जलाने के 70 फीसदी केस कम हुए:कृषि मंत्री ने किया दावा; सुप्रीम कोर्ट से लगी चुकी है फटकार
पंजाब में पराली जलाने के 70 फीसदी केस कम हुए:कृषि मंत्री ने किया दावा; सुप्रीम कोर्ट से लगी चुकी है फटकार पंजाब में पराली जलाने के मामलों में 70 फीसदी की कमी आई है। यह दावा पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने किया है। उनका कहना है कि 30 नवंबर खरीफ सीजन 2024 का अंतिम दिन था। इस समय में पराली जलाने के कुल 10,909 मामले सामने आए हैं। यह संख्या 2023-24 सीजन में दर्ज 36663 मामलों की तुलना में काफी कम है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के मामले में पंजाब सरकार को फटकार लगाई थी। वहीं, पराली के धुएं का मुद्दा इस बार सरहद पार पाकिस्तान तक पहुंचा था। पंजाब पाकिस्तान की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने तो इस गंभीर मुद्दे पर भारत पंजाब सीएम भगवंत मान को पत्र लिखने की बात कहीं थी। इस वजह से पराली जलाने के केस हुए कम मंत्री बताया कि पराली जलाने के कमी के लिए कई कारक है। एक तो फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी के बढ़ते उपयोग के कारण पराली जलाने के मामलों में यह कमी आई है। किसानों को सब्सिडी पर 22582 सीआरएम मशीनों के लिए मंजूरी पत्र जारी किए गए, जिनमें से 16,125 मशीनें किसानों द्वारा खरीदी जा चुकी हैं। इसके अलावा, छोटे और सीमांत किसानों की सीआरएम मशीनों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 722 कस्टमर हायरिंग सेंटर (सीएचसी) स्थापित किए गए हैं। कई पंच हुए थे संस्पेंड पराली जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी पंजाब और पड़ोसी राज्य हरियाणा को लताड़ लग चुकी है। अदालत ने कहा कि वहां पर किसानों पर केवल नाम के लिए कार्रवाई हो रही है। इसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट सख्त हुआ था तो 950 से किसानों पर कार्रवाई हुई। उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज की गई थी। कई अधिकारियों को नोटिस हुए हैं। जबकि कई पंच सस्पेंड हुए। तर्क दिया कि वह गांवों को पराली जलाने से रोकने में नाकाम रहे हैं।