शारदीय नवरात्र की महानवमी:आज दोपहर 12:33 से कल सुबह 11 बजे तक रहेगी नवमी, कन्या पूजन आज

भास्कर न्यूज | जालंधर शारदीय नवरात्र का समापन आज नवमी तिथि को है। नवरात्र के अंतिम दिन मां दुर्गा के स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। महानवमी के दिन कन्या पूजन और हवन किया जाता है। हवन करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन व्रत पारण भी किया जाता है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान किया जाता है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को आठ दिन की भक्ति पूजा का फल घर आकर प्रदान करती हैं। पंडित विजय शास्त्री और शिव दुर्गा खाटू श्याम मंदिर कमल विहार बस्ती पीर दाद पुजारी गौतम भार्गव ने बताया की देवी भागवत पुराण के अनुसार महालक्ष्मी की तरह मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान रहती हैं। इनके चार हाथ हैं, जिनमें शंख, गदा, कमल का फूल तथा चक्र धारण किए रहती हैं। मां सिद्धिदात्री का पूजन करने के बाद मौसमी फल हलवा-चना, पूड़ी खीर और नारियल का भोग लगाया जाता है। पंडितों के अनुसार 11 अक्टूबर को ही दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से नवमी तिथि शुरू होकर 12 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक रहेगी। उदय काल में होने की वजह से 12 अक्टूबर को नवमी व दशमी तिथि होगी। भास्कर न्यूज | जालंधर शारदीय नवरात्र का समापन आज नवमी तिथि को है। नवरात्र के अंतिम दिन मां दुर्गा के स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। महानवमी के दिन कन्या पूजन और हवन किया जाता है। हवन करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन व्रत पारण भी किया जाता है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। उन्हें यश, बल और धन भी प्रदान किया जाता है। मां सिद्धिदात्री भक्तों को आठ दिन की भक्ति पूजा का फल घर आकर प्रदान करती हैं। पंडित विजय शास्त्री और शिव दुर्गा खाटू श्याम मंदिर कमल विहार बस्ती पीर दाद पुजारी गौतम भार्गव ने बताया की देवी भागवत पुराण के अनुसार महालक्ष्मी की तरह मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान रहती हैं। इनके चार हाथ हैं, जिनमें शंख, गदा, कमल का फूल तथा चक्र धारण किए रहती हैं। मां सिद्धिदात्री का पूजन करने के बाद मौसमी फल हलवा-चना, पूड़ी खीर और नारियल का भोग लगाया जाता है। पंडितों के अनुसार 11 अक्टूबर को ही दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से नवमी तिथि शुरू होकर 12 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक रहेगी। उदय काल में होने की वजह से 12 अक्टूबर को नवमी व दशमी तिथि होगी।   पंजाब | दैनिक भास्कर