बॉलीवुड की डिंपल गर्ल व मशहूर अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल हिमाचल प्रदेश में हुई ताजा बर्फबारी के साथ अपनी कुछ पुरानी तस्वीरें साझा की है। अभिनेत्री ने 3 साल पहले लगाए पौधे की फ़ोटो पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि हमें प्रकृति को कुछ वापस करना चाहिए। अभिनेत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर हिमाचल प्रदेश में हुई बर्फबारी की फोटो पोस्ट की और प्रकृति के प्रति अपना प्रेम प्रकट करते हुए लिखा कि, “मैंने यह हिमालयन देवदार का पौधा लगभग 3 साल पहले लगाया था। हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बीच इसे बढ़ता देखकर बहुत खुशी हुई, क्योंकि यहां की सर्दी बढ़ गई और सफेद हो गई। ऐसे पल जीवन को सही मायने देते हैं और प्रकृति को कुछ वापस देने का महत्व भी बताते हैं।” प्रीति जिंटा ने पौधे की लगाते समय और आज बर्फबारी के बाद की बड़े हुए उसी पौधे की तस्वीर पोस्ट की। पहली दो तस्वीरों में अभिनेत्री पौधे को लगाते हुए दिख रही है जबकि एक तस्वीर वर्तमान की है जब हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी हुई है जिसमें पौधा करीब 30-40 मीटर बड़ा हो गया है और उस गिरी बर्फ उसकी खूबसूरती को और अधिक बड़ा रही है। बता दें, प्रीति जिंटा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश से ही सबंध रखती हैं। अभिनेत्री का जन्म स्थान हिमाचल प्रदेश का शिमला है। बॉलीवुड में सफल अदाकारा के साथ अभिनेत्री खेलों में भी काफी रुचि रखती है। आईपीएल में पंजाब किंग्स की मालकिन है। अभिनेत्री सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती हैं और प्रशंसकों के साथ अक्सर एक से बढ़कर एक पोस्ट साझा करती रहती हैं। बॉलीवुड की डिंपल गर्ल व मशहूर अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल हिमाचल प्रदेश में हुई ताजा बर्फबारी के साथ अपनी कुछ पुरानी तस्वीरें साझा की है। अभिनेत्री ने 3 साल पहले लगाए पौधे की फ़ोटो पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि हमें प्रकृति को कुछ वापस करना चाहिए। अभिनेत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर हिमाचल प्रदेश में हुई बर्फबारी की फोटो पोस्ट की और प्रकृति के प्रति अपना प्रेम प्रकट करते हुए लिखा कि, “मैंने यह हिमालयन देवदार का पौधा लगभग 3 साल पहले लगाया था। हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बीच इसे बढ़ता देखकर बहुत खुशी हुई, क्योंकि यहां की सर्दी बढ़ गई और सफेद हो गई। ऐसे पल जीवन को सही मायने देते हैं और प्रकृति को कुछ वापस देने का महत्व भी बताते हैं।” प्रीति जिंटा ने पौधे की लगाते समय और आज बर्फबारी के बाद की बड़े हुए उसी पौधे की तस्वीर पोस्ट की। पहली दो तस्वीरों में अभिनेत्री पौधे को लगाते हुए दिख रही है जबकि एक तस्वीर वर्तमान की है जब हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी हुई है जिसमें पौधा करीब 30-40 मीटर बड़ा हो गया है और उस गिरी बर्फ उसकी खूबसूरती को और अधिक बड़ा रही है। बता दें, प्रीति जिंटा मूल रूप से हिमाचल प्रदेश से ही सबंध रखती हैं। अभिनेत्री का जन्म स्थान हिमाचल प्रदेश का शिमला है। बॉलीवुड में सफल अदाकारा के साथ अभिनेत्री खेलों में भी काफी रुचि रखती है। आईपीएल में पंजाब किंग्स की मालकिन है। अभिनेत्री सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती हैं और प्रशंसकों के साथ अक्सर एक से बढ़कर एक पोस्ट साझा करती रहती हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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कीर्ति मठ के तिब्बती लाइब्रेरियन लोबसांग थापखे को जेल:चीनी में सुनाई तीन साल की सजा; दलाई लामा को भेजी थी वित्तीय सहायता तिब्बती मानवाधिकार एवं लोकतंत्र केंद्र (टीसीएचआरडी) ने चीन के तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र के न्गाबा प्रांत में कीर्ति मठ के पूर्व लाइब्रेरियन लोबसंग थापखे को हाल ही में सुनाई गई सजा की निंदा की है। दलाई लामा को प्रार्थना के रूप में 2000 चीनी युआन भारत भेजे थे। तिब्बती मानवाधिकार केंद्र ने कहा कि उन्हें भारत से तिब्बत में धार्मिक और सांस्कृतिक पुस्तकों को आयात करने और वितरित करने का प्रयास करने और दलाई लामा और कीर्ति रिनपोछे को वित्तीय चढ़ावा देने की तिब्बती बौद्ध प्रथा में शामिल होने के लिए सजा सुनाई गई है। टीसीएचआरडी द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार 56 वर्षीय लोबसंग थापखे, जिसे जून 2023 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह लापता था, उसे हाल ही में तीन साल की सजा सुनाई गई है। वह सिचुआन प्रांत के डेयांग शहर में हुआंग जू टाउन में डेयांग जेल में कैद है। सार्वजनिक खुलासा करने के खिलाफ दी थी चेतावनी पिछले महीने, लोबसंग थापखे के परिवार को एक संक्षिप्त नोटिस मिला जिसमें बताया गया कि उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है। हालांकि, उसके स्थान और ठिकाने के बारे में कोई विवरण प्रदान नहीं किया गया था, उसके परिवार को सार्वजनिक रूप से फैसले का खुलासा करने के खिलाफ चेतावनी दी गई थी। लोबसंग थापखे पर तथाकथित अलगाववादियों के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया गया था, एक लेबल जिसे चीन भारत से बौद्ध दर्शन और विज्ञान पर धार्मिक और विद्वानों के ग्रंथों को आयात करने के लिए निर्वासित तिब्बती समुदाय के लिए उपयोग करता है। पुस्तकें के आयातित और वितरित करने पर हुई सजा इनमें कीर्ति रिनपोछे की द नेकलेस ऑफ टेक्स्टबुक और दक्षिणी भारत के गेशे की रचनाएं जैसी पुस्तकें शामिल थीं। जो सभी कीर्ति मठ पुस्तकालय में रखी गई थीं। उनके द्वारा आयातित और वितरित किए गए ग्रंथों में कोई भी राजनीतिक सामग्री नहीं होने के बावजूद, चीनी सरकार ने उन्हें कैद कर लिया। उनकी गिरफ्तारी से पहले, उन्हें नगाबा पुलिस स्टेशन में बुलाया गया था और कई मौकों पर कई दिनों तक हिरासत में रखा गया था।
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HRTC की बसों पर नशे के विज्ञापन होंगे बंद:सब्जियों और दूध का नहीं लगेगा किराया, महिलाओं को छूट देने में खर्च होता है 50 लाख
HRTC की बसों पर नशे के विज्ञापन होंगे बंद:सब्जियों और दूध का नहीं लगेगा किराया, महिलाओं को छूट देने में खर्च होता है 50 लाख हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्नहोत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को शिमला में HRTC निदेशक मंडल की बैठक हुई। हिमाचल प्रदेश में अब HRTC की बसों में किसानों का सब्जियों व दूध का किराया नहीं लगेगा। मंगलवार को HRTC की निदेशक मंडल की बैठक में यह निर्णय हुआ है। लगेज पॉलिसी में होगा संशोधन
डिप्टी सीएम व विभाग के मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बैठक के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज बैठक में कई निर्णय हुए है। मुकेश अग्नहोत्री ने कहा कि BOD (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर) ने निर्णय लिया है कि आज से HRTC की बसों में किसानों के सब्जी व दूध का कोई किराया नही लगेगा। उन्होंने कहा कि काफी समय से उन्हें इसको लेकर शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद उन्होंने आज बैठक में निर्णय किया है कि HRTC किसानों से सब्जी व दूध को मार्किट तक ले जाने के लिए कोई नही लेंगे। HRTC लगेज पॉलिसी में संशोधन करेगी। नशे के विज्ञापन नही लेंगे.?
अग्नहोत्री ने कहा कि HRTC की BOD की बैठक में निर्णय हुआ है, HRTC अब अपनी बसों पर किसी भी तरह के गुटखा व शराब का विज्ञापन नही लगाएंगे। उन्होंने कहा कि यह समझौता उनके आने से पहले हुआ था। लेकिन उन्होंने निर्णय लिया है कि समाज मे कोई गलत संदेश ना जाएं। इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि HRTC अब किसी भी तरह नशे के विज्ञापन नही लेगा। HRTC घाटे में क्यों है…?
डिप्टी सीएम ने कहा कि अक्सर यह सवाल उठता है कि HRTC घाटे में क्यों है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे दो मुख्य वजह रियायती सफर व घाटे के रूट हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी प्रदेश है और दुर्गम क्षेत्रों में जहां कोई नहीं जाता, वहां HRTC लोगों को उनके घर पहुंचाती है। उन्होंने कहा कि HRTC रोज 5 लाख लोगों को लाती व छोड़ती है और 27 तरह की रियायतें लोगो को देती है। डिप्टी सीएम ने बताया कि अकेले महिलाओं को किराए में 50% छूट के लिए HRTC रोजाना 50 लाख रु खर्च कर रही है। लेकिन HRTC व्यवसायिक नही हिमाचल प्रदेश के लोगों की सेवा माध्यम है। HRTC ने 148 रूट निजी हाथों को सौंपे
मुकेश अग्नहोत्री ने कहा कि HRTC ने जो रूट जो रूट सरेंडर किए थे, उनमें से प्रदेशभर में 148 रूट प्राइवेट को चले गए हैं। सामान्य रूट 29 में 23, 80 सीटर वाली बसों के 72 में से 38 व इसके अलावा अन्य 107 रूट में से 87 इस तरह कुल मिलाकर 148 रुट निजी आपरेटरों को अलॉट हो गए हैं। उन्होंने कहा कि HRTC बस तब तक रुट पर बस बन्द नहीं करेगी जब तक निजी ऑपरेटर वहां बस नही चला देता। ऊना, हमीरपुर में बनेंगे ATS सेंटर
डिप्टी CM ने कहा कि HRTC ऊना और हमीरपुर में ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर बनाने जा रहा है। बसों की फिटनेस की वहां पर टेस्टिंग होगी। उन्होंने कहा कि ऊना में HRTC जबकि हमीरपुर में परिवहन विभाग ATS सेंटर स्थापित करेगा।