हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत का मामला एक बार फिर गरमा गया है। चीफ इंजीनियर विमल नेगी के मामा राजेंद्र नेगी व विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच ने पुलिस और प्रदेश सरकार की जांच पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने परिजनों से कई महत्वपूर्ण जानकारियां छिपाई हैं। शिमला में गुरुवार को विमल नेगी के मामा ने कहा कि सरकार दबाव में पुलिस साक्ष्यों को मिटाने व उनसे छेड़छाड़ की आशंका बढ़ती है। इस मामले में किन्नौर क्षेत्र के लोगों ने विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच का गठन किया है। मंच के कार्यकारी अध्यक्ष भगत सिंह नेगी ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार का रवैया पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आत्महत्या का नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या का मामला है। मामले की CBI जांच की मांग भगत सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार में भ्रष्टाचारियों और माफियाओं के गठजोड़ के कारण निष्पक्ष जांच नहीं हो पा रही है। पीड़ित परिवार और जनजातीय समाज के लोग मामले की CBI जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गठित किया गया जनजातीय न्याय मंच पूरी तरह गैर-राजनीतिक होगा। यह मंच जनजातीय लोगों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ काम करेगा। मंच ने न्यायालय से निष्पक्ष न्याय की उम्मीद जताई है। 15 दिनों में निष्पक्ष जांच का दिया था आश्वासन वहीं विमल नेगी के मामा राजिंदर नेगी ने कहा कि सरकार ने 15 दिनों में निष्पक्ष जांच के आश्वासन दिया था और 58 दिन बीत गए हैं। लेकिन ACS के अधीन हुई जांच की रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई है। परिवार ने RTI से रिपोर्ट की कॉपी परिवार को देने की मांग की थी। मोबाइल मिलने की बात परिवार से छुपाई राजिंदर नेगी ने बताया कि पुलिस ने विमल नेगी का मोबाइल बरामद किया, लेकिन यह जानकारी परिवार से छुपाई गई। उन्होंने कहा कि परिजनों को मोबाइल मिलने की बात कोर्ट से पता चली। पेनड्राइव जैसे महत्वपूर्ण सबूतों का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। 20 दिनों तक पेनड्राइव का जिक्र नही किया। इस तरह की बातों से सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और सबूत मिटाने की दोनों तरह आशंका बढ़ती है। उन्होंने कहा कि पुलिस पर सरकार का दबाव स्पष्ट दिखता है। परिवार ने अब कोर्ट से निष्पक्ष जांच की मांग की और मामला CBI को सौंपने की अपील की है। हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत का मामला एक बार फिर गरमा गया है। चीफ इंजीनियर विमल नेगी के मामा राजेंद्र नेगी व विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच ने पुलिस और प्रदेश सरकार की जांच पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने परिजनों से कई महत्वपूर्ण जानकारियां छिपाई हैं। शिमला में गुरुवार को विमल नेगी के मामा ने कहा कि सरकार दबाव में पुलिस साक्ष्यों को मिटाने व उनसे छेड़छाड़ की आशंका बढ़ती है। इस मामले में किन्नौर क्षेत्र के लोगों ने विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच का गठन किया है। मंच के कार्यकारी अध्यक्ष भगत सिंह नेगी ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार का रवैया पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आत्महत्या का नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या का मामला है। मामले की CBI जांच की मांग भगत सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार में भ्रष्टाचारियों और माफियाओं के गठजोड़ के कारण निष्पक्ष जांच नहीं हो पा रही है। पीड़ित परिवार और जनजातीय समाज के लोग मामले की CBI जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गठित किया गया जनजातीय न्याय मंच पूरी तरह गैर-राजनीतिक होगा। यह मंच जनजातीय लोगों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ काम करेगा। मंच ने न्यायालय से निष्पक्ष न्याय की उम्मीद जताई है। 15 दिनों में निष्पक्ष जांच का दिया था आश्वासन वहीं विमल नेगी के मामा राजिंदर नेगी ने कहा कि सरकार ने 15 दिनों में निष्पक्ष जांच के आश्वासन दिया था और 58 दिन बीत गए हैं। लेकिन ACS के अधीन हुई जांच की रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई है। परिवार ने RTI से रिपोर्ट की कॉपी परिवार को देने की मांग की थी। मोबाइल मिलने की बात परिवार से छुपाई राजिंदर नेगी ने बताया कि पुलिस ने विमल नेगी का मोबाइल बरामद किया, लेकिन यह जानकारी परिवार से छुपाई गई। उन्होंने कहा कि परिजनों को मोबाइल मिलने की बात कोर्ट से पता चली। पेनड्राइव जैसे महत्वपूर्ण सबूतों का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। 20 दिनों तक पेनड्राइव का जिक्र नही किया। इस तरह की बातों से सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और सबूत मिटाने की दोनों तरह आशंका बढ़ती है। उन्होंने कहा कि पुलिस पर सरकार का दबाव स्पष्ट दिखता है। परिवार ने अब कोर्ट से निष्पक्ष जांच की मांग की और मामला CBI को सौंपने की अपील की है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
