एनसीएम के पूर्व-अध्यक्ष का मनमोहन सिंह की पत्नी को खत:कहा- सिख धर्म में स्मारक बनाने की अनुमति नहीं; शिक्षण संस्थान बनाने का सुझाव

एनसीएम के पूर्व-अध्यक्ष का मनमोहन सिंह की पत्नी को खत:कहा- सिख धर्म में स्मारक बनाने की अनुमति नहीं; शिक्षण संस्थान बनाने का सुझाव

पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम का स्मारक बनाने को लेकर विवाद चल रहा है। राजघाट पर जगह ना दिए जाने के बाद पूरे देश में कांग्रेस की विपक्षीय पार्टियां भी भाजपा का विरोध कर रही हैं। इसी बीच सिख समुदाय के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के पूर्व अध्यक्ष तरलोचन सिंह ने डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर को खत लिखा है। तरलोचन सिंह ने इस खत में गुरशरण कौर को लिख सुझाव देते हुए कहा- आप जानती हैं कि सिख धर्म में समाधि/स्मारक की अनुमति नहीं है। सिख धार्मिक नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के लिए भी समाधि को स्वीकार नहीं किया था। इसे लेकर सुझाव है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के समुदाय और परिवार को उनके नाम पर शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव रखना चाहिए। स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स खोलने का दिया सुझाव तरलोचन सिंह ने इस खत में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह इकोनॉमिक्स के विद्वान थे। ऐसे मे दिल्ली में उनके नाम से अंतर्राष्ट्रीय डॉ. मनमोहन सिंह स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स या डॉ. मनमोहन सिंह स्कूल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन बनाने की मांग रखनी चाहिए। जहां विभिन्न देशों के युवा आकर पढ़ाई कर सकेंगे और डॉ. मनमोहन सिंह का नाम हमेशा याद किया जाएगा। संस्थान परिसर में डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन और कार्यों का एक म्यूजियम भी होनी चाहिए। किसी नेता के नाम पर नहीं है कोई समारक विशेषज्ञों का भी मानना है कि सिख धर्म में स्मारकों की अनुमति नहीं है। पंजाब से कई बड़े सिख नेताओं का जन्म हुआ। ज्ञानी जैल सिंह को छोड़ किसी भी नेता के नाम पर कोई स्मारक नहीं है। मास्टर तारा सिंह, बलदेव सिंह या समुदाय के किसी भी महान मुख्यमंत्री के नाम पर कोई स्मारक नहीं है। पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम का स्मारक बनाने को लेकर विवाद चल रहा है। राजघाट पर जगह ना दिए जाने के बाद पूरे देश में कांग्रेस की विपक्षीय पार्टियां भी भाजपा का विरोध कर रही हैं। इसी बीच सिख समुदाय के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के पूर्व अध्यक्ष तरलोचन सिंह ने डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर को खत लिखा है। तरलोचन सिंह ने इस खत में गुरशरण कौर को लिख सुझाव देते हुए कहा- आप जानती हैं कि सिख धर्म में समाधि/स्मारक की अनुमति नहीं है। सिख धार्मिक नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के लिए भी समाधि को स्वीकार नहीं किया था। इसे लेकर सुझाव है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के समुदाय और परिवार को उनके नाम पर शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव रखना चाहिए। स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स खोलने का दिया सुझाव तरलोचन सिंह ने इस खत में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह इकोनॉमिक्स के विद्वान थे। ऐसे मे दिल्ली में उनके नाम से अंतर्राष्ट्रीय डॉ. मनमोहन सिंह स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स या डॉ. मनमोहन सिंह स्कूल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन बनाने की मांग रखनी चाहिए। जहां विभिन्न देशों के युवा आकर पढ़ाई कर सकेंगे और डॉ. मनमोहन सिंह का नाम हमेशा याद किया जाएगा। संस्थान परिसर में डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन और कार्यों का एक म्यूजियम भी होनी चाहिए। किसी नेता के नाम पर नहीं है कोई समारक विशेषज्ञों का भी मानना है कि सिख धर्म में स्मारकों की अनुमति नहीं है। पंजाब से कई बड़े सिख नेताओं का जन्म हुआ। ज्ञानी जैल सिंह को छोड़ किसी भी नेता के नाम पर कोई स्मारक नहीं है। मास्टर तारा सिंह, बलदेव सिंह या समुदाय के किसी भी महान मुख्यमंत्री के नाम पर कोई स्मारक नहीं है।   पंजाब | दैनिक भास्कर