रियलिटी शो बिग बॉस विनर और यूट्यूबर एल्विश यादव को रेव पार्टी में ड्रग्स-सांप के जहर के इस्तेमाल मामले में झटका लगा है। चार्जशीट-समन रद्द करने की मांग की एल्विश की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। नशे के लिए सांप से कैसे कटवाया जाता है? इसका नशा कितने दिन रहता है? ये कितना बड़ा बाजार है? पढ़िए भास्कर एक्सप्लेनर में… सवाल 1- एल्विश यादव के नशे का मामला क्या है? जवाब- पीपुल फॉर एनिमल (PFA) नाम की संस्था ने स्टिंग कर एल्विश के सांप कनेक्शन का खुलासा किया था। PFA ऑर्गेनाइजेशन के गौरव गुप्ता के मुताबिक, उन्हें सूचना मिली थी कि एल्विश यादव स्नेक वेनम और जिंदा सांपों के साथ नोएडा और दिल्ली NCR के फॉर्म हाउस में रेव पार्टी करते हैं। पार्टियों में विदेशी लड़कियों को बुलाकर स्नेक वेनम और नशे का सेवन किया जाता है। संस्था ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर इस पूरे मामले में एक स्टिंग करने का फैसला किया था। प्लानिंग के तहत एल्विश से संपर्क कर उसे नोएडा में एक रेव पार्टी में कोबरा वेनम का इंतजाम करने के लिए कहा गया। एल्विश PFA के मकसद को भांप नहीं पाए और उसके जाल में फंस गए। पुलिस और वन विभाग की टीम ने इस मामले में 5 आरोपियों को पकड़ा था। इनके कब्जे से 9 जहरीले सांप और 20 मिलीमीटर जहर बरामद किया था। इनमें 5 कोबरा, एक अजगर, दो दोमुंहे सांप और एक रैट स्नेक थे। सवाल 2- नशे के लिए सांप से कैसे कटवाते हैं? जवाब- नशे के लिए सांप से कटवाने के अलग-अलग तरीके होते हैं… सवाल 3- क्या सांप के जहर से नशा भी तैयार होता है? जवाब- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के अफसरों के मुताबिक, सांप के जहर से नशा भी बनता है। यह पाउडर की तरह होता है, जिसे ड्रिंक्स के साथ मिलाकर पीया जाता है। इस पाउडर को स्नेक बाइट पाउडर कहा जाता है। इसमें भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोबरा के जहर का होता है। अफसर बताते हैं कि इसका नशा कुछ घंटे से लेकर पूरे दिन तक हो सकता है। डिपेंड करता है, नशे के लिए जहर की कितनी मात्रा ली गई है। सवाल 4- नशे के लिए कौन से सांप का इस्तेमाल होता है? जवाब- नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में नशेड़ी लोग नशे में जिस सांप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, वो नाजा यानी कोबरा, बुंगारस कैर्यूलस (कॉमन क्रेट) और ओफियोड्रिस वर्नालिस (हरा सांप) है। इनके अलावा जिन लोगों को कम जहरीले सांप का नशा चाहिए होता है, वो रैट स्नेक, ग्रीन बेल स्नेक के जहर को शराब के साथ लेना पसंद करते हैं। सवाल 5- नशे में सांप के जहर का इस्तेमाल क्यों होता है? जवाब- विशेषज्ञ मानते हैं कि इसका इस्तेमाल वो लोग करते हैं, जो रेगुलर नशीले पदार्थ जैसे मॉर्फीन और कोकीन से ऊब जाते हैं। जर्नल ऑप साइकोलॉजिक मेडिसिन के मुताबिक, सांप के जहर का थोड़ा अमाउंट लिया जाए तो इसका साइकोएक्टिव इफेक्ट होता है। यानी ये इंसान के नर्व सिस्टम को धीमा कर देता है। कुछ स्टडी में ये भी सामने आ चुका है कि कोबरा के जहर में मॉर्फीन ड्रग जैसा नशा होता है। सांप का जहर जब शरीर में जाता है, तब खून में एक्टिव मेटाबोलाइट्स यानी खाना पचने के बाद बनने वाला पदार्थ रिलीज होता है। इसमें serotonin, bradykinin, peptides, prostaglandins और दूसरे इसी तरह के पदार्थ शामिल हैं। इनसे इंसानी शरीर में नींद आने और शांत कर देने वाला रिएक्शन होता है। सवाल 6- सांपों के जहर का बाजार कैसे चलता है? जवाब- सांप के जहर की कीमतों के तय होने का मानक है कि वह कितना जहरीला है? जिस कोबरा का जहर ज्यादा जहरीला होगा, उसकी कीमत ज्यादा होगी। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, कोबरा के एक ग्राम जहर की कीमत 4 हजार से लेकर 26 हजार रुपए तक है। इंटरनेशनल बाजार में ये कीमतें और भी बढ़ जाती हैं। उदाहरण के लिए सांप का एक ग्राम जहर 150 डॉलर यानी करीब 10 हजार रुपए से भी ज्यादा दाम में बिकता है। वहीं, किंग कोबरा के एक गैलन जहर की कीमत करीब 1 लाख 53 हजार डॉलर है। ये सारी कीमतें अवैध रूप से तस्करी की जाने वाले सांप के जहर की हैं। दुनियाभर में सांपों के जहर का कारोबार वैध और अवैध दोनों रूप से चलता है। कानूनी रूप से सांप के जहर का इस्तेमाल दवाओं को बनाने में होता है। सवाल 7- क्या सांपों को इसके लिए पाला भी जाता है? जवाब- चीन में तो सांपों की खेती और कारोबार किया जाता है। यहां जिसिकियाओ नाम का एक गांव है, जहां इन्हें पाला जाता है। इनके जहर को फिर फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री को बेच दिया जाता है। चीन के अलावा भारत, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में सांपों के जहर का बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार होता है। सवाल 8- क्या नशे के लिए सांप से कटवाने के और भी मामले हैं? जवाब- अलग-अलग मेडिकल जर्नल में प्रकाशित ये 3 केस रिपोर्ट पढ़िए। इनमें नशे के लिए स्नेक बाइट का इस्तेमाल किया गया… 1- ब्राउन शुगर बेअसर होने लगा, तो स्नेक बाइट शुरू की
22 साल का एक मुस्लिम युवक, जिसने 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। एक प्राइवेट अस्पताल में वार्ड बॉय का काम करता था। उसे ब्राउन शुगर की लत लग गई। शुरुआत में वह रोजाना दो सैशे ब्राउन शुगर इस्तेमाल करता था। धीरे-धीरे वह दिन में 4 से 5 सैशे लेने लगा। नशे के लिए उसने कफ सिरप का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया। इसके बावजूद उसे ज्यादा नशे की जरूरत महसूस होती रही। साल भर के अंदर उसने नशे के लिए स्नेक बाइट का इस्तेमाल शुरू कर दिया। उसने बताया कि एक बोतल में हरे रंग का सांप होता था। सांप के सिर पर टैप करने पर वो अंगूठे या जीभ में काट लेता था। एक स्नेक बाइट के 2500 रुपए लगते थे। सांप से कटवाने के बाद उसे धुंधला दिखने लगता था, बेहोशी छाने लगती थी और उत्तेजना बढ़ जाती थी। इसके बाद वो 18 से 20 घंटे के लिए गहरी नींद में चला जाता था। धीरे-धीरे सांप से कटवाने के बावजूद इसका असर घटने लगा और नींद का समय 10 से 12 घंटे तक सिमट गया। 2- नशे के लिए जीभ में सांप से कटवाता था
22 साल का एक मुस्लिम युवक 10वीं पास था और स्वीपर का काम करता था। ब्राउन शुगर की लत से अस्पताल में भर्ती किया गया। वो 4 साल से ब्राउन शुगर ले रहा था। धीरे-धीरे उसका कंजप्शन बढ़कर 5 सैशे प्रतिदिन हो गया था। एक बार अपने दोस्तों के साथ वह मुंबई की एक रेव पार्टी में गया। वहां सभी ब्राउन शुगर लेने के बाद सांप से कटवा रहे थे। उसने भी ऐसा किया। एक बॉक्स में सांप था, जिसके होल में जीभ रखनी होती थी। सांप उस पर काट लेता था। ब्राउन शुगर लेने के बाद शख्स ने होल में जीभ रखा और सांप ने डंक लगा दिया। इस स्नेक बाइट के बाद वह अगले 12 से 14 घंटे तक सोता रहा। इसके बाद उसे सांप से कटवाने की आदत लग गई। वह अक्सर वह इस तरह की पार्टी में शामिल होने लगा। 3- एक हफ्ते तक रहता था सांप का नशा
रांची का रहने वाला 28 साल एक सपेरा रोजाना शराब पीता था। कई बार कोशिश करने के बावजूद 15 साल पुरानी लत छूट नहीं रही थी। एक बार उसने सांप से डसवा लिया। इसका नशा उसे 6-7 दिनों तक रहा। धीरे-धीरे उसकी शराब की लत छूटने लगी, लेकिन सांप से डसवाने की लत बढ़ती गई। सवाल 9- सांपों की तस्करी रोकने के लिए क्या कानून है? जवाब- सांपों की अवैध तस्करी को रोकने के लिए देश में दो कानून हैं। एल्विश यादव के खिलाफ 3 नवंबर, 2023 को नोएडा पुलिस ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 48 ए, 49, 50, 51 और IPC की धारा 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज की है। ————————
ये खबर भी पढ़ें… एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका, ड्रग्स-सांप के जहर के इस्तेमाल का चलेगा केस, चार्जशीट रद्द करने की याचिका खारिज यूट्यूबर एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने रेव पार्टी में ड्रग्स-सांप के जहर के इस्तेमाल के मामले में चार्जशीट रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने कहा- यादव के खिलाफ चार्जशीट और FIR में बयान हैं। ऐसे आरोपों की जांच मुकदमे के दौरान की जाएगी। एल्विश ने याचिका में FIR को चुनौती नहीं दी है। पूरी खबर पढ़ें… रियलिटी शो बिग बॉस विनर और यूट्यूबर एल्विश यादव को रेव पार्टी में ड्रग्स-सांप के जहर के इस्तेमाल मामले में झटका लगा है। चार्जशीट-समन रद्द करने की मांग की एल्विश की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। नशे के लिए सांप से कैसे कटवाया जाता है? इसका नशा कितने दिन रहता है? ये कितना बड़ा बाजार है? पढ़िए भास्कर एक्सप्लेनर में… सवाल 1- एल्विश यादव के नशे का मामला क्या है? जवाब- पीपुल फॉर एनिमल (PFA) नाम की संस्था ने स्टिंग कर एल्विश के सांप कनेक्शन का खुलासा किया था। PFA ऑर्गेनाइजेशन के गौरव गुप्ता के मुताबिक, उन्हें सूचना मिली थी कि एल्विश यादव स्नेक वेनम और जिंदा सांपों के साथ नोएडा और दिल्ली NCR के फॉर्म हाउस में रेव पार्टी करते हैं। पार्टियों में विदेशी लड़कियों को बुलाकर स्नेक वेनम और नशे का सेवन किया जाता है। संस्था ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर इस पूरे मामले में एक स्टिंग करने का फैसला किया था। प्लानिंग के तहत एल्विश से संपर्क कर उसे नोएडा में एक रेव पार्टी में कोबरा वेनम का इंतजाम करने के लिए कहा गया। एल्विश PFA के मकसद को भांप नहीं पाए और उसके जाल में फंस गए। पुलिस और वन विभाग की टीम ने इस मामले में 5 आरोपियों को पकड़ा था। इनके कब्जे से 9 जहरीले सांप और 20 मिलीमीटर जहर बरामद किया था। इनमें 5 कोबरा, एक अजगर, दो दोमुंहे सांप और एक रैट स्नेक थे। सवाल 2- नशे के लिए सांप से कैसे कटवाते हैं? जवाब- नशे के लिए सांप से कटवाने के अलग-अलग तरीके होते हैं… सवाल 3- क्या सांप के जहर से नशा भी तैयार होता है? जवाब- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के अफसरों के मुताबिक, सांप के जहर से नशा भी बनता है। यह पाउडर की तरह होता है, जिसे ड्रिंक्स के साथ मिलाकर पीया जाता है। इस पाउडर को स्नेक बाइट पाउडर कहा जाता है। इसमें भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोबरा के जहर का होता है। अफसर बताते हैं कि इसका नशा कुछ घंटे से लेकर पूरे दिन तक हो सकता है। डिपेंड करता है, नशे के लिए जहर की कितनी मात्रा ली गई है। सवाल 4- नशे के लिए कौन से सांप का इस्तेमाल होता है? जवाब- नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में नशेड़ी लोग नशे में जिस सांप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, वो नाजा यानी कोबरा, बुंगारस कैर्यूलस (कॉमन क्रेट) और ओफियोड्रिस वर्नालिस (हरा सांप) है। इनके अलावा जिन लोगों को कम जहरीले सांप का नशा चाहिए होता है, वो रैट स्नेक, ग्रीन बेल स्नेक के जहर को शराब के साथ लेना पसंद करते हैं। सवाल 5- नशे में सांप के जहर का इस्तेमाल क्यों होता है? जवाब- विशेषज्ञ मानते हैं कि इसका इस्तेमाल वो लोग करते हैं, जो रेगुलर नशीले पदार्थ जैसे मॉर्फीन और कोकीन से ऊब जाते हैं। जर्नल ऑप साइकोलॉजिक मेडिसिन के मुताबिक, सांप के जहर का थोड़ा अमाउंट लिया जाए तो इसका साइकोएक्टिव इफेक्ट होता है। यानी ये इंसान के नर्व सिस्टम को धीमा कर देता है। कुछ स्टडी में ये भी सामने आ चुका है कि कोबरा के जहर में मॉर्फीन ड्रग जैसा नशा होता है। सांप का जहर जब शरीर में जाता है, तब खून में एक्टिव मेटाबोलाइट्स यानी खाना पचने के बाद बनने वाला पदार्थ रिलीज होता है। इसमें serotonin, bradykinin, peptides, prostaglandins और दूसरे इसी तरह के पदार्थ शामिल हैं। इनसे इंसानी शरीर में नींद आने और शांत कर देने वाला रिएक्शन होता है। सवाल 6- सांपों के जहर का बाजार कैसे चलता है? जवाब- सांप के जहर की कीमतों के तय होने का मानक है कि वह कितना जहरीला है? जिस कोबरा का जहर ज्यादा जहरीला होगा, उसकी कीमत ज्यादा होगी। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, कोबरा के एक ग्राम जहर की कीमत 4 हजार से लेकर 26 हजार रुपए तक है। इंटरनेशनल बाजार में ये कीमतें और भी बढ़ जाती हैं। उदाहरण के लिए सांप का एक ग्राम जहर 150 डॉलर यानी करीब 10 हजार रुपए से भी ज्यादा दाम में बिकता है। वहीं, किंग कोबरा के एक गैलन जहर की कीमत करीब 1 लाख 53 हजार डॉलर है। ये सारी कीमतें अवैध रूप से तस्करी की जाने वाले सांप के जहर की हैं। दुनियाभर में सांपों के जहर का कारोबार वैध और अवैध दोनों रूप से चलता है। कानूनी रूप से सांप के जहर का इस्तेमाल दवाओं को बनाने में होता है। सवाल 7- क्या सांपों को इसके लिए पाला भी जाता है? जवाब- चीन में तो सांपों की खेती और कारोबार किया जाता है। यहां जिसिकियाओ नाम का एक गांव है, जहां इन्हें पाला जाता है। इनके जहर को फिर फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री को बेच दिया जाता है। चीन के अलावा भारत, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में सांपों के जहर का बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार होता है। सवाल 8- क्या नशे के लिए सांप से कटवाने के और भी मामले हैं? जवाब- अलग-अलग मेडिकल जर्नल में प्रकाशित ये 3 केस रिपोर्ट पढ़िए। इनमें नशे के लिए स्नेक बाइट का इस्तेमाल किया गया… 1- ब्राउन शुगर बेअसर होने लगा, तो स्नेक बाइट शुरू की
22 साल का एक मुस्लिम युवक, जिसने 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। एक प्राइवेट अस्पताल में वार्ड बॉय का काम करता था। उसे ब्राउन शुगर की लत लग गई। शुरुआत में वह रोजाना दो सैशे ब्राउन शुगर इस्तेमाल करता था। धीरे-धीरे वह दिन में 4 से 5 सैशे लेने लगा। नशे के लिए उसने कफ सिरप का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया। इसके बावजूद उसे ज्यादा नशे की जरूरत महसूस होती रही। साल भर के अंदर उसने नशे के लिए स्नेक बाइट का इस्तेमाल शुरू कर दिया। उसने बताया कि एक बोतल में हरे रंग का सांप होता था। सांप के सिर पर टैप करने पर वो अंगूठे या जीभ में काट लेता था। एक स्नेक बाइट के 2500 रुपए लगते थे। सांप से कटवाने के बाद उसे धुंधला दिखने लगता था, बेहोशी छाने लगती थी और उत्तेजना बढ़ जाती थी। इसके बाद वो 18 से 20 घंटे के लिए गहरी नींद में चला जाता था। धीरे-धीरे सांप से कटवाने के बावजूद इसका असर घटने लगा और नींद का समय 10 से 12 घंटे तक सिमट गया। 2- नशे के लिए जीभ में सांप से कटवाता था
22 साल का एक मुस्लिम युवक 10वीं पास था और स्वीपर का काम करता था। ब्राउन शुगर की लत से अस्पताल में भर्ती किया गया। वो 4 साल से ब्राउन शुगर ले रहा था। धीरे-धीरे उसका कंजप्शन बढ़कर 5 सैशे प्रतिदिन हो गया था। एक बार अपने दोस्तों के साथ वह मुंबई की एक रेव पार्टी में गया। वहां सभी ब्राउन शुगर लेने के बाद सांप से कटवा रहे थे। उसने भी ऐसा किया। एक बॉक्स में सांप था, जिसके होल में जीभ रखनी होती थी। सांप उस पर काट लेता था। ब्राउन शुगर लेने के बाद शख्स ने होल में जीभ रखा और सांप ने डंक लगा दिया। इस स्नेक बाइट के बाद वह अगले 12 से 14 घंटे तक सोता रहा। इसके बाद उसे सांप से कटवाने की आदत लग गई। वह अक्सर वह इस तरह की पार्टी में शामिल होने लगा। 3- एक हफ्ते तक रहता था सांप का नशा
रांची का रहने वाला 28 साल एक सपेरा रोजाना शराब पीता था। कई बार कोशिश करने के बावजूद 15 साल पुरानी लत छूट नहीं रही थी। एक बार उसने सांप से डसवा लिया। इसका नशा उसे 6-7 दिनों तक रहा। धीरे-धीरे उसकी शराब की लत छूटने लगी, लेकिन सांप से डसवाने की लत बढ़ती गई। सवाल 9- सांपों की तस्करी रोकने के लिए क्या कानून है? जवाब- सांपों की अवैध तस्करी को रोकने के लिए देश में दो कानून हैं। एल्विश यादव के खिलाफ 3 नवंबर, 2023 को नोएडा पुलिस ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 48 ए, 49, 50, 51 और IPC की धारा 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज की है। ————————
ये खबर भी पढ़ें… एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका, ड्रग्स-सांप के जहर के इस्तेमाल का चलेगा केस, चार्जशीट रद्द करने की याचिका खारिज यूट्यूबर एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने रेव पार्टी में ड्रग्स-सांप के जहर के इस्तेमाल के मामले में चार्जशीट रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने कहा- यादव के खिलाफ चार्जशीट और FIR में बयान हैं। ऐसे आरोपों की जांच मुकदमे के दौरान की जाएगी। एल्विश ने याचिका में FIR को चुनौती नहीं दी है। पूरी खबर पढ़ें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
एल्विश यादव केस, कैसे करते हैं सांप से नशा:डसवाने का कितने दिन नशा रहता है; कौन से सांप इस्तेमाल करते हैं
