अमृतसर के श्री दरबार साहिब में अब वीडियोग्राफी पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के स्थापना दिवस के अवसर पर जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने संगत को बधाई दी। आदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि श्री दरबार साहिब में बड़ी संख्या में संगत माथा टेकने आती है। लेकिन संगत को गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा के बारे में बहुत कम जानकारी है। संगत से अपील है कि श्री दरबार साहिब में फोटो न खींचें। कई फिल्में रिलीज होती हैं। फिल्म रिलीज होने से पहले टीम दरबार साहिब में माथा टेकने आती है। उनके साथ वीडियोग्राफी टीम भी होती है। फिल्मों का प्रचार दरबार साहिब में नहीं होगा अब ऐसी वीडियोग्राफी नहीं होगी। अगर कोई व्यक्ति संगत के तौर पर दरबार साहिब आता है तो वह माथा टेक सकता है और अरदास कर सकता है, लेकिन फिल्मों का प्रचार दरबार साहिब में नहीं होगा। शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 6वें पातशाह श्री गुरु हरगोबिंद साहिब ने इस पवित्र तख्त की स्थापना करके संगत को आशीर्वाद दिया है। श्री अकाल तख्त साहिब मीरी पीरी के सिद्धांत का प्रतीक है जिसका सिख जगत में बहुत सम्मान है। अमृतसर के श्री दरबार साहिब में अब वीडियोग्राफी पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। श्री अकाल तख्त साहिब के स्थापना दिवस के अवसर पर जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने संगत को बधाई दी। आदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि श्री दरबार साहिब में बड़ी संख्या में संगत माथा टेकने आती है। लेकिन संगत को गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा के बारे में बहुत कम जानकारी है। संगत से अपील है कि श्री दरबार साहिब में फोटो न खींचें। कई फिल्में रिलीज होती हैं। फिल्म रिलीज होने से पहले टीम दरबार साहिब में माथा टेकने आती है। उनके साथ वीडियोग्राफी टीम भी होती है। फिल्मों का प्रचार दरबार साहिब में नहीं होगा अब ऐसी वीडियोग्राफी नहीं होगी। अगर कोई व्यक्ति संगत के तौर पर दरबार साहिब आता है तो वह माथा टेक सकता है और अरदास कर सकता है, लेकिन फिल्मों का प्रचार दरबार साहिब में नहीं होगा। शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 6वें पातशाह श्री गुरु हरगोबिंद साहिब ने इस पवित्र तख्त की स्थापना करके संगत को आशीर्वाद दिया है। श्री अकाल तख्त साहिब मीरी पीरी के सिद्धांत का प्रतीक है जिसका सिख जगत में बहुत सम्मान है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब विधानसभा मानसून सत्र का तीसरा दिन:सदन में रखे जाएंगे पंचायती राज संशोधन बिल समेत 4 प्रस्ताव; हंगामा होने के आसार पंजाब विधानसभा के मानसून सेशन के आखिर दिन आज (बुधवार) को 4 प्रस्तावों को मंजूरी के लिए सदन में रखा जाएगा। इसमें पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल 2024, पंजाब पंचायती राज संशोधन बिल 2024, पंजाब खेतीबाड़ी उत्पाद मंडी संशोधन बिल 2024और पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स संशोधन बिल 2024 शामिल है। विधानसभा में विपक्षी दल भी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। वहीं सदन को बढ़ाने की मांग भी रखेंगे। विरोधी पहले दिन से कह रहे हैं कि सदन की समय अवधि कम है। इसमें सभी विधायकों को अपनी बात रखने का उचित समय नहीं मिल पाएगा। ध्यानाकर्षण के दौरान आएंगे यह प्रस्ताव सेशन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट फॉर हॉर्टिकल्चर रिसर्च एंड एजुकेशन के लिए जमीन प्राप्त करने में हो रही देरी का मामला विधायक जसविंदर सिंह द्वारा उठाया जाएगा। इसके अलावा विधायक जगरूप सिंह गिल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन बठिंडा के अधिकार क्षेत्र में स्थित सरहिंद नहर के आसपास फेंसिंग करवाने की जरूरत का मुद्दा उठाएंगे। इसके अलावा भारत के कंट्रोलर व ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट पेश की जाएगी। आज सेशन हो जाएगा स्थगित मानसून सेशन आज अनिश्चित कालीन समय के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। हालांकि इस बार सेशन में कानून व्यवस्था और लॉरेंस गैंग का मुद्दा छाया रहा है। वहीं, आप के विधायकों ने अपनी सरकार को घेरने की कोशिश की है। साथ ही कई मुद्दों को सदन में उठाया जा रहा है।
चुनाव नतीजों ने AAP के सामने खड़ी की चुनौतियां:पार्टी को 3 चुनावों का करना है सामना, वादों को पूरा करने का दबाव रहेगा
चुनाव नतीजों ने AAP के सामने खड़ी की चुनौतियां:पार्टी को 3 चुनावों का करना है सामना, वादों को पूरा करने का दबाव रहेगा पंजाब में जिस तरह के लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हैं, उसने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के सामने कई नए चैलेंज खड़े कर दिए हैं। क्योंकि करीब ढाई साल पहले 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीटें जीतकर AAP राज्य की सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन इन चुनावों में लोगों ने उसे सिरे से खारिज कर दिया है। चुनावी दंगल में उतरे AAP के पांच मंत्रियों और तीन विधायकों में से एक चुनाव जीत पाया है। 54 विधानसभा हलकों में पार्टी को हार मिली है। ऐसे में पार्टी की आगे की राह आसान नहीं है। हालांकि फ्री बिजली और किसानों से जुड़े कुछ फैसले लेने से पार्टी अपना वोट बैंक 26 फीसदी तक बचाने में कामयाब रही है। हालांकि अब सरकार को एक के बाद चुनाव का सामना करना पड़ेगा। वहीं, अब विपक्षी दल संख्या भले ही कम हो, लेकिन आक्रमक रहेंगे। वहीं, अगर AAP ने सत्ता में आने वाले से पहले गारंटियां लोगों को दी तो थी, वह पूरी नहीं की तो साल 2027 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को मुश्किल उठानी पडे़गी। यह रहे AAP के मंत्रियों के हाल संगरूर में 1.72 लाख मतों से जीते आप की तरफ से संगरूर लोकसभा हलके से मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को चुनावी मैदान में उतारा गया था। उन्होंने 3.64 लाख मत हासिल किए हैं। जबकि उनके मुकाबले में खड़े सुखपाल सिंह खैहरा को 1.72 लाख मतों से हराया। 2014 से यहां आप पहली बार जीती थी, 2019 में भी पार्टी ने सीट जीती थी। लेकिन जब भगवंत मान ने मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने यह सीट छोड़ी दी थी। उसके बाद यहां पर हुए उप चुनाव में पार्टी को हार मिली थी। लोगों से दूरी पड़ गई भारी पटियाला से डॉ. बलबीर सिंह को AAP ने उम्मीदवार बनाया था। लेकिन उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा। वह दूसरे नंबर पर रहे हैं। जानकारों की माने तो इस इलाके में उनके हारने के कई कारण थे। एक तो इस लोकसभा के अधीन आने वाले हलकों के विधायकों से लोग खुश नहीं है। महिलाओं को हजार रुपए न देने वाली गारंटी का असर भी दिखा है। इसके अलावा मंत्री बनने के बाद उनका लोगों से सीधा संपर्क टूट गया था। अपने हलके तक ही रह गए सीमित आप की तरफ से तेज तर्रार मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को अमृतसर से मैदान में उतारा गया था। लेकिन यहां भी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। जबकि उनकी चुनावी कैंपेन का धार देने खुद आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पहुंचे थे। इस हलके में हार की वजह धालीवाल का प्रभाव अपने एरिया तक सीमित था। कई हलकों के विधायक ज्यादा एक्टिव नहीं थे। नशा और बॉर्डर का इश्यू बढ़ा है। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। कुछ नेता पार्टी से जुड़े उससे पार्टी का वोट शेयर बढ़ा है। जिस सीट से विधायक बने, वहां ही हार गए मंत्री गुमरीत सिंह खुड़ियां को आप ने बठिंडा लोकसभा हलके से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन जिस उम्मीद के साथ उन्हें पार्टी ने मैदान में उतारा था। उस हिसाब से रिजल्ट नहीं आए। हालांकि इस सीट पर सीएम ने पूरी ताकत लगाई। लगातार दो से तीन वह वहां रहे थे। लेकिन नतीजा यह रहा कि जिस लंबी सीट से वह पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल को हराकर विधानसभा पहुंचे थे। उस सीट से उन्हें 23264 मतों से हार मिली है। इसके पीछे किसानों की फसलों काे हुए नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला इस इलाके में भी उचित तरीके से विकास नहीं हुआ। वहीं, सरकार की गारंटियां पूरी न होने का असर भी दिखा। ढाई साल में ही सत्ता विरोधी लहर दिखी। पंथक मुद्दे पड़ गए भारी खडूर साहिब में लोकसभा हलके में आप के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर चुनावी मैदान में थे। यहां पर पर पार्टी तीसरे नंबर पर रही। हलके में पार्टी की हार की वजह है कि पार्टी के उम्मीदवारों को विधायकों का साथ नहीं मिला। वहीं, पंथक मुद्दे भी भारी रहे हैं। ढाई साल में पार्टी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाई। जबकि लोगों ने बड़े विश्वास से इस पार्टी को मौका दिया था। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। जहां दूसरी पार्टियों से आए नेता मैदान में उतारे गए फतेहगढ़ साहिब में जीपी पिछड़े भले ही आप प्रचंड बहुमत से पंजाब की सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन पार्टी के पास चेहरों की की कमी थी। दूसरी लाइन का कोई नेता तैयार नहीं हुआ है। ऐसे में चुनाव घोषित होने पर दूसरी पार्टियों से चेहरे लाकर उम्मीदवार बनाए गए है। फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस के बस्सी पठाना से पूर्व विधायक रहे गुरप्रीत सिंह जीपी को उतारा था। लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़। उन्हें 297439 वोट मिले, जबकि वहां से 331326 वोट लेकर कांग्रेस के अमर सिंह विजयी रहे। यहां पार्टी के अंदर मनमुटाव व कांग्रेस की एकजुटता की कमी रही है। कांग्रेस को प्रियंका गांधी की रैली का फायदा मिला। जालंधर में पार्टी तीसरे नंबर पर पहुंची इसी तरह जालंधर से आप के उम्मीदवार व पूर्व सांसद भाजपा में शामिल हो गए तो उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के नेता पवन कुमार टीनू को जालंधर से उम्मीदवार बनाया। लेकिन उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा। वह वहां पर तीसरे नंबर पर रहे है। उनके लिए सीएम भगवंत मान और आप सुप्रीमों ने प्रोग्राम किए थे। होशियारपुर में मिली जीत होशियारपुर में आप की तरफ से कांग्रेस के विधायक राज कुमार चब्बेवाल को चुनावी मैदान में उतारा गया। वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे है। वह इलाके में बड़े दलित नेताओं में गिने जाते है। उन्होंने 302402 वोट हासिल किए हैं। चुनौतियां सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लिए अब पांच बड़ी चुनौतियां है। जिनका उन्हें सामना करना पडे़गा। हालांकि पार्टी का थिंक टैंक भी इससे निपटने की रणनीति बनाने में जुट गया है। आइए जानते है इन चुनौतियों को पंचायत चुनाव पंजाब में जनवरी में 13 हजार पंचायतों का कार्यकाल पूरा हाे चुका है। इस समय अफसरों को ही पंचायतों का प्रबंधकीय अफसर लगाया गया है। ऐसे में यह चुनाव सबसे बड़ी चुनौती है। क्योंकि पार्टी को केवल 34 हलकों में लीड मिली है। पांच नगर निगमों के चुनाव पांच नगर निगमों के चुनाव भी अब सरकार को करवाने होंगे। यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचा है। जनवरी 2023 से पांच नगर निगमों का कार्यकाल संपन्न है। वहीं, इस लोकसभा चुनाव नतीजों ने पार्टी के सामने नई स्थिति पैदा कर दी है। क्योंकि सभी शहरी एरिया में भाजपा में आगे रही है। जिन नगर निगमों के चुनाव होने है। उनमें लुधियाना, जालंधर, फगबाड़ा, अमृतसर और पटियाला शामिल है। पांच विधानसभा सीटों पर उप चुनाव पंजाब की पांच विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने है। इनमें बरनाला से गुरमीत सिंह मीत हेयर की सीट है। क्योंकि वह संगरूर से लोकसभा के लिए चुने गए हैं। इसी तरह राज कुमार चब्बेवाल होशियारपुर से सांसद चुने गए हैं। उनकी चब्बेवाल सीट पर उप चुनाव होगा। गिदड्बाहा से विधायक व कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग अब लुधियाना के सांसद बन गए हैं। ऐसे में उनकी सीट पर भी चुनाव होगा। इसी तरह डेरा बाबा नानक सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा गुरदासपुर लोसकभा हलके से सांसद बने हैं। उनकी सीट पर उप चुनाव होंगे। जबकि जालंधर वेस्ट के विधायक शीतल अंगुराल ने इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में उनकी सीट पर भी उप चुनाव होगा। गारंटियां पूरी करना चुनौती सरकार ने महिलाओं को हजार रुपये की गारंटी दी है। यह गांरटी बहुत बड़ी है। इस चुनाव में सभी दलों ने आप को इसी चीज पर घेरा था। इसे शर्त को उन्हें हर हाल में पूरा करना होगा। वरना यह मुसीबत बनेगी। इसके अलावा अभी कानून व्यवस्था व नशे का मुद्दा भी प्रमुख रहेगा। RDF की राशि लाना चुनौती सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती रूरल डेवलपमेंट फंड (आरडीएफ) को लाने की है। क्योंकि केंद्र अब दोबारा भाजपा की सरकार आ गई है। जबकि इस मामले में केंद्र पहले साफ कर चुका है कि वह नियमों के मुताबिक ही अदायगी करेगा। यदि पैसे नहीं आते है तो गांवों में विकास प्रभावित होगा। इसके अलावा अभी तक प्लॉटों की एनओसी, राशन कार्ड समेत कई मामले चुनौती बने हुए है। क्या कहते हैं माहिर गारंटी पूरी न होने से मोह हुआ भंग राजनीतिक माहिर व सीनियर पत्रकार करमजीत सिंह चिल्ला का मानना हैं कि लोगों का सरकार से मोह भंग होने की मुख्य वजह है जो गारंटियां चुनाव से पहले दी गई थी, सरकार ने वह पूरी नहीं की है। सबसे बड़ी बात महिलाओं का हजार रुपए देने वाली बात थी। इसका पूरा असर चुनाव में पड़ा है। इसके अलावा नशा, कानूनी व्यवस्था व सेहत सुविधाओं आदि भी इसके लिए जिम्मेदार है। जहां तक आने वाला समय अब सरकार के लिए चुनौतियां भरा रहेगा। अब हर दल उन्हें घेरने की कोशिश करेगा। विधायकों के पास नहीं थी कोई पावर राजनीतिक माहिर व सीनियर पत्रकार कुलदीप सिंह मानते हैं कि इस चुनाव में आप के हारने की कई वजह थी। सारी कमान सीएम के हाथ में थी। किसी को कुछ समझा नहीं गया। विधायकों व मंत्रियों के पास कोई पावर नहीं है। उनके काम तक नहीं हुए। वह हलकों में अपने स्तर पर कुछ नहीं करवा सकते हैं। पार्टी के वालंटियरों से तालमेल नहीं रखा गया। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। इसके अलावा कुछ नेता बिल्कुल भी सक्रिय नहीं है। वहीं, चुनावी गारंटियां पूरी न करने से भी पार्टी काे नुकसान हुआ है। उनका मानना है कि स्थिति यही रही तो आगे भी नुकसान उठाना पडे़गा।
लुधियाना में तीन बदमाशों ने लूटी ऑल्टो कार:निहंगों की वेषभूषा में थे लुटेरें, पिछले 6 दिन में गाड़ी लूट की दूसरी वारदात
लुधियाना में तीन बदमाशों ने लूटी ऑल्टो कार:निहंगों की वेषभूषा में थे लुटेरें, पिछले 6 दिन में गाड़ी लूट की दूसरी वारदात पंजाब के लुधियाना में सरेआम लूटपाट की घटनाएं हो रही है। लोगों से बदमाश कारें तक स्नैच करके ले जा रहे है। पिछले 6 दिनों में कार लूटने का ये दूसरा मामला सामने आया है। जानकारी मुताबिक मंगलवार को निहंग सिंहों की वेषभूषा में आए तीन बदमाशों ने एक किसान को धारदार हथियारों से डरा धमकाकर संगोवाल के पास उसकी मारुति सुजुकी ऑल्टो कार लूट ली। सूचना मिलने पर मराडो पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। गांव संगोवाल के मनोहर सिंह ने बताया कि वह किसान है। मंगलवार सुबह वह अपनी ऑल्टो कार से खेतों की ओर जा रहा था। मनोहर सिंह ने बताया कि निहंग बनकर आए तीन बदमाशों ने उसे रुकने का इशारा किया। यह सोचकर कि निहंगों को कुछ मदद की जरूरत होगी, उसने कार रोक दी। गर्दन पर धारदार हथियार तान कर गाड़ी की चाबी ली मनोहर सिंह के मुताबिक बदमाशों ने उसकी गर्दन पर धारदार हथियार तान दिए और चाबी देने को कहा। विरोध करने पर आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। उसने आत्मसमर्पण कर दिया और कार की चाबी उन्हें दे दी। आरोपी अपनी कार लेकर मौके से फरार हो गए। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस चौकी मराडो के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर तरसेम सिंह ने बताया कि पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस ने कई टीमें बनाई हैं। उन्होंने पड़ोसी जिलों की पुलिस को भी अलर्ट कर दिया है। 8 जनवरी को बाइक सवारों ने लूटी थी ब्रेजा कार
साहनेवाल-डेहलों रोड पर सत्संग भवन के पास बाइक सवार तीन बदमाशों ने गन प्वाइंट पर मारुति सुजुकी विटारा ब्रेजा कार के एक्रेलिक यूनिट को लूट लिया। बदमाशों ने भागने से पहले कार सवार को धमकाने के लिए हवा में दो फायर किए। बदमाश भागते समय अपनी बाइक मौके पर ही छोड़ गए। पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही आरोपी वापस मौके पर आ गए और उनकी मोटरसाइकिल लूट ले गए। 30 दिसंबर को राजगुरु नगर में कार हुई थी स्नैच
राजगुरु नगर टी-पॉइंट के पास बदमाशों ने गन प्वाइंट पर एक व्यक्ति और उसके दो दोस्तों से कार लूट ली। 20 दिसंबर को शिक्षक की हुंडई वर्ना कार बदमाशों ने लूटी
दुगरी निवासी एक शिक्षक ने अपनी हुंडई वर्ना कार हथियारबंद लुटेरों के हाथों खो दी, जिन्होंने नगर निगम चुनावों से पहले व्यस्त पखोवाल रोड पर अपनी टोयोटा इटियोस कार के साथ उसे रोक लिया, जब पुलिस ने शहर में सुरक्षा बढ़ाने का दावा किया था।