सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा महिला कांग्रेस की महासचिव संतोष बेनीवाल ने शनिवार को दड़बा कलां में अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाकर कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल को अधिक से अधिक मतों से जिताने का आग्रह किया। इस मीटिंग में ऐलनाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान बेनीवाल परिवार के 3 नेताओं भरत सिंह बेनीवाल, संतोष बेनीवाल और पवन बेनीवाल ने एक मंच पर आकर कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा का समर्थन किया था। जिसके चलते कुमारी सैलजा ने ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से भी बड़ी जीत हासिल की थी। टिकट कटने पर हुई थी भावुक लेकिन अब विधानसभा चुनाव में संतोष बेनीवाल और भरत सिंह बेनीवाल ने ऐलनाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपनी अलग-अलग दावेदारी कांग्रेस हाईकमान के समक्ष पेश की थी, और ऐलनाबाद में संतोष बेनीवाल ने अपने समर्थकों के साथ मीटिंग करके इस बार ऐलनाबाद विधानसभा सभा चुनाव में उनको ही टिकट मिलने का दावा किया था। लेकिन कांग्रेस पार्टी द्वारा यहां से भरत सिंह बेनीवाल को टिकट दिए जाने के बाद वह काफी भावुक हो गई थी। अनुमान लगाए जा रहे थे कि संतोष बेनीवाल कोई भी फैसला ले सकती हैं। लेकिन आज उन्होंने अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल बड़ी जीत दिलाने की अपील करते हुए अपने समर्थकों को यह चुनाव तन मन से लड़ने का आश्वासन दिया है। बेनीवाल परिवार और चौटाला परिवार की प्रतिष्ठा का सवाल बनी सीट अब एक बार फिर बेनीवाल परिवार के एक साथ आकर इस विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान से कांग्रेस पार्टी इस मुकाबले में पहले के मुकाबले मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। बेनीवाल और चौटाला परिवार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी इस सीट पर जीत किसकी होगी यह देखने वाली बात होगी। भरत सिंह के छोटे भाई नंदलाल की बहू है संतोष ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल को हरियाणा सरपंच संगठन की उपाध्यक्ष संतोष बेनीवाल ने अपना समर्थन देकर प्रचार करने का फैसला किया है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस महिला महासचिव संतोष बेनीवाल कांग्रेस पार्टी की टिकट न मिलने के कारण नाराज चल रही थी। सरपंच संतोष बेनीवाल भरत सिंह बेनीवाल के छोटे भाई नंदलाल बेनीवाल उर्फ कालू ठेकेदार की पत्नी हैं और कांग्रेस पार्टी से ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मांग कर रही थी। कार्यकर्ताओं की मीटिंग में किया सलाह मशवरा शनिवार को संतोष बेनीवाल ने दड़बा कलां में अपने घर पर ऐलनाबाद के कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई और कार्यकर्ताओं से सलाह मशविरा किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद की जनता की भलाई के लिए अपने जेठ भरत सिंह बेनीवाल को समर्थन देने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि पार्टी हाई कमान ने जो फैसला लिया है उसी के अनुरूप और ऐलनाबाद की जनता के लिए वह अपने कार्यकर्ताओं सहित भरत सिंह बेनीवाल का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान, सांसद कुमारी शैलजा और कार्यकर्ताओं फैसले का सम्मान करते हुए भरत सिंह बेनीवाल का समर्थन किया है और उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐलनाबाद की जनता के साथ नाइंसाफी हुई तो वह भरत सिंह बेनीवाल के खिलाफ भी आंदोलन करने को तैयार रहेगी। ये लोग बैठक में हुए शामिल संतोष बेनीवाल के घर पर आयोजित कार्यकर्ताओं की मीटिंग में कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल, सुमित बेनीवाल और अमर सिंह बेनीवाल पहुंचे। इस बैठक में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हाथ उठाकर भरत सिंह बेनीवाल का समर्थन किया। भरत सिंह बेनीवाल ने कहा कि पूरा परिवार और ऐलनाबाद की जनता एक होकर चुनाव लड़ रही है, और अब कामयाबी को कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से एक जुट है। इस मौके पर उमेद बेनीवाल, लादूराम पूनिया, हरदत खेड़ी, पूर्व चेयरमैन रणवीर बैनीवाल, राधे बैनीवाल, गुसाईयाना के सरपंच रघुवीर सिंह, शेर सिंह बैनीवाल, रंजीत ढुकडा, शीशपाल, दीपेश बैनीवाल, नितेश बैनीवाल आकाश बैनीवाल, जगदीश चाडिवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा महिला कांग्रेस की महासचिव संतोष बेनीवाल ने शनिवार को दड़बा कलां में अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाकर कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल को अधिक से अधिक मतों से जिताने का आग्रह किया। इस मीटिंग में ऐलनाबाद से कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बैनीवाल भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान बेनीवाल परिवार के 3 नेताओं भरत सिंह बेनीवाल, संतोष बेनीवाल और पवन बेनीवाल ने एक मंच पर आकर कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा का समर्थन किया था। जिसके चलते कुमारी सैलजा ने ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से भी बड़ी जीत हासिल की थी। टिकट कटने पर हुई थी भावुक लेकिन अब विधानसभा चुनाव में संतोष बेनीवाल और भरत सिंह बेनीवाल ने ऐलनाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपनी अलग-अलग दावेदारी कांग्रेस हाईकमान के समक्ष पेश की थी, और ऐलनाबाद में संतोष बेनीवाल ने अपने समर्थकों के साथ मीटिंग करके इस बार ऐलनाबाद विधानसभा सभा चुनाव में उनको ही टिकट मिलने का दावा किया था। लेकिन कांग्रेस पार्टी द्वारा यहां से भरत सिंह बेनीवाल को टिकट दिए जाने के बाद वह काफी भावुक हो गई थी। अनुमान लगाए जा रहे थे कि संतोष बेनीवाल कोई भी फैसला ले सकती हैं। लेकिन आज उन्होंने अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल बड़ी जीत दिलाने की अपील करते हुए अपने समर्थकों को यह चुनाव तन मन से लड़ने का आश्वासन दिया है। बेनीवाल परिवार और चौटाला परिवार की प्रतिष्ठा का सवाल बनी सीट अब एक बार फिर बेनीवाल परिवार के एक साथ आकर इस विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान से कांग्रेस पार्टी इस मुकाबले में पहले के मुकाबले मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। बेनीवाल और चौटाला परिवार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी इस सीट पर जीत किसकी होगी यह देखने वाली बात होगी। भरत सिंह के छोटे भाई नंदलाल की बहू है संतोष ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल को हरियाणा सरपंच संगठन की उपाध्यक्ष संतोष बेनीवाल ने अपना समर्थन देकर प्रचार करने का फैसला किया है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस महिला महासचिव संतोष बेनीवाल कांग्रेस पार्टी की टिकट न मिलने के कारण नाराज चल रही थी। सरपंच संतोष बेनीवाल भरत सिंह बेनीवाल के छोटे भाई नंदलाल बेनीवाल उर्फ कालू ठेकेदार की पत्नी हैं और कांग्रेस पार्टी से ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मांग कर रही थी। कार्यकर्ताओं की मीटिंग में किया सलाह मशवरा शनिवार को संतोष बेनीवाल ने दड़बा कलां में अपने घर पर ऐलनाबाद के कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई और कार्यकर्ताओं से सलाह मशविरा किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद की जनता की भलाई के लिए अपने जेठ भरत सिंह बेनीवाल को समर्थन देने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि पार्टी हाई कमान ने जो फैसला लिया है उसी के अनुरूप और ऐलनाबाद की जनता के लिए वह अपने कार्यकर्ताओं सहित भरत सिंह बेनीवाल का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान, सांसद कुमारी शैलजा और कार्यकर्ताओं फैसले का सम्मान करते हुए भरत सिंह बेनीवाल का समर्थन किया है और उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐलनाबाद की जनता के साथ नाइंसाफी हुई तो वह भरत सिंह बेनीवाल के खिलाफ भी आंदोलन करने को तैयार रहेगी। ये लोग बैठक में हुए शामिल संतोष बेनीवाल के घर पर आयोजित कार्यकर्ताओं की मीटिंग में कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल, सुमित बेनीवाल और अमर सिंह बेनीवाल पहुंचे। इस बैठक में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हाथ उठाकर भरत सिंह बेनीवाल का समर्थन किया। भरत सिंह बेनीवाल ने कहा कि पूरा परिवार और ऐलनाबाद की जनता एक होकर चुनाव लड़ रही है, और अब कामयाबी को कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से एक जुट है। इस मौके पर उमेद बेनीवाल, लादूराम पूनिया, हरदत खेड़ी, पूर्व चेयरमैन रणवीर बैनीवाल, राधे बैनीवाल, गुसाईयाना के सरपंच रघुवीर सिंह, शेर सिंह बैनीवाल, रंजीत ढुकडा, शीशपाल, दीपेश बैनीवाल, नितेश बैनीवाल आकाश बैनीवाल, जगदीश चाडिवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
कंगना बोलीं- रद्द तीनों कृषि कानून दोबारा लागू हों:किसान खुद इसकी मांग करें; मोदी सरकार ने 378 दिन चले आंदोलन के बाद वापस लिए थे
कंगना बोलीं- रद्द तीनों कृषि कानून दोबारा लागू हों:किसान खुद इसकी मांग करें; मोदी सरकार ने 378 दिन चले आंदोलन के बाद वापस लिए थे हिमाचल से BJP सांसद कंगना रनोट ने रद्द किए गए 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की मांग की है। कंगना ने कहा कि किसानों को खुद ये कानून लागू करने की मांग करनी चाहिए। नवंबर 2021 में केंद्र सरकार को 14 महीने के बाद किसान आंदोलन के बाद ये कानून वापस लेने पड़े थे। इस बयान के बाद विपक्ष ने कंगना की घेराबंदी शुरू कर दी है। पंजाब से अकाली दल के प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि भाजपा को कंगना को पार्टी से निकालना चाहिए। कंगना पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाया जाना चाहिए। कृषि कानूनों पर कंगना का बयान 23 सितंबर को सामने आया था। वह मंडी जिले के ख्योड़ में जिला स्तरीय नलवाड़ मेले के समापन समारोह में पहुंची थीं। यहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में 3 कृषि कानूनों पर बयान दिया। हरियाणा कांग्रेस ने लिखा- इन कानूनों की वापसी कभी नहीं होगी वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता हरजीत ग्रेवाल ने कहा कि कंगना पंजाब, किसान और सिखों के बारे में बोलना बंद करें। इस मामले को हम हाईकमान के सामने रखेंगे। अब पढ़िए कंगना ने कहीं 2 अहम बातें… 1. किसानों के हितकारी कानून वापस आने चाहिए
कंगना ने कहा कि किसानों के जो लॉ हैं, जो रोक दिए गए, वे वापस लाने चाहिए। किसानों को खुद इसकी डिमांड करनी चाहिए। हमारे किसानों की समृद्धि में ब्रेक न लगे। 2. हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ
ब्यूरोक्रेसी, हमारे लीडर, हर तीन-तीन महीनों में इलेक्शन करवाते हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन देश के विकास में जरूरी हैं। ऐसे ही हमारे किसान पिलर ऑफ स्ट्रेंथ (मजबूती के स्तंभ) हैं। वे खुद अपील करें कि हमारे तीनों कानूनों को लागू किया जाए। हमारे कुछ राज्यों ने इन कानूनों को लेकर आपत्ति जताई थी, उनसे हाथ जोड़ विनती करती हूं कि इन्हें वापस लाएं। किसानों को लेकर 2 बार बयान दे चुकीं कंगना…. 1. कंगना ने कहा था- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए
अगस्त में भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया, वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। पूरी खबर पढ़ें… विपक्ष व किसानों ने कंगना को घेरना शुरू किया था। इसके बाद भाजपा ने भी अपना पक्ष जारी कर कंगना के बयान से खुद को अलग कर लिया। कंगना से भी कहा गया कि वे ऐसे बयानों से बचें। 2. कंगना ने किसान आंदोलन और शाहीन बाग प्रोटेस्ट में शामिल महिला का जिक्र किया था
किसान आंदोलन के बीच कंगना रनोट ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। इससे एक्ट्रेस विवादों में घिर गई थी। 2020 में लाए गए थे 3 कृषि कानून
5 जून 2020 को केंद्र सरकार एक अध्यादेश के जरिए तीन कृषि बिल लेकर आई थी। सितंबर 2020 को केंद्र सरकार लोकसभा और राज्यसभा में फार्म बिल 2020 लेकर आई। दोनों सदनों से यह बिल पास पास हो गए, लेकिन किसानों को यह बिल मंजूर नहीं थे। किसानों को आशंका थी कि नए बिल से मंडियां खत्म हो जाएंगी। MSP सिस्टम खत्म हो जाएगा। बड़ी कंपनियां फसलों की कीमतें तय करने लगेंगी। वे इसके विरोध में उतर आए। पंजाब के किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए, लेकिन सरकार ने उन्हें वहां से हटा दिया। दो महीने बाद यानी 25 नवंबर को पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली चलो आंदोलन का ऐलान किया। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी UP सहित कई शहरों में किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया। सरकार और किसानों के बीच 11 बार बातचीत हुई, पर कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा। कोर्ट ने 18 महीने के लिए तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी। साथ ही इन कानूनों को रिव्यू करने के लिए एक कमेटी बनाई, पर किसान नहीं माने। उनका कहना था- ‘जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिए जाते, हम आंदोलन जारी रखेंगे।’ इस बीच किसानों ने पक्के घर करना शुरू कर दिए। टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर कच्चे-पक्के घर बनना शुरू हो गए। कई जगहों पर किसानों ने CCTV कैमरे भी लगवाए, ताकि पुलिस की एक्टिविटीज को देख सकें। 19 नवंबर 2021 को कृषि कानून वापस लिए
किसान आंदोलन के दौरान अप्रैल-मई 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हुए। असम में BJP सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन उसे 11 सीटों का नुकसान हुआ। पुडुचेरी में वह गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रही। जबकि केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में BJP को हार का सामना करना पड़ा। इन चुनावों में विपक्ष ने प्रधानमंत्री और BJP को खूब घेरा था। किसान नेता राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल में BJP के खिलाफ प्रचार किया था। इसके बाद BJP की इंटरनल रिपोर्ट, सेना में नाराजगी, उप चुनावों में मिली हार और पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए PM मोदी ने 19 नवंबर 2021 को तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। आखिरकार 14 महीने की तकरार के बाद 29 नवंबर को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों से बिना किसी चर्चा के ध्वनिमत से कृषि कानून वापस ले लिया गया। 11 दिसंबर को किसानों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया और दिल्ली बॉर्डर पर विजय दिवस मनाया।
हरियाणा में 90 सीटों पर कांग्रेस के 2556 आवेदन:पूर्व CM हुड्डा की सीट पर 1, देवीलाल परिवार की डबवाली सीट पर केवल 4 दावेदार
हरियाणा में 90 सीटों पर कांग्रेस के 2556 आवेदन:पूर्व CM हुड्डा की सीट पर 1, देवीलाल परिवार की डबवाली सीट पर केवल 4 दावेदार हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा अब कभी भी हो सकती है। राजनीति पार्टियां अपनी तरफ से तैयारियों में लगी है। वहीं कांग्रेस ने हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों पर हुए आवेदन के हिसाब से दूसरा सर्वे शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने 10 अगस्त तक आवेदन मांगे थे। इसमें 90 सीटों पर 2556 दावेदार सामने आए हैं। कांग्रेस की नीलोखेड़ी सीट पर सबसे अधिक 88 आवेदन आए हैं। इसके बाद जुलाना से 86, बवानीखेड़ा से 78, बाढ़डा से 60 और उकलाना से 57 लोगों ने आवेदन किया है। जबकि सबसे कम आवदेन पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई से महज 1 आवेदन आया है। यह आदेवन भी हुड्डा की तरफ से है। हुड्डा के सामने किसी कांग्रेसी ने आवेदन ही नहीं किया। इसके अलावा देवीलाल परिवार की पैतृक सीट माने जाने वाली डबवाली से महज 4 आवेदन प्राप्त हुए हैं। सबसे खास बात है कि कैथल विधानसभा से रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने किसी समर्थक का आवेदन नहीं करवाया है। चर्चाएं हैं कि सुरजेवाला खुद या बेटे आदित्य सुरजेवाला को यहां से चुनाव लड़वा सकते हैं मगर सुरजेवाला परिवार में किसी ने आवेदन नहीं किया है। तोशाम सीट पर अनिरुद्ध चौधरी दावेदार
किरण चौधरी के भाजपा में जाने के बाद तोशाम सीट पर चौधरी बंसीलाल के पौते और रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी ने आवेदन किया है। इस बार बाढ़डा सीट से परिवार ने दावेदारी पेश नहीं की है। पिछले बार अनिरुद्ध चौधरी के पिता रणबीर महेंद्रा नैना चौटाला के सामने बाढड़ा विधानसभा से लड़े और वह दूसरे नंबर पर रहे थे। नैना चौटाला से हार के बाद अबकी बार रणबीर महेंद्रा अपनी पारंपारिक सीट पर शिफ्ट हो गया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस बंसीलाल की पुत्रवधु किरण चौधरी के सामने पौते अनिरुद्ध चौधरी को लड़ा सकती है। अनिरुद्ध चौधरी ने दावेदारी जताकर इसके संकेत भी दे दिए हैं। रिजर्व सीटों पर सर्वाधिक नामांकन
खास बात यह है कि हरियाणा की 14 रिजर्व सीटों पर सबसे ज्यादा दावेदार हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा रिजर्व सीटों पर पिछड़ गई थी यही कारण है कि हरियाणा की रिजर्व सीटों पर सबसे ज्यादा दावेदार हैं। रिजर्व सीटों को देखें तो मुलाना विधानसभा में 45, शाहबाद में 56, गुहला में 45, नीलोखेड़ी में 88, इसराना में 33, खरखौदा 54, नरवाना 44, रतिया 38, कालांवाली 14, बवानीखेड़ा 75, कलानौर 55, झज्जर 12 बावल 52 और पटौदी में 42 आवेदन कांग्रेस के आए हैं। 2019 में किस पार्टी ने कितनी विधानसभा जीती थी… किसी ने 2 से 3 सीटों पर तो कहीं पिता-पुत्र, पति-पत्नी ने दावेदारी जताई
विधानसभा में कई सीटें ऐसी हैं जहां पिता-पुत्र, पति-पत्नी ने एक ही सीट पर दावेदारी जताई है तो कुछ लोगों ने एक से अधिक सीटों पर दावेदारी जताई है। सिरसा में 3 पिता-पुत्रों ने दावेदारी जताई है। इसमें राजकुमार शर्मा उनके बेटे मोहित शर्मा, वीरभान मेहता और बेटे राजन मेहता, अमीरचंद चावला, करण चावला ने आवेदन किया है। नलवा सीट पर पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह और उनके बेटे गौरव सिंह ने आवेदन किया है। फतेहाबाद में प्रह्लाद सिंह गिल्लाखेड़ा और उनके बेटे ने एक सीट से ही दावेदारी जताई है। हांसी में पूर्व मंत्री सुभाष गोयल और उनके बेटे सुशील गोयल ने आवेदन किया है। हिसार में हनुमान ऐरन और उनकी पत्नी रेखा ऐरन ने आवेदन किया है। जजपा विधायकों वाली सीट पर अधिक आवेदन
खास बात है कि जिन सीटों पर जजपा के विधायक हैं उन सीटों पर कांग्रेस की ओर से ज्यादा आवेदन हैं। इसका कारण है कि जजपा के वोट बैंक में कांग्रेस सेंधमारी कर चुकी है। लोकसभा चुनाव में भी जजपा के अधिकांश सीटों में कांग्रेस आगे रही थी। टोहाना, नारनौंद, उचाना, जुलाना, बाढड़ा, उकलाना, नरवाना, शाहबाद और गुहला जैसी सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली थी। टोहाना में कांग्रेस के 21, उचाना में 17, जुलाना में 86, बाढड़ा में 60, शाहबाद में 56, गुहला में 45, उकलाना में 57, नरवाना में 44 और बरवाला में 55 लोगों ने आवेदन किया है।
चौधरी भजनलाल की 13वीं पुण्यतिथि:हिसार में कुलदीप बिश्नोई ने प्रतिमा के छुए पैर, कहा- आपके लिए क्या लिखूं, आपने तो खुद मुझे लिखा
चौधरी भजनलाल की 13वीं पुण्यतिथि:हिसार में कुलदीप बिश्नोई ने प्रतिमा के छुए पैर, कहा- आपके लिए क्या लिखूं, आपने तो खुद मुझे लिखा हिसार के बिश्नोई मंदिर में स्व. चौधरी भजनलाल की 13वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई पहुंचे और पिता की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इतना ही नहीं कुलदीप बिश्नोई ने अपने पिता की प्रतिमा के पैर भी छुए। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई आदमपुर पहुंचे और पिता की समाधि स्थल जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। हर साल कुलदीप बिश्नोई पिता की पुण्यतिथि पर बिश्नोई मंदिर में पहुंचते हैं। यहां वह सबसे पहले बिश्नोई मंदिर में पहुंचकर हवन यज्ञ में आहुति डालते हैं और प्रतिमा पर फूल चढ़ाते हैं। इसके बाद वह आदमपुर में चौधरी भजनलाल की समाधि पर जाकर पुष्प अर्पित करते हैं। कुलदीप ने पिता को याद कर x पर की पोस्ट वहीं कुलदीप बिश्नोई ने इससे पहले X पर पिता भजनलाल को याद करते हुए भावुक पोस्ट लिखी। कुलदीप बिश्नोई ने लिखा ” आपके लिए क्या लिखूं, आपने तो खुद मुझे लिखा है। मेरे पिता जी, मेरे भगवान”। वहीं भव्य बिश्नोई ने भी अपने दादा को याद करते हुए उनके राजनीतिक जीवन का परिचय करवाते हुए श्रद्धांजलि दी। भव्य ने लिखा “हरियाणा के 3 बार मुख्यमंत्री रहे, भारत सरकार में कृषि एवं पर्यावरण मंत्री रहे, 9 बार विधायक रहे, 3 बार लोक सभा सदस्य और राज्य सभा सदस्य रहे, आधुनिक हरियाणा के निर्माता, 36 बिरादरी के हृदय में बसने वाले, युगपुरुष “बिश्नोई रत्न ” स्व. चौ. भजन लाल जी के महान व्यक्तित्व और स्वर्णिम काल को हम आज भी याद करते हैं। उनकी 13वीं पुण्यतिथि पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन”। मनोहर लाल ने किया था प्रतिमा का अनावरण पिछले साल जन्माष्टमी महोत्सव पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिसार के बिश्नोई मंदिर में आयोजित गुरु जंभेश्वर महाराज के 573वें अवतार दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की थी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भजनलाल की प्रतिमा का अनावरण किया था। वहीं पिछले साल ही राजस्थान के जांभा में भी भजनलाल की मूर्ति का अनावरण किया गया था। इस मूर्ति अनावरण समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। जांभा राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित है और यह बिश्नोई समाज का तीर्थ स्थान है।