मुरादाबाद में 4 तस्करों के पेट से 1.052 Kg वजन के 29 सोने के कैप्सूल निकले जा चुके हैं। 1 तस्कर के पेट में अभी भी एक कैप्सूल फंसा है। इस सोने का कनेक्शन ऑस्ट्रेलिया की रिफाइनरी से है। पुलिस ने सोना तस्करी गैंग में शामिल रामपुर के टांडा के एक फाइनेंसर जाहिद को अरेस्ट किया है। जो इन युवकों को पैसे देकर दुबई भेजता था। रामपुर के 2 ज्वेलर्स को गोल्ड की डिलीवरी होनी थी। जाहिद ही इन युवकों को लालच देकर इनके पेट में सोना छिपाकर इंडिया लाता था। दुबई से पेट में सोना लाने के बाद युवक रामपुर में तस्करी गैंग के ज्वैलर्स से संपर्क करते थे। इसके बाद इन युवकों को मुरादाबाद के कटघर के गांधीनगर में स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भेजा जाता था। जहां डॉक्टर इनका पेट चीरकर गोल्ड को बाहर निकालता था। पेट से सोना निकालने के दौरान मुरादाबाद के इस अस्पताल में एक युवक की मौत हो चुकी है। अब पेट में दुबई से 1kg गोल्ड लेकर मुरादाबाद पहुंचे रामपुर टांडा के 4 युवक पकड़े गए तो सोने की तस्करी का यह मामला फिर से सुर्खियों में आया है। पढ़िए फिल्मी स्टाइल में गोल्ड तस्करों के पकड़े जाने की कहानी… 23 मई को रामपुर के 2 गोल्ड तस्कर दिल्ली, 4 मुंबई एयरपोर्ट पर उतरे
सोना कहां से मुरादाबाद तक पहुंचा? इस सवाल पर पुलिस कस्टडी में मो. मुत्तलिब, अजहरुद्दीन, शाने आलम और जुल्फिकार अली ने कहा- हमने दुबई से मुंबई की फ्लाइट पकड़ी थी। फिर मुंबई से दिल्ली की फ्लाइट में बैठे थे। वहीं, मोहम्मद नावेद और जाहिद अली ने दुबई से दिल्ली की फ्लाइट ली। हम सभी 6 लोग दिल्ली एयरपोर्ट पर मिले। इसके बाद एक साथ अर्टिगा कार से टांडा बादली रामपुर के लिए निकले। कार को टांडा बादली का रहने वाला ड्राइवर जुल्फिकार चला रहा था। कार में 6 गोल्ड तस्करों और ड्राइवर समेत कुल 7 लोग सवार थे। मुरादाबाद में फर्जी कस्टम वालों ने किडनैप कर लिया
दिल्ली से टांडा बादली रामपुर जा रहे गोल्ड तस्करों की कार मुरादाबाद पहुंची। यहां नेशनल हाईवे बाईपास पर बंद हो चुके टोल प्लाजा के पास एक बोलेरो और एक स्विफ्ट डिजायर कार ने ओवरटेक कर तस्करों की कार रुकवा ली। कार से उतरे 4-5 लोगों ने खुद को कस्टम अधिकारी और केंद्रीय एजेंसी का अधिकारी बताया। फिर सातों लोगों से पूछताछ शुरू कर दी। फर्जी कस्टम अधिकारियों ने तस्करों की अर्टिगा मौके पर ही छोड़ दी। इसके बाद 6 तस्करों और उनके ड्राइवर समेत सातों लोगों को अपनी बोलेरो और डिजायर में डालकर साथ ले गए। मूंढापांडे में रौंडा झौंडा के पास जंगल में ले जाकर एक बाग में सभी को बैठा दिया। इस दौरान पिस्टल से उन्हें कवर करके रखा गया। दरअसल, नकली कस्टम अधिकारी बने बदमाशों को दुबई से सोना ला रहे तस्करों के बारे में उनके दुबई के ही किसी साथी ने बता दिया था। इसी मुखबिरी के बाद उन्होंने कस्टम अफसर बनकर तस्करों का पीछा किया। पेट चीरने की तैयारी थी, तभी ड्राइवर भाग निकला
गोल्ड तस्करों को कुछ देर में ही एहसास हो गया कि उन्हें किडनैप करके लाने वाले कस्टम अधिकारी या किसी एजेंसी के लोग नहीं, बल्कि बदमाश हैं। कस्टम अधिकारी बने बदमाशों ने गोल्ड तस्करों से सोने के बारे में पूछा कि किस-किस के पेट में सोना है? इसके बाद सोना निकालने के लिए इनके पेट चीरने की बात करने लगे। किडनैपर्स पेट चीरने की तैयारी में ही थे, इसी बीच तस्करों का ड्राइवर जुल्फिकार किसी तरह बाग से बचकर भाग निकला। उसने डॉयल 112 पर कॉल कर दिया। वायरलेस पर ये संदेश जैसे ही मुरादाबाद के SSP सतपाल अंतिल ने सुना तो उन्होंने तुरंत पूरे इलाके की घेराबंदी का आदेश दिया। आसपास के थानों की फोर्स के साथ सीनियर अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस की बदमाशों से मुठभेड़ हुई और 2 किडनैपर्स तौफीक और मोहम्मद राजा को गोली लग गई। तौफीक मुरादाबाद में ही काशीपुर दोराहा का और मोहम्मद रजा काशीपुर का रहने वाला है। इनके फरार साथियों की भी पुलिस तलाश कर रही है। मुंबई से होकर पहुंचे 4 लोगों के पेट में निकले गोल्ड कैप्सूल
पुलिस ने सभी तस्करों को एनकाउंटर के बाद किडनैपर्स के कब्जे से छुड़ाया। इसके बाद इस अपहरण की वजह को लेकर सवाल पूछे। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि जिन पीड़ितों को किडनैपर्स से छुड़ाया गया है, वास्तव में वो खुद भी सोने के इंटरनेशनल तस्कर हैं। इसी शंका पर पुलिस ने मूंढापांडे CHC में ले जाकर सभी तस्करों को मुरादाबाद रेफर करने के लिए कहा। जिससे जिला अस्पताल में इन सभी की स्कैनिंग कराई जा सके, लेकिन सीएचसी के डॉक्टर रेफर करने में आनाकानी करने लगे। इससे पुलिस का शक और बढ़ गया। पुलिस ने जिला अस्पताल में छुड़ाए गए सभी 7 लोगों की स्कैनिंग और अल्ट्रासाउंड कराया। जांच में पता चला कि दुबई से वाया मुंबई आने वाले 4 लोगों मुत्तलिब, शाने आलम, अजहरुद्दीन और जुल्फिकार के पेट में मेटल है। दुबई से सीधे दिल्ली आने वाले 2 और ड्राइवर के पेट में मेटल नहीं मिला। 1kg के 29 कैप्सूल मिले, 3 को जेल भेजा, एक के पेट में अभी भी कैप्सूल
पेट में मेटल की पुष्टि होने के बाद डॉक्टर्स की टीम ने एनिमा लगाकर इसे निकालने की कोशिशें शुरू कीं। मंगलवार तक 4 तस्करों के पेट से सोने के 29 कैप्सूल निकाले जा चुके थे। इनका वजह करीब 1kg है। पेट से कैप्सूल निकाले जाने के बाद पुलिस ने शाने आलम निवासी टांडा रामपुर, अजहरुद्दीन निवासी यूसुफ चौक निवासी टांडा रामपुर और जुल्फिकारनिवासी मोहल्ला नज्जूपुरा टांडा को जेल भेज दिया है। जबकि मुत्तलिब पुत्र सुलेमान निवासी यूसुफ चौक टांडा रामपुर को अभी भी अस्पताल में रखा गया है। उसके पेट में अभी भी सोने का एक कैप्सूल मौजूद है। अब पढ़िए कैसे पेट में छुपाकर गोल्ड लाते थे कंडोम में कैप्सूल पैक करके एनल से इनसर्ट करते थे
गोल्ड तस्करों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे काफी समय से दुबई से गोल्ड तस्करी का काम कर रहे हैं। दुबई में अपने सेफ ठिकानों पर गोल्ड कैप्सूल को कंडोम में पैक करते हैं। इसके बाद इन कंडोम को एनल के रास्ते इनसर्ट कर लेते हैं। इंडिया आने के बाद एनल के रास्ते ही ये कंडोम निकाल लिए जाते हैं। कई बार दिक्कत होने पर ऑपरेट करके भी ये गोल्ड भरे कंडोम निकाले जाते हैं। तस्करों ने बताया कि मुरादाबाद में लाजपत नगर में स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम में उन्हें ले जाकर एडमिट कराया जाता था। जहां पहले मेडिसन से गोल्ड निकालने की कोशिश होती थी। कामयाबी नहीं मिलने पर पेट को ऑपरेट करके गोल्ड निकाला जाता था। सोना निकालने की कवायद में टांडा के कई युवकों की हो चुकी है मौत
रामपुर का टांडा गोल्ड तस्करी के मामले में बदनाम है। पेट में सोना छुपाकर लाने वाले कई युवाओं की तस्करी के इसी खेल में मौत भी हो चुकी है। कई बार एनल के रास्ते गोल्ड नहीं निकलने पर इन युवाओं से सोना तस्करी कराने वाले खुद ही उनका पेट चीर देते हैं, जिससे सोना निकाला जा सके। कई बार झोलाछाप डॉक्टरों से इनके पेट ऑपरेट करा दिए जाते हैं। मुरादाबाद में लाजपत नगर में इसी साल मार्च में इसी तरह के एक ऑपरेशन में रामपुर टांडा के रहने वाले आलम पुत्र मोहम्मद शकील निवासी मोहल्ला टंडोला की मौत हो गई थी। पीड़ितों का कहना था कि आलम सोना लेकर दुबई से लौटा था। एक मार्च 2025 को मुरादाबाद में डॉ. जुहैब नसीम के यहां उसका ऑपरेशन किया गया। जिसमें हालत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई थी। अब गोल्ड तस्करी का रूट और कैसे तस्करी होती है, जानिए म्यांमार के रूट से सबसे ज्यादा सोना आ रहा
तस्करों के मुताबिक, भारत में ज्यादातर सोना सऊदी, मस्कट, दुबई, बैंकाक से आ रहा है। हाल ही में जो सोना पकड़ा गया, वो ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की रिफाइनरी का था। तस्कर ज्यादातर सोना म्यांमार के रास्ते बांग्लादेश होते हुए सड़क से लेकर आ रहे हैं। यह सोना यूपी से होकर दूसरे राज्यों तक जाता है। DRI के अधिकारी कड़ी चौकसी के बावजूद सिर्फ 20 से 30% सोना ही पकड़ पा रहे हैं। इस तरह होता है सोने की तस्करी में मुनाफा
अनुमानित 50 लाख रुपए प्रति किलो के रेट से सोना आता है। इस पर 7.5 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी और 2.5 प्रतिशत एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड डैवलपमेंट सेस जोड़े तो यह रकम 5 लाख रुपए हुई। 3% GST और जोड़ दें तो कुल टैक्स 6.50 लाख रुपए तक पहुंचता है। इसमें सोना लाने वाले का खर्च डेढ़ लाख रुपए घटा दें तो मोटे तौर पर 5 लाख रुपए प्रति किलो की बचत होती है। खाड़ी देशों से तस्करी ज्यादा इसलिए होती है क्योंकि वहां सोना कस्टम फ्री है। अधिकारी क्या कहते हैं, ये पढ़िए SSP ने कहा- दुबई के आका तक पहुंचेंगे
मुरादाबाद के SSP सतपाल अंतिल ने कहा- पेट में गोल्ड के साथ पकड़े गए युवक महज करियर हैं। इनका काम छोटे-मोटे लालच में सोने को पेट में छुपाकर दुबई से रामपुर टांडा तक लाना था। असल खिलाड़ी इनके पीछे हैं। इसमें रामपुर के ज्वैलर्स, इन्हें फाइनेंस करने वाले रामपुर के कुछ लोग और युवकों का पेट ऑपरेट करके सोना निकालने वाले डॉक्टर शामिल हैं। पुलिस बारीकी से इस पर काम कर रही है और गैंग में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। ……………
ये भी पढ़ें : अब भाजपा ने अखिलेश का DNA सोनागाछी-जीबी रोड का बताया:लखनऊ में लगा पोस्टर, लिखा- पिता को घर निकाला, आपके DNA में खोट डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच DNA विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब डिप्टी सीएम के समर्थन में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा मैदान में उतर आया है। शहरभर की दीवारों पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें अखिलेश से सवाल पूछा गया है। ज्ञपढ़िए पूरी खबर… मुरादाबाद में 4 तस्करों के पेट से 1.052 Kg वजन के 29 सोने के कैप्सूल निकले जा चुके हैं। 1 तस्कर के पेट में अभी भी एक कैप्सूल फंसा है। इस सोने का कनेक्शन ऑस्ट्रेलिया की रिफाइनरी से है। पुलिस ने सोना तस्करी गैंग में शामिल रामपुर के टांडा के एक फाइनेंसर जाहिद को अरेस्ट किया है। जो इन युवकों को पैसे देकर दुबई भेजता था। रामपुर के 2 ज्वेलर्स को गोल्ड की डिलीवरी होनी थी। जाहिद ही इन युवकों को लालच देकर इनके पेट में सोना छिपाकर इंडिया लाता था। दुबई से पेट में सोना लाने के बाद युवक रामपुर में तस्करी गैंग के ज्वैलर्स से संपर्क करते थे। इसके बाद इन युवकों को मुरादाबाद के कटघर के गांधीनगर में स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भेजा जाता था। जहां डॉक्टर इनका पेट चीरकर गोल्ड को बाहर निकालता था। पेट से सोना निकालने के दौरान मुरादाबाद के इस अस्पताल में एक युवक की मौत हो चुकी है। अब पेट में दुबई से 1kg गोल्ड लेकर मुरादाबाद पहुंचे रामपुर टांडा के 4 युवक पकड़े गए तो सोने की तस्करी का यह मामला फिर से सुर्खियों में आया है। पढ़िए फिल्मी स्टाइल में गोल्ड तस्करों के पकड़े जाने की कहानी… 23 मई को रामपुर के 2 गोल्ड तस्कर दिल्ली, 4 मुंबई एयरपोर्ट पर उतरे
सोना कहां से मुरादाबाद तक पहुंचा? इस सवाल पर पुलिस कस्टडी में मो. मुत्तलिब, अजहरुद्दीन, शाने आलम और जुल्फिकार अली ने कहा- हमने दुबई से मुंबई की फ्लाइट पकड़ी थी। फिर मुंबई से दिल्ली की फ्लाइट में बैठे थे। वहीं, मोहम्मद नावेद और जाहिद अली ने दुबई से दिल्ली की फ्लाइट ली। हम सभी 6 लोग दिल्ली एयरपोर्ट पर मिले। इसके बाद एक साथ अर्टिगा कार से टांडा बादली रामपुर के लिए निकले। कार को टांडा बादली का रहने वाला ड्राइवर जुल्फिकार चला रहा था। कार में 6 गोल्ड तस्करों और ड्राइवर समेत कुल 7 लोग सवार थे। मुरादाबाद में फर्जी कस्टम वालों ने किडनैप कर लिया
दिल्ली से टांडा बादली रामपुर जा रहे गोल्ड तस्करों की कार मुरादाबाद पहुंची। यहां नेशनल हाईवे बाईपास पर बंद हो चुके टोल प्लाजा के पास एक बोलेरो और एक स्विफ्ट डिजायर कार ने ओवरटेक कर तस्करों की कार रुकवा ली। कार से उतरे 4-5 लोगों ने खुद को कस्टम अधिकारी और केंद्रीय एजेंसी का अधिकारी बताया। फिर सातों लोगों से पूछताछ शुरू कर दी। फर्जी कस्टम अधिकारियों ने तस्करों की अर्टिगा मौके पर ही छोड़ दी। इसके बाद 6 तस्करों और उनके ड्राइवर समेत सातों लोगों को अपनी बोलेरो और डिजायर में डालकर साथ ले गए। मूंढापांडे में रौंडा झौंडा के पास जंगल में ले जाकर एक बाग में सभी को बैठा दिया। इस दौरान पिस्टल से उन्हें कवर करके रखा गया। दरअसल, नकली कस्टम अधिकारी बने बदमाशों को दुबई से सोना ला रहे तस्करों के बारे में उनके दुबई के ही किसी साथी ने बता दिया था। इसी मुखबिरी के बाद उन्होंने कस्टम अफसर बनकर तस्करों का पीछा किया। पेट चीरने की तैयारी थी, तभी ड्राइवर भाग निकला
गोल्ड तस्करों को कुछ देर में ही एहसास हो गया कि उन्हें किडनैप करके लाने वाले कस्टम अधिकारी या किसी एजेंसी के लोग नहीं, बल्कि बदमाश हैं। कस्टम अधिकारी बने बदमाशों ने गोल्ड तस्करों से सोने के बारे में पूछा कि किस-किस के पेट में सोना है? इसके बाद सोना निकालने के लिए इनके पेट चीरने की बात करने लगे। किडनैपर्स पेट चीरने की तैयारी में ही थे, इसी बीच तस्करों का ड्राइवर जुल्फिकार किसी तरह बाग से बचकर भाग निकला। उसने डॉयल 112 पर कॉल कर दिया। वायरलेस पर ये संदेश जैसे ही मुरादाबाद के SSP सतपाल अंतिल ने सुना तो उन्होंने तुरंत पूरे इलाके की घेराबंदी का आदेश दिया। आसपास के थानों की फोर्स के साथ सीनियर अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस की बदमाशों से मुठभेड़ हुई और 2 किडनैपर्स तौफीक और मोहम्मद राजा को गोली लग गई। तौफीक मुरादाबाद में ही काशीपुर दोराहा का और मोहम्मद रजा काशीपुर का रहने वाला है। इनके फरार साथियों की भी पुलिस तलाश कर रही है। मुंबई से होकर पहुंचे 4 लोगों के पेट में निकले गोल्ड कैप्सूल
पुलिस ने सभी तस्करों को एनकाउंटर के बाद किडनैपर्स के कब्जे से छुड़ाया। इसके बाद इस अपहरण की वजह को लेकर सवाल पूछे। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि जिन पीड़ितों को किडनैपर्स से छुड़ाया गया है, वास्तव में वो खुद भी सोने के इंटरनेशनल तस्कर हैं। इसी शंका पर पुलिस ने मूंढापांडे CHC में ले जाकर सभी तस्करों को मुरादाबाद रेफर करने के लिए कहा। जिससे जिला अस्पताल में इन सभी की स्कैनिंग कराई जा सके, लेकिन सीएचसी के डॉक्टर रेफर करने में आनाकानी करने लगे। इससे पुलिस का शक और बढ़ गया। पुलिस ने जिला अस्पताल में छुड़ाए गए सभी 7 लोगों की स्कैनिंग और अल्ट्रासाउंड कराया। जांच में पता चला कि दुबई से वाया मुंबई आने वाले 4 लोगों मुत्तलिब, शाने आलम, अजहरुद्दीन और जुल्फिकार के पेट में मेटल है। दुबई से सीधे दिल्ली आने वाले 2 और ड्राइवर के पेट में मेटल नहीं मिला। 1kg के 29 कैप्सूल मिले, 3 को जेल भेजा, एक के पेट में अभी भी कैप्सूल
पेट में मेटल की पुष्टि होने के बाद डॉक्टर्स की टीम ने एनिमा लगाकर इसे निकालने की कोशिशें शुरू कीं। मंगलवार तक 4 तस्करों के पेट से सोने के 29 कैप्सूल निकाले जा चुके थे। इनका वजह करीब 1kg है। पेट से कैप्सूल निकाले जाने के बाद पुलिस ने शाने आलम निवासी टांडा रामपुर, अजहरुद्दीन निवासी यूसुफ चौक निवासी टांडा रामपुर और जुल्फिकारनिवासी मोहल्ला नज्जूपुरा टांडा को जेल भेज दिया है। जबकि मुत्तलिब पुत्र सुलेमान निवासी यूसुफ चौक टांडा रामपुर को अभी भी अस्पताल में रखा गया है। उसके पेट में अभी भी सोने का एक कैप्सूल मौजूद है। अब पढ़िए कैसे पेट में छुपाकर गोल्ड लाते थे कंडोम में कैप्सूल पैक करके एनल से इनसर्ट करते थे
गोल्ड तस्करों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे काफी समय से दुबई से गोल्ड तस्करी का काम कर रहे हैं। दुबई में अपने सेफ ठिकानों पर गोल्ड कैप्सूल को कंडोम में पैक करते हैं। इसके बाद इन कंडोम को एनल के रास्ते इनसर्ट कर लेते हैं। इंडिया आने के बाद एनल के रास्ते ही ये कंडोम निकाल लिए जाते हैं। कई बार दिक्कत होने पर ऑपरेट करके भी ये गोल्ड भरे कंडोम निकाले जाते हैं। तस्करों ने बताया कि मुरादाबाद में लाजपत नगर में स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम में उन्हें ले जाकर एडमिट कराया जाता था। जहां पहले मेडिसन से गोल्ड निकालने की कोशिश होती थी। कामयाबी नहीं मिलने पर पेट को ऑपरेट करके गोल्ड निकाला जाता था। सोना निकालने की कवायद में टांडा के कई युवकों की हो चुकी है मौत
रामपुर का टांडा गोल्ड तस्करी के मामले में बदनाम है। पेट में सोना छुपाकर लाने वाले कई युवाओं की तस्करी के इसी खेल में मौत भी हो चुकी है। कई बार एनल के रास्ते गोल्ड नहीं निकलने पर इन युवाओं से सोना तस्करी कराने वाले खुद ही उनका पेट चीर देते हैं, जिससे सोना निकाला जा सके। कई बार झोलाछाप डॉक्टरों से इनके पेट ऑपरेट करा दिए जाते हैं। मुरादाबाद में लाजपत नगर में इसी साल मार्च में इसी तरह के एक ऑपरेशन में रामपुर टांडा के रहने वाले आलम पुत्र मोहम्मद शकील निवासी मोहल्ला टंडोला की मौत हो गई थी। पीड़ितों का कहना था कि आलम सोना लेकर दुबई से लौटा था। एक मार्च 2025 को मुरादाबाद में डॉ. जुहैब नसीम के यहां उसका ऑपरेशन किया गया। जिसमें हालत बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई थी। अब गोल्ड तस्करी का रूट और कैसे तस्करी होती है, जानिए म्यांमार के रूट से सबसे ज्यादा सोना आ रहा
तस्करों के मुताबिक, भारत में ज्यादातर सोना सऊदी, मस्कट, दुबई, बैंकाक से आ रहा है। हाल ही में जो सोना पकड़ा गया, वो ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की रिफाइनरी का था। तस्कर ज्यादातर सोना म्यांमार के रास्ते बांग्लादेश होते हुए सड़क से लेकर आ रहे हैं। यह सोना यूपी से होकर दूसरे राज्यों तक जाता है। DRI के अधिकारी कड़ी चौकसी के बावजूद सिर्फ 20 से 30% सोना ही पकड़ पा रहे हैं। इस तरह होता है सोने की तस्करी में मुनाफा
अनुमानित 50 लाख रुपए प्रति किलो के रेट से सोना आता है। इस पर 7.5 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी और 2.5 प्रतिशत एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड डैवलपमेंट सेस जोड़े तो यह रकम 5 लाख रुपए हुई। 3% GST और जोड़ दें तो कुल टैक्स 6.50 लाख रुपए तक पहुंचता है। इसमें सोना लाने वाले का खर्च डेढ़ लाख रुपए घटा दें तो मोटे तौर पर 5 लाख रुपए प्रति किलो की बचत होती है। खाड़ी देशों से तस्करी ज्यादा इसलिए होती है क्योंकि वहां सोना कस्टम फ्री है। अधिकारी क्या कहते हैं, ये पढ़िए SSP ने कहा- दुबई के आका तक पहुंचेंगे
मुरादाबाद के SSP सतपाल अंतिल ने कहा- पेट में गोल्ड के साथ पकड़े गए युवक महज करियर हैं। इनका काम छोटे-मोटे लालच में सोने को पेट में छुपाकर दुबई से रामपुर टांडा तक लाना था। असल खिलाड़ी इनके पीछे हैं। इसमें रामपुर के ज्वैलर्स, इन्हें फाइनेंस करने वाले रामपुर के कुछ लोग और युवकों का पेट ऑपरेट करके सोना निकालने वाले डॉक्टर शामिल हैं। पुलिस बारीकी से इस पर काम कर रही है और गैंग में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। ……………
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ऑस्ट्रेलिया का गोल्ड मुरादाबाद पहुंचा:रामपुर के फाइनेंसर ने दुबई में पेमेंट किया, ज्वेलर्स को होनी थी डिलीवरी, 1 करोड़ के सोने का नेक्सेस
