हरियाणा के 5 बार CM रहे ओपी चौटाला की रसम पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा आज 31 दिसंबर को होगी। यह कार्यक्रम सिरसा के चौटाला गांव स्थित चौधरी साहिबराम स्टेडियम में रखा गया है। इसके लिए यहां वाटर प्रूफ पंडाल लगाया गया है। पंडाल में बैठने के लिए 10 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं।
इसमें गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय, सीएम नायब सैनी और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा का आना तय है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी भी यहां पहुंच सकते हैं। ओपी चौटाला के विधायक भतीजे आदित्य चौटाला ने कल इस बारे में सूचना दी थी। यहां पर पहुंचने वाले हजारों लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए स्टेडियम में अलग से व्यवस्था की गई है। स्वर्गीय ओमप्रकाश चौटाला के सम्मान में आयोजित इस सभा को लेकर गांव और आस-पास के क्षेत्र में विशेष उत्साह और संवेदनशीलता देखी जा रही है। पंडाल की कुछ तस्वीरें… वाटर प्रूफ पंडाल लगाया गया कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। श्रद्धांजलि सभा के लिए स्टेडियम में एक बड़ा और वाटरप्रूफ पंडाल लगाया जा रहा है, जिसमें एक ही समय में लगभग 10 हजार लोग बैठ सकते हैं। श्रद्धांजलि देने आने वाले लोगों के लिए पानी, बैठने की व्यवस्था और अन्य जरूरी सुविधाओं का खास ध्यान रखा गया है। इस कार्यक्रम में वीपीआईपी और वीआइपी के बैठने के लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही, कई केंद्रीय मंत्री और देश की अन्य बड़ी हस्तियों के आने की संभावना है। श्रद्धांजलि सभा को सफल बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन और आयोजन समिति पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं। 20 दिसंबर को गुरुग्राम में हुआ था निधन
ओपी चौटाला का 20 दिसंबर को गुरुग्राम में निधन हुआ था। उन्होंने 89 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। इसके बाद उनकी पार्थिव देह सिरसा के तेजा खेड़ा गांव स्थित फार्म हाउस में लाई गई। जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उन्हें हरे रंग की तुर्रा पगड़ी भी पहनाई गई। यहां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अलावा कई बड़ी शख्सियतें अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचीं।
चौटाला परिवार ने पूरे प्रदेश में अस्थि कलश यात्रा निकाली
ओपी चौटाला के परिवार ने उनकी अस्थि कलश यात्रा भी निकाली। इस यात्रा से 3 दिन में प्रदेश के सभी 22 जिलों को कवर किया गया। इस दौरान लोगों ने जगह–जगह ओपी चौटाला को श्रद्धांजलि दी।
इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा का कहना था कि यह यात्रा उन लोगों के लिए निकाली गई, जो अंतिम संस्कार के वक्त नहीं आ सके थे। हालांकि इसके सियासी मायने भी निकाले गए। जिसमें यह माना गया कि इनेलो के बिखर चुके कैडर वोट को इकट्ठा करने और अगले चुनाव में कांग्रेस का विकल्प बनने के लिए ऐसा किया गया। ओपी चौटाला के निधन से जुड़े 4 अहम बातें 1. अस्पताल पहुंचने के आधे घंटे बाद अंतिम सांस ली
ओपी चौटाला 89 साल के थे। उनका 20 दिसंबर को गुरुग्राम में निधन हुआ था। हार्ट अटैक होने पर दोपहर करीब साढ़े 11 बजे परिवार उन्हें अस्पताल ले गया। वहां करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। चौटाला पहले से ही हार्ट और डायबिटीज समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। 2. बेटों ने मुखाग्नि दी, पोतों ने अंतिम रस्में निभाईं
अंतिम संस्कार के लिए उनकी पार्थिव देह गुरुग्राम से सिरसा के तेजाखेड़ा फार्म हाउस लाई गई। यहां 21 दिसंबर को उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला ने एक साथ उन्हें मुखाग्नि दी। उनके 4 पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, अर्जुन चौटाला और कर्ण चौटाला ने संस्कार से पहले की अंतिम रस्में निभाईं। 3. सुप्रीम कोर्ट जज, केंद्रीय मंत्री श्रद्धांजलि देने पहुंचे
ओपी चौटाला के निधन पर कई बड़ी हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने सिरसा पहुंचीं। इनमें उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के अलावा सीएम नायब सैनी अंतिम संस्कार के दिन ही पहुंच गए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत, योगगुरू स्वामी रामदेव, डेरा ब्यास मुखी गुरिंदर ढिल्लो के अलावा भी कई शख्सियतें श्रद्धांजलि देने पहुंची। 4. चौटाला की अंतिम विदाई के वक्त साथ दिखा पूरा परिवार
ओपी चौटाला की अंतिम विदाई के वक्त उनका पूरा परिवार एक साथ दिखा। राजनीतिक तौर पर अलग–अलग हो चुके बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला के साथ ओपी के भाई रणजीत चौटाला साथ रहे। इसके अलावा परिवार की महिला सदस्य भी एक साथ बैठीं रहीं। जिनमें हिसार से एक–दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वालीं नैना चौटाला और सुनैना चौटाला भी शामिल है। बता दें कि अभय इनेलो को संभाल रहे हैं जबकि अजय JJP बना चुके हैं। रणजीत भाजपा में शामिल हुए लेकिन अब निर्दलीय सियासत कर रहे हैं। ओपी चौटाला से जीवन जुड़ी 4 अहम बातें… 1.स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी
ओपी चौटाला ने अपने स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। हालांकि जब इसके बारे में उनसे एक इंटरव्यू में पूछा गया तो उनका कहना था कि वे नहीं चाहते थे कि वे पिता चौधरी देवीलाल से ज्यादा पढ़ें। उन दिनों पिता से ज्यादा पढ़ना अच्छा नहीं माना जाता था। 2. पांच दिन से 5 साल तक सरकार चलाने वाले CM
ओपी चौटाला पहली बार 2 दिसंबर 1989 को सीएम बने। हालांकि उनके उपचुनाव में महम हिंसा की वजह से साढ़े 5 महीने में CM कुर्सी छोड़ दी। दूसरी बार वह 5 दिन के ही CM बने। तब महम कांड के चलते तत्कालीन PM वीपी सिंह की नाराजगी से यह फैसला लेना पड़ा। 1990 में BJP के समर्थन वापसी से वीपी सिंह सरकार गिरी तो तीसरी बार ओपी चौटाला को CM बने लेकिन विधायकों की नाराजगी से सरकार गिर गई। चौटाला को 15 दिन में सीएम कुर्सी से इस्तीफा देना पड़ा। 1996 में बंसीलाल की सरकार गिरी तो चौटाला ने उनके विधायक तोड़े और 24 जुलाई 1999 को एक साल के लिए CM बने। साल 2000 में 47 सीटें जीत वह 5 साल तक सीएम रहे।
3. टीचर भर्ती घोटाले में सजा हुई
1999-2000 में ओपी चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में फंस गए। इस मामले की जांच सीबीआई ने की। 2004 में CBI जांच के बाद ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 62 लोगों पर FIR दर्ज की गई। जनवरी 2013 में दिल्ली की स्पेशल CBI कोर्ट ने भ्रष्टाचार का कसूरवार मानते हुए चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद की सजा सुनाई। जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। 4. जेल में रहकर 10वीं–12वीं की पढ़ाई की, उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी
जब चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में जेल में रहे तो 2017 से 2021 के दरम्यान उन्होंने 10वीं और 12वीं क्लास पास की। इसे लेकर उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी, जिसमें उनका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया। वहीं चौटाला को 60 साल से ज्यादा उम्र और आधे से ज्यादा सजा काटने के केंद्रीय नियम के तहत सजा पूरी होने से 2 साल पहले ही रिहा कर दिया गया। चौटाला जेल गए और इनेलो बेअसर होती गई, 3 पॉइंट्स 1. चौटाला जेल गए तो इनेलो में फूट पड़ी
टीचर घोटाले में जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई। छोटे बेटे ने इनेलो की कमान संभाल ली। जेल में बंद अजय चौटाला ने विदेश में पढ़ रहे बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को देश वापस बुला लिया। जिसके बाद दोनों तरफ से इनेलो को लेकर खींचतान शुरू हो गई। 2. बड़े बेटे और पोतों को पार्टी से निकाला
ओपी चौटाला जब 2018 में पैरोल पर बाहर आए तो 7 अक्टूबर को गोहाना में रैली थी। इसमें जब अभय चौटाला बोलने लगे तो इनेलो समर्थकों ने दुष्यंत चौटाला को CM बनाने के नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे चौटाला नाराज हो गए और पार्टी ने अजय और दोनों बेटों को कारण बताओ नोटिस निकाल दिया। जिसके बाद तीनों को इनेलो से निकाल दिया गया। उन्होंने अपनी नई जननायक जनता पार्टी (JJP) बना ली। 3. इनेलो फिर सत्ता में नहीं आ पाई
इनेलो में पड़ी इस फूट के बाद वह कभी सत्ता में नहीं आ पाई। जजपा ने 2019 के चुनाव में 10 सीटें जीतीं। भाजपा को 40 सीटें मिली थी तो बहुमत के लिए 5 और विधायकों की जरूरत देखते हुए जजपा ने उनसे गठबंधन कर लिया। करीब साढ़े 4 महीने वे सत्ता में रहे। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले यह गठबंधन टूट गया। इस बार के चुनाव में इनेलो ने 2 सीटें जीतीं लेकिन जजपा खाता भी नहीं खोल पाई। हरियाणा के 5 बार CM रहे ओपी चौटाला की रसम पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा आज 31 दिसंबर को होगी। यह कार्यक्रम सिरसा के चौटाला गांव स्थित चौधरी साहिबराम स्टेडियम में रखा गया है। इसके लिए यहां वाटर प्रूफ पंडाल लगाया गया है। पंडाल में बैठने के लिए 10 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं।
इसमें गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय, सीएम नायब सैनी और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा का आना तय है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी भी यहां पहुंच सकते हैं। ओपी चौटाला के विधायक भतीजे आदित्य चौटाला ने कल इस बारे में सूचना दी थी। यहां पर पहुंचने वाले हजारों लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए स्टेडियम में अलग से व्यवस्था की गई है। स्वर्गीय ओमप्रकाश चौटाला के सम्मान में आयोजित इस सभा को लेकर गांव और आस-पास के क्षेत्र में विशेष उत्साह और संवेदनशीलता देखी जा रही है। पंडाल की कुछ तस्वीरें… वाटर प्रूफ पंडाल लगाया गया कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। श्रद्धांजलि सभा के लिए स्टेडियम में एक बड़ा और वाटरप्रूफ पंडाल लगाया जा रहा है, जिसमें एक ही समय में लगभग 10 हजार लोग बैठ सकते हैं। श्रद्धांजलि देने आने वाले लोगों के लिए पानी, बैठने की व्यवस्था और अन्य जरूरी सुविधाओं का खास ध्यान रखा गया है। इस कार्यक्रम में वीपीआईपी और वीआइपी के बैठने के लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही, कई केंद्रीय मंत्री और देश की अन्य बड़ी हस्तियों के आने की संभावना है। श्रद्धांजलि सभा को सफल बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन और आयोजन समिति पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं। 20 दिसंबर को गुरुग्राम में हुआ था निधन
ओपी चौटाला का 20 दिसंबर को गुरुग्राम में निधन हुआ था। उन्होंने 89 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। इसके बाद उनकी पार्थिव देह सिरसा के तेजा खेड़ा गांव स्थित फार्म हाउस में लाई गई। जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उन्हें हरे रंग की तुर्रा पगड़ी भी पहनाई गई। यहां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अलावा कई बड़ी शख्सियतें अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचीं।
चौटाला परिवार ने पूरे प्रदेश में अस्थि कलश यात्रा निकाली
ओपी चौटाला के परिवार ने उनकी अस्थि कलश यात्रा भी निकाली। इस यात्रा से 3 दिन में प्रदेश के सभी 22 जिलों को कवर किया गया। इस दौरान लोगों ने जगह–जगह ओपी चौटाला को श्रद्धांजलि दी।
इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा का कहना था कि यह यात्रा उन लोगों के लिए निकाली गई, जो अंतिम संस्कार के वक्त नहीं आ सके थे। हालांकि इसके सियासी मायने भी निकाले गए। जिसमें यह माना गया कि इनेलो के बिखर चुके कैडर वोट को इकट्ठा करने और अगले चुनाव में कांग्रेस का विकल्प बनने के लिए ऐसा किया गया। ओपी चौटाला के निधन से जुड़े 4 अहम बातें 1. अस्पताल पहुंचने के आधे घंटे बाद अंतिम सांस ली
ओपी चौटाला 89 साल के थे। उनका 20 दिसंबर को गुरुग्राम में निधन हुआ था। हार्ट अटैक होने पर दोपहर करीब साढ़े 11 बजे परिवार उन्हें अस्पताल ले गया। वहां करीब आधे घंटे बाद दोपहर 12 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। चौटाला पहले से ही हार्ट और डायबिटीज समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। 2. बेटों ने मुखाग्नि दी, पोतों ने अंतिम रस्में निभाईं
अंतिम संस्कार के लिए उनकी पार्थिव देह गुरुग्राम से सिरसा के तेजाखेड़ा फार्म हाउस लाई गई। यहां 21 दिसंबर को उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला ने एक साथ उन्हें मुखाग्नि दी। उनके 4 पोतों दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला, अर्जुन चौटाला और कर्ण चौटाला ने संस्कार से पहले की अंतिम रस्में निभाईं। 3. सुप्रीम कोर्ट जज, केंद्रीय मंत्री श्रद्धांजलि देने पहुंचे
ओपी चौटाला के निधन पर कई बड़ी हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने सिरसा पहुंचीं। इनमें उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के अलावा सीएम नायब सैनी अंतिम संस्कार के दिन ही पहुंच गए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत, योगगुरू स्वामी रामदेव, डेरा ब्यास मुखी गुरिंदर ढिल्लो के अलावा भी कई शख्सियतें श्रद्धांजलि देने पहुंची। 4. चौटाला की अंतिम विदाई के वक्त साथ दिखा पूरा परिवार
ओपी चौटाला की अंतिम विदाई के वक्त उनका पूरा परिवार एक साथ दिखा। राजनीतिक तौर पर अलग–अलग हो चुके बड़े बेटे अजय चौटाला और छोटे बेटे अभय चौटाला के साथ ओपी के भाई रणजीत चौटाला साथ रहे। इसके अलावा परिवार की महिला सदस्य भी एक साथ बैठीं रहीं। जिनमें हिसार से एक–दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वालीं नैना चौटाला और सुनैना चौटाला भी शामिल है। बता दें कि अभय इनेलो को संभाल रहे हैं जबकि अजय JJP बना चुके हैं। रणजीत भाजपा में शामिल हुए लेकिन अब निर्दलीय सियासत कर रहे हैं। ओपी चौटाला से जीवन जुड़ी 4 अहम बातें… 1.स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी
ओपी चौटाला ने अपने स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। हालांकि जब इसके बारे में उनसे एक इंटरव्यू में पूछा गया तो उनका कहना था कि वे नहीं चाहते थे कि वे पिता चौधरी देवीलाल से ज्यादा पढ़ें। उन दिनों पिता से ज्यादा पढ़ना अच्छा नहीं माना जाता था। 2. पांच दिन से 5 साल तक सरकार चलाने वाले CM
ओपी चौटाला पहली बार 2 दिसंबर 1989 को सीएम बने। हालांकि उनके उपचुनाव में महम हिंसा की वजह से साढ़े 5 महीने में CM कुर्सी छोड़ दी। दूसरी बार वह 5 दिन के ही CM बने। तब महम कांड के चलते तत्कालीन PM वीपी सिंह की नाराजगी से यह फैसला लेना पड़ा। 1990 में BJP के समर्थन वापसी से वीपी सिंह सरकार गिरी तो तीसरी बार ओपी चौटाला को CM बने लेकिन विधायकों की नाराजगी से सरकार गिर गई। चौटाला को 15 दिन में सीएम कुर्सी से इस्तीफा देना पड़ा। 1996 में बंसीलाल की सरकार गिरी तो चौटाला ने उनके विधायक तोड़े और 24 जुलाई 1999 को एक साल के लिए CM बने। साल 2000 में 47 सीटें जीत वह 5 साल तक सीएम रहे।
3. टीचर भर्ती घोटाले में सजा हुई
1999-2000 में ओपी चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में फंस गए। इस मामले की जांच सीबीआई ने की। 2004 में CBI जांच के बाद ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 62 लोगों पर FIR दर्ज की गई। जनवरी 2013 में दिल्ली की स्पेशल CBI कोर्ट ने भ्रष्टाचार का कसूरवार मानते हुए चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद की सजा सुनाई। जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। 4. जेल में रहकर 10वीं–12वीं की पढ़ाई की, उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी
जब चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में जेल में रहे तो 2017 से 2021 के दरम्यान उन्होंने 10वीं और 12वीं क्लास पास की। इसे लेकर उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी, जिसमें उनका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया। वहीं चौटाला को 60 साल से ज्यादा उम्र और आधे से ज्यादा सजा काटने के केंद्रीय नियम के तहत सजा पूरी होने से 2 साल पहले ही रिहा कर दिया गया। चौटाला जेल गए और इनेलो बेअसर होती गई, 3 पॉइंट्स 1. चौटाला जेल गए तो इनेलो में फूट पड़ी
टीचर घोटाले में जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई। छोटे बेटे ने इनेलो की कमान संभाल ली। जेल में बंद अजय चौटाला ने विदेश में पढ़ रहे बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को देश वापस बुला लिया। जिसके बाद दोनों तरफ से इनेलो को लेकर खींचतान शुरू हो गई। 2. बड़े बेटे और पोतों को पार्टी से निकाला
ओपी चौटाला जब 2018 में पैरोल पर बाहर आए तो 7 अक्टूबर को गोहाना में रैली थी। इसमें जब अभय चौटाला बोलने लगे तो इनेलो समर्थकों ने दुष्यंत चौटाला को CM बनाने के नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे चौटाला नाराज हो गए और पार्टी ने अजय और दोनों बेटों को कारण बताओ नोटिस निकाल दिया। जिसके बाद तीनों को इनेलो से निकाल दिया गया। उन्होंने अपनी नई जननायक जनता पार्टी (JJP) बना ली। 3. इनेलो फिर सत्ता में नहीं आ पाई
इनेलो में पड़ी इस फूट के बाद वह कभी सत्ता में नहीं आ पाई। जजपा ने 2019 के चुनाव में 10 सीटें जीतीं। भाजपा को 40 सीटें मिली थी तो बहुमत के लिए 5 और विधायकों की जरूरत देखते हुए जजपा ने उनसे गठबंधन कर लिया। करीब साढ़े 4 महीने वे सत्ता में रहे। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले यह गठबंधन टूट गया। इस बार के चुनाव में इनेलो ने 2 सीटें जीतीं लेकिन जजपा खाता भी नहीं खोल पाई। हरियाणा | दैनिक भास्कर