‘मैं संबंध बनाने के लिए कहता, तो औरतें मुझे गाली देने लगती थीं। मैं उन्हें छूता, तो धक्का देकर गिरा देती थीं। फिर मुझे गुस्सा आ जाता था। मैं सोचता था कि मेरे साथ ऐसा क्यों किया। इसके बाद मैं उन्हें मार डालता था।’ ऐसा कहते हुए 35 साल का कुलदीप गंगवार खिल-खिलाकर हंसने लगता है। अजीब तरह से अपना सिर हिलाता है। फिर SSP अनुराग आर्य के कंधे पर हाथ रखकर मीडिया वालों की तरफ इशारा करता है। कहता है- वो भैया कुछ पूछ रहे हैं। सब कुछ तो बता दिया है। बोल तो दिया कि सभी औरतों को गला दबाकर मारा है। कुलदीप को बरेली पुलिस सीरियल साइको किलर बता रही है। सीन रिक्रिएशन में कुलदीप ने वह सब कुछ करके दिखाया, जैसा महिलाओं के साथ करता था, लेकिन 13 महीने तक वह कैसे पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा, सिर्फ महिलाओं को ही क्यों और कैसे मारा, कैसे साइको किलर बन गया? इन सभी सवालों का जवाब वो बिना किसी मलाल के देता है, एक-एक कर जानिए… तीन हत्याओं से सामने आया सीरियल किलिंग पैटर्न
बरेली में शाही थाना क्षेत्र पड़ता है। यहां के 3 गांवों में 17 जून से 3 जुलाई 2023 के बीच तीन हत्याएं हुईं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। इन्हीं 3 हत्याओं के बाद पुलिस ने पूरे केस को सीरियल और साइको किलर के एंगल से जोड़कर देखा। पुलिस ने केस हिस्ट्री निकाली तो पता चला कि 14 महीनों में 11 महिलाओं का मर्डर हुआ। इन वारदातों के बाद बरेली के 3 थानों- शाही, शीशगढ़ और शेरगढ़ के 250 गांवों में दहशत फैल गई। लोगों ने महिलाओं को घर से अकेले निकलने से मना कर दिया। पुलिस ने शाही थाना क्षेत्र और इसके 25 किमी रेडियस को साइको किलर का सेंट्रल टारगेट पॉइंट माना। 8 महीने तक पुलिस साइको किलर की तलाश करती रही। आम आदमी की तरह पुलिस टीम महिलाओं के बीच जाने लगी, महिलाओं और लड़कियों से बात करने लगी। सबसे पहले एक नजर ऑपरेशन तलाश पर, जिसके बाद कुलदीप पकड़ा गया… 1.5 लाख मोबाइल नंबर ट्रेस किए
SSP अनुराग आर्य ने साइको किलर को पकड़ने के लिए एक वॉर रूम बनवाया। साथ ही ऑपरेशन तलाश की शुरुआत की। 22 टीमें बनाईं। तीन महीने में पुलिस ने करीब 150 जगहों पर दबिश दी। सर्विलांस टीम ने 1.5 लाख मोबाइल नंबर ट्रेस किए। एरिया के 1500 CCTV खंगाले। 600 नए कैमरे भी लगवाए। मुंबई में इस तरह की वारदात को सॉल्व करने वाले स्पेशलिस्ट की मदद ली। क्लीनिकल साइकोलॉजी के एक्सपर्ट से बात की गई। एक्सपर्ट की राय काम आई, गांव-गांव की गई पड़ताल
एक्सपर्ट ने पुलिस को बताया- किलर प्रोफेशनल नहीं है। वह बिल्कुल आम आदमी है, जिसके दिमाग में महिलाओं को लेकर गलत भावना है। या किसी महिला की वजह से उसकी लाइफ उलझ चुकी है। क्लीनिकल साइकोलॉजी एक्सपर्ट ने कहा- किलर मानसिक रूप से बीमार कोई आदमी या औरत भी हो सकती है। इसके बाद पुलिस ने हर एक क्राइम स्पॉट के आसपास के करीब 30-30 गांव के वोटर आईडी कार्ड की जांच की। गांव वालों से पूछा गया कि क्या कोई ऐसा शख्स है, जिसकी लाइफ स्ट्रेस भरी हो और वह अलग-थलग रहता हो। शक के दायरे में सिर्फ पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी रहीं। इसलिए 22 टीमों में महिला पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया। 3 स्कैच बनवाए गए, पहला स्कैच कुलदीप का था 8 महीनों की मेहनत के बाद पुलिस को लीड मिली। 4 पुलिस स्टेशन एरिया कवर करने वाले मुखबिरों के नेटवर्क ने तीन स्कैच बनवाए। 6 अगस्त को पुलिस ने ये तीन स्कैच सर्कुलेट किए। ये स्कैच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। इसके लिए पुलिस ने तीनों स्कैच सोशल मीडिया, सभी मीडिया संस्थानों और थानों में सर्कुलेट किए। 8 अगस्त को शाम चार बजे शाही थाना पुलिस टीम को सूचना मिली- पहले स्कैच जैसा दिखने वाला शख्स एक मठिया के पास बैठा है। लोकेशन बुझिया जागीर गांव के पास थी। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और साइको किलर को गिरफ्तार किया गया। अब जानते हैं क्या बोला साइको किलर… मुझे पैसा नहीं चाहिए होता, बस प्यार से बात करनी होती थी कुलदीप की उम्र करीब 35 साल है। कहां के रहने वाले हो, पिता का नाम क्या है? इसका जवाब देते हुए वो बोलता है- मैं बाकरगंज समुआ गांव का रहने वाला हूं। पिता का नाम बाबूराम गंगवार है। क्यों मारते थे महिलाओं को? जवाब में कुलदीप कहता है- वो मुझसे प्यार से बात नहीं करती थीं। इसलिए गला दबा देता था। मुझे कुछ नहीं चाहिए होता था। पैसे तो कभी नहीं चाहिए थे। जब उन्हें मारता था, तो वो यही कहती थीं कि छोड़ दो, पैसे ले लो। मुझे पता नहीं क्यों औरतों से नफरत हो गई थी। बस जो कोई अकेला मिल जाता, मैं उससे संबंध बनाने की बात करता। छू लेता तो वो मुझे गालियां देने लगतीं। अब तक जिन-जिनको मारा है, उन सभी ने मुझसे सही से बात नहीं की। गले पर बाईं तरफ गांठ क्यों लगाते थे?
जवाब में कुलदीप ने बताया- मैंने कभी भी औरत का गला कसकर नहीं मारा। मैं हाथों से ही गला दबाता था। हां बाद में जरूर उनके ही कपड़े से बाईं तरफ गांठ लगा देता था, ताकि वो मर जाएं। ऐसा इसलिए करता था क्योंकि मुझे लगता था कि वो कहीं फिर से जिंदा न हो जाएं। मैं नहीं चाहता था कि वो जिंदा हो जाएं और सबको मेरे बारे में बता दें। महिलाओं का आधार कार्ड और वोटर आईडी क्यों ले गए?
साइको किलर ने पुलिस को बताया- मैंने किसी महिला को नहीं लूटा। हां, मैं उनके पास से कुछ न कुछ जरूर ले जाता था। ताकि याद रहे कि किस महिला को मारा था। एक महिला के पास से आधार कार्ड मिला था। एक के पास हंसिया थी। एक की चूड़ी लेकर आ गया था। उनके पैसे नहीं लिए, क्योंकि पैसों से पहचान नहीं होती, ये खर्च हो जाते हैं। उसने पुलिस को मृतक अनीता देवी का वोटर आईडी कार्ड, लाल रंग की लिपस्टिक, बिंदी, ब्लाउज के टुकड़े दिए। कुलदीप ने आनंदपुर की मृतक प्रेमवती की हंसिया, कुल्छा गांव की मृतक धनवती का आधार कार्ड, लखीमपुर गांव की मृतक महमूदन की हंसिया भी सौंपी है। इसके अलावा पुलिस ने बीड़ी का बंडल, माचिस और 130 रुपए कैश बरामद किए। तुम्हें औरतों से इतनी नफरत क्यों थी?
इस सवाल के जवाब में कुलदीप कहता है- मेरा किसी भी औरत ने साथ नहीं दिया। मेरी 2014 में शादी हुई थी। पत्नी भी साथ नहीं देती थी। कहती थी कि तुम बेकार के आदमी हो। इसलिए उसे मारता था। एक दिन झगड़े के बाद वो भी मुझे छोड़कर कहीं चली गई। फिर कभी नहीं आई। मेरी दो सगी बहनें हैं। बचपन में मेरी मां की मौत हो गई थी। इसके बाद मेरे बाप ने दूसरी शादी कर ली। दूसरी मां मुझे बहुत मारती थी। ताने देती थी। कहती थी कि मर जाओ जाकर। मेरा बाप भी मुझे सौतेली मां के कहने पर पीटने लगता था। मुझे तो सबसे पहले उसे ही मारना था लेकिन… काम क्या करते थे, कहां से पैसे लाते थे?
इस सवाल के जवाब में कुलदीप ने कहा- मैं खेतों में मेहनत-मजदूरी कर लेता था। कभी-कभी रिश्तेदारों के घर चला जाता था। कभी अपनी दोनों बहनों के घर। मेरी एक बहन का घर- सब्जीपुर खाता गांव और दूसरी का घर-आनंदपुर गांव में है। नशे के बाद सब कुछ याद आने लगता
कुलदीप ने बताया- मैं शराब का आदी हो गया था। इसके बाद भांग खाने लगा। गांजा पीने लगा। जब मैं नशा कर लेता था, तब मुझे सारी पुरानी बातें याद आने लगती थीं। इसके बाद जब होश आता तो गुस्सा और बढ़ जाता था। इसलिए मैं पैदल ही अनजान रास्ते पर चल देता था। अपनी बहनों के घर से एक रोज निकला, तो करीब 10 किलोमीटर तक चला। फिर एक गांव में एक औरत मुझे अकेले मिली, जिसको मैंने मार डाला। एक बार वहीं खड़ा रहा, लेकिन पुलिस ने मुझे नहीं पकड़ा
कुलदीप ने बताया- मैंने कभी पुलिस की आंखों में धूल नहीं झोंकी। मैं तो कई बार हत्या के बाद उसी गांव में रुका रहा। कई बार तो पुलिस वालों के बीच पहुंच जाता। लेकिन, कोई मुझे पकड़ता नहीं। एक बार सुना था कि कोई औरतों को मार रहा है। तब मैं वहीं पर था। पुलिस वाले ही औरतों को समझा रहे थे। मैं गांव की औरतों और बच्चों से अच्छे से बात करता था। मुझे इलाके की हर पगडंडी, सड़क की जानकारी है। मैं कभी मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता। पैदल चलता हूं। जब किसी महिला को मारने के लिए निकलता था तो पहले निश्चित कर लेता था कि किसी ने मुझे उस महिला के पीछे जाते हुए तो नहीं देखा है। अगर पीछा करते समय रास्ते में कोई भी बच्चा, पुरूष या अन्य महिला मिल जाती थी, तब उस दिन वारदात नहीं करता था, जब मौका मिल जाता तो उन्हें गला दबाकर मार देता था। सभी एविडेंस कलेक्ट कर लिए गए हैं, सख्त कार्रवाई होगी
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया- साइको किलर की गिरफ्तारी हो चुकी है। सभी एविडेंस कलेक्ट कर लिए गए हैं। आरोपी ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। कुलदीप ने पहली बार खुद की पत्नी का गला दबाकर मारने का प्रयास किया था। लेकिन, वो बच गई और भाग निकली। तब से लौटकर नहीं आई। इसके बाद कुलदीप हिंसक हो गया। एसएसपी ने कहा- कुलदीप महिलाओं से सेक्सुअल फेवर की बातें करता था। इसके बाद विरोध करने पर उनको मार देता था। हत्या के बाद ट्रॉफी के तौर पर कुछ न कुछ ले जाता था। आरोपी के परिजनों के बयान भी दर्ज कराए जाएंगे। इसके साथ ही जिन महिलाओं की मौत हुई हैं, उनमें दर्ज FIR में कुलदीप को नामजद किया जाएगा। जिन महिलाओं की हत्या की, उनकी उम्र 45-60 के बीच
साइको किलर ने 6 महिलाओं की हत्या की बात कबूली है। उनकी सभी की उम्र 40-65 के बीच है। इसका मतलब वह जानता था कि कम उम्र की महिलाओं को नहीं मार सकता है। कुलदीप ने गांव का नाम बताते हुए कहा- यहां औरत को मैंने मारा 03 जुलाई, 2024: थाना शाही के बुझिया जागीर के जंगल में अनीता देवी (46) की गला घोंटकर हत्या की। अनीता थाना शेरगढ़ के होशपुर गांव की रहने वाली थी। 26 नवंबर, 2023: थाना शीशगढ़ के जगदीशपुर निवासी उर्मिला (55) की हत्या जंगल में उन्हीं की साड़ी के पल्लू से गला घोंटकर की। 20 नवंबर, 2023: थाना शाही के खरसैनी की रहने वाली दुलारा देवी (65) की हत्या साड़ी के पल्लू से गला घोंटकर उन्हीं के खेत में की। 31 अक्टूबर, 2023: थाना शीशगढ़ में लखीमपुर निवासी महमूदन (65) की हत्या जंगल में उन्हीं की चुनरी से गला घोंटकर की। 01 जुलाई, 2023: थाना शाही क्षेत्र में धनेटा फाटक से शीशगढ़ रोड पर प्रेमवती (55) की उनकी साड़ी के पल्लू से गला घोंटकर हत्या की। प्रेमवती आनंदपुर की रहने वाली थी। 17 जून, 2023: थाना शाही क्षेत्र में कुल्छा की रहने वाली धनवती (43) की हत्या की। धानवती शाही कस्बे से दवा लेकर लौट रही थी। ये भी पढ़ें… जिन महिलाओं को साइको किलर ने मारा, वो कौन थीं? बरेली के साइको किलर की मर्डर केस हिस्ट्री बरेली में महिलाओं की हत्या करने वाले सीरियल साइको किलर को पुलिस ने पकड़ लिया है। उसने शीशगढ़ और शाही थाना क्षेत्र में 6 महिलाओं को मारने की बात कबूली। अपने गांव में वह विक्षिप्त की तरह घूमता रहता था। इसलिए उस पर किसी ने शक नहीं किया। पढ़ें पूरी खबर… 6 महिलाओं की हत्या करने वाला साइको किलर गिरफ्तार:बरेली में 13 महीने बाद पकड़ा गया, बोला-मुझे औरतों से नफरत, मारने में मजा आता था यूपी के बरेली में सीरियल साइको किलर पकड़ा गया है। पूछताछ में उसने बताया- हां, मैंने 6 महिलाओं को मारा है। महिलाओं को गला दबाकर मारता था। जाते समय निशानी के लिए गहने ले जाता था। किलर नवाबगंज का रहने वाला है। 13 महीने के भीतर एक ही पैटर्न से बरेली में 11 महिलाओं की हत्या की गई…(पढ़ें पूरी खबर) ‘मैं संबंध बनाने के लिए कहता, तो औरतें मुझे गाली देने लगती थीं। मैं उन्हें छूता, तो धक्का देकर गिरा देती थीं। फिर मुझे गुस्सा आ जाता था। मैं सोचता था कि मेरे साथ ऐसा क्यों किया। इसके बाद मैं उन्हें मार डालता था।’ ऐसा कहते हुए 35 साल का कुलदीप गंगवार खिल-खिलाकर हंसने लगता है। अजीब तरह से अपना सिर हिलाता है। फिर SSP अनुराग आर्य के कंधे पर हाथ रखकर मीडिया वालों की तरफ इशारा करता है। कहता है- वो भैया कुछ पूछ रहे हैं। सब कुछ तो बता दिया है। बोल तो दिया कि सभी औरतों को गला दबाकर मारा है। कुलदीप को बरेली पुलिस सीरियल साइको किलर बता रही है। सीन रिक्रिएशन में कुलदीप ने वह सब कुछ करके दिखाया, जैसा महिलाओं के साथ करता था, लेकिन 13 महीने तक वह कैसे पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा, सिर्फ महिलाओं को ही क्यों और कैसे मारा, कैसे साइको किलर बन गया? इन सभी सवालों का जवाब वो बिना किसी मलाल के देता है, एक-एक कर जानिए… तीन हत्याओं से सामने आया सीरियल किलिंग पैटर्न
बरेली में शाही थाना क्षेत्र पड़ता है। यहां के 3 गांवों में 17 जून से 3 जुलाई 2023 के बीच तीन हत्याएं हुईं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। इन्हीं 3 हत्याओं के बाद पुलिस ने पूरे केस को सीरियल और साइको किलर के एंगल से जोड़कर देखा। पुलिस ने केस हिस्ट्री निकाली तो पता चला कि 14 महीनों में 11 महिलाओं का मर्डर हुआ। इन वारदातों के बाद बरेली के 3 थानों- शाही, शीशगढ़ और शेरगढ़ के 250 गांवों में दहशत फैल गई। लोगों ने महिलाओं को घर से अकेले निकलने से मना कर दिया। पुलिस ने शाही थाना क्षेत्र और इसके 25 किमी रेडियस को साइको किलर का सेंट्रल टारगेट पॉइंट माना। 8 महीने तक पुलिस साइको किलर की तलाश करती रही। आम आदमी की तरह पुलिस टीम महिलाओं के बीच जाने लगी, महिलाओं और लड़कियों से बात करने लगी। सबसे पहले एक नजर ऑपरेशन तलाश पर, जिसके बाद कुलदीप पकड़ा गया… 1.5 लाख मोबाइल नंबर ट्रेस किए
SSP अनुराग आर्य ने साइको किलर को पकड़ने के लिए एक वॉर रूम बनवाया। साथ ही ऑपरेशन तलाश की शुरुआत की। 22 टीमें बनाईं। तीन महीने में पुलिस ने करीब 150 जगहों पर दबिश दी। सर्विलांस टीम ने 1.5 लाख मोबाइल नंबर ट्रेस किए। एरिया के 1500 CCTV खंगाले। 600 नए कैमरे भी लगवाए। मुंबई में इस तरह की वारदात को सॉल्व करने वाले स्पेशलिस्ट की मदद ली। क्लीनिकल साइकोलॉजी के एक्सपर्ट से बात की गई। एक्सपर्ट की राय काम आई, गांव-गांव की गई पड़ताल
एक्सपर्ट ने पुलिस को बताया- किलर प्रोफेशनल नहीं है। वह बिल्कुल आम आदमी है, जिसके दिमाग में महिलाओं को लेकर गलत भावना है। या किसी महिला की वजह से उसकी लाइफ उलझ चुकी है। क्लीनिकल साइकोलॉजी एक्सपर्ट ने कहा- किलर मानसिक रूप से बीमार कोई आदमी या औरत भी हो सकती है। इसके बाद पुलिस ने हर एक क्राइम स्पॉट के आसपास के करीब 30-30 गांव के वोटर आईडी कार्ड की जांच की। गांव वालों से पूछा गया कि क्या कोई ऐसा शख्स है, जिसकी लाइफ स्ट्रेस भरी हो और वह अलग-थलग रहता हो। शक के दायरे में सिर्फ पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी रहीं। इसलिए 22 टीमों में महिला पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया। 3 स्कैच बनवाए गए, पहला स्कैच कुलदीप का था 8 महीनों की मेहनत के बाद पुलिस को लीड मिली। 4 पुलिस स्टेशन एरिया कवर करने वाले मुखबिरों के नेटवर्क ने तीन स्कैच बनवाए। 6 अगस्त को पुलिस ने ये तीन स्कैच सर्कुलेट किए। ये स्कैच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। इसके लिए पुलिस ने तीनों स्कैच सोशल मीडिया, सभी मीडिया संस्थानों और थानों में सर्कुलेट किए। 8 अगस्त को शाम चार बजे शाही थाना पुलिस टीम को सूचना मिली- पहले स्कैच जैसा दिखने वाला शख्स एक मठिया के पास बैठा है। लोकेशन बुझिया जागीर गांव के पास थी। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और साइको किलर को गिरफ्तार किया गया। अब जानते हैं क्या बोला साइको किलर… मुझे पैसा नहीं चाहिए होता, बस प्यार से बात करनी होती थी कुलदीप की उम्र करीब 35 साल है। कहां के रहने वाले हो, पिता का नाम क्या है? इसका जवाब देते हुए वो बोलता है- मैं बाकरगंज समुआ गांव का रहने वाला हूं। पिता का नाम बाबूराम गंगवार है। क्यों मारते थे महिलाओं को? जवाब में कुलदीप कहता है- वो मुझसे प्यार से बात नहीं करती थीं। इसलिए गला दबा देता था। मुझे कुछ नहीं चाहिए होता था। पैसे तो कभी नहीं चाहिए थे। जब उन्हें मारता था, तो वो यही कहती थीं कि छोड़ दो, पैसे ले लो। मुझे पता नहीं क्यों औरतों से नफरत हो गई थी। बस जो कोई अकेला मिल जाता, मैं उससे संबंध बनाने की बात करता। छू लेता तो वो मुझे गालियां देने लगतीं। अब तक जिन-जिनको मारा है, उन सभी ने मुझसे सही से बात नहीं की। गले पर बाईं तरफ गांठ क्यों लगाते थे?
जवाब में कुलदीप ने बताया- मैंने कभी भी औरत का गला कसकर नहीं मारा। मैं हाथों से ही गला दबाता था। हां बाद में जरूर उनके ही कपड़े से बाईं तरफ गांठ लगा देता था, ताकि वो मर जाएं। ऐसा इसलिए करता था क्योंकि मुझे लगता था कि वो कहीं फिर से जिंदा न हो जाएं। मैं नहीं चाहता था कि वो जिंदा हो जाएं और सबको मेरे बारे में बता दें। महिलाओं का आधार कार्ड और वोटर आईडी क्यों ले गए?
साइको किलर ने पुलिस को बताया- मैंने किसी महिला को नहीं लूटा। हां, मैं उनके पास से कुछ न कुछ जरूर ले जाता था। ताकि याद रहे कि किस महिला को मारा था। एक महिला के पास से आधार कार्ड मिला था। एक के पास हंसिया थी। एक की चूड़ी लेकर आ गया था। उनके पैसे नहीं लिए, क्योंकि पैसों से पहचान नहीं होती, ये खर्च हो जाते हैं। उसने पुलिस को मृतक अनीता देवी का वोटर आईडी कार्ड, लाल रंग की लिपस्टिक, बिंदी, ब्लाउज के टुकड़े दिए। कुलदीप ने आनंदपुर की मृतक प्रेमवती की हंसिया, कुल्छा गांव की मृतक धनवती का आधार कार्ड, लखीमपुर गांव की मृतक महमूदन की हंसिया भी सौंपी है। इसके अलावा पुलिस ने बीड़ी का बंडल, माचिस और 130 रुपए कैश बरामद किए। तुम्हें औरतों से इतनी नफरत क्यों थी?
इस सवाल के जवाब में कुलदीप कहता है- मेरा किसी भी औरत ने साथ नहीं दिया। मेरी 2014 में शादी हुई थी। पत्नी भी साथ नहीं देती थी। कहती थी कि तुम बेकार के आदमी हो। इसलिए उसे मारता था। एक दिन झगड़े के बाद वो भी मुझे छोड़कर कहीं चली गई। फिर कभी नहीं आई। मेरी दो सगी बहनें हैं। बचपन में मेरी मां की मौत हो गई थी। इसके बाद मेरे बाप ने दूसरी शादी कर ली। दूसरी मां मुझे बहुत मारती थी। ताने देती थी। कहती थी कि मर जाओ जाकर। मेरा बाप भी मुझे सौतेली मां के कहने पर पीटने लगता था। मुझे तो सबसे पहले उसे ही मारना था लेकिन… काम क्या करते थे, कहां से पैसे लाते थे?
इस सवाल के जवाब में कुलदीप ने कहा- मैं खेतों में मेहनत-मजदूरी कर लेता था। कभी-कभी रिश्तेदारों के घर चला जाता था। कभी अपनी दोनों बहनों के घर। मेरी एक बहन का घर- सब्जीपुर खाता गांव और दूसरी का घर-आनंदपुर गांव में है। नशे के बाद सब कुछ याद आने लगता
कुलदीप ने बताया- मैं शराब का आदी हो गया था। इसके बाद भांग खाने लगा। गांजा पीने लगा। जब मैं नशा कर लेता था, तब मुझे सारी पुरानी बातें याद आने लगती थीं। इसके बाद जब होश आता तो गुस्सा और बढ़ जाता था। इसलिए मैं पैदल ही अनजान रास्ते पर चल देता था। अपनी बहनों के घर से एक रोज निकला, तो करीब 10 किलोमीटर तक चला। फिर एक गांव में एक औरत मुझे अकेले मिली, जिसको मैंने मार डाला। एक बार वहीं खड़ा रहा, लेकिन पुलिस ने मुझे नहीं पकड़ा
कुलदीप ने बताया- मैंने कभी पुलिस की आंखों में धूल नहीं झोंकी। मैं तो कई बार हत्या के बाद उसी गांव में रुका रहा। कई बार तो पुलिस वालों के बीच पहुंच जाता। लेकिन, कोई मुझे पकड़ता नहीं। एक बार सुना था कि कोई औरतों को मार रहा है। तब मैं वहीं पर था। पुलिस वाले ही औरतों को समझा रहे थे। मैं गांव की औरतों और बच्चों से अच्छे से बात करता था। मुझे इलाके की हर पगडंडी, सड़क की जानकारी है। मैं कभी मोबाइल इस्तेमाल नहीं करता। पैदल चलता हूं। जब किसी महिला को मारने के लिए निकलता था तो पहले निश्चित कर लेता था कि किसी ने मुझे उस महिला के पीछे जाते हुए तो नहीं देखा है। अगर पीछा करते समय रास्ते में कोई भी बच्चा, पुरूष या अन्य महिला मिल जाती थी, तब उस दिन वारदात नहीं करता था, जब मौका मिल जाता तो उन्हें गला दबाकर मार देता था। सभी एविडेंस कलेक्ट कर लिए गए हैं, सख्त कार्रवाई होगी
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया- साइको किलर की गिरफ्तारी हो चुकी है। सभी एविडेंस कलेक्ट कर लिए गए हैं। आरोपी ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। कुलदीप ने पहली बार खुद की पत्नी का गला दबाकर मारने का प्रयास किया था। लेकिन, वो बच गई और भाग निकली। तब से लौटकर नहीं आई। इसके बाद कुलदीप हिंसक हो गया। एसएसपी ने कहा- कुलदीप महिलाओं से सेक्सुअल फेवर की बातें करता था। इसके बाद विरोध करने पर उनको मार देता था। हत्या के बाद ट्रॉफी के तौर पर कुछ न कुछ ले जाता था। आरोपी के परिजनों के बयान भी दर्ज कराए जाएंगे। इसके साथ ही जिन महिलाओं की मौत हुई हैं, उनमें दर्ज FIR में कुलदीप को नामजद किया जाएगा। जिन महिलाओं की हत्या की, उनकी उम्र 45-60 के बीच
साइको किलर ने 6 महिलाओं की हत्या की बात कबूली है। उनकी सभी की उम्र 40-65 के बीच है। इसका मतलब वह जानता था कि कम उम्र की महिलाओं को नहीं मार सकता है। कुलदीप ने गांव का नाम बताते हुए कहा- यहां औरत को मैंने मारा 03 जुलाई, 2024: थाना शाही के बुझिया जागीर के जंगल में अनीता देवी (46) की गला घोंटकर हत्या की। अनीता थाना शेरगढ़ के होशपुर गांव की रहने वाली थी। 26 नवंबर, 2023: थाना शीशगढ़ के जगदीशपुर निवासी उर्मिला (55) की हत्या जंगल में उन्हीं की साड़ी के पल्लू से गला घोंटकर की। 20 नवंबर, 2023: थाना शाही के खरसैनी की रहने वाली दुलारा देवी (65) की हत्या साड़ी के पल्लू से गला घोंटकर उन्हीं के खेत में की। 31 अक्टूबर, 2023: थाना शीशगढ़ में लखीमपुर निवासी महमूदन (65) की हत्या जंगल में उन्हीं की चुनरी से गला घोंटकर की। 01 जुलाई, 2023: थाना शाही क्षेत्र में धनेटा फाटक से शीशगढ़ रोड पर प्रेमवती (55) की उनकी साड़ी के पल्लू से गला घोंटकर हत्या की। प्रेमवती आनंदपुर की रहने वाली थी। 17 जून, 2023: थाना शाही क्षेत्र में कुल्छा की रहने वाली धनवती (43) की हत्या की। धानवती शाही कस्बे से दवा लेकर लौट रही थी। ये भी पढ़ें… जिन महिलाओं को साइको किलर ने मारा, वो कौन थीं? बरेली के साइको किलर की मर्डर केस हिस्ट्री बरेली में महिलाओं की हत्या करने वाले सीरियल साइको किलर को पुलिस ने पकड़ लिया है। उसने शीशगढ़ और शाही थाना क्षेत्र में 6 महिलाओं को मारने की बात कबूली। अपने गांव में वह विक्षिप्त की तरह घूमता रहता था। इसलिए उस पर किसी ने शक नहीं किया। पढ़ें पूरी खबर… 6 महिलाओं की हत्या करने वाला साइको किलर गिरफ्तार:बरेली में 13 महीने बाद पकड़ा गया, बोला-मुझे औरतों से नफरत, मारने में मजा आता था यूपी के बरेली में सीरियल साइको किलर पकड़ा गया है। पूछताछ में उसने बताया- हां, मैंने 6 महिलाओं को मारा है। महिलाओं को गला दबाकर मारता था। जाते समय निशानी के लिए गहने ले जाता था। किलर नवाबगंज का रहने वाला है। 13 महीने के भीतर एक ही पैटर्न से बरेली में 11 महिलाओं की हत्या की गई…(पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर