हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के पधर में लोग जान जोखिम में डालकर उफनते हुए नाले को पार कर रहे हैं। सांसद कंगना रनोट के संसदीय क्षेत्र पधर में दमेला-बटाहर-कुफरी सड़क पर दमेला खड्ड में पुल नहीं लगने की वजह से लोग परेशान है। स्थानीय लोग यहां अर्से से पुल लगाने की मांग कर रहे हैं। मगर गूंगे बहरे प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। दमेला खड्ड पर पुल नहीं लगने की वजह से आईटीआई और कालेज के बच्चे रोजाना इस उफनते नाले को इसी तरह जान जोखिम में डालकर पार करते है। यदि नाले में पानी का स्तर ज्यादा बढ़ जाता है तो इन बच्चों को 15 किलोमीटर का सफर तय करके दूसरी सड़क से जाना पड़ता है। जब खड्ड में पानी कम होता है तो रोजाना इसी तरह खड्ड में उतरकर एक दूसरे के सहारे बच्चे और स्थानीय लोग खड्ड को पार करते हैं। ऐसे में खासकर छोटे बच्चों के साथ अनहोनी हो सकती है। दमेला पंचायत के बच्चे इसी खड्ड से होते हुए पधर आईटीआई, नारला कालेज के लिए जाते है। इसी तरह स्थानीय लोगों का भी अक्सर पधर आना जाना रहता है। दशकों से पुल लगाने की मांग कर रहे ग्रामीण भड़वाहण पंचायत के उप प्रधान दर्शन कटारिया, बालक राम, रांझू राम, चमन लाल, राम लाल और विजय कुमार ने बताया कि लोक निर्माण विभाग से दमेला खड्ड में दशकों से मांग की जा रही है, लेकिन हर बार आश्वासन ही दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि भारी बारिश में यहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है। उन्होंने मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनोट और स्थानीय विधायक से जल्द पुल लगाने का आग्रह किया है। पुल लगाने को टेंडर प्रक्रिया पूरी: SDO पीडब्ल्यूडी पधर के सहायक अभियंता (SDO) अंशुमन सोनी ने कहा कि दमेला खड्ड में पुल निर्माण को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिसकी फाइनेंशियल विड भी खुल चुकी है। शीघ्र वर्क अवार्ड कर यहां पुल निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के पधर में लोग जान जोखिम में डालकर उफनते हुए नाले को पार कर रहे हैं। सांसद कंगना रनोट के संसदीय क्षेत्र पधर में दमेला-बटाहर-कुफरी सड़क पर दमेला खड्ड में पुल नहीं लगने की वजह से लोग परेशान है। स्थानीय लोग यहां अर्से से पुल लगाने की मांग कर रहे हैं। मगर गूंगे बहरे प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। दमेला खड्ड पर पुल नहीं लगने की वजह से आईटीआई और कालेज के बच्चे रोजाना इस उफनते नाले को इसी तरह जान जोखिम में डालकर पार करते है। यदि नाले में पानी का स्तर ज्यादा बढ़ जाता है तो इन बच्चों को 15 किलोमीटर का सफर तय करके दूसरी सड़क से जाना पड़ता है। जब खड्ड में पानी कम होता है तो रोजाना इसी तरह खड्ड में उतरकर एक दूसरे के सहारे बच्चे और स्थानीय लोग खड्ड को पार करते हैं। ऐसे में खासकर छोटे बच्चों के साथ अनहोनी हो सकती है। दमेला पंचायत के बच्चे इसी खड्ड से होते हुए पधर आईटीआई, नारला कालेज के लिए जाते है। इसी तरह स्थानीय लोगों का भी अक्सर पधर आना जाना रहता है। दशकों से पुल लगाने की मांग कर रहे ग्रामीण भड़वाहण पंचायत के उप प्रधान दर्शन कटारिया, बालक राम, रांझू राम, चमन लाल, राम लाल और विजय कुमार ने बताया कि लोक निर्माण विभाग से दमेला खड्ड में दशकों से मांग की जा रही है, लेकिन हर बार आश्वासन ही दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि भारी बारिश में यहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है। उन्होंने मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनोट और स्थानीय विधायक से जल्द पुल लगाने का आग्रह किया है। पुल लगाने को टेंडर प्रक्रिया पूरी: SDO पीडब्ल्यूडी पधर के सहायक अभियंता (SDO) अंशुमन सोनी ने कहा कि दमेला खड्ड में पुल निर्माण को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिसकी फाइनेंशियल विड भी खुल चुकी है। शीघ्र वर्क अवार्ड कर यहां पुल निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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ऊना में स्कूटी सवार को बुलेट ने मारी टक्कर:बुजुर्ग की मौत, पत्नी समेत 3 घायल; जा रहा था रेलवे स्टेशन ऊना में एक दर्दनाक सड़क हादसे में 72 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। सोमवार शाम को उप मंडल अंब के नकड़ोह में रेलवे स्टेशन के पास स्कूटी और बुलेट मोटरसाइकिल की आमने-सामने की टक्कर में यह हादसा हुआ। मृतक की पहचान कुनेरन निवासी जोगिन्द्र सिंह पुत्र संगत राम के रूप में हुई है। हादसे के समय वह अपनी पत्नी निर्मला देवी के साथ स्कूटी पर रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे थे। जैसे ही वह स्टेशन की तरफ मुड़ने लगे, मुबारिकपुर से आ रहे बुलेट सवार प्रिंस ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों वाहनों पर सवार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में जोगिन्द्र सिंह की पत्नी निर्मला देवी, बुलेट चालक प्रिंस और सुहानी शामिल हैं। सभी घायलों को तत्काल दौलतपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने जोगिन्द्र सिंह को मृत घोषित कर दिया। एसएचओ अंब गौरव भारद्वाज के अनुसार, पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना भेज दिया है और मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
हिमाचल में आज बारिश-बर्फबारी के आसार:8 जिलों में येलो अलर्ट; कई शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से भी कम
हिमाचल में आज बारिश-बर्फबारी के आसार:8 जिलों में येलो अलर्ट; कई शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से भी कम हिमाचल प्रदेश में बारिश -बर्फबारी के येल्लो अलर्ट के बीच शिमला में रविवार सुबह धूप खिली हुई है। आज प्रदेश भर में बारिश व बर्फबारी होने के आसार है। इसके लिए मौसम विज्ञान केंद्र ने 8 जिलों के लिए गरज के साथ बारिश होने का येल्लो अलर्ट भी जारी किया है। कई शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री भी कम पहुंच चुका है। IMD का अनुमान है कि हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इसका प्रभाव पूरे प्रदेश में दिखेगा। जिसके कारण मैदानी इलाकों में बारिश और प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है। इन जिलों में होगी बारिश-बर्फबारी IMD के अनुसार 8 दिसंबर को कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, मंडी और हमीरपुर व शिमला जिलों में कई स्थानों पर गरज के साथ वर्षा होने के आसार हैं। इसके अलावा कुल्लू, चम्बा ,लाहुल स्पीति व किन्नौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो सकती है। अगले तीन दिन तक प्रदेश में बारिश बर्फबारी के पूर्वानुमान के बाद तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं 10 दिसंबर से एक बार फिर पूरे प्रदेश में माैसम साफ रहने की संभावना है। दो जिलों में फोग का अलर्ट IMD का अनुमान है कि आगामी 10 दिसम्बर से प्रदेश के दो जिलों बिलासपुर व मंडी के मैदानी क्षेत्रों में फॉग का खतरा बढ़ जाएगा। जिसके कारण इन क्षेत्रों में विजिबिलिटी कम हो जाएगी। इसके लिए IMD ने येलो अलर्ट भी जारी किया है। अक्टूबर से अब तक सामान्य से 98 फीसदी कम हुई बारिश प्रदेश में 2 अक्टूबर को मानसून विदा होने के बाद से सामान्य से 98 फीसदी बारिश कम हुई है। बीते दिनों प्रदेश की चोटियों पर हल्की बर्फबारी ही दर्ज की गई। लेकिन मैदानी इलाकों में प्रदेश में सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। पेयजल और बिजली परियोजनाएं भी इस कारण प्रभावित हो रही हैं। बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, सिरमौतर व सोलन में तो बूंद तक नहीं हुई। अन्य जिलों में भी नाममात्र ही बारिश हुई। अब माैसम विभाग के पूर्वानुमान से उम्मीद जगी है। कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री भी कम हिमाचल प्रदेश में भूंतर सहित 6 स्थानों पर न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। शिमला में न्यूनतम तापमान 5, सुंदरनगर 2.5 भुंतर 0.5, कल्पा -1.8, धर्मशाला 5.6, ऊना 1.8 नाहन 8.6 पालमपुर 3.0, सोलन 0.6, कांगड़ा 4.9 मंडी 3.8 बिलासपुर 3.9, जुब्बड़हट्टी 4.6, कुकुमसेरी -6.5, भरमाैर 3.5, सेऊबाग 0.3, धाैलाकुआं 5.4, बरठीं 1.2, समदो -2.9, सराहन 6.1, ताबो में -8.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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प्रत्येक हिमाचल वासी पर 1.17 लाख का कर्ज:अरुणाचल के बाद सबसे ज्यादा; खर्चें कम करेगी सरकार, ऑफिसरों की मौज पर लगेगा अंकुश हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति पर 1 लाख 16 हजार 180 रुपए का कर्ज हो गया है, जो कि देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद सर्वाधिक है। इस आर्थिक बदहाली से प्रदेश को बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू द्वारा गठित रिसोर्स मोबेलाइजेशन कमेटी की मंगलवार दोपहर बाद सचिवालय में अहम मीटिंग हुई। इसमें अनावश्यक खर्चे कम करने, सरकारी गाड़ियों व अफसरों की मौज रोकने और अफसरों का युक्तिकरण करने जैसे सुझाव पर चर्चा की गई। कैबिनेट सब कमेटी के सदस्य एवं टीसीपी मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि, प्रदेश में जितना टैक्स इक्ट्ठा हो रहा, लगभग उतना ही पैसा लोन की किश्त और ब्याज चुकाने में जा रहा है। इसलिए कदम उठाने जरूरी है। आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए आने वाले दिनों में सख्त निर्णय लेने पड़ सकते हैं। मुफ्त की सेवाओं में भी कटौती हो सकती है। उन्होंने कहा कि, साधन संपन्न लोगों को मुफ्त सेवाएं गलत है। यह जरूरतमंदों को ही मिलती रहनी चाहिए। अफसरों के पदों का होगा युक्तिकरण: धर्माणी राजेश धर्माणी ने कहा कि, प्रदेश के विभिन्न विभागों में गेजेटेड अफसरों का युक्तिकरण जरूरी है। यानी जहां 10 अधिकारी हैं, वहां जरूरत के हिसाब से 5 से 6 अफसर रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि, साल 2006 से 2022 के बीच 16 साल में गेजेटेड ऑफिसर की संख्या में 62 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि गेजेटेड ऑफिसर कम करके जरूरत के हिसाब से फील्ड व निचला स्टाफ बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि जनता तक विभिन्न सेवाओं को आसानी से पहुंचाया जा सके। धर्माणी ने कहा, अनप्रोडक्टिव खर्च कम करने होंगे। विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग पर भी अंकुश लगाना होगा। सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग रोकना होगा। बोर्ड-निगमों को खुद आर्थिक संसाधन जुटाने होंगे। 80 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गई बीजेपी सरकार: राजेश राजेश धर्माणी ने कहा कि, हिमाचल में जब कांग्रेस सरकार बनी तब राज्य पर 80 हजार करोड़ रुपए का ज्यादा का कर्ज चढ़ चुका था। 31 मार्च 2023 तक यह 86589 करोड़ हो गया था। 10 हजार करोड़ रुपए की कर्मचारियों की देनदारी सरकार के पास है। इससे डगमगा रही अर्थव्यवस्था इसके विपरीत रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) लगातार कम हो रही है। 14वें वित्त आयोग में हिमाचल को RDG में 40624 करोड़ रुपए मिले थे। 15वें वित्त आयोग में यह बढ़ने के बजाय कम होकर 37199 करोड़ रह गया। साल 2021-22 में RDG 10249 करोड़ मिली थी, जो कि 2025-26 में 3257 करोड़ की रह जाएगी। इससे अर्थव्यवस्था डगमगा रही है। GST प्रतिपूर्ति राशि भी बंद GST प्रतिपूर्ति राशि भी भारत सरकार ने जून 2022 में बंद कर दी है, जोकि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से हर साल 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा मिल रही थी। इसे देखते हुए रिसोर्स मोबेलाइजेशन कमेटी ने काम शुरू कर दिया है। अग्निहोत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बता दें कि, मुख्यमंत्री सुक्खू ने डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में रिसोर्स मोबेलाइजेशन के लिए कैबिनेट सब कमेटी गठित कर रखी है। इसमें मुकेश अग्निहोत्री के अलावा कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान, टीसीपी मिनिस्टर राजेश धर्माणी सदस्य हैं। इस कमेटी की आज सचिवालय में अहम मीटिंग हुई है। कैबिनेट को सुझाव भेजेगी कमेटी इसमें निर्णय लिया गया कि आफिसर के पदों का युक्तिकरण करने से पहले विभिन्न विभागाध्यक्षों से सुझाव लिए जाएंगे और देखा जाएगा कि कहां कितने अधिकारियों की जरूरत है। इस हिसाब से पदों का युक्तिकरण किया जाएगा। कैबिनेट सब कमेटी में खर्च कम करने और आय के साधन बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की गई। आज की मीटिंग में निर्णय लिया गया कि जल्द दोबारा मीटिंग बुलाई जाए, इसमें मुख्य सचिव और वित्त सचिव को भी बुलाया जाए और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सुझाव तैयार कर कैबिनेट को भेजे जाएंगे। इन पर अंतिम निर्णय कैबिनेट मीटिंग में होगा।