<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को बड़ा राजनीतिक तंज कसा है. इस तंज के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ओम प्रकाश माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंचें, इनके पैर सदा ज़मीन पर रहे हैं. इसलिए इनके चाहने वाले भी असंख्य हैं. वरना कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वह अपने आप को सर्राफ समझ बैठते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा राज्यपाल माथुर से ऐसे लोगों को सीख लेनी चाहिये कि ‘चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, पर पांव हमेशा ज़मीं पर रखो’. राजे ने उन्हें सिक्किम का गवर्नर बनाने के लिए पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> का आभार भी व्यक्त किया है. ये बातें राजे ने जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर के नागरिक अभिनंदन समारोह में कही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वसुंधरा राजे राज्यपाल को लेकर क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वसुंधरा राजे ने कहा कि पीएम के करीबी राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ऊपर से गरम, भीतर से नरम है. जिन्होंने छत्तीसगढ़ में कमल खिलाकर असंभव को संभव किया. विपक्षी कुछ भी कहें गवर्नर रबर स्टैप नहीं एक मखमली दस्ताने में लोहे की मुट्ठी (Iron fist in a velvet glove) फिर जैसा घुड़सवार होगा घोड़ा वैसे ही दौड़ेगा. माथुर कुशल घुड़सवार हैं. जिन्हें लगाम खींचना और चाबुक चलाना अच्छे से आता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि राज्यपाल किसी भी विधेयक को रोक सकता है. वह मंत्री परिषद की सलाह से काम तो करता है लेकिन अनुच्छेद 166(2) के अनुसार उसका निर्णय ही अंतिम है. अनुच्छेद 356 में राज्यपाल की सिफ़ारिश पर किसी भी बहुमत की सरकार को हटाकर उस प्रदेश में सरकार के सारे अधिकार राज्यपाल को मिल जाते हैं. इसलिए राज्यपाल शक्ति रहित नहीं, शक्ति सहित होता है. संविधान बनाते वक्त यह तय हुआ कि देश में जैसे राष्ट्रपति हैं वैसे ही राज्‍य को गवर्न करने के लिए गवर्नर होंगे. इसलिए राज्य में गवर्नर ही सबसे शक्तिशाली होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”राजस्थान में टीचर्स डे पर इतने हजार विद्यार्थियों को दिए जाएंगे टैबलेट, तैयारी में जुटे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-cm-bhajanlal-sharma-will-distribute-tablets-to-students-on-teacher-s-day-madan-dilawar-ann-2775603″ target=”_blank” rel=”noopener”>राजस्थान में टीचर्स डे पर इतने हजार विद्यार्थियों को दिए जाएंगे टैबलेट, तैयारी में जुटे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को बड़ा राजनीतिक तंज कसा है. इस तंज के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ओम प्रकाश माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंचें, इनके पैर सदा ज़मीन पर रहे हैं. इसलिए इनके चाहने वाले भी असंख्य हैं. वरना कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वह अपने आप को सर्राफ समझ बैठते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा राज्यपाल माथुर से ऐसे लोगों को सीख लेनी चाहिये कि ‘चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, पर पांव हमेशा ज़मीं पर रखो’. राजे ने उन्हें सिक्किम का गवर्नर बनाने के लिए पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> का आभार भी व्यक्त किया है. ये बातें राजे ने जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर के नागरिक अभिनंदन समारोह में कही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वसुंधरा राजे राज्यपाल को लेकर क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वसुंधरा राजे ने कहा कि पीएम के करीबी राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ऊपर से गरम, भीतर से नरम है. जिन्होंने छत्तीसगढ़ में कमल खिलाकर असंभव को संभव किया. विपक्षी कुछ भी कहें गवर्नर रबर स्टैप नहीं एक मखमली दस्ताने में लोहे की मुट्ठी (Iron fist in a velvet glove) फिर जैसा घुड़सवार होगा घोड़ा वैसे ही दौड़ेगा. माथुर कुशल घुड़सवार हैं. जिन्हें लगाम खींचना और चाबुक चलाना अच्छे से आता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि राज्यपाल किसी भी विधेयक को रोक सकता है. वह मंत्री परिषद की सलाह से काम तो करता है लेकिन अनुच्छेद 166(2) के अनुसार उसका निर्णय ही अंतिम है. अनुच्छेद 356 में राज्यपाल की सिफ़ारिश पर किसी भी बहुमत की सरकार को हटाकर उस प्रदेश में सरकार के सारे अधिकार राज्यपाल को मिल जाते हैं. इसलिए राज्यपाल शक्ति रहित नहीं, शक्ति सहित होता है. संविधान बनाते वक्त यह तय हुआ कि देश में जैसे राष्ट्रपति हैं वैसे ही राज्‍य को गवर्न करने के लिए गवर्नर होंगे. इसलिए राज्य में गवर्नर ही सबसे शक्तिशाली होता है.</p>
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