पंजाब के होशियारपुर जिले के टांडा में हादसे में मृतक परिवार को सिड़ा कॉलोनी कटरा (जम्मू) में नम आँखों से दी अंतिम विदाई दी गई। वहीं फारूक को फौज के जवानों ने सलामी उसका सुपुर्द ए खाक किया गया। लोगों ने दी अंतिम विदाई होशियापुर-टांडा रोड पर सराय के पास पेट्रोल पंप नजदीक ट्रक और इनोवा कार की टक्कर में एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई थी। आज शहर की सिड़ा कॉलोनी कटरा आज पूरे परिवार को लोगों ने अंतिम विदाई दी। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ मौजूद थी। सेना के जवान फारूक अहमद फौज के जवानों ने सलामी और श्रद्धांजलि देकर अंतिम विदाई दी। कल हुआ था हादसा बता दें कि शनिवार को टांडा के अड्डा सारन के पेट्रोल पंप के पास हुए सड़क हादसे में कार में सवार एक बच्चा, दो पुरुष और एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई है। कार में सवार लोग टांडा से पीजीआई चंडीगढ़ जा रहे थे। जबकि ट्रक होशियारपुर से टांडा जा रहा था। तभी अड्डा सारन के पास दोनों की टक्कर हो गई। जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल है, जिसे अमृतसर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। घटनास्थल पर पुलिस प्रशासन द्वारा दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। पंजाब के होशियारपुर जिले के टांडा में हादसे में मृतक परिवार को सिड़ा कॉलोनी कटरा (जम्मू) में नम आँखों से दी अंतिम विदाई दी गई। वहीं फारूक को फौज के जवानों ने सलामी उसका सुपुर्द ए खाक किया गया। लोगों ने दी अंतिम विदाई होशियापुर-टांडा रोड पर सराय के पास पेट्रोल पंप नजदीक ट्रक और इनोवा कार की टक्कर में एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई थी। आज शहर की सिड़ा कॉलोनी कटरा आज पूरे परिवार को लोगों ने अंतिम विदाई दी। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ मौजूद थी। सेना के जवान फारूक अहमद फौज के जवानों ने सलामी और श्रद्धांजलि देकर अंतिम विदाई दी। कल हुआ था हादसा बता दें कि शनिवार को टांडा के अड्डा सारन के पेट्रोल पंप के पास हुए सड़क हादसे में कार में सवार एक बच्चा, दो पुरुष और एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई है। कार में सवार लोग टांडा से पीजीआई चंडीगढ़ जा रहे थे। जबकि ट्रक होशियारपुर से टांडा जा रहा था। तभी अड्डा सारन के पास दोनों की टक्कर हो गई। जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल है, जिसे अमृतसर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। घटनास्थल पर पुलिस प्रशासन द्वारा दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब-हिमाचल के अनजान परिवार, लिवर देकर पति-पिता को बचाया:हरियाणा के अस्पताल में मिले, ब्लड ग्रुप सेम निकला; पहले पत्नी-बेटी डोनेट करने को तैयार थीं
पंजाब-हिमाचल के अनजान परिवार, लिवर देकर पति-पिता को बचाया:हरियाणा के अस्पताल में मिले, ब्लड ग्रुप सेम निकला; पहले पत्नी-बेटी डोनेट करने को तैयार थीं हरियाणा में अनजान परिवारों ने एक-दूसरे के मरीजों को लिवर दान कर जान बचा ली। खास बात यह है कि एक परिवार पंजाब का है तो दूसरा हिमाचल प्रदेश का। दोनों की मुलाकात हरियाणा के फरीदाबाद में हुई। जहां ब्लड ग्रुप सेम होने पर दोनों ने एक-दूसरे के मरीज को लिवर डोनेट करने की सहमति दे दी। जिसके बाद प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर दोनों मरीजों के सफल लिवर ट्रांसप्लांट कर दिए। हिमाचल प्रदेश के परिवार के पिता को 23 साल की बेटी लिवर देने के लिए राजी थी। वहीं पंजाब के बीमार पति को पत्नी लिवर देने को तैयार थी। हालांकि दोनों केसों में मरीज और डोनर का ब्लड ग्रुप अलग-अलग था, इसकी वजह से समस्या हो रही थी। ये दोनों ही मरीज लिवर सिरोसिस की बीमारी से जूझ रहे थे। लिवर ट्रांसप्लांट से जुड़े दोनों केसों के बारे में सिलसिलेवार ढंग से जानिए… हिमाचल के शशिपाल का 2 साल पहले लिवर खराब हुआ
हिमाचल में कुल्लू जिले के रहने वाले 45 वर्षीय शशिपाल को 2 साल पहले लिवर की बिमारी का पता चला था। प्लेटलेट्स कम होने पर उन्होंने डॉक्टरों के कहने पर टेस्ट कराए। तब पता चला कि उन्हें लिवर सिरोसिस की बिमारी है। कुछ समय में उनका वजन बढ़ना शुरू हो गया। उनकी हालत खराब होती चली गई। डॉक्टरों ने रिपोर्ट को देखते हुए उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी। IAS अधिकारी बनने के लिए UPSC एग्जाम की तैयारी कर रही शशिपाल की 23 वर्षीय बेटी सोनल पिता को लिवर देने के लिए तैयार हो गई। शशिपाल का ब्लड ग्रुप B था, जबकि बेटी का ब्लड ग्रुप A था। शशिपाल में उनकी बेटी के ब्लड ग्रुप के खिलाफ एंटीबॉडी का स्तर बहुत अधिक मिला। डॉक्टरों ने बताया कि ब्लड ग्रुप मिस मैच होने की वजह से सोनल शशिपाल को लिवर नहीं दे सकती। पंजाब के अभिषेक को डेढ़ साल पहले बीमारी का पता चला
पंजाब के रहने वाले 32 वर्षीय अभिषेक शर्मा करीब डेढ़ साल पहले एक दिन अचानक बेहोश होकर गिर गए। उनका वजन कम हो गया और बहुत कमजोर हो गए। उन्हें पहले हेपेटाइटिस की शिकायत थी। बाद में डॉक्टरों के कहने पर जांच कराई तो पता चला कि उन्हें सिरोसिस है। अभिषेक की पत्नी उन्हें लिवर देने के लिए तैयार थी, लेकिन यहां भी शशिपाल की तरह हुआ। अभिषेक शर्मा का ब्लड ग्रुप A था, जबकि उनकी पत्नी का ब्लड ग्रुप B था। दोनों ही परिवार ट्रांसप्लांट को लेकर फरीदाबाद में डॉ. पुनीत सिंगला से मिले। डॉ. सिंगला बोले- स्वैप ट्रांसप्लांट बड़ा चैलेंज डॉ. पुनीत सिंगला ने बताया कि दोनों मरीज के परिवार में सेम ब्लड ग्रुप के डोनर नहीं थे। एक मरीज का ब्लड ग्रुप A था, उनके पास B ब्लड ग्रुप का डोनर था। दूसरे मरीज का ब्लड ग्रुप B था और उनके पास A ब्लड ग्रुप का डोनर था। अस्पताल में आने के बाद दोनों परिवारों को आपस में मिलवाया। बातचीत करने के बाद दोनों परिवार एक दूसरे का डोनर बनने के लिए सहमत हो गए। डॉक्टरों की भाषा में इसे स्वैप ट्रांसप्लांट कहा था। मतलब, एक फैमिली के अंदर ब्लड ग्रुप मैचिंग नहीं है तो एक फैमिली दूसरे को लिवर दे सकती है। फरीदाबाद में पहली बार सफल स्वैप लिवर ट्रांसप्लांट हुआ है। स्वैप ट्रांसप्लांट अपने आप में एक चैलेंज जैसा है। दोनों परिवारों को एक दूसरे से मिलाना, इसके बाद मरीज की जान बचाने के लिए उन्हें सहमत करने के लिए विस्तार से बताया जाता है।
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बच्चे के सिर में घुसी जंग लगी रॉड, PGI में निकाली,डॉक्टर बोले- ब्रेन के लेफ्ट साइड थी, यादाश्त खोने, आवाज जाने और पैरालिसिस का खतरा था; 4 घंटे लगे हरियाणा के रोहतक स्थित पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस PGI में पहली बार किसी बच्चे के सिर में घुसी लोहे की रॉड को सफलतापूर्वक निकाला गया। रॉड 8-10 सेंटीमीटर तक सिर के अंदर घुस चुकी थी। डॉक्टरों की 4 घंटे की मेहनत से बच्चे की जान बच गई। मेवात से PGI पहुंचे परिवार के मुताबिक उनका 14 वर्षीय बेटा नौशाद गिर गया था। जहां उसके सिर में रॉड घुस गई। पूरी खबर पढ़ें
अबोहर में महिला ने नहर में कूद दी जान:बेटी के ससुराल वालों से थी परेशान, कनाडा से वापस लौटी, मायके भेजने की धमकी
अबोहर में महिला ने नहर में कूद दी जान:बेटी के ससुराल वालों से थी परेशान, कनाडा से वापस लौटी, मायके भेजने की धमकी अबोहर में गत दिनों गांव घल्लू के निकट नहर से बरामद सिख महिला की पहचान हो गई है। आज उसके परिजन शव लेने के लिए अबोहर के सिविल अस्पताल में पहुंचे और महिला के शव को अपने साथ फरीदकोट ले गए, जहां उसका पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। महिला की पहचान गांव मचाकीकलां जिला फरीदकोट निवासी कोमलप्रीत कौर पत्नी सर्बजीत सिंह के तौर पर हुई है। वहीं, परिवार ने फरीदकोट पुलिस प्रशासन ने इंसाफ की मांग की है। कोमलप्रीत के पति सर्बजीत सिंह ने बताया कि उनकी ओर से अपनी लड़की हरमनप्रीत कौर की शादी दो साल पहले की गई थी। शादी के बाद पढ़ाई के बेस पर उसकी लड़की के ससुरालजन उसे कनाडा भेज दिया, क्योंकि हरमनप्रीत की ओर से आईलेट्स भी की हुई थी। उसने बताया कि लड़के के परिवार की पहली यही शर्त थी कि लड़की उन्हें पढ़ी लिखी व आईलेट्स की होनी चाहिए। कनाडा भेजने का खर्च वह खुद वहन करेंगे, लेकिन इसी बीच कनाडा सरकार का नया रूल आ गया कि लड़की का पति वहां नहीं आ सकता और लड़की को पढ़ाई कर वापस जाना होगा। इसके बाद लड़की के ससुराल वाले हमसे कनाडा भेजने व अन्य कार्यों पर खर्च हुए रूपयों की मांग करने लगे। मायके वापस भेजने की धमकी इसके अलावा उनकी ओर से धमकी भी दी गई थी कि यदि उन्हें पैसे न मिले, तो वे उनकी लड़की को वापस मायके भेज देंगे। सर्बजीत सिंह ने बताया कि लड़की के ससुराल वालों की ओर से इस सिलसिले में लगातार दबाव बनाया गया और इसी से परेशान होकर उसकी पत्नी कोमलप्रीत कौर ने सोमवार की सुबह नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली। जब उन्हें इसकी जानकारी मिली तो वह कोमलप्रीत की तलाश में जुट गए। इधर, सदर फरीदकोट के हेड कांस्टेबल गुरमीत कुमार ने बताया कि शुक्रवार को महिला का फरीदकोट में पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। उसके बाद सीनियर पुलिस अधिकारियों के दिशा-निर्देशों पर बयान लेकर कार्रवाई की जाएगी।
लुधियाना के पिता-पुत्री की सड़क हादसे में मौत:बाइक पर जा रहे थे अमृतसर,कार ने मारी टक्कर,4 घंटे नहीं मिला उपचार
लुधियाना के पिता-पुत्री की सड़क हादसे में मौत:बाइक पर जा रहे थे अमृतसर,कार ने मारी टक्कर,4 घंटे नहीं मिला उपचार पंजाब में सुल्तानपुर अमृतसर हाईवे पर सड़क हादसे में पिता और पुत्री की मौत हो गई। तेजरफ्तार कार चालक ने बाइक को जबरदस्त टक्कर मारी। हादसे के बाद बाइक करीब 15 फूट दूर जाकर गिरी। हादसा इतना भयावक था कि मौके पर व्यक्ति की मौत हो गई जबकि उसके परिवार के तीन सदस्य गंभीर रूप से घायल थे। हादसा करीब 7 बजे हुआ। 4 घंटे तक घायलों को लेकर उनके परिजन और लोग अलग-अलग अस्पतालों में घुमते रहे लेकिन किसी ने घायलों का सही से उपचार नहीं किया। लुधियाना सिविल अस्पताल जब घायलों को लाया गया तब तक 6 वर्षीय बच्ची की मौत हो चुकी थी। मृतक व्यक्ति का नाम संदीप है। उसकी बेटी 6 वर्षीय कोहिनूर है। कोहिनूर पहली यू.के.जी कक्षा में पढ़ती है। पत्नी गगन और 10 वर्षीय बेटी अरलीन जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है। मृतक संदीप गांव लोहारा नजदीक काे रहने वाला है। संदीप परिवार का वह इकलौता सहारा था। मृतक संदीप सिंह बॉन ब्रेड में बतौर ड्राइवर काम करता था। बहन के घर पिछले तीन दिनों रह रहा था संदीप जानकारी मुताबिक संदीप अपने पत्नी और दोनों बेटियों के साथ नकोदर अपनी बहन के पास पिछले दो-तीन दिनों से रह रहा था। आज वह बहन के घर से जीजा का मोटरसाइकिल लेकर सुल्तानपुर लोधी ननिहाल गया था। वहां से वह अमृतसर जा रहा था। सुल्तानपुर अमृतसर हाईवे पर एक तेजरफ्तार इटियोस कार चालक ने उनके बाइक को टक्कर मारी। खून से लथपथ संदीप ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। लोगों की भीड़ ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। कार चालक तुरंत मौके से भाग गया। थाना सुल्तानपुर लोधी की पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर दोनो वाहनों को कब्जे में लेकर मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की। 4 घंटे घायलों को लेकर अस्पतालों में घूमते रहे परिजन
समाज सेवी जसमीत सिंह और परिजनों ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर वह सुल्तानपुर लोधी के अस्पताल में पहुंचे। जहां से डॉक्टरों ने तीनों की हालत गंभीर बताते हुए दूसरे अस्पताल में भेज दिया। परिवार उन्हें सुल्तानपुर के ही बड़े अस्पताल में लेकर पहुंचा, जहां से उन्हें अन्य प्राइवेट अस्पताल में भेज दिया गया। जहां डॉक्टरों ने घायलो की हालत देखते हुए भर्ती करने से मना कर दिया। जिसके बाद पुलिस की हस्तक्षेप के बाद घायलो को भर्ती किया गया। देर रात उक्त प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें बच्चियों की हालत गंभीर बता अन्य बड़े अस्पताल ले जाने को कहा, जिस पर परिजन उन्हें 108 एंबुलेंस की सहायता से लुधियाना के सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां रास्ते मे छोटी बेटी कोहिनूर ने दम तोड़ दिया। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि अगर समय रहते उनकी बच्चियों को इलाज मिला होता, तो छोटी बच्ची कोहिनूर की मौत ना होती। थाना सुल्तानपुर लोधी के सब इंस्पेक्टर मेजर सिंह बोले…
इस संबंध में लुधियाना सिविल अस्पताल में पुहंचे थाना सुल्तानपुर लोधी के सब इंस्पेक्टर मेजर सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही वह घटनास्थल पर पहुंचे थे। जहां से सभी घायलो को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया था। पुलिस ने दोनों वाहनों को कब्जे में लेकर घायलो के बयान दर्ज कर मामला दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।