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गुरदासपुर में वन मंत्री ने किया पौधारोपण:कटारूचक्क बोले- पंजाब में 3 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, 60 प्रतिशत लक्ष्य पूरा
गुरदासपुर में वन मंत्री ने किया पौधारोपण:कटारूचक्क बोले- पंजाब में 3 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, 60 प्रतिशत लक्ष्य पूरा पंजाब सरकार ने इस मानसून सीजन के दौरान राज्य में 3 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वन विभाग ने अब तक 60 प्रतिशत लक्ष्य पूरा कर लिया गया है, जबकि जिला गुरदासपुर में 18 लाख नए पौधे लगाने के रखे गए लक्ष्य के तहत 10 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। यह जानकारी पंजाब के वन विभाग कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल मगरमूदियां में आयोजित वन महोत्सव कार्यक्रम के दौरान दी। पंजाब हेल्थ सिस्टंस कॉरपोरेशन के चेयरमैन रमन बहल, आम आदमी पार्टी के जिला गुरदासपुर शहरी प्रधान व दीनानगर हलका इंचार्ज शमशेर सिंह और जिला वन अधिकारी अतुल कुमार भी उनके साथ मौजूद रहे। नि:शुल्क दिए जा रहे हैं पौधे स्कूल प्रांगण में पौधारोपण करने के उपरांत समारोह को संबोधित करते कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता के सहयोग से इस पौधारोपण अभियान सफल बनाया जाएगा। पेड़ों के बिना मानव जीवन संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पेड़ों की बेतहाशा कटाई और बढ़ते प्रदूषण के कारण जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ी है, वह पृथ्वी पर जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में पेड़ों का सबसे बड़ा योगदान है। इसलिए हर इंसान को अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए और उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वन विभाग की नर्सरियों से आम लोगों को अपने घरों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाने के लिए निःशुल्क पौधे दिए जा रहे हैं। पौधे प्राप्त करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने राज्य के लोगों से अपील की कि वे पंजाब सरकार के अभियान को सफल बनाने के लिए इस मानसून सीजन के दौरान अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाएं।
WATCH: दिवाली के अगले दिन ‘पत्थरबाजी’, घायल शख्स के रक्त से क्यों होता है मां भद्रकाली का तिलक?
WATCH: दिवाली के अगले दिन ‘पत्थरबाजी’, घायल शख्स के रक्त से क्यों होता है मां भद्रकाली का तिलक? <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> देवभूमि हिमाचल प्रदेश की अद्वितीय परंपराओं के आगे हर कोई नतमस्तक है. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर धामी में एक ऐसे ही परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. धामी के हलोग में सालों पहले शुरू हुई यह परंपरा आज भी निभाई जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>धामी में हर साल दिवाली के अगले दिन पत्थर के मेले का आयोजन होता है. यहां तब तक दो गुट आपस में एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं, जब तक कोई घायल न हो जाए. इसके बाद घायल शख्स के रक्त से ही मां भद्रकाली का तिलक किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है सालों पुरानी मान्यता?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मान्यता है कि राजाओं के दौर में धामी रियासत में स्थित भद्रकाली मंदिर में मानव बलि का रिवाज था. रियासत के राजा की मौत के बाद जब रानी ने सती होने का फैसला लिया, तो उन्होंने यहां होने वाली मानव बलि पर रोक लगाने का आदेश दिया था.</p>
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<p dir=”ltr” lang=”hi”>धामी में हर साल दिवाली के अगले दिन पत्थर के मेले का आयोजन होता है. यहां तब तक दो गुट आपस में एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं, जब तक कोई घायल न हो जाए. घायल शख्स के रक्त से ही मां भद्रकाली का तिलक किया जाता है. पत्थरबाजी के दौरान शिवम राजपूत नाम के लड़के के सिर पर जाकर पत्थर लगा. <a href=”https://t.co/NxrHlREcIC”>pic.twitter.com/NxrHlREcIC</a></p>
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) <a href=”https://twitter.com/DobhalAnkush/status/1852354778648465647?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 1, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद एक भैंसे को लाकर उसका कान काटकर छोड़ दिया जाता था और माता भद्रकाली को सांकेतिक रूप से पशु बलि दी जाती थी. कहा जाता है कि माता द्वारा पशु बलि स्वीकार न करने पर इस पत्थर के मेले की शुरुआत हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिवम संजू राजपूत के रक्त से मां का तिलक </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिवाली के एक दिन बाद शुक्रवार को इसी परंपरा का निर्वहन किया गया. कई देर तक दो गुटों के बीच जमकर पत्थर चले. पत्थरबाजी के दौरान शिवम संजू राजपूत नाम के लड़के के सिर पर जाकर पत्थर लगा. 30 साल के शिवम संजू के रक्त से मां भद्राकाली का तिलक किया गया. शिवम संजू राजपूत ने बताया कि वे बीते करीब आठ सालों से इस पत्थर के मेले में भाग लेने के लिए आ रहे हैं. माता भद्रकाली के आशीर्वाद से आज उनके सिर पर आकर यह पत्थर लगा. वे खुद को बेहद भाग्यशाली मानते हैं. शिवम संजू का कहना है कि उन्हें पत्थर के मेले में बिलकुल भी डर नहीं लगता, क्योंकि उनके सब साथ मां का आशीर्वाद है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खुशहाली के किया जाता है मेले का आयोजन </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सालों से इस अनूठी परंपरा को आगे बढ़ा रहे राज परिवार के सदस्य कंवर जगदीप सिंह के मुताबिक, इस मेले का आयोजन धामी की खुशहाली के लिए किया जाता है. इस मेले को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. आज तक इस मेले में हिस्सा लेने वाले लोग पत्थर से चोट लगने की परवाह नहीं करते. इस पत्थर मेले में खून निकलने को लोग अपना सौभाग्य समझते हैं. किसी व्यक्ति के खून निकलने पर उसका तिलक मंदिर में किया जाता है. पत्थर का मेला इलाके की सुख शांति के लिए आयोजित किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सालों पुराना मेला कब हुआ शुरू?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सालों पहले यहां मानव बलि के बाद मां का तिलक किया जाता था, लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव किया गया. हालांकि यह अनूठा पत्थर का मेला कब से मनाया जा रहा है, इस बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं है. पत्थर मेले में बाहर से आया कोई भी व्यक्ति हिस्सा नहीं ले सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पत्थर मेले में सिर्फ दो ही टोलियां होती हैं. एक टोली में राजपरिवार, धगोई, तुनडू, कटेडू, जठौति और दूसरी तरफ से जमोगी टोली के लोग होते है. राज परिवार उत्तराधिकारी जगदीप सिंह ने बताया कि दोनों गुटों में से किसी को भी पत्थर लगने के बाद हरी झंडी दिखाई जाती है. यह पत्थरबाजी को रोकने का संकेत होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-road-transport-corporation-income-on-diwali-and-monthly-ann-2814726″>HRTC की मासिक कमाई में 12 फीसदी की बढ़ोतरी, दीपावली पर एक ही दिन में कमाए 2.72 करोड़</a></strong></p>
नेहा सिंह राठौर को रास नहीं आया भारत की जीत पर जश्न, कहा- ‘क्रिकेट को अपना धर्म बताने वाले बेरोजगार, तुम…’
नेहा सिंह राठौर को रास नहीं आया भारत की जीत पर जश्न, कहा- ‘क्रिकेट को अपना धर्म बताने वाले बेरोजगार, तुम…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>World Cup 2024:</strong> भारत ने रोमांचक उतार-चढ़ाव से भरे फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को शनिवार को सात रन से पराजित कर 17 साल के लम्बे अंतराल के बाद दूसरी बार टी 20 विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया. भारत की इस जीत पर पूरे देश में जश्न का माहौल है. लेकिन अब इस जीत पर जश्न मनाने वालों पर भोजपुरी सिंगर नेहा सिंह राठौर भड़क गई हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भोजपुरी सिंगर ने अपने सोशल मीडिया के जरिए एक पोस्ट कर लिखा, ‘बत्तीस साल की उम्र में बाप के पैसों से खरीदे मोबाइल में नेट पैक डलवाकर क्रिकेट को अपना धर्म बताने वाले बेरोजगार… तुम सिर्फ दया के पात्र हो. क्रिकेट और हिन्दू-राष्ट्र जैसे झुनझुनों से खुद को कब तक बहलाओगे? देश तब तक नहीं जीतेगा जब तक तुम और तुम्हारे जैसे लाखों युवा बेरोजगार रहेंगे.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>[tw]https://x.com/nehafolksinger/status/1807369005679980606[/tw]</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/agra-pandit-deen-dayal-upadhyay-airport-civil-terminal-will-be-built-soon-cost-of-rs-441-crore-ann-2727099″>आगरा एयरपोर्ट पर बनेगा सिविल टर्मिनल, 441 करोड़ रुपये की लागत से होगा तैयार</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूछा ये सवाल</strong><br />उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा, ‘ब्रिटिश हुकूमत और उसके गुलाम देशों के इस खेल में देशभक्ति तलाशने वाले मेरे भाई तुमने पिछली बार हॉकी का पूरा मैच कब देखा था?’ गौरतलब है कि भारत ने सात विकेट पर 176 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने के बाद दक्षिण अफ्रीका की चुनौती को आठ विकेट पर 169 रन पर थाम लिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हार्दिक पांड्या ने 20 रन पर तीन विकेट तथा जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह ने दो-दो विकेट लेकर भारत को आखिरकार चैंपियन बना दिया. भारत ने 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी पहला टी 20 विश्व कप जीता था. लेकिन अब 17 साल बाद भारत ने रोहित शर्मा की कप्तानी में फिर से टी 20 वर्ल्ड कप जीता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>भारत की इस जीत के बाद पूरे देश में जमकर जश्न मनाया गया. हर किसी ने टीम को वर्ल्ड कप जीतने पर बधाई दी है. लेकिन नेहा सिंह राठौर को ये सब रास नहीं आ रहा है. उन्होंने जश्न मनाने वालों को बेरोजगार तक कह दिया. अब उनके इस सोशल मीडिया पोस्ट की जमकर आलोचना हो रही है.</p>