करतारपुर की तर्ज पर ननकाना साहिब कॉरिडोर बने:राघव चड्ढा ने राज्यसभा में उठाया मामला, खुले हो दर्शन दीदार, वीजा भी न लगे

करतारपुर की तर्ज पर ननकाना साहिब कॉरिडोर बने:राघव चड्ढा ने राज्यसभा में उठाया मामला, खुले हो दर्शन दीदार, वीजा भी न लगे

पंजाब के आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्‌ढा ने आज बुधवार को राज्यसभा में करतारपुर साहिब की तर्ज पर ननकाना साहिब कॉरिडोर बनाए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत और पाकिस्तान की सरकार मिलकर काम चाहिए। वही, वहां पर जाने की प्रक्रिया अति सरल हो। किसी तरह का वीजा या फीस आदि न हो। इस काम में पंजाब सरकार की तरफ से जो भी सहयोग मांगा जाएगा। उनकी सरकार की तरफ से सहयोग दिया जाएगा। 1947 हमारे गुरुद्वारे भी बिछड़ गए थे राघव चड्‌ढा ने बताया कि 1947 में जब देश का बंटबारा हुआ तो देश के ही दो टुकड़े नहीं हुए, बल्की हमारे सूबे के भी दो टुकड़े हुए। एक टुकड़ा पाकिस्तान में रह गया, जबकि दूसरा भारत में शामिल हुआ। जब देश का बंटबारा हुआ तब लाखों पंजाबी परिवार का खून बहा था। जिसमें मेरा परिवार शामिल था। कई रिश्तेदार व दोस्त बिछड़ गए। इस दौरान हमारे गुरुद्वारा साहिब भी हमसे बिछड़ गए। आज कई गुरुद्वारा साहिब जैसे करतापुर साहिब, पंजा साहिब व ननकाना साहिब जो पाकिस्तान में स्थित है। इनमें से एक बड़ी पवित्र जगह ननकाना साहिब। जहां श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश हुआ। जो लाहौर से 90 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा कि संगत को खुले दर्शन दीदार की मांग है। दो घंटे में हो पाएंगे दर्शन करतारपुर साहिब की तर्ज पर ननकाना साहिब कॉरिडोर बनाया जाए। ननकाना साहिब के वीजा, फीस न हो। यह प्रक्रिया पूरी तरह सरल हो। अमृतसर अटारी बॉर्डर से ननकाना साहिब 104 किलोमीटर है। इस सफर को दो घंटे में पूरा किया जा सकता है। ऐसे में इस रोड को सेफ पैसेज बनाया जाए। ताकि श्रद्धालु खुल दर्शन कर पाए। इससे पूरी दुनिया में शांति भाईचारे का संदेश जाएगा। करोड़ों संगत की दुआएं दोनों मुल्कों सरकार को मिलेगी। पंजाब के आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्‌ढा ने आज बुधवार को राज्यसभा में करतारपुर साहिब की तर्ज पर ननकाना साहिब कॉरिडोर बनाए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत और पाकिस्तान की सरकार मिलकर काम चाहिए। वही, वहां पर जाने की प्रक्रिया अति सरल हो। किसी तरह का वीजा या फीस आदि न हो। इस काम में पंजाब सरकार की तरफ से जो भी सहयोग मांगा जाएगा। उनकी सरकार की तरफ से सहयोग दिया जाएगा। 1947 हमारे गुरुद्वारे भी बिछड़ गए थे राघव चड्‌ढा ने बताया कि 1947 में जब देश का बंटबारा हुआ तो देश के ही दो टुकड़े नहीं हुए, बल्की हमारे सूबे के भी दो टुकड़े हुए। एक टुकड़ा पाकिस्तान में रह गया, जबकि दूसरा भारत में शामिल हुआ। जब देश का बंटबारा हुआ तब लाखों पंजाबी परिवार का खून बहा था। जिसमें मेरा परिवार शामिल था। कई रिश्तेदार व दोस्त बिछड़ गए। इस दौरान हमारे गुरुद्वारा साहिब भी हमसे बिछड़ गए। आज कई गुरुद्वारा साहिब जैसे करतापुर साहिब, पंजा साहिब व ननकाना साहिब जो पाकिस्तान में स्थित है। इनमें से एक बड़ी पवित्र जगह ननकाना साहिब। जहां श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश हुआ। जो लाहौर से 90 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा कि संगत को खुले दर्शन दीदार की मांग है। दो घंटे में हो पाएंगे दर्शन करतारपुर साहिब की तर्ज पर ननकाना साहिब कॉरिडोर बनाया जाए। ननकाना साहिब के वीजा, फीस न हो। यह प्रक्रिया पूरी तरह सरल हो। अमृतसर अटारी बॉर्डर से ननकाना साहिब 104 किलोमीटर है। इस सफर को दो घंटे में पूरा किया जा सकता है। ऐसे में इस रोड को सेफ पैसेज बनाया जाए। ताकि श्रद्धालु खुल दर्शन कर पाए। इससे पूरी दुनिया में शांति भाईचारे का संदेश जाएगा। करोड़ों संगत की दुआएं दोनों मुल्कों सरकार को मिलेगी।   पंजाब | दैनिक भास्कर