हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर और कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर भड़कते नजर आ रहे हैं। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है और कांग्रेस नेताओं को नसीहत दी है। कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा ने कहा कि हरियाणा में नगर निगम चुनाव आने वाले हैं और कांग्रेस को इन चुनावों का महत्व समझना चाहिए। हम कई शहरी सीटों पर हारे हैं और अगर कांग्रेस आज भी अपना महत्व नहीं समझेगी तो समय निकल जाएगा। कांग्रेस के नेता अहम छोड़े और बैठकर बातचीत करें नगर निगमों और निकायों पर भाजपा का कब्जा है, वह बहुत प्रभाव डालती है और स्थिर रहती है, इसलिए कांग्रेस को भी स्थिर रहना चाहिए। कांग्रेस नेताओं को या तो अपनी स्थिति देखनी चाहिए और कांग्रेस पर तरस खाना चाहिए और फिर अपना अहम और प्रतिष्ठा त्याग कर आपस में बैठ कर बात करनी चाहिए, सब कुछ गंवाने के बाद उन्हें होश नहीं आएगा। कांग्रेस से बड़ा कोई नहीं है। अगर किसी को लगता है तो उसे कांग्रेस छोड़ कर चुनाव लड़ कर देखना चाहिए। हाईकमान को पत्र लिखूंगा दूसरी बात यह है कि हरियाणा कांग्रेस के ये नेता एक साथ बैठें या नहीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान को पहल करनी चाहिए। कांग्रेस हाईकमान को सभी नेताओं को बुलाकर एक साथ बैठाना चाहिए, क्योंकि आने वाले समय में 53 स्थानीय निकायों के चुनाव हैं। साथ ही मैने सोचा है कि नए साल में एक पत्र कांग्रेस हाईकमान को लिखूंगा। कांग्रेस को आगे किस तरह से चलना है और हाईकमान कमान का रोल उसमें क्या होता है? यह सब मुझे बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन कई बार याद दिलाना पड़ता है। एक वर्ग से कांग्रेस चलेगी या सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा? उन्होंने कहा कि ऐसे वर्ग हैं, जो सदैव कांग्रेस के साथ रहे है, जहां से कांग्रेस को मार पड़ी, और वे लोग कांग्रेस छोड़कर गए, क्या एक वर्ग से कांग्रेस चल जाएगी या सबको साथ लेना पड़ेगा? इस पर बहुत ही गहन चर्चा होनी चाहिए और मेरा मानना है कि अगर सकारात्मक और सच्चाई को बीच में रखकर चर्चा होगी तो इसका हल भी निकलेगा। अगर इन नेताओं को एक दूसरे से तकलीफ है तो मैं एक मंच पर बैठने के लिए तैयार हूं। जीत के सौदागर सब बन जाते हैं। तीन महीने बाद भी विधानसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी किसी ने भी नहीं ली? इस पर कुलदीप शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि विक्टरी हैज सो मैनी मास्टर यानी जीत के अनेकों सौदागर बन जाते हैं और हार की कोई जिम्मेदारी नहीं लेता। हम हारे हैं अपनी गलतियों की वजह से हारे हैं। हार की जिम्मेदारी किसे लेनी चाहिए और किसे नहीं, ऐसे में किसी का नैतिक कर्तव्य भी बनता होगा। या फिर पदों से चिपके रहने का लालच ही बना कर रखना है तो लगे रहो। नेताओं की बयानबाजी से परेशान नेताओं की आपसी बयानबाजी और आपसी मनमुटाव से लाेग भी तंग आ चुके हैं और कार्यकर्ता भी चिंतित हैं। इसके बारे में हाईकमान को सब कुछ पता है। जब भी हार जाते हैं तो एक कमेटी बना दी जाती है, क्या होगा उस कमेटी से, किसी भी छोटे से कार्यकर्ता से पूछ लो कि क्यों हारे, वह भी बता देगा। हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर और कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर भड़कते नजर आ रहे हैं। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है और कांग्रेस नेताओं को नसीहत दी है। कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा ने कहा कि हरियाणा में नगर निगम चुनाव आने वाले हैं और कांग्रेस को इन चुनावों का महत्व समझना चाहिए। हम कई शहरी सीटों पर हारे हैं और अगर कांग्रेस आज भी अपना महत्व नहीं समझेगी तो समय निकल जाएगा। कांग्रेस के नेता अहम छोड़े और बैठकर बातचीत करें नगर निगमों और निकायों पर भाजपा का कब्जा है, वह बहुत प्रभाव डालती है और स्थिर रहती है, इसलिए कांग्रेस को भी स्थिर रहना चाहिए। कांग्रेस नेताओं को या तो अपनी स्थिति देखनी चाहिए और कांग्रेस पर तरस खाना चाहिए और फिर अपना अहम और प्रतिष्ठा त्याग कर आपस में बैठ कर बात करनी चाहिए, सब कुछ गंवाने के बाद उन्हें होश नहीं आएगा। कांग्रेस से बड़ा कोई नहीं है। अगर किसी को लगता है तो उसे कांग्रेस छोड़ कर चुनाव लड़ कर देखना चाहिए। हाईकमान को पत्र लिखूंगा दूसरी बात यह है कि हरियाणा कांग्रेस के ये नेता एक साथ बैठें या नहीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान को पहल करनी चाहिए। कांग्रेस हाईकमान को सभी नेताओं को बुलाकर एक साथ बैठाना चाहिए, क्योंकि आने वाले समय में 53 स्थानीय निकायों के चुनाव हैं। साथ ही मैने सोचा है कि नए साल में एक पत्र कांग्रेस हाईकमान को लिखूंगा। कांग्रेस को आगे किस तरह से चलना है और हाईकमान कमान का रोल उसमें क्या होता है? यह सब मुझे बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन कई बार याद दिलाना पड़ता है। एक वर्ग से कांग्रेस चलेगी या सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा? उन्होंने कहा कि ऐसे वर्ग हैं, जो सदैव कांग्रेस के साथ रहे है, जहां से कांग्रेस को मार पड़ी, और वे लोग कांग्रेस छोड़कर गए, क्या एक वर्ग से कांग्रेस चल जाएगी या सबको साथ लेना पड़ेगा? इस पर बहुत ही गहन चर्चा होनी चाहिए और मेरा मानना है कि अगर सकारात्मक और सच्चाई को बीच में रखकर चर्चा होगी तो इसका हल भी निकलेगा। अगर इन नेताओं को एक दूसरे से तकलीफ है तो मैं एक मंच पर बैठने के लिए तैयार हूं। जीत के सौदागर सब बन जाते हैं। तीन महीने बाद भी विधानसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी किसी ने भी नहीं ली? इस पर कुलदीप शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि विक्टरी हैज सो मैनी मास्टर यानी जीत के अनेकों सौदागर बन जाते हैं और हार की कोई जिम्मेदारी नहीं लेता। हम हारे हैं अपनी गलतियों की वजह से हारे हैं। हार की जिम्मेदारी किसे लेनी चाहिए और किसे नहीं, ऐसे में किसी का नैतिक कर्तव्य भी बनता होगा। या फिर पदों से चिपके रहने का लालच ही बना कर रखना है तो लगे रहो। नेताओं की बयानबाजी से परेशान नेताओं की आपसी बयानबाजी और आपसी मनमुटाव से लाेग भी तंग आ चुके हैं और कार्यकर्ता भी चिंतित हैं। इसके बारे में हाईकमान को सब कुछ पता है। जब भी हार जाते हैं तो एक कमेटी बना दी जाती है, क्या होगा उस कमेटी से, किसी भी छोटे से कार्यकर्ता से पूछ लो कि क्यों हारे, वह भी बता देगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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