करनाल की अंकिता ने युवक की बचाई जान, VIDEO:सड़क किनारे लोगों ने मरा समझकर छोड़ा, महिला ने पल्स जांचकर दिया CPR, सांसें लौटीं

करनाल की अंकिता ने युवक की बचाई जान, VIDEO:सड़क किनारे लोगों ने मरा समझकर छोड़ा, महिला ने पल्स जांचकर दिया CPR, सांसें लौटीं

करनाल के सेक्टर-6 में मंगलवार रात एक महिला नर्सिंग सुपरवाइजर सड़क किनारे घायल युवक के लिए फरिश्ता बन गई। लोगों ने हादसे का शिकार हुए जिस युवक को मृत मान लिया था, उसे महिला ने न सिर्फ पल्स चेक की बल्कि तुरंत सीपीआर देकर उसकी सांसें भी लौटा दीं। नर्सिंग सुपरवाइजर पुलिस की मदद से युवक को विर्क अस्पताल में लेकर पहुंची और जरूरी ट्रीटमेंट दिया। हालत ठीक होने पर युवक को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। नर्सिंग सुपरवाइजर द्वारा ऑफ ड्यूटी होते हुए भी मानवीय कार्य की सराहना न सिर्फ अस्पताल बल्कि पूरा शहर कर रहा है। महिला द्वारा युवक को सीपीआर देते हुए का वीडियो भी वायरल हुआ है। डॉक्टरों की मानें तो समय पर सीपीआर न मिलता तो युवक की जान जा सकती थी। बेटे को आइसक्रीम दिलाने निकली थी महिला करनाल के सेक्टर-6 में रहने वाली अंकिता मान विर्क अस्पताल में नर्सिंग सुपरवाइजर है और करीब डेढ़ साल से अस्पताल में काम कर रही है। घटना मंगलवार रात करीब 10 बजे की है। अंकिता मान अपने बेटे को आइसक्रीम दिलाने गाड़ी से निकली थीं। सेक्टर-6 स्थित गुरुद्वारे के पास पहुंचीं तो देखा कि सड़क किनारे भीड़ जुटी है। आखिर यहां पर भीड़ क्यों है, यह जानने के लिए उन्होंने गाड़ी रोकी और नीचे उतरकर देखा तो एक युवक अचेत अवस्था में सड़क किनारे पड़ा था। लोग बोले- मर चुका है, कुछ मत करो अंकिता ने जब युवक के बारे में पूछताछ की तो आसपास खड़े लोगों ने कहा कि युवक की मौत हो चुकी है। सबने मान लिया था कि अब कुछ नहीं किया जा सकता। लेकिन चूंकि अंकिता मेडिकल फील्ड से हैं, उन्होंने युवक की पल्स चेक की। जब महसूस हुआ कि युवक की नब्ज चल रही है, तो उन्होंने वक्त गंवाए बिना तुरंत युवक को सीपीआर देना शुरू कर दिया। सीपीआर से लौटीं सांसें, फिर मंगाई अस्पताल की एम्बुलेंस सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) देने के बाद युवक की हालत में सुधार होने लगा और उसकी सांसें लौट आईं। इसके बाद अंकिता ने तुरंत विर्क अस्पताल की एंबुलेंस बुलवाई और युवक को अस्पताल ले गईं। वहां उसे ट्रीटमेंट देने के बाद जब स्थिति कुछ स्थिर हुई, तो उसे कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। उल्टी में फंसा था खाना, सांस की नली हुई थी बंद अंकिता ने बताया कि युवक की उम्र करीब 25 साल है और उसका एक्सीडेंट हुआ था। एक्सीडेंट के बाद युवक को उल्टी आई और उल्टी में आया हुआ खाना उसकी सांस की नली में फंस गया था। जिससे वह सांस नहीं ले पा रहा था और बेहोश होकर गिर गया था। जब सीपीआर दिया गया तो वह रिस्पॉन्ड नहीं कर रहा था, लेकिन कुछ ही मिनटों में वह फिर से सांस लेने लगा। लोग कर रहे थे मना, लेकिन नहीं मानी बात सीपीआर के समय भी अंकिता को लोगों ने मना किया कि वह कुछ न करें, क्योंकि युवक मर चुका है। लेकिन अंकिता ने किसी की नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि ऑन ड्यूटी रहते हुए कई बार लोगों की जान बचाई है, लेकिन यह पहला ऑफ ड्यूटी केस था, जिसमें मैंने जान बचाई। अगर उस समय मैंने पल्स चेक न की होती और सीपीआर न दिया होता, तो युवक कुछ ही मिनटों में दम तोड़ देता। डॉ. सुनील सेठी बोले – सीपीआर हर किसी को आना चाहिए विर्क अस्पताल के डॉ. सुनील सेठी ने कहा कि सीपीआर हर व्यक्ति को आना चाहिए। इससे हार्ट पंप होता है और ब्रेन तक ऑक्सीजन पहुंचती है। सांस और नब्ज रुकने के बाद अगर 3 से 5 मिनट के अंदर सीपीआर नहीं दिया गया तो बचने के चांस बहुत कम हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सीन सेफ्टी का भी ध्यान रखना जरूरी होता है, जैसे हादसा अगर सड़क के बीच हुआ हो तो पीड़ित को किनारे लाना चाहिए। सीपीआर बेसिक जीवन रक्षक प्रक्रिया है जिसे सभी को सीखना चाहिए। इससे कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। अंकिता ने बढ़ाया है अस्पताल का मान विर्क अस्पताल के डॉक्टर प्रवेश गाबा ने बताया कि जैसे ही युवक यहां पर आया तो उसको प्राथमिक चिकित्सा दी गई और उसके 15 से 20 मिनट बाद ही उसको करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया था। क्योंकि युवक के बारे में हमारे पास कोई डिटेल भी नहीं थी और न ही युवक के साथ उसका कोई परिजन था। अंकिता मान ने मानवीय कार्य किया है और प्रत्येक व्यक्ति को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और एक महिला होते हुए उन्होंने सड़क किनारे पड़े युवक को जीवनदान दिया। करनाल के सेक्टर-6 में मंगलवार रात एक महिला नर्सिंग सुपरवाइजर सड़क किनारे घायल युवक के लिए फरिश्ता बन गई। लोगों ने हादसे का शिकार हुए जिस युवक को मृत मान लिया था, उसे महिला ने न सिर्फ पल्स चेक की बल्कि तुरंत सीपीआर देकर उसकी सांसें भी लौटा दीं। नर्सिंग सुपरवाइजर पुलिस की मदद से युवक को विर्क अस्पताल में लेकर पहुंची और जरूरी ट्रीटमेंट दिया। हालत ठीक होने पर युवक को करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। नर्सिंग सुपरवाइजर द्वारा ऑफ ड्यूटी होते हुए भी मानवीय कार्य की सराहना न सिर्फ अस्पताल बल्कि पूरा शहर कर रहा है। महिला द्वारा युवक को सीपीआर देते हुए का वीडियो भी वायरल हुआ है। डॉक्टरों की मानें तो समय पर सीपीआर न मिलता तो युवक की जान जा सकती थी। बेटे को आइसक्रीम दिलाने निकली थी महिला करनाल के सेक्टर-6 में रहने वाली अंकिता मान विर्क अस्पताल में नर्सिंग सुपरवाइजर है और करीब डेढ़ साल से अस्पताल में काम कर रही है। घटना मंगलवार रात करीब 10 बजे की है। अंकिता मान अपने बेटे को आइसक्रीम दिलाने गाड़ी से निकली थीं। सेक्टर-6 स्थित गुरुद्वारे के पास पहुंचीं तो देखा कि सड़क किनारे भीड़ जुटी है। आखिर यहां पर भीड़ क्यों है, यह जानने के लिए उन्होंने गाड़ी रोकी और नीचे उतरकर देखा तो एक युवक अचेत अवस्था में सड़क किनारे पड़ा था। लोग बोले- मर चुका है, कुछ मत करो अंकिता ने जब युवक के बारे में पूछताछ की तो आसपास खड़े लोगों ने कहा कि युवक की मौत हो चुकी है। सबने मान लिया था कि अब कुछ नहीं किया जा सकता। लेकिन चूंकि अंकिता मेडिकल फील्ड से हैं, उन्होंने युवक की पल्स चेक की। जब महसूस हुआ कि युवक की नब्ज चल रही है, तो उन्होंने वक्त गंवाए बिना तुरंत युवक को सीपीआर देना शुरू कर दिया। सीपीआर से लौटीं सांसें, फिर मंगाई अस्पताल की एम्बुलेंस सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) देने के बाद युवक की हालत में सुधार होने लगा और उसकी सांसें लौट आईं। इसके बाद अंकिता ने तुरंत विर्क अस्पताल की एंबुलेंस बुलवाई और युवक को अस्पताल ले गईं। वहां उसे ट्रीटमेंट देने के बाद जब स्थिति कुछ स्थिर हुई, तो उसे कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। उल्टी में फंसा था खाना, सांस की नली हुई थी बंद अंकिता ने बताया कि युवक की उम्र करीब 25 साल है और उसका एक्सीडेंट हुआ था। एक्सीडेंट के बाद युवक को उल्टी आई और उल्टी में आया हुआ खाना उसकी सांस की नली में फंस गया था। जिससे वह सांस नहीं ले पा रहा था और बेहोश होकर गिर गया था। जब सीपीआर दिया गया तो वह रिस्पॉन्ड नहीं कर रहा था, लेकिन कुछ ही मिनटों में वह फिर से सांस लेने लगा। लोग कर रहे थे मना, लेकिन नहीं मानी बात सीपीआर के समय भी अंकिता को लोगों ने मना किया कि वह कुछ न करें, क्योंकि युवक मर चुका है। लेकिन अंकिता ने किसी की नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि ऑन ड्यूटी रहते हुए कई बार लोगों की जान बचाई है, लेकिन यह पहला ऑफ ड्यूटी केस था, जिसमें मैंने जान बचाई। अगर उस समय मैंने पल्स चेक न की होती और सीपीआर न दिया होता, तो युवक कुछ ही मिनटों में दम तोड़ देता। डॉ. सुनील सेठी बोले – सीपीआर हर किसी को आना चाहिए विर्क अस्पताल के डॉ. सुनील सेठी ने कहा कि सीपीआर हर व्यक्ति को आना चाहिए। इससे हार्ट पंप होता है और ब्रेन तक ऑक्सीजन पहुंचती है। सांस और नब्ज रुकने के बाद अगर 3 से 5 मिनट के अंदर सीपीआर नहीं दिया गया तो बचने के चांस बहुत कम हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सीन सेफ्टी का भी ध्यान रखना जरूरी होता है, जैसे हादसा अगर सड़क के बीच हुआ हो तो पीड़ित को किनारे लाना चाहिए। सीपीआर बेसिक जीवन रक्षक प्रक्रिया है जिसे सभी को सीखना चाहिए। इससे कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। अंकिता ने बढ़ाया है अस्पताल का मान विर्क अस्पताल के डॉक्टर प्रवेश गाबा ने बताया कि जैसे ही युवक यहां पर आया तो उसको प्राथमिक चिकित्सा दी गई और उसके 15 से 20 मिनट बाद ही उसको करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया था। क्योंकि युवक के बारे में हमारे पास कोई डिटेल भी नहीं थी और न ही युवक के साथ उसका कोई परिजन था। अंकिता मान ने मानवीय कार्य किया है और प्रत्येक व्यक्ति को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और एक महिला होते हुए उन्होंने सड़क किनारे पड़े युवक को जीवनदान दिया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर