करनाल की महिला ने ससुराल पक्ष पर दहेज उत्पीड़न, मारपीट और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए है। महिला ने कहा कि शराब पीकर पति मारपीट करता है और कार और फ्रिज की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। करनाल निवासी राखी की शादी 29 जून 2020 को शामली (उत्तर प्रदेश) निवासी युवक के साथ हिंदू रीति-रिवाज़ से हुई थी। शादी में मायके वालों ने लाखों रुपए खर्च करके दहेज का सामान दिया था, लेकिन ससुरालवालों की मांगें फिर भी खत्म नहीं हुईं। महिला ने बताया कि कुल मिलाकर शादी पर लगभग आठ लाख रुपए खर्च किए गए। लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद ही ससुरालवाले दहेज को लेकर ताने देने लगे। ससुराल पक्ष ने पंचायत में मानी गलती महिला ने बताया कि 2021 में भी उसने ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत की थी। उस समय पंचायत के माध्यम से समझौता हुआ और ससुरालवालों ने अपनी गलती मानते हुए भविष्य में उसे प्रताड़ित न करने का वादा किया। लेकिन समझौते के बाद भी कुछ ही महीनों में ससुरालवालों ने फिर से दहेज की मांग शुरू कर दी। बेटी के जन्म पर दिए ताने महिला ने 2021 में पहली बेटी को जन्म दिया। इसके बाद ससुराल वालों ने उसे मनहूस और अपशकुनी कहकर ताने मारने शुरू कर दिए। 2023 में दूसरी बेटी के जन्म के बाद स्थिति और खराब हो गई। उन्होंने उसे दोबारा घर से बाहर निकाल दिया और धमकी दी कि जब तक दहेज की मांग पूरी नहीं होगी, उसे ससुराल में रहने नहीं दिया जाएगा। महिला को घर से निकाला महिला ने बताया कि बीती 13 फरवरी की रात ससुराल वालों ने उससे मारपीट की और घर से निकाल दिया। अगले दिन, जब उसका भाई उसे लेने ससुराल पहुंचा, तो उसके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। ससुरालवालों ने दहेज का सामान देने से इनकार कर दिया। महिला इस समय अपने मायके में रह रही है। करनाल की महिला ने ससुराल पक्ष पर दहेज उत्पीड़न, मारपीट और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए है। महिला ने कहा कि शराब पीकर पति मारपीट करता है और कार और फ्रिज की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। करनाल निवासी राखी की शादी 29 जून 2020 को शामली (उत्तर प्रदेश) निवासी युवक के साथ हिंदू रीति-रिवाज़ से हुई थी। शादी में मायके वालों ने लाखों रुपए खर्च करके दहेज का सामान दिया था, लेकिन ससुरालवालों की मांगें फिर भी खत्म नहीं हुईं। महिला ने बताया कि कुल मिलाकर शादी पर लगभग आठ लाख रुपए खर्च किए गए। लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद ही ससुरालवाले दहेज को लेकर ताने देने लगे। ससुराल पक्ष ने पंचायत में मानी गलती महिला ने बताया कि 2021 में भी उसने ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत की थी। उस समय पंचायत के माध्यम से समझौता हुआ और ससुरालवालों ने अपनी गलती मानते हुए भविष्य में उसे प्रताड़ित न करने का वादा किया। लेकिन समझौते के बाद भी कुछ ही महीनों में ससुरालवालों ने फिर से दहेज की मांग शुरू कर दी। बेटी के जन्म पर दिए ताने महिला ने 2021 में पहली बेटी को जन्म दिया। इसके बाद ससुराल वालों ने उसे मनहूस और अपशकुनी कहकर ताने मारने शुरू कर दिए। 2023 में दूसरी बेटी के जन्म के बाद स्थिति और खराब हो गई। उन्होंने उसे दोबारा घर से बाहर निकाल दिया और धमकी दी कि जब तक दहेज की मांग पूरी नहीं होगी, उसे ससुराल में रहने नहीं दिया जाएगा। महिला को घर से निकाला महिला ने बताया कि बीती 13 फरवरी की रात ससुराल वालों ने उससे मारपीट की और घर से निकाल दिया। अगले दिन, जब उसका भाई उसे लेने ससुराल पहुंचा, तो उसके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया। ससुरालवालों ने दहेज का सामान देने से इनकार कर दिया। महिला इस समय अपने मायके में रह रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा निर्दलीय उम्मीदवार का दावा, ED की धमकी मिली:कादियान बोले- बड़ौली टिकट नहीं दिला सके; लोकसभा चुनाव में तन, मन, धन से मदद की हरियाणा के निर्दलीय उम्मीदवार देवेंद्र कादियान ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि उन्हें ED-CBI की धमकियां मिल रही हैं। कादियान भारतीय जनता पार्टी (BJP) से टिकट कटने के बाद गन्नौर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि मोहन लाल बड़ौली हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन वह उन्हें टिकट तक नहीं दिला सके। देवेंद्र कादियान मन्नत ग्रुप होटल्स के चेयरमैन हैं। उन्होंने राजनीति की शरुआत युवा कांग्रेस में की। वे राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। 2018 में कांग्रेस छोड़ कर उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। 2019 में मनोहर लाल खट्टर ने रथ यात्रा निकली थी। तब कादियान ने गन्नौर में रथ यात्रा का भव्य स्वागत किया था, इस दौरान भी वे गन्नौर भाजपा में टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने टिकट निर्मल चौधरी को दे दी। इसके बाद कादियान बागी हो गए। तब मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें मनाया था। विदेशों से मिल रही धमकियां, पुलिस में शिकायत दी देवेंद्र कादियान ने दूसरे प्रत्याशियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें चुनाव में बैठाने के लिए खुले मंच और विदेशों से धमकियां मिल रही है। साथ ही जो उनके समर्थक है, उन्हें भी विदेशों से फोन पर जान से मारने व चुनाव से दूर रहने की धमकियां मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में दोनों प्रत्याशियों की जमानत जब्त होगी। इसी डर की वजह से उन्हें धमकियां मिल रही है। उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर भी कार्रवाई की मांग की है। बड़ौली की तन, मन, धन से मदद की देवेंद्र कादियान ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर आरोप लगाया कि, जिनको टिकट मिली उन्हीं ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराया। लोकसभा चुनाव में बड़ौली ने ये आरोप लगाया था जिसको टिकट मिली उसने मुझे हराया। ये कमाल की बात है कि मैंने उनकी लोकसभा चुनाव में तन, मन और धन से मदद की, लेकिन वह एक टिकट नहीं दिला सके। दरअसल, आज कोई भी बड़ा नेता यह नहीं चाहता कि कोई नया युवा राजनीति में आए और आगे बढ़े। लाइव आकर बीजेपी छोड़ने का किया था ऐलान हरियाणा के सोनीपत जिले की गन्नौर विधानसभा सीट पर भाजपा के लिए ये कादियान बड़ी चुनौती बने हुए हैं। करीब 10 साल से क्षेत्र में सक्रिय भाजपा नेता एवं युवा आयोग के चेयरमैन देवेंद्र कादियान ने लाइव आकर भाजपा छोड़ने का ऐलान किया था। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू भी निकल आए। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ लोग 100 करोड़ रुपए देकर टिकट लेकर आए हैं। करोड़ों में खरीदने की बात कर रहे देवेंद्र कादियान ने यह भी आरोप लगाया है, कि ‘वे सबसे अपील करते हैं कि कृपया सच्चाई के साथ चलिए, कृपया वफादारी के साथ चलिए, कृपया इंसानियत के साथ चलिए। दिखा दीजिए कि असली टिकट गन्नौर के अंदर है। यह 100 करोड़ में खुद की टिकट लेकर आए हैं। वे आपको करोड़ों में खरीदने की बात कर रहे हैं, लेकिन मैंने कभी इस हलके में कोई आदमी बिकाऊ नहीं दिखा। देखता हूं वह कैसे खरीदेगा। मेरी अपील है कि दो नंबर के पैसे लेने से मना मत करना, गठरी आएगी पैसों की रखवा लेना। मना मत करना। गौशालाएं हैं, मंदिर हैं। किसी भी अच्छी जगह ये पैसे लगा देना, लेकिन इनके 100 करोड़ निकालने हैं। 2015 में नारा दिया- नेता नहीं बेटा देवेंद्र कादियान अपने एक नारे को लेकर भी काफी चर्चा में रहे। 2015 में व्यापार से जब उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया तो उन्होंने कहा कि वह नेता नहीं, गन्नौर के बेटा हैं। इस चुनाव में भी वह निर्दलीय के रूप में नेता नहीं बेटा को लेकर ही प्रचार कर रहे हैं। देवेंद्र क्षेत्र में समाजसेवी की छवि रखते हैं। फ्री में एंबुलेंस चला रहे हैं, गरीब युवाओं की शिक्षा में भी सहयोग कर रहे हैं। देवेंद्र कादियान इस बार अपनी टिकट को पक्का मान कर चल रहे थे, लेकिन अब भाजपा के जवाब देने के बाद उन्होंने भाजपा को अलविदा कह दिया। यहां पढ़िए गन्नौर का सियासी गणित गन्नौर में हर चुनाव में कड़ा मुकाबला, निर्दलीय भी जीते गन्नौर में वर्ष 1967 से अब तक विधानसभा के 13 चुनाव हो चुके हैं। गन्नौर विधानसभा सीट 2005 में अस्तित्व में आई है। इससे पहले इसे कैलाना हलके के नाम से जाना जाता था। इस सीट पर हर बार प्रत्याशियों में मुकाबला कड़ा व आमने सामने का रहा है। 6 चुनाव में तो प्रत्याशी की जीत का अंतर 2000 वोटों से नीचे रहा है। यहां पर 1972 व 1982 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। 1987 में लोकदल के वेद सिंह ने निर्दलीय राजिंद्र सिंह को 17,614 वोटों से हराया और यह गन्नौर के इतिहास में आज तक की सबसे बड़ी जीत है। वर्ष 2009 व 2019 के चुनाव में जीत की अंतर 10 हजार से थोड़ा उपर रहा। 2000 के चुनाव में कांग्रेस के जितेंद्र मलिक इनेलो से मात्र 740 वोटों से जीते थे।
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नूंह में गौरक्षक को गोली मारने में दूसरी गिरफ्तारी:15 जून को मुंबई एक्सप्रेसवे पर हुई मुठभेड़; 3 दिन के रिमांड पर लिया हरियाणा के नूंह के थाना फिरोजपुर झिरका की सीमा में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर बीते 15 जून की सुबह गौ रक्षकों और गौ तस्करों में मुठभेड़ मामले में नूंह पुलिस ने दूसरी गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान हनुमान उर्फ अढमान के रूप में हुई है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर 3 दिन की रिमांड लिया है। इस मुठभेड़ में गोली लगने से एक गौ-रक्षक सोनू उर्फ देवेंद्र निवासी फीदेडी जिला रेवाड़ी गंभीर रूप से घायल हो गया था। नूंह पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर गो तस्कर और गौ-रक्षक मुठभेड़ मामले में दूसरी गिरफ्तारी की है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान हनुमान उर्फ अढमान बागरियों की ढाणी जिला दूदू राजस्थान के रूप में हुई है। आरोपी हनुमान को दूदू जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 48 से पुलिस ने बीते शुक्रवार को दबोचा था। उसको कोर्ट में पेश कर तीन दिन पुलिस रिमांड पर लिया है। इस मामले में अभी एक आरोपी की गिरफ्तारी और होनी है। बता दें कि बीते 15 जून की गो-रक्षक टीम को सूचना मिली थी दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर एक बोलेरो पिकअप जयपुर से दिल्ली की ओर आ रही है।जिसमें गोवंश को तस्करी कर ले जाया जा रहा है। जिसकी सूचना गो-रक्षा स्टाफ को दी गई। जिसके मुताबिक गो-रक्षक पुलिस स्टाफ के साथ दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के एक मार्ग ठिकाने पर पहुंचे। जहां राजस्थान की ओर से आ रही पिकअप गाड़ी को रुकने का इशारा किया। चालक ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी। गो-रक्षकों ने पीछा किया तो तस्कर चलती हुई पिकअप छोड़कर भागने लगे। इसी दौरान गो रक्षक सोनू उर्फ देवेंद्र ने गो-तस्कर को पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन पिकअप में बैठे एक तस्कर ने सोनू को गोली मार दी। पिकअप गाड़ी साइड में पलट गई। जबकि गौरक्षक सोनू गंभीर रूप से घायल हो गया। एक गो-तस्कर को काबू कर लिया गया। घायल गौरक्षक सोनू उर्फ देवेंद्र को गुरुग्राम मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया।
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पानीपत में चोरी करते हुए युवक की मौत:सोनीपत से 3 दोस्त हरिद्वार जा रहे थे, पैसों के लिए दुकान में पहुंचे; दो गिरफ्तार हरियाणा के पानीपत में एक खराद की दुकान में चोरी करते वक्त एक आरोपी युवक की मौत हो गई। वहीं, उसके साथ के दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए युवकों से चोरीशुदा कटर मशीन व वारदात में प्रयुक्त कार बरामद हुई है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अजय व प्रिंस निवासी गांव दतौली सोनीपत के रूप में हुई है। आरोपी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। मृतक संदीप ही गया था चोरी करने
मतलौडा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुभाष ने बताया कि पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि वारदात में शामिल उनके साथी आरोपी संदीप (30) के साथ 3 जुलाई की देर शाम उसकी स्विफ्ट कार में सवार होकर गांव से हरिद्वार जाने के लिए निकले थे। तीनों के पास खर्चे के पर्याप्त रुपए नहीं थे। पानीपत पहुंचने पर उन्होंने कार को मतलौडा की ओर मोड़ लिया। रास्तें में तीनों ने मिलकर चोरी की साजिश रची। मतलौडा से सफीदो रोड पर थोड़ा सा निकलते ही एक बंद दुकान दिखाई दी। संदीप ने कार को दुकान के बाहर रोक दिया और नीचे उतर गया। अजय और प्रिंस कार में ही बैठे रहे।
डॉक्टरों ने परिजनों को बुलाने को कहा- तो शव छोड़ हुए फरार
संदीप ने दुकान का ताला तोड़ा और दुकान से एक कटर मशीन चोरी कर बाहर आया। चोरीशुदा मशीन को कार की डिग्गी में रखकर संदीप फिर से चोरी करने के लिए दुकान के अंदर घुस गया और शटर को नीचे कर लिया। कुछ देर बाद अंदर से संदीप की चीख सुनाई दी। वह दोनों गाड़ी से उतर कर दुकान के अंदर गए तो संदीप बेसुध हालत में पड़ा था। उसके पास एक बिजली की तार पड़ी थी। वह दोनों संदीप को बेसुध हालत में पार्क अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने गाड़ी के अंदर ही चेक कर इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर जाने के लिए कहा। सिविल अस्पताल में डॉक्टरों ने चेकअप के बाद मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने संदीप के परिजनों को बुलाने के लिए कहा तो वह दोनों संदीप के शव को सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में छोड़कर गाड़ी लेकर वहां से निकल गए।