करनाल के मॉडल टाउन में हुए रोबिन नागपाल हत्याकांड में 3 साल 11 महीने बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। जिसमें कोर्ट ने दो आरोपियों राजकुमार उर्फ राजू और नीरज को उम्रकैद की सजा सुनाई है और गौरव को बरी कर दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार शर्मा ने जब फैसला सुनाया तो मृतक के परिजनों की आंखों में आंसू आ गए। रोबिन के पिता सतीश और अन्य सदस्यों ने कहा कि कोर्ट ने सिर्फ दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। लेकिन कोर्ट ने तीसरे आरोपी को बरी कर दिया। क्योंकि गौरव भी मुख्य दोषी है। उसे भी सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए अब वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। एडवोकेट विक्रम सिंह ने कहा कि कोर्ट ने तीन में से दो को सजा सुनाई है और तीसरे आरोपी को बरी कर दिया है। अगर पक्ष चाहेगा तो हम भी हाईकोर्ट जाएंगे। 10 सितंबर 2020 को हुई थी हत्या गौरतलब है कि 10 सितंबर 2020 को रॉबिन और अरविंद सेक्टर-13 इलाके में सैर कर रहे थे। आरोपी राजू अरविंद की हत्या करना चाहता था, लेकिन सड़क पर टहल रहे रॉबिन और अरविंद दोनों को कार सवार तीनों आरोपियों ने कुचल दिया। जिसमें अरविंद की जान बच गई। जबकि रॉबिन गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसके बाद इलाज के दौरान निजी अस्पताल में रॉबिन की मौत हो गई। आरोपी इस हत्या को हादसा दिखाना चाहते थे। पहले सिविल लाइंस थाना पुलिस ने इसे हादसा मानकर एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन जब हत्या का खुलासा हुआ तो पुलिस ने इसमें हत्या समेत कई धाराएं जोड़ दीं। CCTV कैमरे चेक किए तो सच्चाई सामने आई लेकिन जब परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई तो पुलिस ने आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए। जिसके बाद इस हत्याकांड का खुलासा हुआ। पुलिस ने इस मामले में आरोपी राजकुमार उर्फ राजू, नीरज और गौरव को गिरफ्तार किया। जिसके बाद आरोपियों ने इस हत्याकांड के बारे में खुलासा किया। रोबिन की किसी से दुश्मनी नहीं थी, इसलिए हत्या का शक रोबिन के परिजनों ने पहले दिन से ही आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस चौकी के चक्कर लगाए। उन्होंने सेक्टर-13 चौकी का घेराव किया और वहां प्रदर्शन किया, ताकि उनके बेटे के हत्यारे को पकड़ा जा सके। सीसीटीवी कैमरे से कार की पहचान होने के बाद आरोपियों को भी हिरासत में ले लिया गया। रॉबिन की किसी से दुश्मनी नहीं थी। इसलिए वे कार की पहचान करने की कोशिश कर रहे थे और पुलिस से सच्चाई सामने लाने की गुहार लगा रहे थे। आरोपी ने कही थी रॉबिन को अरविंद से दूर रखने की बात रोबिन के पिता सतीश नागपाल ने बताया कि आरोपी राजू ने कई दिन पहले रॉबिन को अरविंद से दूर रहने की बात कही थी। अरविंद का व्यवहार गलत है। इस बारे में रॉबिन को समझाया गया और रॉबिन ने उसके घर आना बंद कर दिया। लेन-देन को लेकर अरविंद की उससे रंजिश थी सतीश नागपाल ने बताया कि अरविंद का आरोपी राजकुमार उर्फ राजू से लेन-देन को लेकर विवाद था, जिसका बदला लेने के लिए उसने अरविंद पर हमला किया, लेकिन उसके साथ चल रहे उसके बेटे रॉबिन को भी आरोपी ने कुचल दिया। करनाल के मॉडल टाउन में हुए रोबिन नागपाल हत्याकांड में 3 साल 11 महीने बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। जिसमें कोर्ट ने दो आरोपियों राजकुमार उर्फ राजू और नीरज को उम्रकैद की सजा सुनाई है और गौरव को बरी कर दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार शर्मा ने जब फैसला सुनाया तो मृतक के परिजनों की आंखों में आंसू आ गए। रोबिन के पिता सतीश और अन्य सदस्यों ने कहा कि कोर्ट ने सिर्फ दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। लेकिन कोर्ट ने तीसरे आरोपी को बरी कर दिया। क्योंकि गौरव भी मुख्य दोषी है। उसे भी सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए अब वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। एडवोकेट विक्रम सिंह ने कहा कि कोर्ट ने तीन में से दो को सजा सुनाई है और तीसरे आरोपी को बरी कर दिया है। अगर पक्ष चाहेगा तो हम भी हाईकोर्ट जाएंगे। 10 सितंबर 2020 को हुई थी हत्या गौरतलब है कि 10 सितंबर 2020 को रॉबिन और अरविंद सेक्टर-13 इलाके में सैर कर रहे थे। आरोपी राजू अरविंद की हत्या करना चाहता था, लेकिन सड़क पर टहल रहे रॉबिन और अरविंद दोनों को कार सवार तीनों आरोपियों ने कुचल दिया। जिसमें अरविंद की जान बच गई। जबकि रॉबिन गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसके बाद इलाज के दौरान निजी अस्पताल में रॉबिन की मौत हो गई। आरोपी इस हत्या को हादसा दिखाना चाहते थे। पहले सिविल लाइंस थाना पुलिस ने इसे हादसा मानकर एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन जब हत्या का खुलासा हुआ तो पुलिस ने इसमें हत्या समेत कई धाराएं जोड़ दीं। CCTV कैमरे चेक किए तो सच्चाई सामने आई लेकिन जब परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई तो पुलिस ने आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए। जिसके बाद इस हत्याकांड का खुलासा हुआ। पुलिस ने इस मामले में आरोपी राजकुमार उर्फ राजू, नीरज और गौरव को गिरफ्तार किया। जिसके बाद आरोपियों ने इस हत्याकांड के बारे में खुलासा किया। रोबिन की किसी से दुश्मनी नहीं थी, इसलिए हत्या का शक रोबिन के परिजनों ने पहले दिन से ही आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस चौकी के चक्कर लगाए। उन्होंने सेक्टर-13 चौकी का घेराव किया और वहां प्रदर्शन किया, ताकि उनके बेटे के हत्यारे को पकड़ा जा सके। सीसीटीवी कैमरे से कार की पहचान होने के बाद आरोपियों को भी हिरासत में ले लिया गया। रॉबिन की किसी से दुश्मनी नहीं थी। इसलिए वे कार की पहचान करने की कोशिश कर रहे थे और पुलिस से सच्चाई सामने लाने की गुहार लगा रहे थे। आरोपी ने कही थी रॉबिन को अरविंद से दूर रखने की बात रोबिन के पिता सतीश नागपाल ने बताया कि आरोपी राजू ने कई दिन पहले रॉबिन को अरविंद से दूर रहने की बात कही थी। अरविंद का व्यवहार गलत है। इस बारे में रॉबिन को समझाया गया और रॉबिन ने उसके घर आना बंद कर दिया। लेन-देन को लेकर अरविंद की उससे रंजिश थी सतीश नागपाल ने बताया कि अरविंद का आरोपी राजकुमार उर्फ राजू से लेन-देन को लेकर विवाद था, जिसका बदला लेने के लिए उसने अरविंद पर हमला किया, लेकिन उसके साथ चल रहे उसके बेटे रॉबिन को भी आरोपी ने कुचल दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में घर में घुसकर महिला से धक्का मुक्की:नौकरी से निकलवाने की धमकी, फोन पर परिजनों को किया प्रताड़ित हिसार जिले के गांव रामायण में एक महिला ने अपने पति व ससुर पर जबरदस्ती घर में घुसकर उसके व उसके परिवार के सदस्यों के साथ धक्का मुक्की करने और जान से मारने की धमकी देने की आरोप लगाए हैं। रास्ते में कहीं भी आते जाते समय उसको परेशान करने और नौकरी से निकलवाने की धमकी देने के आरोप लगाए हैं। हांसी सदर थाना पुलिस ने महिला की शिकायत पर पति व ससुर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मां और मेरे साथ की हाथापाई हांसी सदर थाना पुलिस को दी शिकायत में नवीन कुमारी ने बताया कि वह गांव रामायण की रहने वाली और 17 नवंबर की सुबह करीब सवा 11 बजे परिवार के सभी सदस्य रामरती, नवीन, अमित अपने घर पर बैठे हुए थे, तभी कुछ लोग हमारे घर पर आकर जोर जोर से आवाजें लगाने लगे, जिसमें एक मेरे ससुर प्रह्लाद थे। जब हमने बाहर आकर देखना चाहा तो प्रह्लाद ने मेरी मां के साथ हाथापाई शुरू कर दी। उसके बाद मेरे ससुर ने मेरे साथ भी हाथापाई की। धक्का देकर रामरती को गेट की तरफ धकेल दिया। ससुर पहले भी कर चुका वारदात इसके बाद उसके चिल्लाने और शोर सुनकर आसपास के कुछ लोग गली में इकट्ठा हो गए। उनको देख कर वो सभी मौके से भाग गए और ऑटो में बैठकर वहां से चले गए। मेरा पति कृष्ण कुमार व मेरा ससुर प्रह्लाद लगातार कई दिनों से फोन करके मुझे और मेरे परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे। मेरे ससुर ऐसी कई वारदात पहले भी कर चुके हैं। कई बार डायल 112 का लिया सहारा कभी पावर हाऊस पर उसका रास्ता रोकना, कभी साथ में रिक्शा में बैठकर धमकी देना कि तुझे नौकरी से उतरा दूंगा, कभी मेरे भाई को जन से मारने की धमकी दी जा रही है। लगातार हो रही वारदातों से मैं और मेरा परिवार मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। जिससे मैं ना ही ठीक से नौकरी कर पा रही हूं और न ही अपनी बच्ची का पालन पोषण कर पा रही हूं। मैने कई बार डायल 112 का भी सहारा लिया। अनहोनी घटने का प्रशासन होगा जिम्मेदार मेरे भाई मेरे परिवार के साथ हो रही घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, अन्यथा मेरे या मेरे परिवार के साथ कोई अनहोनी घटित होती है। इसका प्रशासन जिम्मेदार होगा। हांसी सदर थाना पुलिस ने नवीन कुमारी की शिकायत पर पति कृष्ण कुमार व ससुर प्रहलाद के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 333, 351(2) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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इस मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि, प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता मीनाक्षी दहिया के साथ उनके रसोइए से 1 लाख रुपए की रिश्वत की वसूली के संबंध में सबूत मौजूद हैं, जिसे 29 मई को रंगे हाथों पकड़ा गया था। न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा था कि “पुलिस ने उससे रिश्वत की रकम बरामद की है। कॉल और ट्रांसक्रिप्ट से याचिकाकर्ता की संलिप्तता का संकेत मिलता है, जिसकी पुष्टि शिकायतकर्ता के आरोप से होती है।” पंचकूला के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज होने के बाद दहिया ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। इस मामले में सेवामुक्त जिला मत्स्य अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें सरकारी काम के बदले कथित तौर पर रिश्वत मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी
जस्टिस चितकारा ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील “कोई भी सख्त शर्त” लगाकर जमानत की मांग कर रहे थे। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया था कि आगे की सुनवाई से पहले की कैद याचिकाकर्ता और उनके परिवार के साथ अपरिवर्तनीय अन्याय का कारण बनेगी। हालांकि, न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए मामले के सभी पहलुओं पर विचार किया था और तर्क दिया था कि अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को बरामद करने के लिए याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है। दहिया पर क्या हैं आरोप
रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है, कि एक जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ आरोप पत्र वापस लेने के लिए फाइल मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजने से पहले उन्हें मामले में निर्दोष घोषित कर दिया था। उन्होंने संबंधित मंत्री को फाइल भेजने से पहले जांच रिपोर्ट स्वीकार कर ली, जिन्होंने अपनी मंजूरी दे दी और इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए फाइल अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेज दी गई। उन्होंने कहा, “सीनियर एचसीएस अधिकारी और संयुक्त सचिव दहिया ने मुझे 17 अप्रैल को अपने स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह के माध्यम से पंचकूला स्थित अपने कार्यालय में आदेश जारी करने के लिए बुलाया था और मुझसे एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। मैं अपने सरकारी काम के बदले मैडम को रिश्वत नहीं देना चाहता था और भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था।” मीनाक्षी 5 महीने से चल रही थी फरार
रिश्वत के इस खेल में आरोपी एचसीएस ऑफिसर मीनाक्षी दहिया 5 महीने से फरार चल रही हैं। ACB की टीम लगातार दहिया की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। हालांकि अभी तक एसीबी को इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। इस मामले में, वॉट्सऐप कॉल पर बातचीत के दौरान शिकायतकर्ता के मोबाइल में खास डिवाइस भी लगाई गई थी, जिससे पूरी कॉल रिकॉर्ड हो गई। फिलहाल मीनाक्षी दहिया फरार चल रही थीं, ACB की टीम की उनकी गिरफ्तारी की बड़ी सफलता के रूप में देख रही है।
रोहतक का युवक नहर में डूबा:घर से जिम जाने के लिए निकला, दोस्तों के साथ गया नहाने, NDRF तलाश में जुटी
रोहतक का युवक नहर में डूबा:घर से जिम जाने के लिए निकला, दोस्तों के साथ गया नहाने, NDRF तलाश में जुटी रोहतक के कमला नगर निवासी एक युवक के नहर में डूबने का मामला सामने आया है। युवक घर से जिम में जाने के लिए निकला था, लेकिन बाद में वह दोस्तों के साथ नहर पर नहाने के लिए चला गया। इसी दौरान तेज बहाव के कारण वह नहर में डूब गया। इसका पता लगते ही परिजन, पुलिस व एनडीआरएफ की टीम तलाश में जुटी है। लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया। रोहतक के कमला नगर निवासी राजेश ने अपने बेटे के नहर में डूबने की शिकायत शिवाजी कॉलोनी थाना में दी। शिकायत में बताया कि उसके 3 बच्चे (2 लड़के व एक लड़की) है। उसका बीच वाला लड़का करीब 21 वर्षीय देव बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई करता है। देव शुक्रवार को घर से जिम में प्रैक्टिस करने के लिए गया था। रात को करीब 8 बजे सूचना मिली कि उसका बेटा पराहवर हैड पर नहाते समय डूब गया। जो अपने दोस्तों के साथ पराहवर हैड पर नहाने के लिए गया था। इसी दौरान वह नहर में तेज बहाव के कारण बह गया और डूब गया। इसका पता लगते ही देव की तलाश आरंभ कर दी, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। तलाश में जुटी पुलिस व एनडीआरएफ
शिवाजी कॉलोनी थाना के जांच अधिकारी श्रद्धानंद ने बताया कि कमला नगर निवासी देव के नहर में डूबने की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और तलाश में जुट गई। वहीं एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है। युवक की तलाश की जा रही है। वहीं नहर में भी झज्जर एरिया तक तलाश की जा चुकी है।