जापान की फूड एंड एग्रीकल्चर की फर्स्ट सैक्रेटरी मिस ओटा मासामी ने आज घरौंडा के इंडो-इजराइल प्रोजेक्ट सब्जी उत्कृष्टता केंद्र का दौरा किया। जहां उन्होंने केंद्र के कार्यों, बागवानी विभाग की गतिविधियों और कृषि क्षेत्र में जापान-भारत सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। इस दौरान बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बिल्लु यादव ने उन्हें सिंचाई प्रणालियों और ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में जानकारी दी। मिस ओटा ने जापान और हरियाणा के बीच कृषि सहयोग को और बढ़ाने की बात की और जीका प्रोजेक्ट के तहत भविष्य में और परियोजनाओं पर काम करने की संभावना जताई। इसके साथ ही जीका प्रोजेक्ट के तहत 2,700 करोड़ रुपए के आर्थिक समर्थन से किसानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और फसल उत्पादन में नुकसान कम करने की योजना बनाई गई है। जो दो चरणों में लागू होगा। सेंटर में प्रयोग हो रही आधुनिक तकनीक पर चर्चा CEV में बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बिल्लु यादव ने जापानी डेलीगेशन को सेंटर के स्ट्रक्चर, पोली हाउस में उगाई जा रही बेमौसमी सब्जियों, सिंचाई प्रणालियों और ऑर्गेनिक फार्मिंग से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे सेंटर इजराइल के साथ मिलकर नई तकनीकों का उपयोग कर रहा है। जो भारत के किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं। हरियाणा और जापान के बीच बढ़ते सहयोग के संकेत मीडिया से बातचीत में मिस ओटा मासामी ने कहा कि जापान की कई कंपनियां कृषि क्षेत्र में हरियाणा के साथ मिलकर काम कर रही हैं, और भविष्य में जापान हरियाणा सरकार के साथ मिलकर जीका प्रोजेक्ट के तहत और भी परियोजनाओं पर काम करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में हरियाणा के किसानों के लिए और अधिक सहयोग की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। जीका प्रोजेक्ट से मिलेगा हरियाणा के किसानों को फायदा डॉ. बिल्लु यादव ने बताया कि जीका प्रोजेक्ट के तहत भारत और जापान के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके माध्यम से किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कई योजनाएं तैयार की जा रही है। इसके अंतर्गत केंद्र ने यह भी जानकारी दी कि जापान द्वारा फाइनेंशियल सपोर्ट प्रदान किया जा रहा है और इस प्रोजेक्ट के जरिए राज्य में और अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। फसल उत्पादन में नुकसान को कम करने की योजना जीका प्रोजेक्ट पर वर्क कर रहे डॉ. सुधीर यादव ने बताया कि अक्सर किसानों को अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में 25-30 प्रतिशत नुकसान का सामना करना पड़ता है। इस नुकसान को कम करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। जिनमें 2700 करोड़ रुपए का एक प्रोजेक्ट भी शामिल है। जो भारत और हरियाणा सरकार द्वारा मंजूर किया गया है। दो चरणों में लागू होगा प्रोजेक्ट यह प्रोजेक्ट दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहला चरण 4 साल का होगा, जबकि दूसरा चरण 5 साल का रहेगा। पहले चरण के लिए 1172 करोड़ रुपए का लोन एग्रीमेंट भारत और जापान सरकार के बीच साइन किया जा चुका है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसानों के लिए सप्लाई चेन को मजबूत किया जाएगा। ताकि वे अपनी फसलों को सही तरीके से बेच सकें। इंटरनेशनल मार्केट के लिए तैयार होगी खेती की व्यवस्था इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य किसानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है। ताकि वे अपनी फसलों को ग्रेडिंग, शॉर्टिंग और स्टोरेज के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात कर सकें। गन्नौर में बन रही इंटरनेशनल होर्टिकल्चर मार्केट की प्रक्रिया भी इस योजना का हिस्सा है। जो किसानों के लिए एक बड़ी जीवन रेखा साबित हो सकती है। जीका प्रोजेक्ट के तहत किसानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा, जिससे खेती को और भी प्रभावी बनाया जाएगा। खासकर छोटे किसानों के लिए यह प्रोजेक्ट बेहद लाभकारी साबित होगा, क्योंकि इसमें 70 प्रतिशत छोटे ग्रुपों को शामिल किया जाएगा। जापान की फूड एंड एग्रीकल्चर की फर्स्ट सैक्रेटरी मिस ओटा मासामी ने आज घरौंडा के इंडो-इजराइल प्रोजेक्ट सब्जी उत्कृष्टता केंद्र का दौरा किया। जहां उन्होंने केंद्र के कार्यों, बागवानी विभाग की गतिविधियों और कृषि क्षेत्र में जापान-भारत सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। इस दौरान बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बिल्लु यादव ने उन्हें सिंचाई प्रणालियों और ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में जानकारी दी। मिस ओटा ने जापान और हरियाणा के बीच कृषि सहयोग को और बढ़ाने की बात की और जीका प्रोजेक्ट के तहत भविष्य में और परियोजनाओं पर काम करने की संभावना जताई। इसके साथ ही जीका प्रोजेक्ट के तहत 2,700 करोड़ रुपए के आर्थिक समर्थन से किसानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और फसल उत्पादन में नुकसान कम करने की योजना बनाई गई है। जो दो चरणों में लागू होगा। सेंटर में प्रयोग हो रही आधुनिक तकनीक पर चर्चा CEV में बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बिल्लु यादव ने जापानी डेलीगेशन को सेंटर के स्ट्रक्चर, पोली हाउस में उगाई जा रही बेमौसमी सब्जियों, सिंचाई प्रणालियों और ऑर्गेनिक फार्मिंग से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे सेंटर इजराइल के साथ मिलकर नई तकनीकों का उपयोग कर रहा है। जो भारत के किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं। हरियाणा और जापान के बीच बढ़ते सहयोग के संकेत मीडिया से बातचीत में मिस ओटा मासामी ने कहा कि जापान की कई कंपनियां कृषि क्षेत्र में हरियाणा के साथ मिलकर काम कर रही हैं, और भविष्य में जापान हरियाणा सरकार के साथ मिलकर जीका प्रोजेक्ट के तहत और भी परियोजनाओं पर काम करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में हरियाणा के किसानों के लिए और अधिक सहयोग की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। जीका प्रोजेक्ट से मिलेगा हरियाणा के किसानों को फायदा डॉ. बिल्लु यादव ने बताया कि जीका प्रोजेक्ट के तहत भारत और जापान के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके माध्यम से किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कई योजनाएं तैयार की जा रही है। इसके अंतर्गत केंद्र ने यह भी जानकारी दी कि जापान द्वारा फाइनेंशियल सपोर्ट प्रदान किया जा रहा है और इस प्रोजेक्ट के जरिए राज्य में और अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। फसल उत्पादन में नुकसान को कम करने की योजना जीका प्रोजेक्ट पर वर्क कर रहे डॉ. सुधीर यादव ने बताया कि अक्सर किसानों को अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में 25-30 प्रतिशत नुकसान का सामना करना पड़ता है। इस नुकसान को कम करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। जिनमें 2700 करोड़ रुपए का एक प्रोजेक्ट भी शामिल है। जो भारत और हरियाणा सरकार द्वारा मंजूर किया गया है। दो चरणों में लागू होगा प्रोजेक्ट यह प्रोजेक्ट दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहला चरण 4 साल का होगा, जबकि दूसरा चरण 5 साल का रहेगा। पहले चरण के लिए 1172 करोड़ रुपए का लोन एग्रीमेंट भारत और जापान सरकार के बीच साइन किया जा चुका है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसानों के लिए सप्लाई चेन को मजबूत किया जाएगा। ताकि वे अपनी फसलों को सही तरीके से बेच सकें। इंटरनेशनल मार्केट के लिए तैयार होगी खेती की व्यवस्था इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य किसानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है। ताकि वे अपनी फसलों को ग्रेडिंग, शॉर्टिंग और स्टोरेज के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात कर सकें। गन्नौर में बन रही इंटरनेशनल होर्टिकल्चर मार्केट की प्रक्रिया भी इस योजना का हिस्सा है। जो किसानों के लिए एक बड़ी जीवन रेखा साबित हो सकती है। जीका प्रोजेक्ट के तहत किसानों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा, जिससे खेती को और भी प्रभावी बनाया जाएगा। खासकर छोटे किसानों के लिए यह प्रोजेक्ट बेहद लाभकारी साबित होगा, क्योंकि इसमें 70 प्रतिशत छोटे ग्रुपों को शामिल किया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा के 2 रेसलर राजनीति पर भिड़े:योगेश्वर बोले-खेल को बख्शें; बजरंग का जवाब- बहन-बेटियों को आगे लाकर नहीं, अपने दम पर पॉलिटिक्स करेंगे
हरियाणा के 2 रेसलर राजनीति पर भिड़े:योगेश्वर बोले-खेल को बख्शें; बजरंग का जवाब- बहन-बेटियों को आगे लाकर नहीं, अपने दम पर पॉलिटिक्स करेंगे हरियाणा के पहलवान योगेश्वर दत्त और बजरंग पूनिया राजनीति को लेकर आपस में भिड़ गए। ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के वर्किंग चेयरमैन बजरंग पूनिया ने नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के 4 साल का बैन लगाने को सरकार की साजिश बताया। इससे भाजपा नेता पहलवान योगेश्वर दत्त भड़क गए। उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया राजनीति में आए हैं तो राजनीति करें और खेल को बख्श दें। बजरंग पूनिया भी जवाब देने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने योगेश्वर दत्त को जवाब दिया कि राजनीति करेंगे तो अपने दम पर करेंगे, न कि बहन-बेटियों को आगे लाकर राजनीति करेंगे। सिलसिलेवार ढंग से पूरा मामला पढ़िए… बजरंग पर NADA ने 4 साल का बैन लगाया
करीब 10 दिन पहले NADA ने बजरंग पूनिया पर 4 साल का बैन लगा दिया था। नाडा ने कहा कि बजरंग पूनिया ने डोप का सैंपल नहीं दिया। इसके जवाब में बजरंग ने पहले कहा कि बैन गलत तरीके से लगा है। इतना बैन तो ताकतवर स्टेरॉयड लेने वाले पर लगता है। बजरंग ने कहा कि यह बैन व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। भाजपा सरकार और फेडरेशन ने मुझे फंसाने और मेरे करियर को खत्म करने के लिए यह चाल चली है। योगेश्वर दत्त ने कहा- खिलाड़ी इनसे दूर रहें, ये अपनी अच्छी-बुरी राजनीति करें
इस मामले में योगेश्वर दत्त ने सोनीपत में मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह बात थोड़े ही न है कि डोप टेस्ट ही न दे, उससे भागता रहे। वह बात अलग है कि कोर्ट में केस है और कोर्ट फैसला करेगा। ऐसा थोड़े होता है कि जब तक फैसला न आए तो डिफेंस में ही लगे रहो। अगर राजनीति में है तो राजनीति करे। खिलाड़ियों को बख्शे। खिलाड़ियों को खेल करने दे और यह (बजरंग) राजनीति करे। खेल से दूर रहे। चाहे अच्छी राजनीति करनी हो या बुरी। बजरंग ने कहा- 2 बार जनता नकार चुकी, अनाप-शनाप न बोलें
इस पर बजरंग पूनिया ने सोनीपत में मीडिया से बातचीत कहा कि मैं इन (योगेश्वर दत्त) पर बात नहीं करना चाहता। उनको तो 2 बार जनता ने ही नकार दिया था। मुझे लगता है कि वह TRP लेना चाहते हैं। अगर वह खिलाड़ियों के बारे में बोलें तो लोग उनको देखेंगे। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति करने के लिए आया हूं। चलो, मैं और विनेश फोगाट तो राजनीति में आए हैं। मगर, जो 6-7 लड़कियों ने FIR दर्ज कराई थी, इन्होंने तो उन पर भी अगुलियां उठा दीं। उन बहनों को भी गलत बता दिया। वह पहले भी किसान और पहलवानों के खिलाफ बोले। उनसे उम्मीद करना बेकार है। मैं यही कहूंगा कि जैसे रेसलिंग में मेहनत की, वैसे ही राजनीति में भी करेंगे। वह अनाप-शनाप न बोलें, अगर खिलाड़ियों से हमदर्दी होती तो जंतर-मंतर पर धरने में साथ होते।
चरखी दादरी में शादी के एक सप्ताह बाद विवाहिता फरार:5.25 लाख कैश, लाखों के सोने-चांदी के जेवर ले गई; मायके आई थी
चरखी दादरी में शादी के एक सप्ताह बाद विवाहिता फरार:5.25 लाख कैश, लाखों के सोने-चांदी के जेवर ले गई; मायके आई थी हरियाणा के चरखी दादरी जिले के झोझू कलां पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाले एक गांव से 27 वर्षीय महिला अपनी शादी के एक सप्ताह बाद अपने मायके से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। महिला अपने मायके से करीब 5 लाख 25 हजार रुपए व ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा दिए गए गहने साथ ले गई। परिजनों ने पुलिस को शिकायत देकर लापता महिला की तलाश करने की गुहार लगाई है। सोमवार को झोझू कलां थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। झोझू कलां थाना पुलिस को दी शिकायत में एक गांव निवासी व्यक्ति ने बताया कि उसने अपनी बेटी की शादी बीते 20 मई को उसकी सहमति से राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक गांव निवासी व्यक्ति के साथ की थी। 25 मई को वह अपनी ससुराल से पिता के घर आई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि 27-28 मई की रात को घर से बिना बताए कहीं चली गई। इस दौरान वह अपने साथ ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा शादी के समय दिए गए गहने व पिता के घर से करीब सवा पांच लाख रुपए कैश भी अपने साथ ले गई। लापता महिला के पिता ने पुलिस को शिकायत देकर उसकी बेटी की तलाश करने की गुहार लगाई है जिसके आधार पर पुलिस ने आज गुमशुदगी का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
रेवाड़ी में झज्जर की महिला ने की आत्महत्या:मानसिक परेशान; स्कूल से आए बच्चों को फंदे से लटकती मिली, पति गया था कंपनी
रेवाड़ी में झज्जर की महिला ने की आत्महत्या:मानसिक परेशान; स्कूल से आए बच्चों को फंदे से लटकती मिली, पति गया था कंपनी रेवाड़ी में झज्जर की महिला ने आत्महत्या कर ली। मानसिक रूप से परेशान थी। महिला के दो बच्चे हैं। जब बच्चे स्कूल से घर आए तो उन्होंने अपनी मां को फंदे पर लटका देखा। मामला धारूहेड़ा सेक्टर-6 क्षेत्र की द्वारकाधीश सोसाइटी का है। मृतक महिला की पहचान सुमन (32) के नाम से हुई है। पुलिस के मुताबिक, झज्जर जिले के गांव अहरी के रहने वाला सुनील कुमार अपने परिवार सहित धारूहेड़ा की एक सोसाइटी में किराए पर रहता है। पति गया था कंपनी, बच्चे गए स्कूल सुनील कुमार रोजाना की तरह आज भी अपनी कंपनी में गया हुआ था। दोनों बच्चे स्कूल गए हुए थे। लेकिन सुनील कुमार की पत्नी सुमन घर पर अकेली थी। तभी सुमन ने अपने कमरे में पंखे के हुक से लटक कर जीवन लीला समाप्त कर ली। जब बच्चे स्कूल से घर आए तो उन्होंने अपनी माता जी को फंदे पर लटका देखा। इसके बाद शोर मचाया आसपास के लोग इकट्ठा हुए जिसकी सूचना पुलिस को दी। धारूहेड़ा सेक्टर-6 थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को नीचे उतारा। लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। कल होगा पोस्टमॉर्टम धारूहेड़ा सेक्टर-6 थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि आज शाम सूचना मिली कि द्वारकाधीश सोसाइटी में एक महिला ने आत्महत्या कर ली। महिला मानसिक रूप से परेशान थी कल शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा।