अमेरिका के कैलिफोर्निया की साल्टन झील में डूबने से करनाल जिले के 2 युवकों की मौत हो गई। इनमें से एक असंध के गोबिंदगढ़ का रहने वाला है, जबकि दूसरा करनाल के चुरनी गांव का रहने वाला है। दोनों युवक डंकी की से अमेरिका गए थे। दोनों ही अपने परिवार की इकलौती उम्मीद थे। दोनों परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। परिवार सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटों के शव अमेरिका से भारत लाए जाएं, ताकि दोनों को अपने गांव की मिट्टी नसीब हो सके। इक्कम को बचाने गया था महताब गोबिंदगढ़ निवासी 21 वर्षीय मेहताब और चुरनी गांव निवासी इक्कम सिंह दोनों अमेरिका में काम करते हैं और 25 जून को कैलिफोर्निया की साल्टन झील में नहाने गए थे। नहाते समय मेहताब झील में डूबने लगा तो इक्कम उसे बचाने के लिए झील में कूद गया, लेकिन इक्कम भी पानी में डूबने लगा। आसपास के लोगों ने जब दोनों को डूबते देखा तो वे उन्हें बचाने के लिए झील में कूद गए। दोनों को बाहर निकालकर गंभीर हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। अमेरिका में एक ही कमरे पर इक्कम सिंह मेहताब और जलमाना खेड़ा का रहने वाला एक युवक रहते थे। पहले इक्कम सिंह ने झील में झलांग लगाई थी, उसके महताब उसे बचाने के लिए झील में कुद। दोनों को डूबता देख तीसरा जो साथी था जलमाना वाला लड़का वो झील में कुदा। जिसके बाद महताब को उसने बाहर निकाला। लेकिन इक्कम सिंह की नहीं मिल पाया। 24 घंटे बाद इक्कम सिंह का शव झील से बरामद हुआ। वहीं इलाज के दौरान महताब की मौत हो गई। महताब के फूका ने दी मौत की सूचना करनाल जिला के गोबिंदगढ़ का महताब सिंह पुत्र गुलाब सिंह करीब एक साल पहले डंकी से अमेरिका गया था। जहां पर उसका काम अच्छी तरह से चल रहा था। मौत से एक दिन पहले ही उसने अपने पिता से बात की थी, वह काफी खुश था और अपने काम के बारे में भी बताया था कि उसका काम अच्छा चल रहा है। मृतक के पिता गुलाब सिंह ने बताया कि महताब अपने दोस्तों के साथ झील में नहाने गया था। अचानक वह डूब गया। वह घर का इकलौता बेटा था। वहां वह अच्छा काम कर रहा था। 25 जून को हुए इस हादसे की सूचना महताब के फूफा ने दी, जो अमेरिका में ही रहते हैं। महताब और उसके दोस्त पहले कभी झील में नहाने नहीं गए थे, लेकिन पहली बार गए और यह हादसा हो गया। पिता ने लगाई मदद की गुहार महताब के पिता खेतीबाड़ी का काम करते हैं। उन्होंने करीब 35 लाख रुपए खर्च कर अपने बेटे को अमेरिका भेजा था, लेकिन आज वह बेटा उनके बीच नहीं रहा। पिता ने सरकार से अनुरोध किया है कि उनके बेटे का शव भारत लाया जाए ताकि रीति-रिवाज़ के अनुसार दाह संस्कार किया जा सके इसके साथ ही परिवार अब कोशिश कर रहा है कि महताब का शव भारत लाया जा सके। अगर यह संभव नहीं होता, तो वे इमरजेंसी वीजा लगवाने का प्रयास करेंगे ताकि माता-पिता अमेरिका जाकर वहीं अंतिम संस्कार कर सकें। इस संबंध में सरकार से भी बातचीत की जा रही है। नाबालिग है चुरनी गांव का इक्कम सिंह गांव चुरनी का इक्कम सिंह 14 महीने पहले ही अमेरिका गया था, वहां पर वह जॉब कर रहा था। उसके घर वालों ने आधी जमीन बेचकर उसे अमेरिका में भेजा था। ताकि घर के हालात सुधर सके। वह घर का इकलौता बेटा था। जिसकी एक 19 वर्षीय बड़ी बहन नैनी भी है। मृतक के पिता रूपिंद्र सिंह ने बताया कि हमें विश्वास नहीं है कि हमारे बेटे के साथ ऐसा हो सकता है। घर का इकलौता चिराग बुझ चुका है। घर की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा मजबूत नहीं है कि बेटे का शव भारत लाया जा सके। लाखों रुपए खर्च होंगे। जिसके लिए उन्होंने लोगों से और सरकार से मदद की गुहार लगाई है। बेटे का शव भारत आ जाता है तो उसका आखिरी बार चेहरा देख पाएंगे। इक्कम सिंह के पिता भी खेतीबाड़ी का ही काम करते है। 20 जून को डूबे थे कैथल के दो युवक- इस हादसे से 2 दिन पहले, अमेरिका में नहाते वक्त कैथल जिला के मोहाना व पुंडरी गांव के 2 युवकों की भी झील में डूबने से मौत हो गई थी। दोनों युवक अपने अन्य दोस्तों के साथ वहां की झील में नहाने गए थे और नहाते हुए उनका पैर फिसल गया और वे पानी में बह गए। प्राप्त जानकारी अनुसार सचिन कुमार (22 वर्ष) पुुत्र तेजवीर उर्फ रामु करीब एक साल पहले लाखों रुपए लगाकर डंकी से अमेरिका पहुंचा था। तब से वह वहीं पर था। अनुमान लगाया जा रहा है कि नहाते हुए सचिन का पैर फिसल गया वो डूब गया, वहीं गांव मोहना के दूसरे युवक प्रगट सिंह(करीब 35 वर्ष) पुत्र लाल सिंह भी इसी झील में नहाते हुए बह गया। जिसे वहां नहा रहे लोगों ने समय रहते निकाल लिया। प्रगट सिंह को बचा लिया, लेकिन उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। अमेरिका के कैलिफोर्निया की साल्टन झील में डूबने से करनाल जिले के 2 युवकों की मौत हो गई। इनमें से एक असंध के गोबिंदगढ़ का रहने वाला है, जबकि दूसरा करनाल के चुरनी गांव का रहने वाला है। दोनों युवक डंकी की से अमेरिका गए थे। दोनों ही अपने परिवार की इकलौती उम्मीद थे। दोनों परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। परिवार सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटों के शव अमेरिका से भारत लाए जाएं, ताकि दोनों को अपने गांव की मिट्टी नसीब हो सके। इक्कम को बचाने गया था महताब गोबिंदगढ़ निवासी 21 वर्षीय मेहताब और चुरनी गांव निवासी इक्कम सिंह दोनों अमेरिका में काम करते हैं और 25 जून को कैलिफोर्निया की साल्टन झील में नहाने गए थे। नहाते समय मेहताब झील में डूबने लगा तो इक्कम उसे बचाने के लिए झील में कूद गया, लेकिन इक्कम भी पानी में डूबने लगा। आसपास के लोगों ने जब दोनों को डूबते देखा तो वे उन्हें बचाने के लिए झील में कूद गए। दोनों को बाहर निकालकर गंभीर हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। अमेरिका में एक ही कमरे पर इक्कम सिंह मेहताब और जलमाना खेड़ा का रहने वाला एक युवक रहते थे। पहले इक्कम सिंह ने झील में झलांग लगाई थी, उसके महताब उसे बचाने के लिए झील में कुद। दोनों को डूबता देख तीसरा जो साथी था जलमाना वाला लड़का वो झील में कुदा। जिसके बाद महताब को उसने बाहर निकाला। लेकिन इक्कम सिंह की नहीं मिल पाया। 24 घंटे बाद इक्कम सिंह का शव झील से बरामद हुआ। वहीं इलाज के दौरान महताब की मौत हो गई। महताब के फूका ने दी मौत की सूचना करनाल जिला के गोबिंदगढ़ का महताब सिंह पुत्र गुलाब सिंह करीब एक साल पहले डंकी से अमेरिका गया था। जहां पर उसका काम अच्छी तरह से चल रहा था। मौत से एक दिन पहले ही उसने अपने पिता से बात की थी, वह काफी खुश था और अपने काम के बारे में भी बताया था कि उसका काम अच्छा चल रहा है। मृतक के पिता गुलाब सिंह ने बताया कि महताब अपने दोस्तों के साथ झील में नहाने गया था। अचानक वह डूब गया। वह घर का इकलौता बेटा था। वहां वह अच्छा काम कर रहा था। 25 जून को हुए इस हादसे की सूचना महताब के फूफा ने दी, जो अमेरिका में ही रहते हैं। महताब और उसके दोस्त पहले कभी झील में नहाने नहीं गए थे, लेकिन पहली बार गए और यह हादसा हो गया। पिता ने लगाई मदद की गुहार महताब के पिता खेतीबाड़ी का काम करते हैं। उन्होंने करीब 35 लाख रुपए खर्च कर अपने बेटे को अमेरिका भेजा था, लेकिन आज वह बेटा उनके बीच नहीं रहा। पिता ने सरकार से अनुरोध किया है कि उनके बेटे का शव भारत लाया जाए ताकि रीति-रिवाज़ के अनुसार दाह संस्कार किया जा सके इसके साथ ही परिवार अब कोशिश कर रहा है कि महताब का शव भारत लाया जा सके। अगर यह संभव नहीं होता, तो वे इमरजेंसी वीजा लगवाने का प्रयास करेंगे ताकि माता-पिता अमेरिका जाकर वहीं अंतिम संस्कार कर सकें। इस संबंध में सरकार से भी बातचीत की जा रही है। नाबालिग है चुरनी गांव का इक्कम सिंह गांव चुरनी का इक्कम सिंह 14 महीने पहले ही अमेरिका गया था, वहां पर वह जॉब कर रहा था। उसके घर वालों ने आधी जमीन बेचकर उसे अमेरिका में भेजा था। ताकि घर के हालात सुधर सके। वह घर का इकलौता बेटा था। जिसकी एक 19 वर्षीय बड़ी बहन नैनी भी है। मृतक के पिता रूपिंद्र सिंह ने बताया कि हमें विश्वास नहीं है कि हमारे बेटे के साथ ऐसा हो सकता है। घर का इकलौता चिराग बुझ चुका है। घर की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा मजबूत नहीं है कि बेटे का शव भारत लाया जा सके। लाखों रुपए खर्च होंगे। जिसके लिए उन्होंने लोगों से और सरकार से मदद की गुहार लगाई है। बेटे का शव भारत आ जाता है तो उसका आखिरी बार चेहरा देख पाएंगे। इक्कम सिंह के पिता भी खेतीबाड़ी का ही काम करते है। 20 जून को डूबे थे कैथल के दो युवक- इस हादसे से 2 दिन पहले, अमेरिका में नहाते वक्त कैथल जिला के मोहाना व पुंडरी गांव के 2 युवकों की भी झील में डूबने से मौत हो गई थी। दोनों युवक अपने अन्य दोस्तों के साथ वहां की झील में नहाने गए थे और नहाते हुए उनका पैर फिसल गया और वे पानी में बह गए। प्राप्त जानकारी अनुसार सचिन कुमार (22 वर्ष) पुुत्र तेजवीर उर्फ रामु करीब एक साल पहले लाखों रुपए लगाकर डंकी से अमेरिका पहुंचा था। तब से वह वहीं पर था। अनुमान लगाया जा रहा है कि नहाते हुए सचिन का पैर फिसल गया वो डूब गया, वहीं गांव मोहना के दूसरे युवक प्रगट सिंह(करीब 35 वर्ष) पुत्र लाल सिंह भी इसी झील में नहाते हुए बह गया। जिसे वहां नहा रहे लोगों ने समय रहते निकाल लिया। प्रगट सिंह को बचा लिया, लेकिन उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता के बीच जाकर कांग्रेस द्वारा फैलाई जा रहे झूठ का पर्दाफाश करें और जनता को बताएं कि कांग्रेस के राज में किस प्रकार रसोई गैस सिलेंडर लेने के लिए 3-3 दिनों तक लाइनों में लगना पड़ता था और कैसे 2000 रुपए की ब्लैक में सिलेंडर तुरंत मिल जाता था। कांग्रेस राज में 3 से 4 घंटे लाइट रहती थी परन्तु आज गांव-गांव में सरकार द्वारा 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरपंचों को गांव में 21 लाख रुपए तक की राशि से विकास कार्य करवाने की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही जिन परिवारों की वार्षिक आय 1.80 रुपए से कम है, उन्हें मुफ्त में सौर ऊर्जा से संचालित सोलर पैनल दिए जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा तैयार हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि अक्टूबर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरह से तैयार है। निश्चित रूप से इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीत का परचम लहराएगी। उन्होंने कहा कि सिरसा जिले के अंतर्गत आने वाली सभी पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा जीतेगी और प्रदेश में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार जनहितैषी सरकार है। गरीबों के उत्थान के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं, जिनके फलस्वरूप गरीबों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। इस अवसर पर बिजली मंत्री रणजीत सिंह, भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया, सुरेंद्र आर्य, पिब्लसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी, जिलाध्यक्ष भाजपा निताशा सिहाग, चेयरमैन देव कुमार शर्मा, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल मौजूद रहे।
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जेपी ने किसानों की मांग उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री कह रहे थे कि MSP पर हमने वादा नहीं किया। मगर, केंद्र सरकार ने MSP पर कमेटी बनाने की घोषणा की थी। मगर आज तक किसान मोर्चा के लोगों के उसमें शामिल नहीं किया गया। 3-3 महीने से किसान धरने पर बैठे हैं, मगर आज तक मुआवजा नहीं मिला। इससे किसान विरोधी सरकार और क्या हो सकती है। प्रधानमंत्री किसान निधि 2019 में जब शुरू की गई उस समय डीजल का भाव 65 रुपए था और आज डीजल का भाव 100 रुपए प्रति लीटर है और आज भी किसान सम्मान निधि 6000 रुपए सालाना दी जा रही है। किसान के साथ सरकार ने बेईमानी की और जवान के साथ सरकार ने बेईमानी की है। जेपी ने सदन में पूछे यह सवाल
1. हरियाणा में कैंसर रिसर्च सेंटर बनना था। हरियाणा सरकार ने 300 एकड़ से ज्यादा जमीन भारत सरकार को दी। मगर, केंद्र में NDA की सरकार ने प्रोजेक्ट को आधा कर दिया गया। 2. रेवाड़ी एम्स को लेकर 7 साल से ड्रामा किया जा रहा है। आज तक उसमें एक ईंट रखने के सिवा कुछ नहीं किया गया। 3. हिसार में हमने दूरदर्शन केंद्र बनाया, मैं केंद्र में मंत्री था तब यह केंद्र बनाया गया। मगर, सरकार ने इसे बंद करने का काम किया। यह केंद्र चंडीगढ़ शिफ्ट कर दिया गया है। 4. RRTS (रिजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम ) रेल दिल्ली से हिसार जानी थी और दिल्ली से होकर पानीपत जानी थी वो प्रोजेक्ट हमारा तैयार किया गया था। मगर
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काउंटिंग से पहले हरियाणा कांग्रेस में CM चेहरे पर घमासान:भूपेंद्र हुड्डा बोले- मैं न टायर्ड, न रिटायर्ड; सैलजा बोलीं- हाईकमान को सब पता है
काउंटिंग से पहले हरियाणा कांग्रेस में CM चेहरे पर घमासान:भूपेंद्र हुड्डा बोले- मैं न टायर्ड, न रिटायर्ड; सैलजा बोलीं- हाईकमान को सब पता है हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर वोटों की काउंटिंग से पहले कांग्रेस में घमासान मचता हुआ नजर आ रहा है। लगभग सभी एग्जिट पोल्स में कांग्रेस को बहुमत में दिखाया गया है। जिसके बाद अब यहां CM की कुर्सी को लेकर खींचतान तेज हो गई है। दिल्ली में CM बनने के बारे में जब भूपेंद्र हुड्डा से पूछा गया तो उन्होंने कहा- ”मैं न टायर्ड हूं और न रिटायर्ड हूं। विधायकों के मत और हाईकमान के फैसले से CM तय होगा।” सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी दिल्ली में मीडिया के सामने पिता की पैरवी करते हुए कहा- ””हुड्डा साहब (भूपेंद्र हुड्डा) ने बड़ी मेहनत की है। चुनाव में सबका योगदान है लेकिन हुड्डा साहब का विशेष योगदान है जो चुनाव में कांग्रेस की स्ट्रेंथ बनी है।” CM चेहरे की दावेदारी पर जब सांसद कुमारी सैलजा ने पूछा गया तो उन्होंने कहा- ”इसका फैसला विधायक दल की बैठक में होगा। उन्होंने कहा कि कई उम्मीद होती है लोगों की, चाहे दलित की बात हो या महिला की हो, हाईकमान को सब पता है।” दीपेंद्र-उदयभान के नाम की भी चर्चा
कांग्रेस में मची खींचतान के बीच 2 और नामों की सीएम को लेकर चर्चा हो रही है। इनमें पहला नाम दीपेंद्र हुड्डा का है। हालांकि जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने हाईकमान के फैसला करने की बात कहकर इसे टाल दिया। दूसरा नाम हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभान का है। उदयभान दलित नेता हैं। अगर कुमारी सैलजा जाट चेहरे भूपेंद्र हुड्डा की जगह दलित चेहरे की बात पर अड़ीं तो हाईकमान के पास हुड्डा ग्रुप से चौधरी उदयभान का नाम सामने आ सकता है। कांग्रेस पंजाब में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर दलित चेहरे चरणजीत चन्नी को सीएम बना चुकी है। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले यह प्रयोग किए जाने से कांग्रेस को सत्ता से बाहर होना पड़ा। कांग्रेस नेताओं की CM बनने के लिए दौड़ भूपेंद्र हुड्डा ने दिल्ली में डेरा डाला
2 बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र हुड्डा रविवार रात ही रोहतक से दिल्ली रवाना हो गए। जहां उनकी कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया से मुलाकात हुई। शाम को वे राहुल गांधी से भी मिल सकते हैं। इससे पहले रविवार को उन्होंने अपने भरोसेमंद कांग्रेस उम्मीदवारों से रोहतक में मीटिंग भी की।
दिल्ली में उनसे ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के वाइस चेयरमैन बजरंग पूनिया और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने उनसे मुलाकात की है। इसके अलावा हुड्डा की हिमाचल प्रदेश के प्रभारी राजीव शुक्ला से भी मुलाकात हुई है। सैलजा ने गाय की पूंछ का आशीर्वाद लिया
CM की दूसरी बड़ी दावेदार कुमारी सैलजा वोटिंग के दिन ही राजस्थान में सालासर धाम पहुंच गईं थी। वहां पूजा करने के बाद उन्होंने गाय की पूंछ से भी CM बनने का आशीर्वाद लिया। रणदीप सुरजेवाला ने केदारनाथ धाम में माथा टेका
तीसरे दावेदार रणदीप सुरजेवाला ने एग्जिट पोल आने के बाद उत्तराखंड में केदारनाथ धाम में माथा टेका है। वह चुनाव के दौरान भी मुख्यमंत्री बनने की महत्वकांक्षा जाहिर कर चुके हैं। कांग्रेस हाईकमान ने 2 नेताओं की ड्यूटी लगाई
हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने की सूरत में किसी तरह की सेंधमारी न हो, इसके लिए हाईकमान भी एक्टिव हो चुका है। हाईकमान ने AICC के महासचिव केसी वेणुगोपाल और अजय माकन को हरियाणा पर नजर रखने के लिए कहा है। वोटिंग से पहले ही केंद्रीय ऑब्जर्वर्स के नाम तय किए जा रहे हैं। हालांकि इन्हें रिजल्ट आने के बाद ही चंडीगढ़ भेजा जाएगा। काउंटिंग के दिन दिल्ली में रहेंगे खड़गे-राहुल
हरियाणा में कांग्रेस के जीतने पर इसका नेशनल इंपैक्ट देखते हुए कांग्रेस हाईकमान भी पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं। काउंटिंग के दिन यानी कल 8 अक्टूबर को राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली में ही रहेंगे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक रिजल्ट आने के बाद किसी तरह की रणनीति को लेकर फैसले में देरी न हो, इसके लिए यह फैसला लिया गया है। कांग्रेस में विधायकों की राय लेंगे, अंतिम फैसला हाईकमान का ही
कांग्रेस में CM चुनने की प्रक्रिया के तहत पहले ऑब्जर्वर्स भेजे जाते हैं। जो वन टू वन विधायकों की राय लेते हैं। उसके बाद इसकी रिपोर्ट हाईकमान को दी जाती है। फिर वहां से सीएम का नाम फाइनल किया जाता है। हालांकि आम तौर पर कांग्रेस विधायक दल एक लाइन का प्रस्ताव पास कर हाईकमान को अंतिम फैसले की छूट दे देता है। फिर भी कांग्रेस ज्यादा विधायकों की एक राय हो तो उसे नजरअंदाज नहीं करती। हरियाणा कांग्रेस में CM पद पर किसका दावा कितना मजबूत… भूपेंद्र हुड्डा: 2 बार CM रह चुके हैं। इस बार 90 में से करीब 72 उन्हीं के समर्थकों को टिकट मिला था। ऐसे में कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में आई तो सबसे ज्यादा उनके ही समर्थक विधायक होंगे। ऐसे में विधायकों की राय मानी गई तो हुड्डा CM होंगे। हुड्डा खुद भी गढ़ी सांपला किलोई सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कुमारी सैलजा: सैलजा सिरसा से सांसद हैं। वह विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन हाईकमान की मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद वह अपने ज्यादा समर्थकों के लिए टिकट मांग रहीं थी लेकिन उनके खाते सिर्फ 5 ही टिकटें आईं। ऐसे में विधायकों की राय मानी गई तो सैलजा का सीएम बनना मुश्किल है। हालांकि अगर कांग्रेस हाईकमान किसी दलित चेहरे को सीएम बनाना चाहे तो फिर सैलजा का नंबर आ सकता है। कांग्रेस पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह चरणजीत चन्नी को सीएम बनाकर ये प्रयोग कर चुकी है। सैलजा प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। हालांकि अगर दलित चेहरे की बात आई तो फिर हुड्डा खेमे से ही प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का भी नंबर लग सकता है। रणदीप सुरजेवाला: सुरजेवाला राज्यसभा सांसद हैं। उन्हें भी विधानसभा चुनाव लड़ने की मंजूरी नहीं मिली। हालांकि कांग्रेस ने उनके बेटे आदित्य सुरजेवाला को कैथल से टिकट दे दी। वह भी सीएम का दावा कर रहे हैं और राहुल-सोनिया गांधी के करीबी माने जाते हैं। इसी लिहाज से उनके दावे को थोड़ा असरदार माना जा रहा है। दीपेंद्र हुड्डा: अगर इन तीनों के नाम पर ज्यादा कलह बढ़ी तो फिर भूपेंद्र हुड्डा की जगह दीपेंद्र हुड्डा का भी नंबर आ सकता है। वह राहुल गांधी की गुडबुक में हैं और चुनाव प्रचार के दौरान भी वह ग्राउंड पर लगभग सभी कांग्रेसियों से ज्यादा एक्टिव नजर आए। BJP में CM चेहरा सैनी, विज-राव इंद्रजीत भी दावेदार
कांग्रेस के मुकाबले भाजपा ने पहले ही अपना सीएम चेहरा घोषित कर रखा है। भाजपा ने चुनाव में जीत होने पर ओबीसी वर्ग के नायब सैनी को ही सीएम बनाना है। हालांकि अगर हंग असेंबली के बाद जोड़तोड़ से भाजपा किसी सूरत में सरकार बनाने जैसी परिस्थिति में आती है तो फिर दूसरा कोई चेहरा भी आगे किया जा सकता है। वैसे भाजपा में सैनी के अलावा पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत दावा ठोक रहे हैं।