हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री और पिहोवा विधायक संदीप सिंह की मां दलजीत कौर का निधन हो गया है। दलजीत कौर की बुधवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां पहुंचने तक उनकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दलजीत कौर 62 साल की थीं। वह आज दिल्ली स्थित अपने आवास पर थीं। सुबह करीब साढ़े आठ बजे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजन उन्हें पास के एक निजी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार शाम पांच बजे शाहाबाद मारकंडा के बराड़ा रोड स्थित गुरुद्वारा मंजी साहिब के पास स्थित स्वर्ग धाम में होगा। हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री और पिहोवा विधायक संदीप सिंह की मां दलजीत कौर का निधन हो गया है। दलजीत कौर की बुधवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां पहुंचने तक उनकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दलजीत कौर 62 साल की थीं। वह आज दिल्ली स्थित अपने आवास पर थीं। सुबह करीब साढ़े आठ बजे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजन उन्हें पास के एक निजी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार शाम पांच बजे शाहाबाद मारकंडा के बराड़ा रोड स्थित गुरुद्वारा मंजी साहिब के पास स्थित स्वर्ग धाम में होगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नीरज चोपड़ा को हराने वाले पाकिस्तानी अरशद नदीम की कहानी:गांव वालों ने पैसे इक्ट्ठा कर दिलवाया था पुराना भाला; आर्थिक तंगी ऐसी- ईंद पर खा पाते थे मीट
नीरज चोपड़ा को हराने वाले पाकिस्तानी अरशद नदीम की कहानी:गांव वालों ने पैसे इक्ट्ठा कर दिलवाया था पुराना भाला; आर्थिक तंगी ऐसी- ईंद पर खा पाते थे मीट पेरिस ओलिंपिक में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है। अरशद के लिए अभी तक का सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। इसके साथ-साथ गरीबी से भी जूझे हैं। पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक अरशद के पिता मजदूर हैं और उन्होंने गांव के लोगों से चंदा मांगकर अरशद की ट्रेनिंग करवाई है। पेरिस ओलिंपिक में अरशद की सीधी टक्कर भारत के नीरज चोपड़ा से थी। नीरज सिल्वर लेकर आए हैं। पाकिस्तान के अरशद ने ओलिंपिक में नायाब रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 92.97 मीटर दूर भाला फेंका। इससे पहले नॉर्ने के एथलीट थोरकिल्डसेन एंड्रियास ने 2008 में बीजिंग ओलिंपिक में 90.57 मीटर का रिकॉर्ड बनाया था। अब नदीम ने इस रिकॉर्ड को तोड़कर इतिहास रच दिया। ये पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार रहा जब ओलिंपिक में किसी एथलीट ने व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। कौन हैं अरशद नदीम, जिन्होंने जीता पेरिस ओलिंपिक में गोल्ड मेडल
दरअसल, 27 साल के जेवलिन थ्रोअर अरशद नदीम पाकिस्तानी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने जेवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। अरशद के गोल्ड मेडल जीतने के बाद उनकी हर जगह तारीफ तो हो रही है, लेकिन उनके जिंदगी के असली संघर्ष की कहानी के बारे में लोगों को कुछ खास नहीं पता। अरशद नदीम के पिता मुहम्मद अशरफ मजदूर हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह घर का खर्चा और नदीम की ट्रेनिंग दोनों का खर्च उठा सकें। नदीम को पेरिस ओलिंपिक में भेजने के लिए उनके पूरे गांव ने मिलकर उनकी ट्रेनिंग के लिए पैसे इक्ठ्ठा किए। पुराने डैमेज भाले से किया अभ्यास उनके पिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया था कि लोगों को इसका अंदाजा भी नहीं कि अरशद यहां तक कैसे पहुंचा। कैसे उनके गांव वालों ने उनके करियर की शुरुआत में चंदा जुटाकर उन्हें अलग-अलग जगह ट्रेनिंग और ट्रेवल करने में मदद की। उन्होंने ये भी बताया कि आर्थिक तंगी के चलते अरशद को एक पुराने भाले से प्रैक्टिस करनी पड़ी। ये भाला खराब भी हो चुका था और उन्हें कई साल से इंटरनेशनल लेवल का नया भाला नहीं खरीद सके और पुराने डैमेज हो चुके भाले से ही अभ्यास करते रहे। अरशद नदीक का ऐसा रहा करियर
पाकिस्तान के अरशद नदीम ने टोक्यो 2020 ओलंपिक्स में पुरुषों के जैवलिन थ्रो इवेंट में 86.62 मीटर दूर भाला फेंककर के साथ पांचवां स्थान हासिल किया। इससे पहले नदीम का करियर बेस्ट थ्रो 90.18 मीटर था, जिसने उन्हें 90 मीटर का आंकड़ा पार करने वाले वह पहले एशियाई बने। साल 2015 में नदीम ने भाला फेंक इवेंट में हिस्सा लेना शुरू किया था और बेहद ही कम समय में उन्होंने अपनी छाप छोड़ दी। साल 2016 में उन्होंने गुवाहाटी में भारत में साउथ एशियन गेम्स में 78.33 मीटर की राष्ट्रीय रिकॉर्ड थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता। इसके बाद नदीम ने 2019 की वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, दोहा, कतर में अपनी काबिलियत का लोहा मानवाया। एक स्कूल के बच्चे से लेकर आज ओलिंपिक चैंपियन बनने तक कि नदीम की कहानी ये साबित करती है कि मेहनत और समपर्ण से कोई कुछ भी हासिल कर सकता है।
इवेंट में जाने के भी नहीं होते थे पैसे
नदीम के पिता मुहम्मद अशरफ ने पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में बताया कि लोगों ने नदीम की ट्रेनिंग के लिए पैसे इकट्ठे किए। समुदाय का यह सहयोग नदीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि शुरुआती दिनों में उसके पास यात्रा और दूसरे शहरों में प्रशिक्षण के लिए जरूरी पैसे नहीं थे। हालात ऐसे की ब्रॉन्ज की भी नहीं थी आस पाकिस्तान के पंजाब के खानेवाल गांव में पले-बढ़े नदीम के परिवार को एक समय पर भारी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। उनके पिता मजदूरी करते थे, जो अपने सात बच्चों के बड़े परिवार का भरण-पोषण करने के लिए संघर्ष करते थे। उनके बड़े भाई शाहिद अजीम के अनुसार, वे साल में केवल एक बार ईद-उल-अज़हा के दौरान ही मीट खरीद पाते थे। नदीम ने पाकिस्तान को दिलाया तीसरा ओलिंपिक मेडल
नदीम ने 27 वर्ष की आयु में गुरुवार को पाकिस्तान के लिए पहला स्वर्ण पदक हासिल किया। यह उपलब्धि देश का तीसरा ओलिंपिक पदक है, इससे पहले उसने रोम 1960 में कुश्ती में और सियोल 1988 में मुक्केबाजी में पदक जीता था।
सात एथलीट में सिर्फ नदीम को मिली सफलता
पाकिस्तान ने पेरिस ओलिंपिक में सात एथलीट भेजे थे, लेकिन केवल नदीम ही अपने इवेंट में फाइनल के लिए क्वालिफाई कर पाए। फाइनल के लिए उनके क्वालिफाई करने पर उनके गांव में जश्न मनाया गया, जहां उनके परिवार और साथी ग्रामीणों ने गर्व और खुशी व्यक्त की। अरशद नदीम की कहानी सिर्फ पदक जीतने की नहीं है। यह दृढ़ता और सामुदायिक समर्थन की कहानी है। उनकी सफलता ने पाकिस्तान में एथलेटिक्स की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जो कि मुख्य रूप से क्रिकेट पर केंद्रित देश है। किस हालात और विपरीत परिस्थिति में नदीम ने यह मुकाम हासिल किया।
हरियाणा में 2 दिन बाद हीटेवेव का सेकेंड फेज:आज बारिश-आंधी का अलर्ट; कल भी ऐसा ही रहेगा मौसम, 11 डिग्री लुढ़का पारा
हरियाणा में 2 दिन बाद हीटेवेव का सेकेंड फेज:आज बारिश-आंधी का अलर्ट; कल भी ऐसा ही रहेगा मौसम, 11 डिग्री लुढ़का पारा हरियाणा में आज-कल गर्मी से राहत मिली है। दो दिन की बारिश और आंधी से प्रदेश में अधिकतम तापमान में 11 डिग्री की गिरावट आई है। मौसम विभाग ने इसको देखते हुए 7 जून यानी आज और 8 जून यानी कल भी प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की बारिश के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं। हवा की स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है। हालांकि दो दिन बाद यानी 9 जून को फिर से हीटवेव का सेकेंड फेज शुरू होगा। इस दौरान पारे में 8 से 10 डिग्री की बढ़ोतरी के आसार हैं। सूबे में दिन के साथ ही रात के औसत तापमान में 6.3 डिग्री की कमी आई है। अब प्रदेश में रात का पारा सामान्य से 2.3 डिग्री तक कम हो चुका है। तेज आंधी और बारिश के कारण गर्मी कम हुई है। आंधी से 8 जिलों में नुकसान प्रदेश में बुधवार की रात 8 जिलों में इलाकों में आंधी के कारण पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए हैं। इनमें पानीपत, हिसार, अंबाला, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, जींद व भिवानी शामिल हैं। इसके अलावा सोनीपत, गुरुग्राम, रेवाड़ी, फतेहाबाद, डबवाली, महेंद्रगढ़ समेत कई जिलों में धूलभरी तेज हवाएं चलीं। इससे करीब आधे हरियाणा में बिजली सप्लाई बाधित हुई है। पानीपत शहर के कई क्षेत्रों में करीब 21 घंटे से बिजली नहीं है। यहां पढ़िए कहां गिरा कितना तापमान सबसे ज्यादा दिन के पारे में गिरावट हिसार में दर्ज की गई। यहां 11 डिग्री तक अधिकतम तापमान में कमी आई। यहां का अधिकतम तापमान 21.7 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं अंबाला का तामपान 23.4 रिकार्ड किया गया, यहां 5.7 डिग्री की गिरावट आई। करनाल में 23.2 डिग्री पारा पहुंचा, यहां 4.7 डिग्री की गिरावट आई। नारनौल में 2.0 डिग्री की, रोहतक में 5.2, सिरसा में 7.2, दादरी में 5.5, गुरुग्राम में 5.6, जींद में 8.1, कुरुक्षेत्र में 6.2 महेंद्रगढ़ में 7.0, पलवल में 5.0, पानीपत में 6.5 रेवाड़ी में 5.3, सोनीपत में 9.4 और यमुनानगर में 4.1 डिग्री की गिरावट देखी गई। अलर्ट मोड में सरकार हरियाणा में बढ़ती गर्मी को लेकर सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। दिन-प्रतिदिन बदल रहे मौसम को लेकर कार्ययोजना का मसौदा तैयार कर लिया गया है। अब इसे केंद्र सरकार से मंजूरी मिलेगी। साथ ही, गर्मी में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए सभी जिलों को 26.75 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की वीरवार को केंद्र के साथ एक मीटिंग भी हुई है। इसके बाद सीएस ने बताया कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से इस संबंध में सभी डीसी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इनमें लू से निपटने के लिए राहत कार्यों की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा जलाशयों से गाद निकालने के लिए भी जल्द ही कार्ययोजना बनाकर उसे क्रियान्वित किया जाएगा।
सोनीपत में राई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन प्रधान की मौत:रबड़ फैक्ट्री में लगी आग में झुलसे थे; अनेक समाजसेवी संस्थाओं से जुडे थे
सोनीपत में राई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन प्रधान की मौत:रबड़ फैक्ट्री में लगी आग में झुलसे थे; अनेक समाजसेवी संस्थाओं से जुडे थे हरियाणा के सोनीपत में बड़ी दुखदाई घटना सामने आयी है। पांच दिन पहले राई की रबड़ फैक्ट्री में लगी आग में बुरी तरह से झुलसे राई इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश देवगन की रात को मौत हो गई। वे रोटरी क्लब ऑफ सोनीपत मिडटाउन जैसी अनेक समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े हुए थे। उनकी एकाएक हुई मौत से शहरवासी हैरान हैं। इसके साथ ही रबड़ फैक्टरी में हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 3 हो गई है। मृतकों में फैक्टरी के मालिक भी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार सोनीपत के राई इंडस्ट्रियल क्षेत्र में 28 मई को सांवरिया एक्सपोर्ट कंपनी में आग लग गई थी इसमें तारों पर रबड़ चढ़ाने का काम किया जाता था। आग लगने की सूचना के बाद राई इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश देवगन भी राहत बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंचे थे। इसी दौरान वहां पर केमिकल में ब्लास्ट हुआ। राकेश देवगन भी आग की लपटों में आकर झुलस गए थे। फैक्ट्री में आग के बाद हाहाकार मच गया था। रबड़ प्लांट के अंदर बॉयलर फट गया था। 40 के करीब श्रमिक आग से झुलस गए थे। इनमें फैक्ट्री के मालिक समेत दो की मौत हो गई थी। प्रधान राकेश देवगन को भी इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया था। बीती रात को देवगन की मौत हो गई। शनिवार सुबह जैसे ही राकेश देवगन की मौत की सूचना शहरवासियों को लगी तो वे स्तब्ध रह गए।