हरियाणा में करनाल के नडाना गांव के पास स्थित नहर में सोमवार को एक मनरेगा मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। मजदूर नहर के किनारे सफाई का काम कर रहा था, तभी उसका पांव फिसलने से वह नहर में गिर गया। इस दुर्घटना के बाद वहां काम कर रहे अन्य मजदूरों में हड़कंप मच गया और तुरंत गोताखोरों को बुलाया गया। पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई। कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने कुछ दूरी पर नहर से मजदूर का शव बरामद कर लिया। गांव सग्गा का रहने वाला था जोगिंदर मृतक मजदूर की पहचान जोगिंद्र के रूप में हुई है, जो सग्गा गांव का रहने वाला था और लगभग 35 वर्ष का था। गोताखोर कर्ण ने बताया कि उन्होंने नहर में काफी खोजबीन की, लेकिन पानी का बहाव कम होने के बावजूद शुरुआत में मजदूर का कोई सुराग नहीं मिला। गोताखोरों की तत्परता से मजदूर का शव अंततः बरामद कर लिया गया। प्रशासन पर लापरवाही के आरोप घटना के बाद मनरेगा मजदूरों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि नहर की सफाई के काम के दौरान मजदूरों के पास कोई सेफ्टी उपकरण नहीं थे, न ही कोई लाइफ जैकेट मुहैया करवाई गई थी। मजदूरों ने इसे प्रशासन की लापरवाही बताया और कहा कि सरकार को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए। बिना सुरक्षा उपकरणों के की जा रही थी सफाई उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नहर की सफाई मेट के अधीन होती है और मजदूरों की सुरक्षा का ख्याल रखना मेट की जिम्मेदारी होती है। मजदूरों का कहना है कि सफाई कार्य के लिए बजट से दो लाख रुपए आवंटित किए जाते हैं, लेकिन मजदूरों को सिर्फ 50 हजार रुपए दिए जाते हैं, बाकी रकम का गबन कर लिया जाता है। मजदूरों ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। इस हादसे ने एक बार फिर से मनरेगा मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूरों का कहना है कि जब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाएगी, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। प्रशासन को मजदूरों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो। क्या कहती है पुलिस हादसे के बाद मौके पर पहुंचे जांच अधिकारी रामपाल ने बताया कि जोगिंद्र मनरेगा के तहत काम कर रहा था और नहर के किनारे सफाई कर रहा था। पुलिस और गोताखोरों की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और आखिरकार शव को बरामद कर लिया गया। रामपाल ने बताया कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और मजदूरों द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच की जाएगी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। हरियाणा में करनाल के नडाना गांव के पास स्थित नहर में सोमवार को एक मनरेगा मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। मजदूर नहर के किनारे सफाई का काम कर रहा था, तभी उसका पांव फिसलने से वह नहर में गिर गया। इस दुर्घटना के बाद वहां काम कर रहे अन्य मजदूरों में हड़कंप मच गया और तुरंत गोताखोरों को बुलाया गया। पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई। कड़ी मशक्कत के बाद गोताखोरों ने कुछ दूरी पर नहर से मजदूर का शव बरामद कर लिया। गांव सग्गा का रहने वाला था जोगिंदर मृतक मजदूर की पहचान जोगिंद्र के रूप में हुई है, जो सग्गा गांव का रहने वाला था और लगभग 35 वर्ष का था। गोताखोर कर्ण ने बताया कि उन्होंने नहर में काफी खोजबीन की, लेकिन पानी का बहाव कम होने के बावजूद शुरुआत में मजदूर का कोई सुराग नहीं मिला। गोताखोरों की तत्परता से मजदूर का शव अंततः बरामद कर लिया गया। प्रशासन पर लापरवाही के आरोप घटना के बाद मनरेगा मजदूरों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि नहर की सफाई के काम के दौरान मजदूरों के पास कोई सेफ्टी उपकरण नहीं थे, न ही कोई लाइफ जैकेट मुहैया करवाई गई थी। मजदूरों ने इसे प्रशासन की लापरवाही बताया और कहा कि सरकार को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए। बिना सुरक्षा उपकरणों के की जा रही थी सफाई उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नहर की सफाई मेट के अधीन होती है और मजदूरों की सुरक्षा का ख्याल रखना मेट की जिम्मेदारी होती है। मजदूरों का कहना है कि सफाई कार्य के लिए बजट से दो लाख रुपए आवंटित किए जाते हैं, लेकिन मजदूरों को सिर्फ 50 हजार रुपए दिए जाते हैं, बाकी रकम का गबन कर लिया जाता है। मजदूरों ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है। इस हादसे ने एक बार फिर से मनरेगा मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूरों का कहना है कि जब तक उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाएगी, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। प्रशासन को मजदूरों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो। क्या कहती है पुलिस हादसे के बाद मौके पर पहुंचे जांच अधिकारी रामपाल ने बताया कि जोगिंद्र मनरेगा के तहत काम कर रहा था और नहर के किनारे सफाई कर रहा था। पुलिस और गोताखोरों की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और आखिरकार शव को बरामद कर लिया गया। रामपाल ने बताया कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और मजदूरों द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच की जाएगी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस प्रत्याशी ने इनेलो ने पक्ष में मांग डाले वोट:कार्यकर्ताओं ने कुर्ता खींच याद दिलाई पार्टी, दो बार रह चुके हैं विधायक
कांग्रेस प्रत्याशी ने इनेलो ने पक्ष में मांग डाले वोट:कार्यकर्ताओं ने कुर्ता खींच याद दिलाई पार्टी, दो बार रह चुके हैं विधायक हरियाणा में फतेहाबाद के कांग्रेस प्रत्याशी बलवान सिंह दौलतपुरिया ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से इनेलो को वोट देने की अपील की। दरअसल, जनसभा में बोलते बोलते उनकी जुबान कई बार फिसली जिसमें उन्होंने कहा, “चश्मे के सामने वाला बटन दबाना है”। बलवान सिंह ने ऐसा एक बार नहीं बल्कि बार-बार कहा। इसके बाद स्टेज पर बैठे बलवान सिंह के समर्थकों ने उनका कुर्ता खींचकर उन्हें गलती याद करवाई। बलवान सिंह दौतलपुरिया फिर भी नहीं समझे। इसके बाद समर्थकों ने उन्हें बताया कि आप कांग्रेस प्रत्याशी हैं और इनेलो के लिए वोट मांग रहे हैं। बता दें कि बलवान सिंह दौलतपुरिया 2014 से 2019 तक इनेलो से विधायक थे। 2019 चुनाव से पहले इनेलो छोड़ भाजपा में चले गए थे। किसान आंदोलन के बाद उन्होंने भाजपा से भी किनारा कर लिया और कांग्रेस ज्वॉइन कर ली। जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें फतेहाबाद से टिकट दिया है। दुड़ाराम और बलवान सिंह में रही है टक्कर
फतेहाबाद में पिछले सात साल से मौजूदा भाजपा विधायक दुड़ाराम और बलवान सिंह दौलतपुरिया के बीच कांटे की टक्कर रही है। 2014 में इनेलो से टिकट पाकर बलवान सिंह दौलतपुरिया ने तत्कालीन हजकां प्रत्याशी दुड़ाराम को 3500 से अधिक वोटों से हराया था। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भी बलवान सिंह भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार थे। मगर ऐन वक्त पर दुड़ाराम भाजपा से टिकट पाने में बाजी मार गए। इस कारण दौलतपुरिया का टिकट कट गई। भाजपा से दुड़ाराम विधायक बन गए, ऐसे में भाजपा में बलवान सिंह दौलतपुरिया को ज्यादा तवज्जो नहीं मिल पाई। इस कारण किसान आंदोलन का मौका भुनाते हुए उन्होंने भाजपा छोड़ने का ऐलान कर दिया और अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है। मीडिया के सामने भावुक हुए अनूप धानक
हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की पूर्व विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला ने पूर्व मंत्री अनूप धानक पर विवादित बयान दिया। इस बयान के बाद उकलाना विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी अनूप धानक मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मैं अनुसूचित जाति परिवार से हूं और इसी वजह से मुझे बड़ी साजिश के तहत गांवों और चौपालों में जाने से रोका जा रहा है। नैना चौटाला ने अनूप को कहा था काला नाग
नैना चौटाला ने कहा था कि अनूप को हमने प्यार और मान-सम्मान दिया था। मगर, अनूप से तो दोमुंहा सांप ही बेहतर है। कम से कम उसका पता होता है कि वह किस तरफ डसेगा। एक तो भगवान ने अनूप को शक्ल ही काले नाग जैसी दी थी, ऊपर से वो काला नाग निकल भी गया। जैसे झोटा बिकता है, उसकी तरह बिक गया।’ अनूप के बयान की 3 अहम बातें.
अनूप बोले- दुख हुआ मगर उनका सम्मान करता हूं
जब नैना चौटाला ने कहा कि मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। मैंने 20-25 साल उस परिवार की सेवा की है और हमेशा नैना चौटाला का मां की तरह सम्मान किया है। नैना चौटाला ने कहा कि विधानसभा में जाने से पहले वे नैना चौटाला के पैर छूते थे। मैंने पार्टी नहीं तोड़ी, बल्कि 5 साल पूरे होने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया। 20 साल पहले भी मेरा रंग-रूप ऐसा ही था। मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि नैना चौटाला का बयान सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ, लेकिन मैं उनका सम्मान करता हूं। छीन लिया जाता है माइक
अनूप धानक ने कहा कि गरीब परिवार से होने के कारण उन्हें बोलने से रोका जा रहा है और कई बार माइक छीन लिया जाता है। हम उन लोगों से डंडे लेकर नहीं लड़ सकते, लेकिन मतदाता सब जानता है और देख भी रहा है। हम ऐसे षड्यंत्रकारियों को अपने वोट से मारेंगे। लोकतंत्र में वोट मांगने का अधिकार
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वोट मांगने, गांव-गांव जाने, जनसभा में सभा को संबोधित करने का अधिकार सभी को है, लेकिन वह एक गरीब व्यक्ति है। जिसके कारण कुछ लोग साजिश के तहत उसे इन अधिकारों से वंचित करना चाहते हैं। क्या गरीब परिवार में जन्म लेना मेरा अपराध है? उन्होंने कहा कि जो लोग किसी कारणवश उनसे नाराज हैं, उन्हें वह शांत करेंगे और अगर उनसे कोई गलती हुई है, तो वह माफी मांगेंगे। नैना बोलीं- उसकी चप्पलों में छेद होता था
नैना ने कहा- हमने एससी और बैकवर्ड क्लास को भी मान-सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हमने तो अनूप धानक को भी स्टेट मिनिस्टर बनाकर भेजा था। किसी के माथे पर यह नहीं लिखा होता कि यह पीठ पर छुरा घोंपेगा। जब कोई हमारे साथ खड़ा होता है ना, तो वह हमारा होता है। मैंने उसको तब देखा था, जब उसकी चप्पलों में छेद होता था और आज वो भी मुंह ऊपर करके चल रहा है। अगर आपकी उकलाना में रिश्तेदारी है तो आप जरूर उसके खिलाफ वोट मांगने का काम करो। उसको धूल चटाने का काम करो, ताकि उसे पता चले कि देवीलाल परिवार की पीठ में छुरा घोंपने से क्या होता है। चौटाला परिवार के सबसे खास माने जाते थे अनूप
अनूप धानक चौटाला परिवार के सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते थे। इनेलो टूटने के बाद वह अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला के साथ आ गए और जजपा में रहे। इससे पहले वह इनेलो में थे। अनूप 2 बार उकलाना से विधायक चुने गए हैं। एक बार वह इनेलो से जीते और दूसरी बार उन्होंने जजपा से टिकट लेकर चुनाव लड़ा और विधायक बने। वह अबकी बार भी उकलाना से जजपा के उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे थे, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी। वह भाजपा में शामिल हुए तो उन्हें उम्मीदवार बना दिया गया। अनूप धानक 2019 में JJP के टिकट पर विधायक बने थे। गठबंधन सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया। 2024 विधानसभा चुनाव ऐलान के बाद वह JJP छोड़कर BJP में शामिल हो गए थे। BJP ने उन्हें उकलाना से उम्मीदवार बनाया है। हरियाणा में चुनाव नेताओं के 3 चर्चित बयान सैलजा पर 3 दिन पहले की गई जातिगत टिप्पणी
उधर, 3 दिन पहले सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा पर नारनौंद में जातिगत टिप्पणी की गई थी। यहां कांग्रेस प्रत्याशी जसबीर सिंह उर्फ जस्सी पेटवाड़ के कार्यक्रम में आए एक व्यक्ति ने सैलजा पर कहा कि ‘हुड्डा तो देवै था जस्सी ने, ….दे थी डॉक्टर कै, खास बात अड़ै थी जी, सैलजा…।’ इसके बाद टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। रोहतक के लाढ़ोत रोड निवासी व्यक्ति ने इसकी शिकायत दी और जाति सूचक शब्द कहने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद टिप्पणी करने वाल व्यक्ति ने माफी मांग ली। व्यक्ति ने कहा कि ‘जो कल उन्होंने शब्द कहे थे, वे गलत कहे गए। भोला आदमी हूं, कुमारी सैलजा हमारी बहन हैं और पार्टी की नेता हैं। पूरे समाज में माफी मांगता हूं और आगे ऐसी गलती नहीं करूंगा।’ कांग्रेस किसानों का मीठा खून पीने वाली पार्टी
भाजपा नेता एवं पूर्व सांसद अशोक तंवर ने कहा कि राजीव गांधी एजुकेशन सिटी के नाम पर किसानों की जमीन लूटी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने 10 साल में प्रदेश में किए गए सभी वादे पूरे किए हैं। अशोक तंवर सोनीपत के राई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी कृष्णा गहलावत के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर पहुंचे थे कांग्रेस ने किराए के उम्मीदवारों को टिकट दिए
कांग्रेस प्रत्याशी महावीर गुप्ता ने कहा कि हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है और कांग्रेस इतनी पिछड़ गई है कि उसके पास कोई उम्मीदवार ही नहीं है। कांग्रेस के लिए सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार चुनना बहुत मुश्किल हो गया है। कांग्रेस ने किराए के उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं। कांग्रेस सांसद बोले- लिपस्टिक-पाउडर लगाकर नेता बनते हों तो मैं भी लगा लूं हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश उर्फ जेपी का महिला नेता पर विवादित बयान सामने आया है। एक चुनावी सभा के दौरान जेपी ने कहा, ‘जे लिपस्टिक और पाउडर लगाकर लीडर बनते हों तो मैं भी लगा लूं, फिर दाढ़ी क्यों रखूं।’ जेपी के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि उन्होंने यह कलायत विधानसभा सीट से टिकट मांग रहीं राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला की करीबी श्वेता ढुल और अनीता ढुल बड़सीकरी को लेकर कहा है। पूरी खबर पढ़ें…
करनाल में किसानों का प्रदर्शन-भूख हड़ताल:डल्लेवाल के समर्थन में सरकार को चेतावनी; फसल की MSP व अन्य मांगें उठाई
करनाल में किसानों का प्रदर्शन-भूख हड़ताल:डल्लेवाल के समर्थन में सरकार को चेतावनी; फसल की MSP व अन्य मांगें उठाई हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसान नेता सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) ने करनाल में भूख हड़ताल की। भाकियू ने सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए नायब तहसीलदार को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। किसानों ने सरकार से एमएसपी गारंटी समेत अन्य मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की। भाकियू ने चेताया कि मांगों को सरकार ने पूरा नहीं किया तो उग्र प्रदर्शन भी किया जा सकता है। करनाल में भाकियू के जिला प्रधान अजय राणा, किसान संदीप, छबैग सिंह, करपाल सिंह, हरमन सिंह, गुरजंत सिंह व अन्य ने कहा कि 11 महीनों से किसान शंभू व खनौरी बॉर्डर पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे है। किसान फसल के एमएसपी गारंटी व अन्य मांगों को मनवाने के लिए दिल्ली जाना चाहते हैं, लेकिन हरियाणा सरकार ने किसानों का रास्ता रोका हुआ है। उन्होंने कहा कि किसान आगे बढ़ते है तो उन पर आंसू गैस के गोले दागे जाते हैं। लाठियां तक मारी जाती है। खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे है। डल्लेवाल की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है। बुजुर्ग शरीर है। सरकार का उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं है। उनके जीने या मरने से सरकार को कोई सरोकार नहीं है। सरकार के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए भूख हड़ताल पर भाकियू बैठी है। किसानों की जायज मांगों को सरकार पूरा करे। उन्होंने कहा कि आज का यह एक दिवसीय भूख हड़ताल है और सांकेतिक प्रदर्शन किया है। सरकार ने मांगों को नहीं माना तो आगे उग्र प्रदर्शन का भी फैसला लिया जा सकता है।
नूंह में मकान में भीषण आग:3 मवेशी जिंदा जले, लाखों रुपए कीमत का घरेलू सामान भी जला, बुझाने में लगे 3 घंटे
नूंह में मकान में भीषण आग:3 मवेशी जिंदा जले, लाखों रुपए कीमत का घरेलू सामान भी जला, बुझाने में लगे 3 घंटे हरियाणा के नूंह के तावडू में मंगलवार दोपहर अज्ञात कारणों से आग लगने से जल कर तीन मवेशियों की मौत हो गई। इनमें एक भैंस, एक कटिया और एक गाय शामिल हैं। वहीं इसके बाद मकान में रखें कूलर, पंखे, फ्रीज, दो बाइक और करीब 70 मन अनाज भी जल कर राख हो गया। तावड़ू के साबिर,जमील, जमशेद ने बताया कि आग किस कारण से लगी यह समझ नहीं आ रहा। घर के बाहर बंधे हुए तीन मवेशी जलकर मर गए। वहीं घरों में रखा लाखों रुपए का सामान जिसमें कूलर पंखे और फ्रिज आदि भी जल गए दो बाइक एक टेंपो सहित दो टंकियां में रखा 70 मन के करीब अनाज भी इस आगजनी की भेंट चढ़ गया। मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सक ओमप्रकाश फलस्वाल ने पशुओं की जांच कर तीनों को मृत घोषित कर दिया। बताया कि भैंस आठ महीने की गर्भवती थी। पीड़ित साबिर ने बताया कि आग लगने के कारण तीन घरों की दीवारें भी फट गई। बताया कि तावड़ू के अतिरिक्त भिवाड़ी, सोहना और नूंह से पांच दमकल विभाग की गाड़ियां पहुंची थी। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।