करनाल पोस्टल बैलेट की गिनती में पूर्व CM हारे:EVM में मिली जीत, भाजपा का वोट शेयर 15.2% गिरा, कांग्रेस का 18% बढ़ा

करनाल पोस्टल बैलेट की गिनती में पूर्व CM हारे:EVM में मिली जीत, भाजपा का वोट शेयर 15.2% गिरा, कांग्रेस का 18% बढ़ा

करनाल लोकसभा सीट के नतीजे सबके सामने हैं। पूर्व सीएम मनोहर लाल ईवीएम में भले ही लोकसभा चुनाव जीत गए हों, लेकिन पोस्टल बैलेट की गिनती में मनोहर लाल हार गए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को पोस्टल बैलेट में 2271 वोट मिले, जबकि मनोहर लाल को सिर्फ 2003 वोट मिले, यानी मनोहर लाल दिव्यांशु से 268 वोटों से हार गए, लेकिन ईवीएम की गिनती में उन्होंने दिव्यांशु को हरा दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव के वोट प्रतिशत पर नजर डालें तो भाजपा के संजय भाटिया को 70.1 फीसदी और कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को 19.6 फीसदी वोट मिले थे, जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के मनोहर लाल को 54.91 फीसदी और कांग्रेस के दिव्यांशु को 37.65 फीसदी वोट मिले थे। 2019 के मुकाबले 2024 में भाजपा का वोट प्रतिशत 15.2 प्रतिशत गिरा है, जबकि 2019 के मुकाबले 2024 में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 18 प्रतिशत बढ़ा है। मतदाताओं पर पकड़ नहीं बना पाई भाजपा मनोहर लाल दो बार सीएम रह चुके हैं और उस हिसाब से मनोहर लाल को 2019 का रिकॉर्ड तोड़ना था, लेकिन मनोहर लाल करनाल लोकसभा के मतदाताओं के बीच कहीं भी अपनी पकड़ नहीं बना पाए। नतीजतन वोटों का अंतर 2.32 लाख रह गया। अगर कांग्रेस के नेता तोड़फोड़ का शिकार न होते तो शायद नतीजे कांग्रेस के पक्ष में जा सकते थे। लोकसभा के किन-किन विधानसभाओं में गिरा BJP का ग्राफ हरियाणा के करनाल लोकसभा में 9 विधानसभा क्षेत्र है। करनाल में 5 और पानीपत 4 विधानसभा आती है। करनाल में नीलोखेड़ी, इंद्री, करनाल, घरौंडा और असंध शामिल है, जबकि पानीपत में पानीपत शहरी, पानीपत ग्रामीण, समालखा और इसराना है। 2019 में भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और कांग्रेस की स्थिति उस वक्त बेहद कमजोर नजर आई थी। 2024 में भले ही BJP चुनाव जीत गई हो, लेकिन विधानसभाओं में BJP के वोट प्रतिशत में गिरावट आई है और कांग्रेस को एक नया हाइक मिला है। जिससे कांग्रेस में नई ऊर्जा नजर आ रही है और आने वाले विधानसभा चुनावों में हरियाणा में बहुमत से सरकार बनाने का दावा तक करने लगी है। अब डालते है एक नजर विधानसभा अनुसार वोटो पर- नीलोखेड़ी विधानसभा करनाल लोकसभा के नीलोखेड़ी में BJP को 2019 में 91,943 वोट मिले थे, और कांग्रेस को 28,827 वोट मिले। लेकिन इस बार मनोहर लाल को 69,317 और दिव्यांशु को 58,432 वोट मिले है। बीजेपी को 22,636 वोट कम मिले और कांग्रेस को 29,605 वोटो का इजाफा किया। यहां पर बीजेपी का वोट घटा। यहां पर निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर रहे है, जिन्होंने बीजेपी को समर्थन दे दिया था। इंद्री विधानसभा इंद्री में 2019 में बीजेपी को 98241 वोट मिले थे और कांग्रेस को 27783 वोट, वहीं 2024 में कांग्रेस ने 59,146 वोट और बीजेपी ने 81,061 वोट हासिल किए। बीजेपी को यहां से 17,180 वोट कम मिले और कांग्रेस को 31,363 वोटो का हाईक मिला है। इंद्री में बीजेपी का ही विधायक रामकुमार कश्यप है। करनाल विधानसभा करनाल तो पूर्व का CM विधानसभा क्षेत्र रहा है, यहां पर भी वे कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए। 2019 में करनाल विधानसभा में BJP को 1,08157 वोट मिले थे और कांग्रेस को 28,761 वोट मिला था, जबकि 2024 में मनोहर लाल को 90,018 वोट और दिव्यांशु को 55,394 वोट हासिल हुए। अपने ही विधानसभा में मनोहर लाल के 18,139 वोट कम मिले और दिव्यांशु को यहां पर 26,633 वोट का इजाफा हुआ है। घरौंडा विधानसभा 2019 में बीजेपी को घरौंडा विधानसभा से 1,07097 वोट मिला, कांग्रेस को 23981 वोट मिले। यहां पर घरौंडा से विधायक हरविंद्र कल्याण पूर्व CM मनोहर लाल के नजदीक रहे है, और वे भी पिछले प्लान के रिकॉर्ड को नहीं तुड़वा पाए। बीजेपी के मनोहर लाल को सिर्फ 88953 वोटे ही मिली, जबकि कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा 56,815 वोट ले गए। 2019 के मुकाबले दिव्यांशु को 32,834 वोटो का जबरदस्त हाइक मिला है और मनोहर लाल खट्टर को 18,144 वोटों का नुकसान हुआ। असंध विधानसभा असंध विधानसभा में कांग्रेस के विधायक शमशेर सिंह गोगी है, यहां पर कांग्रेस को अपने बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद थी। 2019 में असंध विधानसभा से कांग्रेस को 31,148 वोटे मिली थी और बीजेपी को 87872 वोटे मिली, इस बार मनोहर लाल असंध विधानसभा से 62,944 वोटो पर रह गए यानी 24,928 वोटे कम मिली, जबकि दिव्यांशु बुद्धिराजा 61,290 वोट लेकर गए, जो पिछले प्लान से दोगुना है। यहां पर भी कांग्रेस बीजेपी को नहीं हरा पाई। पानीपत ग्रामीण विधानसभा पानीपत ग्रामीण से बीजेपी के विधायक महीपाल ढांडा है, जिनको नायब सैनी की सरकार में मंत्री पद भी दिया हुआ है। यहां पर मनोहर लाल को इस बार 108942 वोट मिले है और कांग्रेस को 61252 वोट। जबकि 2019 में बीजेपी को 1,21343 और कांग्रेस को 29005 वोट मिले थे। यहां से कांग्रेस को 32,247 वोट ज्यादा मिली है और बीजेपी को 12,401 वोट कम मिली है। पानीपत शहरी विधानसभा इस बार मनोहर लाल को 96,747 वोटे मिली और 2019 में वोटो का आंकडा 1,10,624 का था, जो 13,877 वोट कम है। वहीं कांग्रेस के दिव्यांशु को इस बार 34,913 वोट मिले, और 2019 में 23,249 वोट मिले। कांग्रेस को 11,664 वोट अधिक मिले। यहां पर बीजेपी का ही विधायक रहा है। इसराना विधानसभा 2019 में बीजेपी को 81,122 वोट मिली और कांग्रेस को 19,354 वोट मिली थी। इस बार बीजेपी को 58,666 वोट मिली और कांग्रेस को 51,896 वोटे मिली। यहां पर बीजेपी सिर्फ 6770 वोटो का ही मार्जिन मिला। यहां पर कांग्रेस पिछले प्लान के मुकाबले 32,542 वोट का इजाफा कर गई। समालखा विधानसभा मनोहर लाल ने 2019 में बीजेपी को समालखा से 98726 वोट मिले थे, और कांग्रेस को 31059 को वोट मिली। इस बार बीजेपी ने 80634 वोट हासिल किए और कांग्रेस को 62297 वोटे मिली। कांग्रेस यहां से पिछले साल के मुकाबले दोगुनी वोटे ले गई और बीजेपी को हर विधानसभा की तरह कम वोटे ही मिली। विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी चुनौती ऐसे में मनोहर लाल किसी भी विधानसभा क्षेत्र से 2019 को आंकड़ा नहीं तोड़ पाए, लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले प्लान के मुकाबले बेहतरीन रहा। ऐसे में जिस तरह के परिणाम विधानसभाओं में रहे है, इस हिसाब से आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस हरियाणा की राजनीति में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरेगी। करनाल लोकसभा सीट के नतीजे सबके सामने हैं। पूर्व सीएम मनोहर लाल ईवीएम में भले ही लोकसभा चुनाव जीत गए हों, लेकिन पोस्टल बैलेट की गिनती में मनोहर लाल हार गए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को पोस्टल बैलेट में 2271 वोट मिले, जबकि मनोहर लाल को सिर्फ 2003 वोट मिले, यानी मनोहर लाल दिव्यांशु से 268 वोटों से हार गए, लेकिन ईवीएम की गिनती में उन्होंने दिव्यांशु को हरा दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव के वोट प्रतिशत पर नजर डालें तो भाजपा के संजय भाटिया को 70.1 फीसदी और कांग्रेस के कुलदीप शर्मा को 19.6 फीसदी वोट मिले थे, जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के मनोहर लाल को 54.91 फीसदी और कांग्रेस के दिव्यांशु को 37.65 फीसदी वोट मिले थे। 2019 के मुकाबले 2024 में भाजपा का वोट प्रतिशत 15.2 प्रतिशत गिरा है, जबकि 2019 के मुकाबले 2024 में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 18 प्रतिशत बढ़ा है। मतदाताओं पर पकड़ नहीं बना पाई भाजपा मनोहर लाल दो बार सीएम रह चुके हैं और उस हिसाब से मनोहर लाल को 2019 का रिकॉर्ड तोड़ना था, लेकिन मनोहर लाल करनाल लोकसभा के मतदाताओं के बीच कहीं भी अपनी पकड़ नहीं बना पाए। नतीजतन वोटों का अंतर 2.32 लाख रह गया। अगर कांग्रेस के नेता तोड़फोड़ का शिकार न होते तो शायद नतीजे कांग्रेस के पक्ष में जा सकते थे। लोकसभा के किन-किन विधानसभाओं में गिरा BJP का ग्राफ हरियाणा के करनाल लोकसभा में 9 विधानसभा क्षेत्र है। करनाल में 5 और पानीपत 4 विधानसभा आती है। करनाल में नीलोखेड़ी, इंद्री, करनाल, घरौंडा और असंध शामिल है, जबकि पानीपत में पानीपत शहरी, पानीपत ग्रामीण, समालखा और इसराना है। 2019 में भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और कांग्रेस की स्थिति उस वक्त बेहद कमजोर नजर आई थी। 2024 में भले ही BJP चुनाव जीत गई हो, लेकिन विधानसभाओं में BJP के वोट प्रतिशत में गिरावट आई है और कांग्रेस को एक नया हाइक मिला है। जिससे कांग्रेस में नई ऊर्जा नजर आ रही है और आने वाले विधानसभा चुनावों में हरियाणा में बहुमत से सरकार बनाने का दावा तक करने लगी है। अब डालते है एक नजर विधानसभा अनुसार वोटो पर- नीलोखेड़ी विधानसभा करनाल लोकसभा के नीलोखेड़ी में BJP को 2019 में 91,943 वोट मिले थे, और कांग्रेस को 28,827 वोट मिले। लेकिन इस बार मनोहर लाल को 69,317 और दिव्यांशु को 58,432 वोट मिले है। बीजेपी को 22,636 वोट कम मिले और कांग्रेस को 29,605 वोटो का इजाफा किया। यहां पर बीजेपी का वोट घटा। यहां पर निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर रहे है, जिन्होंने बीजेपी को समर्थन दे दिया था। इंद्री विधानसभा इंद्री में 2019 में बीजेपी को 98241 वोट मिले थे और कांग्रेस को 27783 वोट, वहीं 2024 में कांग्रेस ने 59,146 वोट और बीजेपी ने 81,061 वोट हासिल किए। बीजेपी को यहां से 17,180 वोट कम मिले और कांग्रेस को 31,363 वोटो का हाईक मिला है। इंद्री में बीजेपी का ही विधायक रामकुमार कश्यप है। करनाल विधानसभा करनाल तो पूर्व का CM विधानसभा क्षेत्र रहा है, यहां पर भी वे कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए। 2019 में करनाल विधानसभा में BJP को 1,08157 वोट मिले थे और कांग्रेस को 28,761 वोट मिला था, जबकि 2024 में मनोहर लाल को 90,018 वोट और दिव्यांशु को 55,394 वोट हासिल हुए। अपने ही विधानसभा में मनोहर लाल के 18,139 वोट कम मिले और दिव्यांशु को यहां पर 26,633 वोट का इजाफा हुआ है। घरौंडा विधानसभा 2019 में बीजेपी को घरौंडा विधानसभा से 1,07097 वोट मिला, कांग्रेस को 23981 वोट मिले। यहां पर घरौंडा से विधायक हरविंद्र कल्याण पूर्व CM मनोहर लाल के नजदीक रहे है, और वे भी पिछले प्लान के रिकॉर्ड को नहीं तुड़वा पाए। बीजेपी के मनोहर लाल को सिर्फ 88953 वोटे ही मिली, जबकि कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा 56,815 वोट ले गए। 2019 के मुकाबले दिव्यांशु को 32,834 वोटो का जबरदस्त हाइक मिला है और मनोहर लाल खट्टर को 18,144 वोटों का नुकसान हुआ। असंध विधानसभा असंध विधानसभा में कांग्रेस के विधायक शमशेर सिंह गोगी है, यहां पर कांग्रेस को अपने बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद थी। 2019 में असंध विधानसभा से कांग्रेस को 31,148 वोटे मिली थी और बीजेपी को 87872 वोटे मिली, इस बार मनोहर लाल असंध विधानसभा से 62,944 वोटो पर रह गए यानी 24,928 वोटे कम मिली, जबकि दिव्यांशु बुद्धिराजा 61,290 वोट लेकर गए, जो पिछले प्लान से दोगुना है। यहां पर भी कांग्रेस बीजेपी को नहीं हरा पाई। पानीपत ग्रामीण विधानसभा पानीपत ग्रामीण से बीजेपी के विधायक महीपाल ढांडा है, जिनको नायब सैनी की सरकार में मंत्री पद भी दिया हुआ है। यहां पर मनोहर लाल को इस बार 108942 वोट मिले है और कांग्रेस को 61252 वोट। जबकि 2019 में बीजेपी को 1,21343 और कांग्रेस को 29005 वोट मिले थे। यहां से कांग्रेस को 32,247 वोट ज्यादा मिली है और बीजेपी को 12,401 वोट कम मिली है। पानीपत शहरी विधानसभा इस बार मनोहर लाल को 96,747 वोटे मिली और 2019 में वोटो का आंकडा 1,10,624 का था, जो 13,877 वोट कम है। वहीं कांग्रेस के दिव्यांशु को इस बार 34,913 वोट मिले, और 2019 में 23,249 वोट मिले। कांग्रेस को 11,664 वोट अधिक मिले। यहां पर बीजेपी का ही विधायक रहा है। इसराना विधानसभा 2019 में बीजेपी को 81,122 वोट मिली और कांग्रेस को 19,354 वोट मिली थी। इस बार बीजेपी को 58,666 वोट मिली और कांग्रेस को 51,896 वोटे मिली। यहां पर बीजेपी सिर्फ 6770 वोटो का ही मार्जिन मिला। यहां पर कांग्रेस पिछले प्लान के मुकाबले 32,542 वोट का इजाफा कर गई। समालखा विधानसभा मनोहर लाल ने 2019 में बीजेपी को समालखा से 98726 वोट मिले थे, और कांग्रेस को 31059 को वोट मिली। इस बार बीजेपी ने 80634 वोट हासिल किए और कांग्रेस को 62297 वोटे मिली। कांग्रेस यहां से पिछले साल के मुकाबले दोगुनी वोटे ले गई और बीजेपी को हर विधानसभा की तरह कम वोटे ही मिली। विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी चुनौती ऐसे में मनोहर लाल किसी भी विधानसभा क्षेत्र से 2019 को आंकड़ा नहीं तोड़ पाए, लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले प्लान के मुकाबले बेहतरीन रहा। ऐसे में जिस तरह के परिणाम विधानसभाओं में रहे है, इस हिसाब से आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस हरियाणा की राजनीति में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरेगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर