हरियाणा में करनाल के कालरम गांव में बाइक सवार दो चोर चाकू की नोक पर बुजुर्ग की पेंशन छीनकर भागे, तो ग्रामीणों ने एक चोर को मौके पर ही दबोच लिया और दूसरा मौके से फरार हो गया। बुजुर्ग बैंक से पेंशन निकलवाकर अपने घर की तरफ जा रहा था। ग्रामीणों ने चोर को जमकर धुना और ERV को कॉल किया। पुलिस मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों ने आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया। बुजुर्ग की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बुजुर्ग पेंशन निकलवा कर जा रहा था घर गांव कालरम निवासी 70 वर्षीय रणबीर गांव के बैंक से ही अपनी बुढ़ापा पेंशन निकलवाने के लिए गया था। बुजुर्ग ने 3 हजार रुपए बैंक से निकलवाए। बुजुर्ग के पास 2400 रुपए पहले से ही थे। बैंक से ही दोनों युवक बुजुर्ग की रेकी कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, बुजुर्ग बैंक से अपने घर की तरफ लौट रहा था। जैसे ही वह गांव में चौरा मोड पर पहुंचा तो पीछे से एक बाइक पर दो युवक आए। उन्होंने रास्ता रोक लिया और उससे रास्ता पूछने लगे। बुजुर्ग ने जैसे ही रास्ता बताने के लिए अपने हाथ का इशारा किया तो आरोपियों ने एक युवक ने हथियार निकाल लिया और उसकी नोक पर उसके सारे पैसे छीन लिए। मचाया शोर तो पकड़ा चोर बुजुर्ग रणबीर ने शिकायत में बताया है कि जैसे ही युवक बाइक पर भागने लगे, तो तभी बुजुर्ग ने शोर मचाना शुरू कर दिया। चोर-चोर-चोर की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण अलर्ट हो गए और उन्होंने एक चोर को मौके पर ही पकड़ लिया, जबकि दूसरा युवक बाइक लेकर फरार हो गया। ग्रामीणों ने युवक की पहले तो धुनाई की और फिर मौके पर पुलिस बुलाई। पुलिस ने आरोपी से सारे पैसे बरामद कर लिए। पुलिस आरोपी को अपने साथ थाने ले गई। पहले भी दिया है वारदात को अंजाम बुजुर्ग रणबीर ने अपनी शिकायत में बताया है कि 18 जुलाई को भी दो महिलाओं के साथ लूटपाट गांव में हुई थी। जिनसे चोर 4200 रुपए छीनकर फरार हो गए थे। इसके साथ ही चोर महिलाओं का जरूरी सामान लेकर भी भाग गए थे। महिलाओं का नाम राजे व अंजू है। अंदेशा है कि इन्हीं चोरों ने इस घटना का अंजाम दिया हो। पुलिस निष्पक्षता से जांच करे तो पता लगाया जा सकता है। पुलिस ने किया मामला दर्ज घरौंडा थाना प्रभारी मनीष कुमार ने बताया कि गांव कालरम में बुजुर्ग रणबीर से पैसे छीनकर भागने का मामला सामने आया है। एक चोर को पकड़ लिया गया है, जिसने अपना नाम मुनवर बताया है और वह पानीपत का रहने वाला है। दूसरा आरोपी अभी फरार है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है, ताकि दूसरे चोर का पता लगाया जा सके और उसे पकड़ा जा सके। फिलहाल मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा में करनाल के कालरम गांव में बाइक सवार दो चोर चाकू की नोक पर बुजुर्ग की पेंशन छीनकर भागे, तो ग्रामीणों ने एक चोर को मौके पर ही दबोच लिया और दूसरा मौके से फरार हो गया। बुजुर्ग बैंक से पेंशन निकलवाकर अपने घर की तरफ जा रहा था। ग्रामीणों ने चोर को जमकर धुना और ERV को कॉल किया। पुलिस मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों ने आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया। बुजुर्ग की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बुजुर्ग पेंशन निकलवा कर जा रहा था घर गांव कालरम निवासी 70 वर्षीय रणबीर गांव के बैंक से ही अपनी बुढ़ापा पेंशन निकलवाने के लिए गया था। बुजुर्ग ने 3 हजार रुपए बैंक से निकलवाए। बुजुर्ग के पास 2400 रुपए पहले से ही थे। बैंक से ही दोनों युवक बुजुर्ग की रेकी कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, बुजुर्ग बैंक से अपने घर की तरफ लौट रहा था। जैसे ही वह गांव में चौरा मोड पर पहुंचा तो पीछे से एक बाइक पर दो युवक आए। उन्होंने रास्ता रोक लिया और उससे रास्ता पूछने लगे। बुजुर्ग ने जैसे ही रास्ता बताने के लिए अपने हाथ का इशारा किया तो आरोपियों ने एक युवक ने हथियार निकाल लिया और उसकी नोक पर उसके सारे पैसे छीन लिए। मचाया शोर तो पकड़ा चोर बुजुर्ग रणबीर ने शिकायत में बताया है कि जैसे ही युवक बाइक पर भागने लगे, तो तभी बुजुर्ग ने शोर मचाना शुरू कर दिया। चोर-चोर-चोर की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण अलर्ट हो गए और उन्होंने एक चोर को मौके पर ही पकड़ लिया, जबकि दूसरा युवक बाइक लेकर फरार हो गया। ग्रामीणों ने युवक की पहले तो धुनाई की और फिर मौके पर पुलिस बुलाई। पुलिस ने आरोपी से सारे पैसे बरामद कर लिए। पुलिस आरोपी को अपने साथ थाने ले गई। पहले भी दिया है वारदात को अंजाम बुजुर्ग रणबीर ने अपनी शिकायत में बताया है कि 18 जुलाई को भी दो महिलाओं के साथ लूटपाट गांव में हुई थी। जिनसे चोर 4200 रुपए छीनकर फरार हो गए थे। इसके साथ ही चोर महिलाओं का जरूरी सामान लेकर भी भाग गए थे। महिलाओं का नाम राजे व अंजू है। अंदेशा है कि इन्हीं चोरों ने इस घटना का अंजाम दिया हो। पुलिस निष्पक्षता से जांच करे तो पता लगाया जा सकता है। पुलिस ने किया मामला दर्ज घरौंडा थाना प्रभारी मनीष कुमार ने बताया कि गांव कालरम में बुजुर्ग रणबीर से पैसे छीनकर भागने का मामला सामने आया है। एक चोर को पकड़ लिया गया है, जिसने अपना नाम मुनवर बताया है और वह पानीपत का रहने वाला है। दूसरा आरोपी अभी फरार है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है, ताकि दूसरे चोर का पता लगाया जा सके और उसे पकड़ा जा सके। फिलहाल मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अनिल विज ने खोला CM दावे का राज:बोले- खट्टर-सैनी के टाइम पार्टी में भ्रम फैलाया; हुड्डा को देखकर आज भी छुप जाते हैं किसान
अनिल विज ने खोला CM दावे का राज:बोले- खट्टर-सैनी के टाइम पार्टी में भ्रम फैलाया; हुड्डा को देखकर आज भी छुप जाते हैं किसान हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि वे CM की कुर्सी पर दावेदारी को लेकर अभी भी कायम हैं। हालांकि वे इसे पाने के लिए न कोई रणनीति बनाएंगे और न ही कोई लॉबिंग करेंगे। अंबाला कैंट से BJP उम्मीदवार अनिल विज ने कहा कि वह किसी से मुकाबला नहीं मानते। उनके सामने असली-नकली कांग्रेस आपस में लड़ रही है। भूपेंद्र हुड्डा पर विज ने कहा कि उन्होंने किसानों की जमीन बिल्डर माफिया को बेची, जिसे किसान आज तक भूले नहीं हैं। शंभू बॉर्डर पर विज ने कहा कि किसान पंजाब की तरफ बैठे हैं, पंजाब सरकार को सोचना चाहिए। वे भी इस पक्ष में नहीं हैं कि किसान हरियाणा में आकर बैठ जाएं। हरियाणा विधानसभा के लिए 90 सीटों पर चुनाव के प्रचार के बीच दैनिक भास्कर ने अनिल विज से विस्तृत बातचीत की। उसके प्रमुख अंश पढ़ें… सवाल: आप 6 बार विधायक रह चुके हैं, इस बार चुनाव प्रचार कैसे चल रहा है?
अनिल विज: मैंने 6 हारे चुनाव जीते हैं। अभी तक के चुनावों में सबसे अधिक माहौल इस चुनाव में लग रहा है। सवाल: विपक्षी कह रहे हैं कि आपकी सीट फंसी हुई है। कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा से कितनी टफ फाइट मानते हैं?
अनिल विज: वे तो आपस में ही लड़ रहे हैं। असली कांग्रेस और नकली कांग्रेस का मुकाबला मीडिया में चल रहा है। इन दोनों (चित्रा औैर परविंदर परी) से मैं अपना मुकाबला नहीं मानता। सवाल: क्या आपको लगता है कि BJP के सामने एंटी इनकंबेंसी की चुनौती है।
अनिल विज: देखिए, 10 साल पहले जब कांग्रेस के भूपेंद्र हुड्डा का यहां राज रहा है, उसकी एंटी इनकंबेंसी अधिक है। जिस प्रकार से उन्होंने नौकरियां बेची, तबादले बेचे। आज भी उनके प्रत्याशी सरेआम मंचों से कह रहे है। कांग्रेस ने कानून का दुरुपयोग कर किसानों की जमीनें बिल्डर माफिया के हाथों बेच दीं। किसान आज भी भूपेंद्र हुड्डा का नाम सुनकर छिप जाता है। किसान को कांग्रेस ने इतना डराया हुआ है। वह केस भी अभी चल रहे हैं। एक केस में अभी 384 करोड़ रुपए की जायदाद भी अटैच हुई है। भाजपा ने अपने कार्यकाल में ऑनलाइन तबादले किए हैं। मेरिट के बेस पर नौकरियां दी गई हैं। सवाल: खट्टर और नायब सैनी जब CM बने तो आपने कुछ नहीं कहा। अब अचानक CM पद का दावा ठोक दिया। ऐसी स्थिति क्यों आई?
अनिल विज: खुद को सीएम चेहरा बताने की एक वजह है। वैसे तो मैने आज तक पार्टी से कुछ नहीं मांगा। सारे विश्व में एक भी आदमी ये साबित भी नहीं कर सकता। जब ये मुख्यमंत्री बदले गए तो प्रदेश में एक आवाज उठी कि अनिल विज सीनियर है तो अनिल विज क्यों नहीं। तो उनको लोगों ने जवाब दिया कि अनिल विज तो मानता नहीं। वह बनना नहीं चाहता। मैंने केवल उस बात का जवाब दिया। वहम था लोगों को वो दूर किया। मैंने मांगा नहीं, यदि पार्टी बनाएगी तो मैं स्वीकार करूंगा। वहम था लोगों को वो दूर किया। सवाल: संगठन ने तो आपकी सीएम दावेदारी को नकार दिया। अब दावे को मजबूत करने के लिए रणनीति बनाएंगे या पीछे हट जाएंगे?
अनिल विज: कोई रणनीति नहीं बनाऊंगा। किसी को जाकर नहीं कहूंगा। किसी तरह की लॉबिंग नहीं करुंगा। लॉबिंग तो मैंने आज तक की भी नहीं। मैंने तो एक बात का जवाब देना था, दे दिया। सवाल: क्या आपको लगता है कि नायब सैनी के बजाय पीएम मोदी के चेहरे या फिर पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ना ज्यादा अच्छा होता।
अनिल विज: हम चुनाव पार्टी की विचारधारा को नाम पर लड़ रहे है। हम व्यक्तिनिष्ठ पार्टी न होकर विचारनिष्ठ पार्टी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो काम कराए, उसका लाभ लोगों को मिल रहा है। भारतीयों की पूरे विश्व में सम्मान मिल रहा है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 समाप्त की। श्रीराम मंदिर बनाया और तीन तलाक खत्म किए। हरियाणा में पारदर्शी सरकार चलाई गई। उन मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे है। सवाल: जो प्रचार में आपका विरोध कर रहे हैं, वे कौन लोग हैं, उनको क्या कहना चाहेंगे।
अनिल विज: विपक्ष का काम है विरोध करना, उस पर मैं ध्यान नहीं देता। सवाल: शंभू बॉर्डर खोलने पर आपकी व्यक्तिगत राय क्या है?
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2. सैलजा बोलीं- CM का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा:पार्टी में हुड्डा की चलने जैसी कोई बात नहीं; BJP में तो मुख्यमंत्री-अध्यक्ष के ही सुर अलग-अलग 3. दुष्यंत चौटाला बोले-BJP का प्रोपेगैंडा सफल नहीं होगा:हमारा विरोध वो लोग कर रहे, जिनके लिए हम चैलेंज हैं; हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा होगी 4. किरण चौधरी बोलीं- भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा सेटिंग करने वाले नेता:बापू-बेटे पर लटक रही तलवार; सैलजा के अपमान से दुख हो रहा, BJP में सुकून मिला
CAS ने कहा-वजन बढ़ने की जिम्मेदार विनेश फोगाट:ऑर्डर में लिखा- खिलाड़ी को इसका ध्यान रखना होगा, जॉइंट मेडल का नियम नहीं
CAS ने कहा-वजन बढ़ने की जिम्मेदार विनेश फोगाट:ऑर्डर में लिखा- खिलाड़ी को इसका ध्यान रखना होगा, जॉइंट मेडल का नियम नहीं पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने पर डिस्क्वालिफाई हुईं विनेश फोगाट के केस में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने 24 पेज की ऑर्डर कॉपी जारी की है। जिसमें CAS ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी का वजन कम-ज्यादा होने का कारण और जिम्मेदार खुद खिलाड़ी ही है। नियमों से ऊपर कोई भी कारण नहीं हो सकता है। CAS ने आगे कहा कि खेलों में सभी प्रतिभागियों के लिए नियम समान होते हैं और इन नियमों में कोई भी ढील नहीं दी जा सकती। विनेश फोगाट का मामला यह था कि उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक था। उन्होंने इस मामूली बढ़त के लिए सहनशीलता की मांग की थी, क्योंकि यह वृद्धि मासिक धर्म (पीरियड्स) के कारण पानी के रिटेंशन और पानी पीने के कारण हुई थी। लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया और स्पष्ट कर दिया कि नियमों में कोई सहनशीलता का प्रावधान नहीं है। CAS के ऑर्डर की खास बातें… पानी की कमी की दलील दी CAS ने कहा कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि विनेश फोगाट फाइनल से पहले वजन मापने के दौरान असफल साबित हुईं। यानी उनका वजन 50 किग्रा वेट कैटेगरी के लिहाज से ज्यादा पाया गया। इसमें विनेश का मानना यह था कि सिर्फ 100 ग्राम वजन ज्यादा है। इसे पीरियड्स, वॉटर रिटेंशन के चलते विलेज तक आने के कारण पानी नहीं मिल पाया। नियम सभी के लिए समान एथलीट्स के लिए समस्या यह है कि वजन को लेकर नियम साफ हैं और सभी के लिए समान भी हैं। इसमें कितना ज्यादा है, यह देखने के लिए कोई सहनशीलता प्रदान नहीं की गई है। यह सिंगलेट (फाइटिंग के दौरान पहलने वाली जर्सी) के वजन की भी अनुमति नहीं देता है। यह भी साफ है कि एथलीट को ही यह देखना होगा कि उसका वजन नियम के अनुसार ही हो। थोड़ी भी छूट देने का अधिकार नहीं यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों में साफ दिया गया है कि पहलवान को न सिर्फ टूर्नामेंट के शुरुआत में खेलने के योग्य होना चाहिए, बल्कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान ही उसे योग्य होना चाहिए। यानी एंट्री से लेकर फाइनल तक ऐसे में नियमों में जरा भी अधिकार नहीं दिया गया है कि थोड़ी भी छूट दी जाए। इससे समझ सकते हैं कि क्यों ये नियम प्रदान करते हैं कि एक बार जब कोई पहलवान प्रतियोगिता के दौरान अयोग्य हो जाता है, तो अनुच्छेद 11 में दिए गए परिणाम लागू होते हैं। उस दिन के हालात पर छूट का प्रावधान नहीं एथलीट ने यह भी मांग की है कि वजन के नियमों में दी गई लिमिट को उस दिन की उसकी व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार बदला जाए और उस लिमिट पर सहनशीलता लागू की जाए। यानी 100 ग्राम वजन को ज्यादा न समझा जाए और 50 किग्रा वेट कैटेगरी में खेलने की अनुमति दी जाए। मगर, नियमों को देखा जाए तो उसमें ऐसी कोई छूट देने का प्रावधान ही नहीं है। नियम साफ हैं कि 50 किग्रा वेट एक लिमिट है. इसमें व्यक्तिगत तौर पर सहूलियत देने या विवेकाधिकार प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है। विनेश ने पहले मापे गए वजन की दलील दी एथलीट का पहले दिन का वजन नियम के अनुसार था। उन्हें दूसरे दिन यानी फाइनल से पहले भी वजन माप में सफल होना था। नियमों के अनुच्छेद 11 के लागू होने के कारण विनेश टूर्नामेंट से बाहर हो गईं और बिना किसी रैंक के आखिरी स्थान पर आ गईं। इसने उनसे सिल्वर मेडल भी छीन लिया, जो उन्होंने सेमीफाइनल जीतने के साथ ही पक्का कर लिया था। इस पर विनेश की दलील है कि वो सिल्वर मेडल के लिए योग्य और पात्र बनी रहीं और 6 अगस्त (पहले दिन) को उनका जो सफल वजन माप हुआ था, उसे दूसरे दिन भी लागू किया जाए। नियमों में मेडल देने का प्रावधान नहीं नियमों में कोई विवेकाधिकार नहीं दिया गया है। इसे लागू करने के लिए एकमात्र मध्यस्थ पूरी तरह से बाध्य हैं। एकमात्र मध्यस्थ इस दलील में भी दम देखता है कि फाइनल से पहले जो वजन माप किया गया था, वो नियम के खिलाफ था तो विनेश को सिर्फ फाइनल के लिए अयोग्य माना जाना चाहिए। यानी उन्हें सिल्वर दिया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से आवेदक के लिए नियमों में यह भी सुविधा भी प्रदान नहीं की गई है। फैसला कानूनी रूप से लिया गया एथलीट ने यह अनुरोध किया है कि अपील किए गए निर्णय को इस तरह से अलग रखा जाए कि नियमों के अनुच्छेद 11 में दिए गए परिणाम लागू न हों या अनुच्छेद 11 को इस तरह से समझा जाए कि यह सिर्फ टूर्नामेंट के आखिरी दौर पर लागू हो और यह टूर्नामेंट के शुरुआत से ही लागू न हो। यह विवाद का विषय नहीं है कि एथलीट दूसरे वजन-माप में असफल रहा। आवेदक ने नियमों के अनुच्छेद 11 को चुनौती नहीं दी है। इसका मतलब यह है कि फैसला कानूनी रूप से लिया गया था और अनुच्छेद 11 लागू होता है। जॉइंट मेडल का नियम नहीं एथलीट ने यह भी माना है कि नियमों के लिहाज से वो अयोग्य हो गई हैं। इस कारण सेमीफाइनल में उनसे हारने वाली एथलीट फाइनल खेलने के लिए योग्य हो गई हैं। उन्हें ही सिल्वर या गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। विनेश यह नहीं चाहती कि कोई अन्य पहलवान अपना मेडल खो दे। वो तो संयुक्त रूप से दूसरा सिल्वर मेडल चाहती हैं। ऐसे में कोई नियम नहीं है, जिसके आधार पर विनेश को संयुक्त रूप से दूसरा सिल्वर मेडल दिए जाने की सहूलियत प्रदान की जाए। कोई गैरकानूनी काम नहीं किया इन सभी नियमों और बातों का मतलब है कि एकमात्र मध्यस्थ विनेश द्वारा मांगी गई राहत को देने से इनकार करता है और उनका यह आवेदन खारिज करता है।एकमात्र मध्यस्थ ने यह पाया है कि विनेश ने खेल के मैदान में एंट्री की और पहले ही दिन 3 राउंड के मुकाबले में फाइटिंग करते हुए जीत हासिल की। इसके दम पर उन्होंने पेरिस ओलिंपिक गेम्स में 50 किग्रा वेट कैटेगरी के रेसलिंग फाइनल में पहुंचीं। मगर, दूसरे दिन वजन माप में वो असफल रहीं और फाइनल के लिए अयोग्य हो गईं। विनेश की ओर से कोई भी गलत काम (गैरकानूनी) करने का कोई संकेत नहीं मिला है।
नारनौंद में गुमशुदा महिला का शव मिला:सड़क पर पड़ा था हाथ, कुत्तों ने नोचा; हत्या की आशंका, शनिवार से थी लापता
नारनौंद में गुमशुदा महिला का शव मिला:सड़क पर पड़ा था हाथ, कुत्तों ने नोचा; हत्या की आशंका, शनिवार से थी लापता हिसार जिले के नारनौंद में लापता हुई महिला का शव रविवार को दोपहर गांव के ही खेल स्टेडियम में मिला है। स्टेडियम से कुछ ही दूरी पर महिला का हाथ बरामद हुआ। जिसे कुत्तों द्वारा नोचा गया है। लोगों ने हत्या की आशंका जताई है। मामला बुडाना गांव का है। मृतक महिला की पहचान 50 वर्षीय कृष्णा देवी के नाम से हुई है। सूचना मिलते ही नारनौंद थाना पुलिस और फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची। पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल निरीक्षण किया। शनिवार का लापता हुई थी महिला महिला बेटे सुशील कुमार ने शनिवार को नारनौंद थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जिसमें बताया कि उनकी मां कृष्णा देवी सब्जी मंडी नारनौंद में गई थी। इसके बाद वह घर नहीं लौटी। परिजन लगातार कृष्णा देवी की तलाश में जुटे हुए थे। बुढ़ाना रोड पर खेल स्टेडियम के पास रविवार दोपहर करीब 12 बजे लोगों को कटा हुआ हाथ मिला। ऐसा लग रहा था कि यह हाथ कुत्तों द्वारा काटा गया है। इसके बाद वहां लोगों की भीड़ लग गई। मामले की जांच कर रही पुलिस नारनौंद के डीएसपी राज सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची है। शव को कुत्तों दोबारा नोचा गया है। पुलिस हत्या या लूट दोनों एंगल से जांच कर रही है।