हरियाणा के करनाल में वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयप्रकाश गुप्ता ने भाजपा पार्टी को छोड़ दिया है। जयप्रकाश करनाल विधानसभा से टिकट की डिमांड कर रहे थे और बीजेपी ने जगमोहन आनंद को टिकट दिया। जेपी अपना टिकट कटने से नाराज चल रहे थे। जयप्रकाश 2019 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिन्हें शामिल करने के लिए खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आए थे और संसदीय चुनाव में खुद नायब सैनी ने इनके घर आकर समर्थन मांगा था। क्यों छोड़ी बीजेपी…
जेपी ने कहा कि मैंने बड़ी आशा से और साथियों के दबाव में आकर बीजेपी जॉइन की थी। ताकि हम जनता के दुख दर्द बांटते रहे और जनता की सेवा करते रहे। लेकिन बीजेपी में मेरी उम्मीद पूरी नहीं हुई, जिस वजह से मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। जिस परिवार में किसी की सुनी नहीं जाती, जो पार्टी किसी परिवार की रक्षा नहीं कर सकती। मैं उस परिवार में नहीं रह सकता और मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं। मैं उस परिवार की बुराई भी नहीं करूंगा, जिस परिवार या पार्टी में मैं रहा हूं। मैं जनता के बीच में जाऊंगा और जनता जो भी फैसला करेगी, वह मानूंगा। 7 बार लडे चुनाव, दो बार जीते
जेपी ने 3 बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, जिसमें से वे एक चुनाव जीते। 3 बार ही आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े, इसमें से वे एक चुनाव जीते। एक चुनाव उन्होंने हजकां की टिकट पर भी लड़ा था और हार गए थे। 1987 से लड़ते आ रहे है चुनाव, सिर्फ 2019 में नहीं लड़ा
जयप्रकाश गुप्ता ने 1987 में कांग्रेस की टिकट पर करनाल से इलेक्शन लड़ा था और 5201 वोटों से हार गए थे। 1991 में कांग्रेस की टिकट पर 19,687 वोटों से जीते। 1996 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और 8418 वोटों से हार गए। 2000 में आजाद उम्मीदवार के तौर पर जयप्रकाश ने चुनाव लड़ा और 3733 वोटों से जीते। 2005 में फिर आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में आए और 33,997 वोटों से हार गए। 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन 3731 वोटों से हार मिली। मनोहर लाल के सामने लड़ा था चुनाव
2014 में फिर आजाद प्रत्याशी के रूप में आए और बीजेपी के मनोहर लाल के सामने चुनाव लड़े, हालांकि 63,773 वोटों से हार गए। 2019 में जयप्रकाश बीजेपी में शामिल हो गए थे और कोई चुनाव नहीं लड़ा। 2024 में उम्मीद थी कि जयप्रकाश को टिकट मिलेगा, लेकिन उनका टिकट काट दिया। जिससे नाराज होकर उन्होंने बीजेपी को अब अलविदा कह दिया और अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है। क्या अपने फायदे के लिए ज्वाइन करवा दी थी बीजेपी?
जयप्रकाश गुप्ता 2014 तक चुनाव लड़ते रहे। 2014 में उन्होंने मनोहर लाल के सामने चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। 2019 के चुनाव में भी मनोहर लाल मैदान में थे, ऐसे में दोबारा से जयप्रकाश गुप्ता चुनावी मैदान में न खड़े हो जाए और उन्हें टक्कर न दे दे, इसको देखते हुए मनोहर लाल ने उन्हें बीजेपी में शामिल करवा दिया। जिसका फायदा मनोहर लाल को मिला। अब जयप्रकाश बीजेपी से अलग हो चुके है और वह किसका समर्थन करते है, उससे बीजेपी के प्रत्याशी के लिए चुनावी राह की मुश्किलें बढ़ सकती है। देखना दिलचस्प होगा कि करनाल विधानसभा का चुनाव जेपी के बीजेपी छोड़ने से क्या मोड़ लेता है। हरियाणा के करनाल में वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयप्रकाश गुप्ता ने भाजपा पार्टी को छोड़ दिया है। जयप्रकाश करनाल विधानसभा से टिकट की डिमांड कर रहे थे और बीजेपी ने जगमोहन आनंद को टिकट दिया। जेपी अपना टिकट कटने से नाराज चल रहे थे। जयप्रकाश 2019 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिन्हें शामिल करने के लिए खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आए थे और संसदीय चुनाव में खुद नायब सैनी ने इनके घर आकर समर्थन मांगा था। क्यों छोड़ी बीजेपी…
जेपी ने कहा कि मैंने बड़ी आशा से और साथियों के दबाव में आकर बीजेपी जॉइन की थी। ताकि हम जनता के दुख दर्द बांटते रहे और जनता की सेवा करते रहे। लेकिन बीजेपी में मेरी उम्मीद पूरी नहीं हुई, जिस वजह से मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। जिस परिवार में किसी की सुनी नहीं जाती, जो पार्टी किसी परिवार की रक्षा नहीं कर सकती। मैं उस परिवार में नहीं रह सकता और मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं। मैं उस परिवार की बुराई भी नहीं करूंगा, जिस परिवार या पार्टी में मैं रहा हूं। मैं जनता के बीच में जाऊंगा और जनता जो भी फैसला करेगी, वह मानूंगा। 7 बार लडे चुनाव, दो बार जीते
जेपी ने 3 बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, जिसमें से वे एक चुनाव जीते। 3 बार ही आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े, इसमें से वे एक चुनाव जीते। एक चुनाव उन्होंने हजकां की टिकट पर भी लड़ा था और हार गए थे। 1987 से लड़ते आ रहे है चुनाव, सिर्फ 2019 में नहीं लड़ा
जयप्रकाश गुप्ता ने 1987 में कांग्रेस की टिकट पर करनाल से इलेक्शन लड़ा था और 5201 वोटों से हार गए थे। 1991 में कांग्रेस की टिकट पर 19,687 वोटों से जीते। 1996 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और 8418 वोटों से हार गए। 2000 में आजाद उम्मीदवार के तौर पर जयप्रकाश ने चुनाव लड़ा और 3733 वोटों से जीते। 2005 में फिर आजाद उम्मीदवार के तौर पर मैदान में आए और 33,997 वोटों से हार गए। 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन 3731 वोटों से हार मिली। मनोहर लाल के सामने लड़ा था चुनाव
2014 में फिर आजाद प्रत्याशी के रूप में आए और बीजेपी के मनोहर लाल के सामने चुनाव लड़े, हालांकि 63,773 वोटों से हार गए। 2019 में जयप्रकाश बीजेपी में शामिल हो गए थे और कोई चुनाव नहीं लड़ा। 2024 में उम्मीद थी कि जयप्रकाश को टिकट मिलेगा, लेकिन उनका टिकट काट दिया। जिससे नाराज होकर उन्होंने बीजेपी को अब अलविदा कह दिया और अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है। क्या अपने फायदे के लिए ज्वाइन करवा दी थी बीजेपी?
जयप्रकाश गुप्ता 2014 तक चुनाव लड़ते रहे। 2014 में उन्होंने मनोहर लाल के सामने चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। 2019 के चुनाव में भी मनोहर लाल मैदान में थे, ऐसे में दोबारा से जयप्रकाश गुप्ता चुनावी मैदान में न खड़े हो जाए और उन्हें टक्कर न दे दे, इसको देखते हुए मनोहर लाल ने उन्हें बीजेपी में शामिल करवा दिया। जिसका फायदा मनोहर लाल को मिला। अब जयप्रकाश बीजेपी से अलग हो चुके है और वह किसका समर्थन करते है, उससे बीजेपी के प्रत्याशी के लिए चुनावी राह की मुश्किलें बढ़ सकती है। देखना दिलचस्प होगा कि करनाल विधानसभा का चुनाव जेपी के बीजेपी छोड़ने से क्या मोड़ लेता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर