हरियाणा के चरखी दादरी जिले की बाढ़ड़ा विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद बागी हुए भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व MLA सुखविंद्र सिंह मांढी आज 14 सितंबर कांग्रेस पार्टी जॉइन करेंगे। इस दौरान दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान सिंह मौजूद रहेंगे। सुखविंद्र सिंह मांढी ने बाढ़ड़ा विधानसभा सीट से 2014 व 2019 में चुनाव लड़ चुके हैं। एक बार वे विधायक चुने गए, जबकि दूसरा चुनाव हार गए। बता दें कि पूर्व विधायक सुखविंद्र सिंह मांढी करीब 10 वर्षों तक भाजपा से जुड़े रहे हैं। वर्तमान में वे भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे और बाढ़ड़ा से टिकट के प्रबल दावेदार थे। भाजपा ने उनका टिकट काटकर उमेद सिंह पातुवास को दे दिया।उन्होंने 4 सितंबर को भाजपा के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के चंद मिनट बाद ही पद छोड़ते हुए पार्टी को अलविदा कह दिया था। उनके समर्थकों ने बाढ़ड़ा में जमकर विरोध जताया और रोष प्रदर्शन करते हुए भाजपा का पुतला व झंडे जलाएं। हरियाणा बनने के बाद से परिवार राजनीति में सुखविंद्र सिंह अत्तर सिंह मांढी राजनीतिक घराने से संबंध रखते हैं। वे हरियाणा के पूर्व मंत्री अत्तर सिंह मांढी की तीसरी पीढ़ी आते हैं जिन्होंने बाढ़ड़ा हलके से विधायक बनकर प्रतिनिधित्व किया है। सुखविंद्र सिंह मांढी 2014 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े और पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर सिंह महेंद्रा को हराकर विधायक बने। वहीं 2019 में भी वे भाजपा से चुनाव लड़े लेकिन हार का सामना करना पड़ा। बाद में पार्टी ने उन्हें प्रदेश संगठन में जगह देते हुए किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। सुखविंद्र सिंह मांढी के अलावा बाढ़ड़ा से उनके चाचा नृपेंद्र सिंह मांढी व दादा अत्तर सिंह मांढी विधायक रह चुके हैं। सुखविंद्र के चाचा पहले से कांग्रेस में भाजपा से बागी हुए सुखविंद्र सिंह मांढी के चाचा नृपेंद्र सिंह मांढी कांग्रेस में ही हैं। उन्होंने बाढ़ड़ा विधानसभा से कांग्रेस के टिकट के लिए भी आवेदन किया था और टिकट मिलने के संभावित टॉप 5 उम्मीदवारों में शामिल थे। लेकिन कांग्रेस द्वारा आवेदन करने वाले 60 लोगों को छोड़कर चौधरी बंसीलाल के दामाद सोमबीर सिंह श्योराण को टिकट दिया है। हर विधानसभा चुनाव में मांढी परिवार से रहा है प्रत्याशी हरियाणा गठन के बाद विधानसभा चुनाव हो और बाढ़ड़ा से मांढी परिवार का कोई सदस्या चुनावी मैदान में ना हो ये कभी नहीं हुआ है। चौधरी अत्तर सिंह मांढी तो हरियाणा के गठन से पहले ही राजनीति में सक्रिय रहे और 1952 से चुनाव लड़ना शुरू कर दिया था। हरियाणा के गठन से पहले व बाद में चौधरी अत्तर सिंह ने कुल 9 चुनाव लड़े, वहीं उनके बेटे नृपेंद्र सिंह मांढी ने 4 व उनके पौत्र सुखविंद्र मांढी ने दो चुनाव लड़े हैं और तीनों ही यहां से विधायक रह चुके हैं। हरियाणा के चरखी दादरी जिले की बाढ़ड़ा विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद बागी हुए भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व MLA सुखविंद्र सिंह मांढी आज 14 सितंबर कांग्रेस पार्टी जॉइन करेंगे। इस दौरान दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान सिंह मौजूद रहेंगे। सुखविंद्र सिंह मांढी ने बाढ़ड़ा विधानसभा सीट से 2014 व 2019 में चुनाव लड़ चुके हैं। एक बार वे विधायक चुने गए, जबकि दूसरा चुनाव हार गए। बता दें कि पूर्व विधायक सुखविंद्र सिंह मांढी करीब 10 वर्षों तक भाजपा से जुड़े रहे हैं। वर्तमान में वे भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे और बाढ़ड़ा से टिकट के प्रबल दावेदार थे। भाजपा ने उनका टिकट काटकर उमेद सिंह पातुवास को दे दिया।उन्होंने 4 सितंबर को भाजपा के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के चंद मिनट बाद ही पद छोड़ते हुए पार्टी को अलविदा कह दिया था। उनके समर्थकों ने बाढ़ड़ा में जमकर विरोध जताया और रोष प्रदर्शन करते हुए भाजपा का पुतला व झंडे जलाएं। हरियाणा बनने के बाद से परिवार राजनीति में सुखविंद्र सिंह अत्तर सिंह मांढी राजनीतिक घराने से संबंध रखते हैं। वे हरियाणा के पूर्व मंत्री अत्तर सिंह मांढी की तीसरी पीढ़ी आते हैं जिन्होंने बाढ़ड़ा हलके से विधायक बनकर प्रतिनिधित्व किया है। सुखविंद्र सिंह मांढी 2014 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े और पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर सिंह महेंद्रा को हराकर विधायक बने। वहीं 2019 में भी वे भाजपा से चुनाव लड़े लेकिन हार का सामना करना पड़ा। बाद में पार्टी ने उन्हें प्रदेश संगठन में जगह देते हुए किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। सुखविंद्र सिंह मांढी के अलावा बाढ़ड़ा से उनके चाचा नृपेंद्र सिंह मांढी व दादा अत्तर सिंह मांढी विधायक रह चुके हैं। सुखविंद्र के चाचा पहले से कांग्रेस में भाजपा से बागी हुए सुखविंद्र सिंह मांढी के चाचा नृपेंद्र सिंह मांढी कांग्रेस में ही हैं। उन्होंने बाढ़ड़ा विधानसभा से कांग्रेस के टिकट के लिए भी आवेदन किया था और टिकट मिलने के संभावित टॉप 5 उम्मीदवारों में शामिल थे। लेकिन कांग्रेस द्वारा आवेदन करने वाले 60 लोगों को छोड़कर चौधरी बंसीलाल के दामाद सोमबीर सिंह श्योराण को टिकट दिया है। हर विधानसभा चुनाव में मांढी परिवार से रहा है प्रत्याशी हरियाणा गठन के बाद विधानसभा चुनाव हो और बाढ़ड़ा से मांढी परिवार का कोई सदस्या चुनावी मैदान में ना हो ये कभी नहीं हुआ है। चौधरी अत्तर सिंह मांढी तो हरियाणा के गठन से पहले ही राजनीति में सक्रिय रहे और 1952 से चुनाव लड़ना शुरू कर दिया था। हरियाणा के गठन से पहले व बाद में चौधरी अत्तर सिंह ने कुल 9 चुनाव लड़े, वहीं उनके बेटे नृपेंद्र सिंह मांढी ने 4 व उनके पौत्र सुखविंद्र मांढी ने दो चुनाव लड़े हैं और तीनों ही यहां से विधायक रह चुके हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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