हरियाणा में करनाल के घरौंडा नेशनल हाईवे पर ट्रक की टक्कर से बाइक चालक की मौत हो गई। हादसा ओवरब्रिज पर पुलिस थाने के सामने हुआ। घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए करनाल के मोर्चरी हाउस में भेज दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया। मृतक की पहचान घरौंडा निवासी 21 वर्षीय कपिल सिंगला के रूप में हुई है। कपिल 30 दिसंबर की शाम को अपनी बाइक पर सवार होकर घरौंडा से करनाल कोई गाड़ी लेने के लिए अपने साथी के साथ जा रहा था। मृतक के परिचित राजेश कुमार ने बताया कि कपिल ओवरब्रिज पर था। थाने के सामने पहुंचा तो रास्ते में एक ट्रक खड़ा हुआ था। जिससे बाइक ट्रक से टकरा गई। सिर में लगी चोट, मौके पर मौत राजेश ने बताया कि हादसा इतना जबरदस्त था कि कपिल के सिर में गंभीर चोटें आई और उसकी मौत पर ही मौत हो गई, जबकि उसका साथी गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को करनाल के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां से उसे करनाल रेफर कर दिया। उसकी हालत भी गंभीर बनी हुई है। परिवार में छोटा था कपिल राजेश ने बताया कि कपिल परिवार में छोटा था और अविवाहित था। वह दूध की डेयरी का काम करता था और बहुत मेहनती था। उसके परिवार में उसकी मां, भाई, भाभी व एक छोटी गुड़िया है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा पुलिस ने रात को ही शव अपने कब्जे में लेकर मोर्चरी हाउस करनाल में रखवा दिया था। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। थाना प्रभारी दीपक ने बताया कि युवक की ट्रक से टकराने से युवक की मौत हुई है। ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा में करनाल के घरौंडा नेशनल हाईवे पर ट्रक की टक्कर से बाइक चालक की मौत हो गई। हादसा ओवरब्रिज पर पुलिस थाने के सामने हुआ। घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए करनाल के मोर्चरी हाउस में भेज दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया। मृतक की पहचान घरौंडा निवासी 21 वर्षीय कपिल सिंगला के रूप में हुई है। कपिल 30 दिसंबर की शाम को अपनी बाइक पर सवार होकर घरौंडा से करनाल कोई गाड़ी लेने के लिए अपने साथी के साथ जा रहा था। मृतक के परिचित राजेश कुमार ने बताया कि कपिल ओवरब्रिज पर था। थाने के सामने पहुंचा तो रास्ते में एक ट्रक खड़ा हुआ था। जिससे बाइक ट्रक से टकरा गई। सिर में लगी चोट, मौके पर मौत राजेश ने बताया कि हादसा इतना जबरदस्त था कि कपिल के सिर में गंभीर चोटें आई और उसकी मौत पर ही मौत हो गई, जबकि उसका साथी गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को करनाल के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां से उसे करनाल रेफर कर दिया। उसकी हालत भी गंभीर बनी हुई है। परिवार में छोटा था कपिल राजेश ने बताया कि कपिल परिवार में छोटा था और अविवाहित था। वह दूध की डेयरी का काम करता था और बहुत मेहनती था। उसके परिवार में उसकी मां, भाई, भाभी व एक छोटी गुड़िया है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा पुलिस ने रात को ही शव अपने कब्जे में लेकर मोर्चरी हाउस करनाल में रखवा दिया था। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। थाना प्रभारी दीपक ने बताया कि युवक की ट्रक से टकराने से युवक की मौत हुई है। ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
राजेश खुल्लर बने CM सैनी के मुख्य प्रधान सचिव:रिटायर्ड IAS अफसर को कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक, खट्टर के भी CPS रह चुके
राजेश खुल्लर बने CM सैनी के मुख्य प्रधान सचिव:रिटायर्ड IAS अफसर को कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक, खट्टर के भी CPS रह चुके हरियाणा में रिटायर्ड IAS अधिकारी राजेश खुल्लर को मुख्यमंत्री नायब सैनी का मुख्य प्रधान सचिव (CPS) बनाया गया है। खुल्लर को कैबिनेट मिनिस्टर का रैंक दिया गया है। मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद के ऑफिस की तरफ से इसका ऑर्डर शुक्रवार शाम को जारी किया गया। खुल्लर की तैनाती तुरंत प्रभाव से लागू हो गई। राजेश खुल्लर 1988 बैच के IAS अधिकारी रहे हैं। वह 31 अगस्त 2023 को रिटायर हुए थे। रिटायरमेंट के 24 घंटे के अंदर ही उन्हें तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर का मुख्य प्रधान सचिव (CPS) नियुक्त कर दिया गया था। खुल्लर ने उसी दिन अपना पदभार संभाल लिया था। ऑर्डर की कॉपी… खट्टर की गुड बुक में खुल्लर, पर्ची सिस्टम के विरोधी 35 साल की लंबी सर्विस के दौरान राजेश खुल्लर कई जिलों के DC, विभागों के प्रमुख और प्रशासनिक सचिव रहे। 2014 में हरियाणा में सत्ता संभालने के बाद से ही BJP सरकार राजेश खुल्लर पर मेहरबान रही। वह मनोहर लाल खट्टर की गुड बुक में रहे। वर्ष 2019 में अपने प्रधान सचिव के साथ-साथ खट्टर ने उन्हें गृह सचिव की जिम्मेदारी भी सौंपी। उन्होंने जनसंपर्क एवं भाषा, जेल, आपराधिक जांच और न्याय विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली। राजेश खुल्लर ने हरियाणा में भ्रष्टाचार की जड़ समझे जाने वाले तीन प्रमुख क्षेत्रों- सरकारी भर्ती, ट्रांसफर और लैंड यूज चेंज (सीएलयू)- से जुड़ी पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज्ड करवा दी। इन तीनों कामों में चलने वाले पर्ची सिस्टम के लिए देशभर में सुर्खियों में रहने वाले हरियाणा में खुल्लर ने पारदर्शी व्यवस्था बनाई। इसमें किसी को ट्रांसफर से लेकर बीपीएल राशन कार्ड बनवाने तक, किसी अधिकारी या कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। 2020 में प्रधान सचिव पद छोड़ा सितंबर-2020 में वर्ल्ड बैंक में चयन होने के बाद खुल्लर ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का पद छोड़ दिया था। वर्ल्ड बैंक में उन्होंने भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका का प्रतिनिधित्व किया। उसके बाद मनोहर लाल खट्टर के आग्रह पर ही केंद्र सरकार ने राजेश खुल्लर को तय टाइम से वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी निदेशक पद से वापस हरियाणा बुलाने की मंजूरी दे दी थी। व र्ल्ड बैंक से लौटने के बाद तत्कालीन मनोहर सरकार ने खुल्लर को एफसीआर और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया था। हम इस खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं…
घरौंडा में कांग्रेस की वापसी पर संकट:भीतरघात का खतरा, मंच से गायब टिकट के प्रबल दावेदार, 3 दशक से नहीं बना पार्टी का विधायक
घरौंडा में कांग्रेस की वापसी पर संकट:भीतरघात का खतरा, मंच से गायब टिकट के प्रबल दावेदार, 3 दशक से नहीं बना पार्टी का विधायक हरियाणा में करनाल जिले की घरौंडा विधानसभा सीट पर 3 दशक से कांग्रेस पार्टी अपना विधायक नहीं बना पाई है। विधानसभा-2024 के चुनावी कैंपेन में भी घरौंडा के बड़े चेहरे कांग्रेस प्रत्याशी के मंच पर नजर नहीं आ रहे। टिकट के मजबूत दावेदारों में टिकट कटने की टीस अभी तक नजर आ रही है। सतीश रणा को छोड़कर कोई भी बड़ा कांग्रेस का नेता मंच पर नजर नहीं आ रहा है। टिकट के प्रबल दावेदार पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान और युवा नेता भूपिंद्र सिंह लाठर तो पहले ही घोषणा कर चुके है कि वे राठौर के साथ मंच सांझा नहीं करेंगे। सतपाल कश्यप भी इशारा कर चुके है कि वे कांग्रेस के साथ है। वीरेंद्र राठौर ने अनिल राणा, रघबीर संधू, सतीश राणा से मुलाकात की। नेताओं से गले मिलते हुए तस्वीरें भी सामने आई, लेकिन नेताओं के शायद दिल नहीं मिले। नतीजन, नरेंद्र सांगवान, भूप्पी लाठर, सतपाल कश्यप, वीरेंद्र लामरा, रघबीर संधू जैसे टिकट के प्रबल दावेदार मंच से गायब है। कांग्रेस का भीतर घात राठौर के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कांग्रेस में बीजेपी की सेंधमारी घरौंडा सीट से 40 नेताओं ने टिकट के लिए अप्लाई किया था, लेकिन कांग्रेस ने 3 बार हारे हुए प्रत्याशी को टिकट दे दिया। सूत्रों की माने तो टिकट कटने से खफ़ा कांग्रेस नेताओं को बीजेपी अपने पक्ष में करने की जुगत में लगी है। गुप्त बैठकों का भी दौर जारी है। ऐसे में अगर बीजेपी नाराज कांग्रेसियों को अपने पक्ष में करने में कामयाब हो जाती है तो वीरेंद्र सिंह राठौर को मोटा नुकसान होगा। 1991 के बाद नहीं आई कांग्रेस 1991 के बाद कांग्रेस घरौंडा विधानसभा में कभी वापसी नहीं कर पाई। 32 साल के सूखे को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने कोशिशें की, लेकिन नाकाम रही। 1967 से आज तक कांग्रेस सिर्फ 3 बार ही घरौंडा में अपना विधायक बना पाई है। 1967 में मूलचंद जैन, 1982 में वेदपाल और 1991 में कंवर रामपाल कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने। 1972 में लाला रूलिया राम इंडियन नेशनल कांग्रेस (ओ) से विधायक बने थे, क्योंकि 12 नवंबर 1969 में कांग्रेस अलग हो गई थी। जिसके मुख्य लीडर के. कामराजा और मोराजी देसाई थे। जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस (आर) की मेन लीडर इंदिरा गांधी थी। 2005 से रहा है त्रिकोणीय मुकाबला घरौंडा विधानसभा चुनाव में 2005 से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है। 2019 में आमने-सामने की टक्कर देखी गई थी, और 2024 में भी आमने सामने की टक्कर ही नजर आ रही है। आप पार्टी, इनेलो और जेजेपी तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ रही है। 2005 में इनेलो से रेखा राणा, आजाद उम्मीदवार जयपाल शर्मा और कांग्रेस से वीरेंद्र राठौर के बीच मुकाबला था, राठौर तीसरे नंबर पर रहे थे। 2009 में नरेंद्र सांगवान इनेलो, वीरेंद्र राठौर कांग्रेस और हरविंद्र कल्याण बीएसपी के बीच टक्कर थी। राठौर दूसरे नंबर पर रहे थे। 2014 में हरविंद्र कल्याण बीजेपी, नरेंद्र सांगवान इनेलो और वीरेंद्र राठौर कांग्रेस के बीच फाइट हुई, और राठौर फिर तीसरे नंबर पर आए। 2019 में बीजेपी को कांग्रेस के अनिल राणा ने टक्कर दी थी और हार गए थे। नरेंद्र सांगवान के प्रतिद्वंदी थे राठौर 2009 में नरेंद सांगवान इनेलो में थे और इन्होंने राठौर को 1660 वोट से हराया था। 2014 में भी सांगवान दूसरे स्थान पर रहे थे और राठौर तीसरे पर, तब भी सांगवान ने राठौर को 468 वोट से पछाड़ा था। विशेषज्ञों की माने तो राठौर, नरेंद्र सांगवान के प्रतिद्वंदी रहे है और उन्होंने राठौर को बार-बार हराया है।
कांग्रेस के बीच अंदरूनी तौर पर छिड़ी इस गहमागहमी के बीच कांग्रेस का घरौंडा में विधायक बनाने का सपना सिर्फ सपना ही रह सकता है। हालांकि नेता डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश जरूर कर रहे है, लेकिन डैमेज कंट्रोल होता नजर नहीं आ रहा। वह देखना है कि आने वाले दिनों में बड़े नेताओं की एंट्री से कितना फर्क पड़ेगा। फिलहाल इतना जरूर है कि बीजेपी के प्रति एंटी इनकेंबेंसी जरूर है, लेकिन कांग्रेस इसका कितना फायदा ले सकती है, वह समय के घेरे में है।
करनाल में 1 करोड़ 35 हजार की ठगी:विदेश भेजने का दिया झांसा, शिकायत के 70 दिन बाद लिखी गई FIR
करनाल में 1 करोड़ 35 हजार की ठगी:विदेश भेजने का दिया झांसा, शिकायत के 70 दिन बाद लिखी गई FIR करनाल में विदेश भेजने का झांसा देकर 1 करोड़ 35 हजार रुपए की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने 70 दिन पहले शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अब जाकर एफआईआर दर्ज हुई है। पीड़ित ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने मिलकर सुनियोजित तरीके से उसके रिश्तेदारों को विदेश भेजने के नाम पर फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया। एसपी से शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। संदीप ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह पानीपत जिले के एक गांव का निवासी है और वर्तमान में करनाल की नई अनाज मंडी में रहता है। उन्होंने आरोप लगाया कि 8 लोगों ने आपस में मिलीभगत कर उसके रिश्तेदारों को विदेश भेजने के नाम पर एक करोड़ पैंतीस हजार रुपए हड़प लिए। आरोपियों ने विदेश भेजने का प्रलोभन देकर न केवल पैसों की ठगी की बल्कि फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए। पीड़ित ने बताया कि उनके रिश्तेदारों को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर आरोपियों ने विश्वास जीत लिया और एक सुनियोजित साजिश के तहत रकम ऐंठ ली। पुलिस चौकी में शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई पीड़ित ने पहले सेक्टर-4 चौकी करनाल में 19 सितंबर 2024 को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि चौकी पुलिस ने 70 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की। थक-हार कर उन्होंने एसपी करनाल को दरखास्त दी, जिसके बाद अब जाकर सिटी थाना में मामला दर्ज हुआ है। मामले की जांच एसआई ईलम सिंह को सौंपी गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।