हरियाणा में आलसी और लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर सरकार सख्त हो गई है। सरकार ऐसे कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने 25 साल नौकरी कर चुके 50-55 साल की उम्र के अधिकारियों और कर्मचारियों का डाटा मांगा है। साथ ही सरकार ने पिछले तीन सालों में समय से पहले रिटायर किए गए सभी कर्मचारियों का ब्योरा भी तलब किया है। इसको लेकर मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों से रिकॉर्ड मांगा गया है। सीएम के आदेश में बताया गया है कि 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2024 तक 50 से 55 साल की उम्र के कितने कर्मचारियों को समय से पहले रिटायरमेंट दिया गया है। आदेश में दिया गया प्रोफार्मा मुख्य सचिव की ओर से भेजे गए आदेश में एक प्रोफार्मा दिया गया है। इसमें विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और उपायुक्तों को सेवानिवृत्त कर्मचारी का नाम और पदनाम बताना होगा, साथ ही यह भी बताना होगा कि उनके मामलों की समीक्षा किस तारीख को की गई। साथ ही यह भी बताना होगा कि किस तारीख को प्राधिकारी ने मामले में अंतिम निर्णय लिया। निर्णय में संबंधित कर्मचारी की सेवाएं जारी रखी गईं या उसे समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी गई। मनोहर लाल खट्टर बना गए पॉलिसी दरअसल, संतोषजनक कार्य नहीं करने वाले 50-55 वर्ष के अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने वर्ष 2019 में पॉलिसी में बदलाव किया था। संशोधित नीति के अनुसार पिछले दस साल के सेवाकाल में एसीआर में कम से कम सात बार अच्छा या बहुत अच्छा की टिप्पणी होने पर ही काम को संतोषजनक माना जाएगा। इससे कम स्कोर वाले 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी व अफसर को रिटायरमेंट देने का प्रावधान है। एसीआर में सात बार गुड मिलने वाले ही बचेंगे हरियाणा में ग्रुप ए और बी कैटेगरी के 50 साल से अधिक उम्र वाले अफसरों और ग्रुप सी में 55 साल की आयु वाले कर्मचारियों के काम- काज की समीक्षा की जिम्मेदारी विभागाध्यक्षों को दी गई है। 10 साल की समीक्षा में अगर किसी कर्मचारी की एसीआर में सात बार गुड या वेरी गुड से कम टिप्पणी मिली तो उसे रिटायर कर दिया जाएगा। अपीलेट कमेटी का गठन होगा हरियाणा जरूरी रिटायरमेंट के मामलों में समीक्षा के लिए अब सभी विभागों और बोर्ड-निगमों में कमेटियां बनाई जाएंगी। एक अपीलेट कमेटी का गठन किया जाएगा, जहां जबरन सेवानिवृत्त किए जाने वाले कर्मचारी अपनी बात रख सकेंगे। मुख्य सचिव डा. विवेक जोशी सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित कर चुके हैं कि कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मामलों में समीक्षा के लिए कमेटियां बनाई जानी चाहिए। हरियाणा में आलसी और लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर सरकार सख्त हो गई है। सरकार ऐसे कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने 25 साल नौकरी कर चुके 50-55 साल की उम्र के अधिकारियों और कर्मचारियों का डाटा मांगा है। साथ ही सरकार ने पिछले तीन सालों में समय से पहले रिटायर किए गए सभी कर्मचारियों का ब्योरा भी तलब किया है। इसको लेकर मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों से रिकॉर्ड मांगा गया है। सीएम के आदेश में बताया गया है कि 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2024 तक 50 से 55 साल की उम्र के कितने कर्मचारियों को समय से पहले रिटायरमेंट दिया गया है। आदेश में दिया गया प्रोफार्मा मुख्य सचिव की ओर से भेजे गए आदेश में एक प्रोफार्मा दिया गया है। इसमें विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और उपायुक्तों को सेवानिवृत्त कर्मचारी का नाम और पदनाम बताना होगा, साथ ही यह भी बताना होगा कि उनके मामलों की समीक्षा किस तारीख को की गई। साथ ही यह भी बताना होगा कि किस तारीख को प्राधिकारी ने मामले में अंतिम निर्णय लिया। निर्णय में संबंधित कर्मचारी की सेवाएं जारी रखी गईं या उसे समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी गई। मनोहर लाल खट्टर बना गए पॉलिसी दरअसल, संतोषजनक कार्य नहीं करने वाले 50-55 वर्ष के अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने वर्ष 2019 में पॉलिसी में बदलाव किया था। संशोधित नीति के अनुसार पिछले दस साल के सेवाकाल में एसीआर में कम से कम सात बार अच्छा या बहुत अच्छा की टिप्पणी होने पर ही काम को संतोषजनक माना जाएगा। इससे कम स्कोर वाले 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी व अफसर को रिटायरमेंट देने का प्रावधान है। एसीआर में सात बार गुड मिलने वाले ही बचेंगे हरियाणा में ग्रुप ए और बी कैटेगरी के 50 साल से अधिक उम्र वाले अफसरों और ग्रुप सी में 55 साल की आयु वाले कर्मचारियों के काम- काज की समीक्षा की जिम्मेदारी विभागाध्यक्षों को दी गई है। 10 साल की समीक्षा में अगर किसी कर्मचारी की एसीआर में सात बार गुड या वेरी गुड से कम टिप्पणी मिली तो उसे रिटायर कर दिया जाएगा। अपीलेट कमेटी का गठन होगा हरियाणा जरूरी रिटायरमेंट के मामलों में समीक्षा के लिए अब सभी विभागों और बोर्ड-निगमों में कमेटियां बनाई जाएंगी। एक अपीलेट कमेटी का गठन किया जाएगा, जहां जबरन सेवानिवृत्त किए जाने वाले कर्मचारी अपनी बात रख सकेंगे। मुख्य सचिव डा. विवेक जोशी सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित कर चुके हैं कि कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मामलों में समीक्षा के लिए कमेटियां बनाई जानी चाहिए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा के पूर्व मंत्री बोले-CM को विदेश जाने का पता:गैरहाजिरी में ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, क्रेडिट किसका, पब्लिक सब जानती है
हरियाणा के पूर्व मंत्री बोले-CM को विदेश जाने का पता:गैरहाजिरी में ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, क्रेडिट किसका, पब्लिक सब जानती है हरियाणा के हिसार में करीब 9 दिन पहले CM नायब सैनी ने पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की गैरहाजिरी में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर दिया। इस दौरान CM के साथ हिसार से निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल भी थीं। अब पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यनगर रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) के उद्घाटन पर मौजूद न रहने और अचानक विदेश दौरे पर जाने की वजह बताई। डॉ. कमल गुप्ता ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि उनका विदेश जाना पहले से ही तय था। इस बारे में मुख्यमंत्री नायब सैनी को भी बता दिया था। यहां तक की बकायदा उनसे छुट्टी लेकर गया था। ROB का बनना उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक था। इस दौरान उन्होंने विरोधियों के प्रोजेक्ट के श्रेय लेने पर कहा कि जनता सब जानती है। पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से पूरी बातचीत पढ़ें… सवाल : आप विदेश दौरे पर कहां और किस लिए गए थे?
गुप्ता : विदेश जाने का कार्यक्रम मेरा पूर्व नियोजित था। मैं वियतनाम गया था। वहां का कल्चर, स्टेटस, किस तरह लोग रहते हैं, यह सब देखा। वियतनाम और अमेरिका में 20 साल लड़ाई चली। वियतनाम के 20 लाख लोग उसमें मारे गए और 53 हजार अमेरिकी भी मारे गए। दात देनी पड़ेगी वियतनाम की। इससे हमें सिखना चाहिए कि छोटे से देश ने बड़े देश को कैसे चने चबवाए रखे। मैं इससे काफी प्रभावित हूं। सवाल : नायब सैनी सरकार के एक महीने के कार्यकाल को कैसे देखते हैं?
गुप्ता : बहुत अच्छी सरकार इस समय चल रही है। जो काम पिछली सरकार में रह गए थे वो काम भी चल रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 18 घंटे काम करते हैं। सब जगह उनका जाना भी रहता है। मैं समझता हूं सरकार दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रही है। सवाल : हिसार में पिछले दिनों ROB का उद्घाटन हुआ, लेकिन ऐसे समय पर हुआ जब आप नहीं थे?
गुप्ता : नहीं ऐसा नहीं था। मेरा पूर्व नियोजित कार्यक्रम था। मुख्यमंत्री जी को यहां किसी और काम से आना ही था। उसी समय रणबीर गंगवा जी ने सड़क के उद्घाटन की बात की तो उन्होंने हां भर दी। मैंने उस उद्घाटन के बारे में मुख्यमंत्री से जिक्र भी किया था। मैंने मुख्यमंत्री से छुट्टी भी ली कि मेरा पूर्व नियोजित कार्यक्रम है, वहां जाने की इजाजत दें। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। यह इत्तेफाक की बात है कि मेरा वहां जाने का कार्यक्रम था और यह कार्यक्रम (ROB उद्घाटन) भी फिक्स हो गया। इसमें ऐसी कोई बात नहीं है कि कोई प्लानिंग हो। सवाल : विरोधी आपके प्रोजेक्टों पर श्रेय ले रहे हैं, आपको ऐसा नहीं लगता?
गुप्ता : नहीं-नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है। जनता सब जानती है कि कैसे 6-7 साल पहले हमने रेलवे के इंजीनियरों और PWD के इंजीनियरों के सामने बैठकर प्रोजेक्ट बनवाया। यह दो लाइनों के बीच का मामला है। यहां सूर्यनगर के 40 हजार लोग रहते थे। केवल फ्लाईओवर बनाने से बात नहीं बन रही थी, ऐसे में हमें ROB बनाना पड़ा। अगर ऐसा नहीं करते तो 40 हजार की आबादी को बाहर निकलने का रास्ता नहीं बनता। यह जनता की सहूलियत के लिए बनाया गया। सवाल : आपको नहीं लगता एयरपोर्ट का काम आपके ना रहने से देरी से हो रहा है?
गुप्ता : नहीं ऐसा नहीं है। आचार संहिता के कारण एयरपोर्ट के काम में रूकावट आई। फायर सेफ्टी व्हीकल एक हमारे पास था, दूसरा चेन्नई से आना था। इसके कारण लाइसेंस में देरी हुई। अब व्हीकल आ गया है। जल्द ही हिसार एयरपोर्ट को लाइसेंस मिल जाएगा। उसके बाद यहां से 5 जगहों के लिए फ्लाइट शुरू हो जाएगी। सवाल : राज्यसभा के लिए नामांकन शुरू हो गया है। आपका नाम भी चल रहा है?
गुप्ता : यह पार्टी तय करती है कौन इसके लिए उपयुक्त है। पार्टी में बहुत से लोग उपयुक्त हैं, मगर यह पार्टी का काम है। यह पार्टी तय करती है किस कार्यकर्ता से कहां कैसा काम लेना है। सवाल : किरण चौधरी को पार्टी में आते ही राज्यसभा भेज दिया। इससे कार्यकर्ताओं में गलत मैसेज नहीं जाता?
गुप्ता : देखिए राजनीति है और राजनीतिक पार्टी में बहुत तरह की बातें होती हैं। हमें अपने नेतृत्व पर पूरा विश्वास है और वो सभी चीजों को देखते हुए तय करता है, जिसका हम स्वागत करते हैं। सवाल : चंडीगढ़ में समीक्षा बैठक में आपने हार के कारण बताएं वो क्या थे?
गुप्ता : यह आप देखिए। पार्टी की अंदरूनी बैठक थी और बैठक में जो बात मुझे रखनी थी मैंने रख दी। हम बताने में झिझकते नहीं है। क्योंकि पार्टी के डेवलपमेंट की बात है। तो वो बात तो आपसे यहां नहीं करूंगा। —————————————— पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा के पूर्व मंत्री को अपनी ही पार्टी से झटका, विदेश घूमने गए गुप्ता; पीछे निर्दलीय MLA ने CM से उनके ड्रीम प्रोजेक्ट का उद्घाटन कराया हरियाणा के पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को भाजपा की तरफ से ही बड़ा झटका लग गया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कमल गुप्ता की गैरहाजिरी में 25 नवंबर को हिसार में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट 68 करोड़ की लागत से बने सूर्यनगर रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) का उद्घाटन कर दिया। पूर्व मंत्री के करीबियों के मुताबिक ROB के उद्घाटन को लेकर कमल गुप्ता को सूचना भी नहीं दी गई। पूरी खबर पढ़ें…
हरियाणा के गांव में कच्छा पहनकर घूमने पर रोक:पंचायत ने जारी किया फरमान; महिला सरपंच बोली- युवक कच्छे पहन मुहर लगवाने आ जाते हैं
हरियाणा के गांव में कच्छा पहनकर घूमने पर रोक:पंचायत ने जारी किया फरमान; महिला सरपंच बोली- युवक कच्छे पहन मुहर लगवाने आ जाते हैं हरियाणा के भिवानी जिले की पंचायत गुजरानी ने अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है। ग्राम पंचायत ने गांव में युवाओं के कच्छा पहन के सरेआम घुमने पर रोक लगा दी है। अगर कोई युवा कच्छा पहन कर घुमता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। गांव गुजरानी की जिस ग्राम पंचायत ने यह आदेश दिया है, उसकी सरपंच महिला है। महिला सरपंच रेणु के प्रतिनिधि ससुर सुरेश सारा काम काज देखते हैं। सुरेश कुमार का कहना है कि गांव के युवा अक्सर गलियों में कच्छा पहन कर घूमते हैं, जिससे बहन-बेटियों को शर्मिंदा होना पड़ता है।
गांव में अगर कोई पंचायत के आदेश की अवहेलना करता है तो पहले उसके घर जाकर उसके माता-पिता से बात की जाएगी। अगर फिर भी कोई व्यक्ति नहीं मानता है तो पंचायत इस पर फैसला सुनाएगी और उसे जुर्माना लगाएगी। गांव में सरपंच के आदेश की मुनादी चौकीदार से करवा दी गई है। मुनादी में कहा गया है कि कोई भी नौजवान लड़का जो कच्छे में घूमेगा उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद गुजरानी गांव में युवाओं ने कच्छा पहनकर घूमना बंद कर दिया है। पानी के नल और बैंक में जाकर खड़े हो जाते थे युवा
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने कहा कि घर में नौजवान युवक जैसे भी रहे मगर जब वह दूसरों के घर या मोहल्ले में जाए तो अदब के साथ जाएं। अगर कोई सार्वजनिक जगह यानी गांव के नल और बैंक में कच्छा पहनकर घूमता तो वह सामाजिक तौर पर अच्छा नहीं लगता। ऐसे में महिलाओं को शर्मिंदा होना पड़ता है। इसलिए पंचायत को यह आदेश पारित करना पड़ा। इस आदेश के बाद दूसरी पंचायतों को भी फोन आने लगे हैं और वह अपने यहां भी इस आदेश को लागू करने की बात कह रहे हैं। महिला सरपंच के घर कच्छे में आ जाते थे लोग
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश ने बताया कि उनको तब ज्यादा शर्मिंदगी महसूस होने लगी जब लोग कच्छे में ही कागज पर मोहर लगवाने आ जाते थे। सरपंच मेरी पुत्रवधू हैं और वह 35 साल की है। ऐसे में लोगों को अदब के साथ आना चाहिए। घर में बहन-बेटियां सबके है। इसलिए यह आदेश सुनाना पड़ा। इसमें हम कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। घुटने से ऊपर निकर पहनने पर भी रोक
सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि गांव में कच्छा ही नहीं घुटने से ऊपर निकर पहनने पर भी रोक है। युवाओं को अगर निक्कर पहननी है तो घुटने से नीचे तक आने वाली निक्कर पहननी होगी। सरपंच के आदेश की पूरे गांव ही नहीं आसपास के गांवों में भी चर्चा बनी हुई है। सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि इस आदेश को पूरी तरह से लागू तभी किया जा पाएगा जब लोग साथ देंगे। इससे गांव दूसरों के लिए मिसाल बनेगा। कच्छा पहनकर घूमना हमारी संस्कृति के खिलाफ है। गांव गुजरानी की 7 हजार आबादी
आपको बता दें कि गांव गुजरानी की आबादी करीब 7 हजार है। यहां करीब 1300 घर हैं। गांव में बैंक से लेकर स्कूल तक हैं। सुरेश कुमार का परिवार पहली बार पंचायत चुनाव जीता था। सुरेश कुमार की पुत्रवधु रेणु गांव की सरपंच है। रेणु के पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। परिवार में पत्नी पतासो देवी, लड़का विजय कुमार उसकी पत्नी सरिता, 3 पोते और 2 पोतियां हैं।
सोनीपत में सिर में डंडा मार व्यक्ति की हत्या:भाई के साथ खेत में गया था; रास्ते में गाड़ी खड़ी करने पर विवाद
सोनीपत में सिर में डंडा मार व्यक्ति की हत्या:भाई के साथ खेत में गया था; रास्ते में गाड़ी खड़ी करने पर विवाद हरियाणा के सोनीपत में गाड़ी हटाने के विवाद में एक व्यक्ति की सिर में डंडा मार कर हत्या कर दी गई। पड़ौसी वारदात के बाद मौके से भाग गया। परिजन घायल की जान बचाने के लिए मेडिकल कॉलेज खानपुर ले कर गए, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर शव को परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने थाना मोहाना में हत्या का केस दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार गांव बोहला निवासी जसमेर ने बताया कि वह प्राइवेट कॉलेज में ड्राइवर है। वह शुक्रवार देर शाम अपने बड़े भाई भगवान देव (53) के साथ पानी की डिग्गी वाले खेत में गया था। उन्होंने गांव के सुनील का खेत पट्टे पर ले रखा है। दोनों भाई गाड़ी लेकर खेत में गए थे। खेत में पहुंचने के बाद गाड़ी को रास्ते में एक तरफ खड़ा कर दिया। उसने बताया कि इसी दौरान सुनील का भाई कप्तान आकर उनके साथ गाली-गलौज करने लगा। वह गाड़ी हटाने को लेकर गालियां दे रहा था। साथ ही धमकी देने लगा कि उन्होंने उसके भाई की जमीन पट्टे पर किसलिए ली है। वह उन्हें मजा चखाने की धमकी देने लगा। इसी बीच आरोपी कप्तान ने हाथ में ली लाठी से उनके भाई के सिर पर वार कर दिया। उसने उनके भाई के सिर, कमर व अन्य हिस्सों पर कई वार कर दिए। वे भाई को बचाने को भागे तो कप्तान उन्हें देखकर वहां से भाग गया। वह अपने परिजनों की मदद से भाई भगवान देव को लेकर खानपुर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में पहुंचे। डॉक्टरों ने उनके भाई को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने जसमेर के बयान पर कप्तान के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।