करनाल में ड्राइवर को गोली मारने वाले थे बदमाश:अगवा कर कार में ले गए, पुलिस पर फायरिंग की, गाड़ी पटलटने से प्लानिंग बदली

करनाल में ड्राइवर को गोली मारने वाले थे बदमाश:अगवा कर कार में ले गए, पुलिस पर फायरिंग की, गाड़ी पटलटने से प्लानिंग बदली

हरियाणा के करनाल के नरूखेड़ी गांव में संदीप नरवाल के अपहरण से 8 दिन पहले ही रेकी शुरू हो गई थी। संदीप हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर है और लोगों को विदेश भेजने का काम भी करता है और वह पहले भी बिना वेतन के रह चुका है और अभी भी अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर है। अपहरणकर्ताओं के पास संदीप की पूरी जानकारी थी कि वह किस समय आता है और उसे कहां से उठाया जा सकता है। अपहरणकर्ताओं की प्लानिंग कामयाब रही और वह संदीप का अपहरण करने में सफल भी हो गए। बदमाशों ने संदीप के मुंह पर कपड़ा बांध दिया और हाथ बांध दिए। वह सिर्फ बदमाशों की आवाज सुन पा रहा था। पिस्तौल का बट कार में ही उसके मुंह पर लगा। जिससे वह घायल हो गया। हालांकि करनाल पुलिस ने सालवन के पास आरोपियों को घेर लिया था, लेकिन बदमाश पुलिस पर फायरिंग कर भाग निकले थे, गनीमत रही कि किसी पुलिस कर्मी को गोली नहीं लगी। ऐन वक्त पर कार पलट गई अपराधियों ने संदीप के दोनों मोबाइल सड़क पर फेंक दिए और एक सिम निकालकर कीपैड मोबाइल में डाल दिया। एक मोबाइल फोन गोहाना निवासी एक ड्राइवर को सड़क पर पड़ा मिला। उसने मोबाइल मिलने की सूचना परिजनों को दी। पुलिस ने आरोपियों को ट्रैक कर लिया था और जब पुलिस को अपने पीछे आते देखा तो अपराधियों ने संदीप को गोली मारकर कार में आग लगाकर भागने की योजना बनाई, लेकिन ऐन वक्त पर कार पलट गई और अपराधियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। संदीप को सुरक्षित उसके परिजनों तक पहुंचाया गया। अब आरोपी पुलिस रिमांड पर है और पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी से कई राज उगलवा सकती है। इनमें से एक आरोपी नरेंद्र हरियाणा पुलिस का हेड कांस्टेबल है और मधुबन में तैनात है। अब सिलसिलेवार समझिए पूरा घटनाक्रम किडनैपिंग की कहानी, पिता धर्मबीर की जुबानी धर्मबीर ने बताया कि हमारा घर बस स्टैंड से करीब 400 मीटर दूर है। संदीप की बेटी (14 साल) ट्यूशन के लिए करनाल जाती है। उसे 1:15 पर आने वाली बस में बैठाने के लिए संदीप अपनी बाइक लेकर अपनी बेटी को बाइक पर लेकर 1:08 पर घर से निकल गया। वह बस स्टैंड पर पहुंच चुका था। बस आई और उसने अपनी बेटी को बस में बैठाया। बस करनाल की तरफ चली गई। जैसे ही संदीप घर आने के लिए मुड़ा तो एक सफेद रंग की ओरा कार जो बस आने के बाद पहले से खड़ी थी, संदीप की तरफ बढ़ी और पीछे से संदीप की बाइक को टक्कर मार दी। जिससे संदीप नीचे गिर गया। कार से दो नकाबपोश उतरे और उसे गन प्वाइंट पर लेकर जबरदस्ती कार में बैठा लिया। बदमाश कार को करनाल की तरफ ले गए। बंधे हुए थे हाथ और मुंह ढका हुआ बदमाशों ने संदीप को गाड़ी में डालते ही उसके मुंह को किसी कपड़े से ढक दिया और हाथों को बांध दिया था। गाड़ी को ईधर-उधर घुमाया जा रहा था। संदीप कुछ भी देख नहीं पा रहा था, वह सिर्फ सुन पा रहा था। पिता ने बताया कि बदमाशों ने अपनी गाड़ी पिंगली की तरफ कर दी, उसके बाद गोगड़ीपुर से होते हुए मूनक रोड की तरफ चढ़ गए। मोबाइल फोन फेंका और कीपैड फोन में डाला सिम पीड़ित के पिता ने बताया कि संदीप के पास दो मोबाइल फोन थे। एक मोबाइल का सिम निकालकर बदमाशों ने कीपैड वाले फोन में डाल दिया और दोनों मोबाइल को सड़क पर फेंक दिया। गोहाना एरिया में बदमाशों ने संदीप का फोन फेंक दिया। जिसमें से एक फोन किसी लोडिंग टाटा ऐस के ड्राइवर को मिला। जिसके पास मोबाइल है, उसका नाम भी संदीप है। संदीप ने बताया कि उसका भतीजा नरसी छोटा हाथी चलाता है और उसे मतलोडा के आसपास दोपहर को मोबाइल सड़क पर मिला। उसने मुझे मोबाइल दिया है, चूंकि मोबाइल लोक था और मैंने इसका सिम अपने मोबाइल में डाला है ताकि यह मोबाइल इसके घर वालों तक पहुंचा संकू। गोहाना रोड पर बीचपड़ी के पास पलटी गाड़ी पिता ने बताया कि संदीप का अपहरण फिरौती के लिए किया गया था। करीब आधे घंटे बाद मेरे पास किडनैपरों की कॉल आई थी और उन्होंने दो करोड़ की फिरौती मांगी थी और संदीप को जान से मारने की धमकी दी थी। मैने उनको कहा था कि मेरे पास इतने पैसे नहीं है और न ही इतना बड़ा मेरा कोई बिजनेस है। बाद में वे 80 लाख तक आ गए थे। पुलिस भी पूरे मामले को ट्रैक कर रही थी। जैसे ही फोन आता, पुलिस कॉल ट्रैक करती रहती। सीआईए-2 व पुलिस की टीमें ने लगातार अलर्ट मोड पर थी। रात को पुलिस को गोहाना के पास आरोपियों की गाड़ी होने के इनपुट मिले। पुलिस ने आरोपियों की गाड़ी का पीछा शुरू कर दिया। पुलिस को पीछे देख किडनेपरों ने अपनी गाड़ी को दौड़ा दिया। करीब 120 की स्पीड पर गाड़ी थी। अचानक गाड़ी का बैलेंस बिगड़ गया और गाड़ी सड़क पर कई पलटे खा गई और दूर जाकर रूकी। संदीप सीटों के बीच में फंसा, उपर थे बदमाश पिता ने बताया कि जब गाड़ी पलटी तो संदीप सीटों के बीच में फंस गया और दोनों आरोपी उसके उपर थे। गाड़ी पलटे खाती हुई रूकी। सीटों के बीच फंसा होने के कारण संदीप को बहुत ही कम चोटे आई, जब किडनैपरों को गंभीर चोटें आई। इस गाड़ी के पीछे ही सीआईए-2 की टीम लगी हुई थी, पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई। घटना रात को करीब साढ़े 10 बजे की है। पुलिस ने पूछा संदीप कौन है, तो संदीप ने हाथ उठाया और पुलिस ने संदीप को अपनी गाड़ी में सकुशल बैठा लिया। पुलिस ने तीनों किडनैपरों को हिरासत में ले लिया। वहां से सोनीपत निवासी सुरेंद्र, अक्षय और हिसार निवासी नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया। बदमाशों से अवैध हथियार व जिंदा रौंद भी कब्जे में लिए। घायल अवस्था में संदीप का नजदीकी अस्पताल में उपचार करवाया। जिसके बाद पुलिस उसे अपने साथ करनाल लेकर आई। कार को आग लगाने की हो चुकी थी सलाह पीड़ित पिता ने बताया कि किडनैपरों के पीछे पुलिस लग चुकी थी और बदमाशों की सलाह यह हो चुकी थी कि पुलिस पीछे लग चुकी है और अब संदीप को गोली मारकर और गाड़ी में आग लगाकर किसी लोकल रास्ते से भाग निकलते है। मेरा बेटा पूरा दिन मौत के साये में था। पुलिस की मुस्तैदी की वजह से संदीप मौत के मुंह से सकुशल घर लौटा है और उसको मौत के मुंह से निकालकर लाई है करनाल पुलिस। अगर पुलिस अलर्ट न होती तो उसके बेटे के साथ कुछ भी हो सकता था। 8 दिन से गांव में घूम रही थी गाड़ी पिता ने बताया कि किडनैपिंग से पहले अपहरणकर्ताओं ने पूरी प्लानिंग की थी। किडनैपिंग के बाद जब गांव के अलग-अलग लोगों से बातचीत की गई तो पता चला कि करीब 8 दिन से ओरा गाड़ी गांव में घुम रही थी। इससे स्पष्ट है कि किडनैपरों ने अच्छी तरह से रेकी की। उन्हें पता था कि दोपहर को एक बजे संदीप अपनी बेटी को बस अड्डे पर छोड़ने के लिए आता है और अड्डे पर ज्यादा लोग नहीं होते और इसी मौके का आरोपियों ने फायदा उठाया। सीसीटीवी में दिखी किडनैपरों की गाड़ी, क्या दिखा सीसीटीवी में घटना का एक सीसीटीवी भी सामने आया है। बढ़ के पेड़ के नीचे हरियाणा रोडवेज की बस खड़ी है। उसके ठीक सामने एक मोटरसाइकिल खड़ी हुई है। एक टाटा ऐस गाड़ी करनाल की तरफ जाती हुई दिख रही है और टाटा ऐस के सामने ही सफेद रंग की ओरा गाड़ी खड़ी है। संदीप अपनी बेटी को बस में बैठाने के बाद अपनी जेब से बाइक की चाबी निकालते हुए बाइक की तरफ बढ़ता है। बस की खिड़की की तरफ एक महिला भी नजर आ रही है। अगले दस सेकेंड में संदीप अपनी बाइक को स्टार्ट करता है। इसी दौरान बस करनाल की तरफ जाने लगती है। बस के नजदीक से ही एक छोटा बच्चा किसी छोटे बच्चे को साइकिल पर घुमाते हुए वहां से निकल रहा है। बस के जाते ही संदीप भी अपनी बाइक को घर की तरफ जाने के लिए घुमा लेता है। बाइक के घुमते ही दूर खड़ी ओरा गाड़ी तेज रफ्तार से संदीप की तरफ बढ़ती है और उसे टक्कर मारती। किडनैपिंग की घटना दीवार की दूसरी तरफ होती है, जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं है। इसी दौरान एक बाइक सवार भी आता है और वह बस अड्डे के पास रूक जाता है, शायद वह इस किडनैपिंग को अपनी आंखों से देख रहा था, उसके सामने से ही गाड़ी करनाल की तरफ तेज रफ्तार में चली गई। क्या कहती है पुलिस सीआईए-2 के इंचार्ज प्रवीण कुमार ने बताया कि तीनों बदमाशों को तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है।शनिवार की देर रात सीआईए की टीमों ने तीन आरोपियों सोनीपत के हलालपुर निवासी सुरेंद्र, गोहाना के भैंसवाल निवासी अक्षय और हिसार के कापडो निवासी नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से दो अवैध हथियार और तीन जिंदा रौंद भी बरामद हुए है। आरोपियों ने जिस कार का इस्तेमाल किया था वह भी पकड़ ली गई है। इन आरोपियों की तलाश में सोनीपत, करनाल और जींद की पुलिस भी लगी हुई थी। रिमांड के दौरान तीनों गहनता से पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने संदीप का अपहरण क्यों किया, कितने दिन से रैकी कर रहे थे, इस मामले में और कौन कौन शामिल है। एक करोड़ रुपए किस यूपी वाले को जाने थे। इन सब पहलुओं पर पुलिस जांच करेगी। हरियाणा के करनाल के नरूखेड़ी गांव में संदीप नरवाल के अपहरण से 8 दिन पहले ही रेकी शुरू हो गई थी। संदीप हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर है और लोगों को विदेश भेजने का काम भी करता है और वह पहले भी बिना वेतन के रह चुका है और अभी भी अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर है। अपहरणकर्ताओं के पास संदीप की पूरी जानकारी थी कि वह किस समय आता है और उसे कहां से उठाया जा सकता है। अपहरणकर्ताओं की प्लानिंग कामयाब रही और वह संदीप का अपहरण करने में सफल भी हो गए। बदमाशों ने संदीप के मुंह पर कपड़ा बांध दिया और हाथ बांध दिए। वह सिर्फ बदमाशों की आवाज सुन पा रहा था। पिस्तौल का बट कार में ही उसके मुंह पर लगा। जिससे वह घायल हो गया। हालांकि करनाल पुलिस ने सालवन के पास आरोपियों को घेर लिया था, लेकिन बदमाश पुलिस पर फायरिंग कर भाग निकले थे, गनीमत रही कि किसी पुलिस कर्मी को गोली नहीं लगी। ऐन वक्त पर कार पलट गई अपराधियों ने संदीप के दोनों मोबाइल सड़क पर फेंक दिए और एक सिम निकालकर कीपैड मोबाइल में डाल दिया। एक मोबाइल फोन गोहाना निवासी एक ड्राइवर को सड़क पर पड़ा मिला। उसने मोबाइल मिलने की सूचना परिजनों को दी। पुलिस ने आरोपियों को ट्रैक कर लिया था और जब पुलिस को अपने पीछे आते देखा तो अपराधियों ने संदीप को गोली मारकर कार में आग लगाकर भागने की योजना बनाई, लेकिन ऐन वक्त पर कार पलट गई और अपराधियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। संदीप को सुरक्षित उसके परिजनों तक पहुंचाया गया। अब आरोपी पुलिस रिमांड पर है और पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी से कई राज उगलवा सकती है। इनमें से एक आरोपी नरेंद्र हरियाणा पुलिस का हेड कांस्टेबल है और मधुबन में तैनात है। अब सिलसिलेवार समझिए पूरा घटनाक्रम किडनैपिंग की कहानी, पिता धर्मबीर की जुबानी धर्मबीर ने बताया कि हमारा घर बस स्टैंड से करीब 400 मीटर दूर है। संदीप की बेटी (14 साल) ट्यूशन के लिए करनाल जाती है। उसे 1:15 पर आने वाली बस में बैठाने के लिए संदीप अपनी बाइक लेकर अपनी बेटी को बाइक पर लेकर 1:08 पर घर से निकल गया। वह बस स्टैंड पर पहुंच चुका था। बस आई और उसने अपनी बेटी को बस में बैठाया। बस करनाल की तरफ चली गई। जैसे ही संदीप घर आने के लिए मुड़ा तो एक सफेद रंग की ओरा कार जो बस आने के बाद पहले से खड़ी थी, संदीप की तरफ बढ़ी और पीछे से संदीप की बाइक को टक्कर मार दी। जिससे संदीप नीचे गिर गया। कार से दो नकाबपोश उतरे और उसे गन प्वाइंट पर लेकर जबरदस्ती कार में बैठा लिया। बदमाश कार को करनाल की तरफ ले गए। बंधे हुए थे हाथ और मुंह ढका हुआ बदमाशों ने संदीप को गाड़ी में डालते ही उसके मुंह को किसी कपड़े से ढक दिया और हाथों को बांध दिया था। गाड़ी को ईधर-उधर घुमाया जा रहा था। संदीप कुछ भी देख नहीं पा रहा था, वह सिर्फ सुन पा रहा था। पिता ने बताया कि बदमाशों ने अपनी गाड़ी पिंगली की तरफ कर दी, उसके बाद गोगड़ीपुर से होते हुए मूनक रोड की तरफ चढ़ गए। मोबाइल फोन फेंका और कीपैड फोन में डाला सिम पीड़ित के पिता ने बताया कि संदीप के पास दो मोबाइल फोन थे। एक मोबाइल का सिम निकालकर बदमाशों ने कीपैड वाले फोन में डाल दिया और दोनों मोबाइल को सड़क पर फेंक दिया। गोहाना एरिया में बदमाशों ने संदीप का फोन फेंक दिया। जिसमें से एक फोन किसी लोडिंग टाटा ऐस के ड्राइवर को मिला। जिसके पास मोबाइल है, उसका नाम भी संदीप है। संदीप ने बताया कि उसका भतीजा नरसी छोटा हाथी चलाता है और उसे मतलोडा के आसपास दोपहर को मोबाइल सड़क पर मिला। उसने मुझे मोबाइल दिया है, चूंकि मोबाइल लोक था और मैंने इसका सिम अपने मोबाइल में डाला है ताकि यह मोबाइल इसके घर वालों तक पहुंचा संकू। गोहाना रोड पर बीचपड़ी के पास पलटी गाड़ी पिता ने बताया कि संदीप का अपहरण फिरौती के लिए किया गया था। करीब आधे घंटे बाद मेरे पास किडनैपरों की कॉल आई थी और उन्होंने दो करोड़ की फिरौती मांगी थी और संदीप को जान से मारने की धमकी दी थी। मैने उनको कहा था कि मेरे पास इतने पैसे नहीं है और न ही इतना बड़ा मेरा कोई बिजनेस है। बाद में वे 80 लाख तक आ गए थे। पुलिस भी पूरे मामले को ट्रैक कर रही थी। जैसे ही फोन आता, पुलिस कॉल ट्रैक करती रहती। सीआईए-2 व पुलिस की टीमें ने लगातार अलर्ट मोड पर थी। रात को पुलिस को गोहाना के पास आरोपियों की गाड़ी होने के इनपुट मिले। पुलिस ने आरोपियों की गाड़ी का पीछा शुरू कर दिया। पुलिस को पीछे देख किडनेपरों ने अपनी गाड़ी को दौड़ा दिया। करीब 120 की स्पीड पर गाड़ी थी। अचानक गाड़ी का बैलेंस बिगड़ गया और गाड़ी सड़क पर कई पलटे खा गई और दूर जाकर रूकी। संदीप सीटों के बीच में फंसा, उपर थे बदमाश पिता ने बताया कि जब गाड़ी पलटी तो संदीप सीटों के बीच में फंस गया और दोनों आरोपी उसके उपर थे। गाड़ी पलटे खाती हुई रूकी। सीटों के बीच फंसा होने के कारण संदीप को बहुत ही कम चोटे आई, जब किडनैपरों को गंभीर चोटें आई। इस गाड़ी के पीछे ही सीआईए-2 की टीम लगी हुई थी, पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई। घटना रात को करीब साढ़े 10 बजे की है। पुलिस ने पूछा संदीप कौन है, तो संदीप ने हाथ उठाया और पुलिस ने संदीप को अपनी गाड़ी में सकुशल बैठा लिया। पुलिस ने तीनों किडनैपरों को हिरासत में ले लिया। वहां से सोनीपत निवासी सुरेंद्र, अक्षय और हिसार निवासी नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया। बदमाशों से अवैध हथियार व जिंदा रौंद भी कब्जे में लिए। घायल अवस्था में संदीप का नजदीकी अस्पताल में उपचार करवाया। जिसके बाद पुलिस उसे अपने साथ करनाल लेकर आई। कार को आग लगाने की हो चुकी थी सलाह पीड़ित पिता ने बताया कि किडनैपरों के पीछे पुलिस लग चुकी थी और बदमाशों की सलाह यह हो चुकी थी कि पुलिस पीछे लग चुकी है और अब संदीप को गोली मारकर और गाड़ी में आग लगाकर किसी लोकल रास्ते से भाग निकलते है। मेरा बेटा पूरा दिन मौत के साये में था। पुलिस की मुस्तैदी की वजह से संदीप मौत के मुंह से सकुशल घर लौटा है और उसको मौत के मुंह से निकालकर लाई है करनाल पुलिस। अगर पुलिस अलर्ट न होती तो उसके बेटे के साथ कुछ भी हो सकता था। 8 दिन से गांव में घूम रही थी गाड़ी पिता ने बताया कि किडनैपिंग से पहले अपहरणकर्ताओं ने पूरी प्लानिंग की थी। किडनैपिंग के बाद जब गांव के अलग-अलग लोगों से बातचीत की गई तो पता चला कि करीब 8 दिन से ओरा गाड़ी गांव में घुम रही थी। इससे स्पष्ट है कि किडनैपरों ने अच्छी तरह से रेकी की। उन्हें पता था कि दोपहर को एक बजे संदीप अपनी बेटी को बस अड्डे पर छोड़ने के लिए आता है और अड्डे पर ज्यादा लोग नहीं होते और इसी मौके का आरोपियों ने फायदा उठाया। सीसीटीवी में दिखी किडनैपरों की गाड़ी, क्या दिखा सीसीटीवी में घटना का एक सीसीटीवी भी सामने आया है। बढ़ के पेड़ के नीचे हरियाणा रोडवेज की बस खड़ी है। उसके ठीक सामने एक मोटरसाइकिल खड़ी हुई है। एक टाटा ऐस गाड़ी करनाल की तरफ जाती हुई दिख रही है और टाटा ऐस के सामने ही सफेद रंग की ओरा गाड़ी खड़ी है। संदीप अपनी बेटी को बस में बैठाने के बाद अपनी जेब से बाइक की चाबी निकालते हुए बाइक की तरफ बढ़ता है। बस की खिड़की की तरफ एक महिला भी नजर आ रही है। अगले दस सेकेंड में संदीप अपनी बाइक को स्टार्ट करता है। इसी दौरान बस करनाल की तरफ जाने लगती है। बस के नजदीक से ही एक छोटा बच्चा किसी छोटे बच्चे को साइकिल पर घुमाते हुए वहां से निकल रहा है। बस के जाते ही संदीप भी अपनी बाइक को घर की तरफ जाने के लिए घुमा लेता है। बाइक के घुमते ही दूर खड़ी ओरा गाड़ी तेज रफ्तार से संदीप की तरफ बढ़ती है और उसे टक्कर मारती। किडनैपिंग की घटना दीवार की दूसरी तरफ होती है, जहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं है। इसी दौरान एक बाइक सवार भी आता है और वह बस अड्डे के पास रूक जाता है, शायद वह इस किडनैपिंग को अपनी आंखों से देख रहा था, उसके सामने से ही गाड़ी करनाल की तरफ तेज रफ्तार में चली गई। क्या कहती है पुलिस सीआईए-2 के इंचार्ज प्रवीण कुमार ने बताया कि तीनों बदमाशों को तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है।शनिवार की देर रात सीआईए की टीमों ने तीन आरोपियों सोनीपत के हलालपुर निवासी सुरेंद्र, गोहाना के भैंसवाल निवासी अक्षय और हिसार के कापडो निवासी नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से दो अवैध हथियार और तीन जिंदा रौंद भी बरामद हुए है। आरोपियों ने जिस कार का इस्तेमाल किया था वह भी पकड़ ली गई है। इन आरोपियों की तलाश में सोनीपत, करनाल और जींद की पुलिस भी लगी हुई थी। रिमांड के दौरान तीनों गहनता से पूछताछ की जाएगी कि उन्होंने संदीप का अपहरण क्यों किया, कितने दिन से रैकी कर रहे थे, इस मामले में और कौन कौन शामिल है। एक करोड़ रुपए किस यूपी वाले को जाने थे। इन सब पहलुओं पर पुलिस जांच करेगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर