हरियाणा में कांग्रेस के 45 कैंडिडेट्स का एनालिसिस:हुड्डा का वनमैन शो, 38 टिकटें उनकी पसंद से; सांसद पत्नी-बेटों के सहारे पावर बैलेंस की कोशिश हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार देर रात दो लिस्टों में 45 उम्मीदवारों का ऐलान किया। इसमें पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा का वनमैन शो नजर आया। कांग्रेस हाईकमान ने 45 में से 38 टिकटें उनके करीबियों को दे दी। 2019 के मुकाबले जिन 34 सीटों पर चेहरे बदले गए, उनमें भी 33 हुड्डा खेमे के ही हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों में हुड्डा का दबदबा रहेगा, यह बुधवार को ही साफ हो गया था जब हुड्डा ने बिना टिकट मिले पलवल सीट से अपने समधी करण दलाल और हिसार के सांसद जयप्रकाश जेपी के बेटे विकास सहारण का कलायत से नॉमिनेशन फाइल करवा दिया। बुधवार को घोषित 45 सीटों में से सांसद कुमारी सैलजा के खाते सिर्फ 4 सीटें आईं। सैलजा कैंप में शामिल रणदीप सुरजेवाला को भी हाईकमान ने दो सीटें देकर किनारे कर दिया। कैथल से सुरजेवाला के बेटे और नरवाना से उनके करीबी सतबीर दबलेन को टिकट मिला है। 3 उदाहरण से समझिए टिकट बंटवारे में हुड्डा के दबदबा को 1. हुड्डा ने 2019 ही नहीं बल्कि 2005 से खुद से जुड़े नेताओं या उनके रिश्तेदारों को टिकट दिलाई। इनमें बड़खल से 2009 में MLA रहे महेंद्र प्रताप के बेटे विजय प्रताप, पृथला से 2009 में MLA रहे रघुवीर तेवतिया, पलवल से 2005 में MLA रहे करण दलाल, हथीन से 2009 में MLA रहे जलेब खान के बेटे मुहम्मद इजराइल और अटेली से 2009 में MLA रहीं अनीता यादव का नाम शामिल है। यह सभी लोग हुड्डा की अगुवाई वाली दो सरकारों में उनके साथ रहे। 2. कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला के पुरजोर विरोध के बावजूद हुड्डा लगातार दो चुनाव हार चुके अपने करीबियों को भी टिकट दिलाने में कामयाब रहे। इनमें नारनौल से राव नरिंदर, बरवाला से रामनिवास घोड़ेला और पृथला से रघुवीर तेवतिया का नाम शामिल रहा। राव नरिंदर 2009 में हजकां की टिकट पर जीते और उसके बाद हुड्डा से जुड़ गए थे। 3. सिरसा से 9 दिन पहले कांग्रेस में आए गोकुल सेतिया और हांसी से पूर्व JJP नेता राहुल मक्कड़ को टिकट दिलाने में भी हुड्डा खेमा सफल रहा। आदमपुर सीट से पूर्व IAS अधिकारी चंद्रशेखर को मिली टिकट के पीछे भी हुड्डा का ही रोल रहा। जातीय समीकरण को ऐसे साधा जाट वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश
कांग्रेस ने जाट पॉलिटिक्स पर फिर भरोसा जताया। उसके 45 उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 13 चेहरे जाट बिरादरी के हैं। लोकसभा चुनाव में जाट वोटरों ने एकतरफा वोटिंग करते हुए कांग्रेस को सोनीपत, हिसार और रोहतक सीट जिताई थी। नलवा, अंबाला कैंट, कलायत, कैथल, राई, फतेहाबाद और ऐलनाबाद जैसी जाट डोमिनेंट सीटों पर उसने जाट नेताओं को टिकट दी। OBC वर्ग को जोड़ने का प्रयास
कांग्रेस ने 45 में से 10 टिकट OBC वर्ग को दिए। अकेले हिसार जिले में ही ओबीसी वर्ग को 3 सीटें दी गईं। इनमें आदमपुर से पूर्व IAS अधिकारी चंद्रप्रकाश, हिसार से रामनिवास राडा और बरवाला से रामनिवास घोड़ेला शामिल हैं। भाजपा अभी तक नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर ओबीसी कार्ड खेलती रही है। इसी का तोड़ निकालने की कोशिश कांग्रेस करती हुई नजर आई। 7 SC चेहरे
कांग्रेस ने अपनी तीसरी और चौथी लिस्ट में कुल 7 SC नेताओं को टिकट दिए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की 10 में से दोनों रिजर्व सीटें- अंबाला और सिरसा जीती थी। लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी से जुड़े एससी वोटबैंक को हाईकमान खोना नहीं चाहता। इसलिए उसने SC बिरादरी को प्रॉपर प्रतिनिधित्व दिया है। BJP से जुड़े पंजाबियों को लुभाने के लिए 4 टिकट
कांग्रेस ने 4 पंजाबी चेहरों को टिकट दी है। इनमें सिरसा से गोकुल सेतिया, पानीपत शहरी से वरिंदर कुमार शाह, हांसी से राहुल मक्कड़ और अंबाला कैंट से परविंदर परिमल परी शामिल हैं। सीधे तौर पर इन सीटों पर पंजाबी वोट बैंक का डोमिनेंस है। कांग्रेस ने भाजपा में पंजाबी चेहरों को लेकर पैदा हुए खालीपन को कैश करने की कोशिश की है। भाजपा के 3 बड़े पंजाबी चेहरों में से मनोहर लाल खट्टर केंद्र में जा चुके हैं। अनिल विज अपने क्षेत्र तक सीमित हो चुके हैं। वहीं संजय भाटिया ने चुनाव लड़ने से ही इनकार कर दिया। 2 ब्राह्मण, 2 मुस्लिम भी उतारे
कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के ‘नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान’ के नारे को कैश करने की भी कोशिश की है। इसके लिए यमुनानगर से रमन त्यागी और बल्लभगढ़ से पराग शर्मा को टिकट दी है। ये दोनों शहरी सीटें हैं। इसके अलावा जगाधरी से अकरम खान और हथीन से मुहम्मद इजराइल को टिकट दी है। हथीन नूंह से सीट सीट है और यहां बड़ा मुस्लिम वोट बैंक है। वहीं जगाधरी में भी मुस्लिम वोट बैंक का असर है। वैश्य, राजपूत और जट्ट सिख को भी टिकट
कांग्रेस ने हर जाति को शामिल करने की कोशिश की है। इनमें 2 वैश्य उम्मीदवार जींद से महाबीर गुप्ता और फरीदाबाद से लखन कुमार सिंगला को टिकट दी है। इन दोनों सीटों पर व्यापारी वोट बैंक ज्यादा है। इसके अलावा घरौंडा से राजपूत वर्ग से वरिंदर सिंह राठौड़ को उतारा है। यहां राजपूत वोट बैंक ज्यादा है। पिहोवा से जट्ट सिख मनदीप सिंह चट्ठा को टिकट दी है। पंजाब से सटी इस सीट पर सिख वोट बैंक ज्यादा है। क्षेत्रीय समीकरण ऐसे साधे जीटी रोड बेल्ट: भाजपा के गढ़ में 13 चेहरे बदले
कांग्रेस ने BJP के स्ट्रॉन्ग होल्ड वाली जीटी रोड बेल्ट में बड़ी सर्जरी की है। 10 साल से सरकार में बैठी भाजपा के खिलाफ भले ही एंटी इनकंबेंसी बताई जा रही हो लेकिन कांग्रेस ने रिस्क लेना ठीक नहीं समझा। उसने पंचकूला से सोनीपत तक इस बेल्ट की पेंडिंग 13 में से 10 सीटों पर 2019 के मुकाबले चेहरे बदल दिए। इनमें से कुछ भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 10 से 15 साल पुराने साथी रहे हैं। खास बात यह भी है कि कांग्रेस ने इस एरिया की दो सीटों पर पंजाबी चेहरे भी उतारे हैं। बागड़ बेल्ट: 2019 में जहां हारी, वहां कैंडिडेट बदले
कांग्रेस ने भिवानी से हिसार-सिरसा तक की बागड़ बेल्ट में लोकसभा की तरह विधानसभा में भी दबदबा कायम रखने के लिए 9 नए चेहरे उतारे हैं। उसने बाढ़डा, दादरी, नलवा, लोहारू, बवानीखेड़ा, सिरसा, ऐलनाबाद, आदमपुर और हांसी सीट पर चेहरे बदले हैं। 2019 में कांग्रेस यह सारी सीटें हार गई थीं। इस बेल्ट की तीन सीटों- उकलाना (SC), नारनौंद व भिवानी में कैंडिडेट का इंतजार है। बांगर बेल्ट: धुरंधरों पर भरोसा
बांगर बेल्ट के जींद और कैथल जिलों में पार्टी ने दिग्गजों पर भरोसा जताया है। जींद शहर को साधने के लिए उसने पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता के बेटे महाबीर गुप्ता पर भरोसा जताया है। कैथल जिले की दो सीटों पर अपने सांसदों जयप्रकाश जेपी और रणदीप सुरजेवाला के बेटों को उतारा है। इस एरिया में कांग्रेस खोई जमीन वापस पाने की तलाश में है। दक्षिण हरियाणा-अहीरवाल: 7 टिकट रिपीट, 5 चेहरे बदले
कांग्रेस ने BJP के दूसरे मजबूत गढ़ दक्षिण हरियाणा-अहीरवाल पर भी खास फोकस किया है। 2014 और 2019 में भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में अहम रोल इसी इलाके का रहा। इस बार कांग्रेस इसे तोड़ने की कोशिश करती नजर आ रही है। अहीरवाल भाजपा नेता राव इंद्रजीत का गढ़ माना जाता है इसलिए कांग्रेस ने उनके भाई राव यादवेंद्र सिंह का टिकट काट दिया। इस इलाके की 7 सीटों पर कांग्रेस ने टिकट रिपीट किए हैं वहीं 5 जगह कैंडिडेट बदले हैं। यहां की सोहना सीट का टिकट अभी पेंडिंग है।