हरियाणा में करनाल के बड़ा गांव के तालाब में डूबन से एक युवक की मौत हो गई। ग्रामीणों ने हादसे का कारण प्रशासन की लापरवाही बताया है। हादसे के बाद रात को करीब दो घंटे की मश्कत के बाद जोहड़ में जाल डालकर शव को बाहर निकाला। पुलिस ने आज शव का पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों के हवाले कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मृतक की पहचान बड़ा गांव निवासी सोनू (27) के रूप में हुई है। जो दिहाड़ी मजदूरी करके अपना गुजारा कर रहा था। ग्रामीण सोहन ने बताया कि रात करीब साढ़े 9 बजे जब सोनू पैदल घर आ रहा था तो अचानक उसका पांव फिसल गया और सीधे तालाब में गिर गया। दो घंटे की मशक्कत के बाद निकाला शव बाहर ग्रामीणों ने बताया कि रात को यह हादसा हुआ तो सोनू ने काफी आवाज लगाई। जिसके बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे रस्सी की मदद से उसे बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन देखते ही देखते वह पानी में डूब गया। बाद में दो लोग सोनू को बचाने के लिए जोहड़ में भी कूदे लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। बाद में ग्रामीणों ने रात को ही जोहड़ में जाल डालकर शव को बाहर निकाला। घर में अकेला रहता था सोनू ग्रामीणों ने बताया कि सोनू अविवाहित था, जो घर में अकेला रहता था। वह खुद ही खाना बनाता और खाता था। कुछ साल पहले ही उसके माता पिता की मौत हो चुकी है। लेकिन इस हादसे के बाद घर में कोई नहीं बचा। प्रशासन पर लगाए लापरवाही के आरोप ग्रामीणों ने बताया कि यह तालाब करीब 30 फुट गहरा है। लेकिन सड़क की साइड रोक के लिए ना तो रेलिंग की गई और न ही दीवार बनाई गई। जिस कारण हर रोज कोई न कोई हादसा होता रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि इस बारे में प्रशासन को नहीं बताया, कई बार शिकायत दे चुके है। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस कर रही मामले की जांच कुंजपुरा थाने के जांच अधिकारी सूरज कुमार ने बताया कि पुलिस ने रात को ही शव को कब्जे में ले लिया था। आज शव का पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों के हवाले कर दिया है। पुलिस इस मामले में हर पहलू पर जांच कर रही है। हरियाणा में करनाल के बड़ा गांव के तालाब में डूबन से एक युवक की मौत हो गई। ग्रामीणों ने हादसे का कारण प्रशासन की लापरवाही बताया है। हादसे के बाद रात को करीब दो घंटे की मश्कत के बाद जोहड़ में जाल डालकर शव को बाहर निकाला। पुलिस ने आज शव का पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों के हवाले कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मृतक की पहचान बड़ा गांव निवासी सोनू (27) के रूप में हुई है। जो दिहाड़ी मजदूरी करके अपना गुजारा कर रहा था। ग्रामीण सोहन ने बताया कि रात करीब साढ़े 9 बजे जब सोनू पैदल घर आ रहा था तो अचानक उसका पांव फिसल गया और सीधे तालाब में गिर गया। दो घंटे की मशक्कत के बाद निकाला शव बाहर ग्रामीणों ने बताया कि रात को यह हादसा हुआ तो सोनू ने काफी आवाज लगाई। जिसके बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे रस्सी की मदद से उसे बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन देखते ही देखते वह पानी में डूब गया। बाद में दो लोग सोनू को बचाने के लिए जोहड़ में भी कूदे लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। बाद में ग्रामीणों ने रात को ही जोहड़ में जाल डालकर शव को बाहर निकाला। घर में अकेला रहता था सोनू ग्रामीणों ने बताया कि सोनू अविवाहित था, जो घर में अकेला रहता था। वह खुद ही खाना बनाता और खाता था। कुछ साल पहले ही उसके माता पिता की मौत हो चुकी है। लेकिन इस हादसे के बाद घर में कोई नहीं बचा। प्रशासन पर लगाए लापरवाही के आरोप ग्रामीणों ने बताया कि यह तालाब करीब 30 फुट गहरा है। लेकिन सड़क की साइड रोक के लिए ना तो रेलिंग की गई और न ही दीवार बनाई गई। जिस कारण हर रोज कोई न कोई हादसा होता रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि इस बारे में प्रशासन को नहीं बताया, कई बार शिकायत दे चुके है। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस कर रही मामले की जांच कुंजपुरा थाने के जांच अधिकारी सूरज कुमार ने बताया कि पुलिस ने रात को ही शव को कब्जे में ले लिया था। आज शव का पोस्टमॉर्टम करवा शव परिजनों के हवाले कर दिया है। पुलिस इस मामले में हर पहलू पर जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस मांगेगी CM सैनी से इस्तीफा:सरकार के अल्पमत पर CLP मीटिंग में प्लानिंग; सांसदों को है विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर
हरियाणा कांग्रेस मांगेगी CM सैनी से इस्तीफा:सरकार के अल्पमत पर CLP मीटिंग में प्लानिंग; सांसदों को है विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर हरियाणा में BJP सरकार के अल्पमत होने को लेकर कांग्रेस अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से इस्तीफे की मांग करेगी। चंडीगढ़ में बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। सांसदों ने मीटिंग में सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त का अंदेशा जताया। रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने खुलकर कहा कि सरकार के पास विधानसभा में संख्या बल नहीं है। संख्या बल नहीं होने के चलते नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। इस मामले में राज्यपाल को संज्ञान लेना चाहिए, प्रदेश में विधायकों की खरीद फरोख्त हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की भी चर्चाएं हैं कि बीजेपी अल्पमत से बचने के लिए 1-2 विधायकों के इस्तीफे भी करवा सकती है। राज्यपाल सरकार को बर्खास्त कर चुनाव करवाने चाहिए। आखिर कांग्रेस क्यों कर रही है अल्पमत का दावा हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया। इसके बाद जजपा 10 विधायकों के साथ सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर को सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। नायब सैनी सीएम बन गए। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है? 1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी? BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।
हरियाणा में मंत्री ने DTP को सस्पेंड किया:कमेटी मीटिंग में पहुंचा व्यक्ति बोला- NOC लेनी थी, डीटीपी ने 1.40 लाख रिश्वत मांगी
हरियाणा में मंत्री ने DTP को सस्पेंड किया:कमेटी मीटिंग में पहुंचा व्यक्ति बोला- NOC लेनी थी, डीटीपी ने 1.40 लाख रिश्वत मांगी हरियाणा के पलवल में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने एक व्यक्ति की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए डीटीपी को तुरंत निलंबित करने के आदेश दिए। मंत्री के आगे बैठक में कुल 14 शिकायतें रखी गई, जिनमें से 13 का मौके पर निपटारा कर दिया, जबकि एक शिकायत को लंबित रखा गया। पलवल के हुडा सेक्टर-2 निवासी विष्णु दत्त ने मंत्री बनवारी लाल को शिकायत दी कि डीटीपी नरेंद्र नैन एनओसी के नाम पर उससे 1 लाख 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहा है। बैठक में मौजूद कई अन्य व्यक्तियों ने भी विष्णु दत्त की बात का समर्थन किया। इसके बाद मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) नरेंद्र नैन को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। डीटीपी को सस्पेंड करने के आदेश देते ही सदन में लोगों ने तालियां बजाई। मंत्री डॉ. बनवारी लाल सोमवार को जिला सचिवालय के सभागार में आयोजित ग्रीवेंस कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करने पहुंचे। बैठक में सुल्तानपुर गांव निवासी राजेंद्र ने गांव में दूषित पानी की निकासी न होने और उनके खेत में जाने वाले रास्ते को बंद करने संबंधी शिकायत दी। इस पर मंत्री ने एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश दिए। कमेटी में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी व ग्रीवेंस कमेटी से एक सदस्य शामिल होंगे। यह कमेटी मौके पर जाकर जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके अलावा सल्लागढ निवासी प्रवीण की बिजली विभाग से संबंधित शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संबंधित ट्यूबवेल कनेक्शन को वास्तविक मालिक के नाम पर करवाएं। गोहपुर गांव में एक डिपो होल्डर द्वारा राशन बांटने में अनियमितता बरतने की शिकायत पर जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक की ओर से बताया गया कि इस डिपो होल्डर की सप्लाई को सस्पेंड कर दिया गया है। उसे कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया है। बैठक में शहर की अनाज मंडी के साथ-साथ अन्य जगहों से गंदगी को साफ करने व जलभराव से निजात दिलाने के मुद्दे उठाए गए। जिन पर मंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई कर समाधान करवाने के निर्देश दिए। ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग समाप्त होने पर मंत्री ने अलीगढ रोड व अलावलपुर रोड़ पर रेलवे लाईन क्रॉस करने के लिए बनाई गई सीडियों का शिलान्यास किया। बैठक में पलवल के विधायक दीपक मंगला, हथीन के विधायक प्रवीण डागर, होडल के विधायक जगदीश नायर, भाजपा जिलाध्यक्ष चरण सिंह तेवतिया, पूर्व विधायक रामरतन व ग्रीवेंस कमेटी के मेम्बर्स के अलावा जिले के अधिकारी मौजूद रहे।