करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसान यूनियन और सरपंचों ने टोल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी लोकल वाहनों के लिए टोल फ्री करने की मांग कर रहे है। प्रदर्शनकारियों ने टोल प्रबंधन से बात की तो प्रबंधन की तरफ से मासिक लाेकल पास बनाए जाने की बात कही गई। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने टोल प्रबंधन को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया है। किसानों ने धमकी दी है कि अगर इसके बाद भी लोकल वाहन चालकों के लिए टोल फ्री नहीं होता है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।शनिवार को भारतीय किसान यूनियन सर छोटू राम के प्रदेश कोर कमेटी सदस्य जगदीप औलख की अगुवाई में आसपास के गांवों के सरपंच बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचे। प्रधान जगदीप औलख, सरपंच नवीन राणा बरसत, बलविंद्र सिंह जमालपुर, अजय राणा गढ़ीखजूर, रिंकू राणा ने कहा कि बसताड़ा टोल प्लाजा आसपास के गांवों के वाहन चालकों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। दो किलोमीटर पर बसे गांवों को भी करनाल जाने के लिए टैक्स देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। टोल सिक्योरिटी गंदा व्यवहार करती हैं
इतना ही नहीं जब लोकल वाहन चालक अपनी बात रखते है तो उनके साथ टोल की सिक्योरिटी गंदा व्यवहार करती है। यहां पर हर साल यही होता है क्योंकि हर साल नई कंपनी को टेंडर मिलता है और कंपनी अपनी मनमानी करती है। हमें बार-बार आंदोलन करके वाहन चालकों को टोल फ्री करवाना पड़ता है। अब नई कंपनी ने टोल का चार्ज संभाला है। लोकल वाहन चालकों को भी मंथली पास बनवाने का फरमान सुना दिया गया है, जबकि पहले वाहन चालक अपनी आरसी दिखाकर टोल क्रॉस कर जाते थे। टोल प्रबंधन एनएचएआई के नियमों का हवाला दे रहा है, लेकिन पहले भी यहां पर कंपनियां आकर गई है, क्या उनके लिए नियम नहीं थे, उन्होंने भी तो लोकल वाहन चालकों का सहयोग किया। हमने टोल मैनेजर से बात की है, वे भी यहीं बात कह रहे है कि मंथली पास बनवाना पड़ेगा। हमने टोल मैनेजर को खुली चेतावनी दी है। यदि एक हफ्ते के अंदर लोकल वाहनों के लिए टोल फ्री नहीं हुआ तो यहां पर उग्र प्रदर्शन होगा। 9 अगस्त को भी किया गया था प्रदर्शन
9 अगस्त को भी घरौंडा की शिव शक्ति टैक्सी यूनियन ने टोल फ्री की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था और टोल सिक्योरिटी पर गुंडागर्दी के आरोप लगाए थे। उनको भी टोल मैनेजर ने मंथली पास बनवाने के लिए कहा था। वे भी आज तक अपनी इस समस्या से जूझ रहे हैं। उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हुई। टोल मैनेजर मुकेश शर्मा का कहना है कि किसान यूनियन और सरपंच मिले थे, वे लोकल वाहनों के लिए टोल फ्री की मांग कर रहे है, लेकिन एनएचएआई की गाइडलाइंस के अनुसार ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्थानीय वाहन चालकों के लिए 340 रुपए की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें कितनी बार भी वाहन चालक आ जा सकते है। फोटो कैप्शन-बसताड़ा टोल प्लाजा पर टोल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते किसान व सरपंच, जानकारी देते सरदार जगदीप औलख, सरपंच नवीन राणा व अन्य करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसान यूनियन और सरपंचों ने टोल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी लोकल वाहनों के लिए टोल फ्री करने की मांग कर रहे है। प्रदर्शनकारियों ने टोल प्रबंधन से बात की तो प्रबंधन की तरफ से मासिक लाेकल पास बनाए जाने की बात कही गई। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने टोल प्रबंधन को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया है। किसानों ने धमकी दी है कि अगर इसके बाद भी लोकल वाहन चालकों के लिए टोल फ्री नहीं होता है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।शनिवार को भारतीय किसान यूनियन सर छोटू राम के प्रदेश कोर कमेटी सदस्य जगदीप औलख की अगुवाई में आसपास के गांवों के सरपंच बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचे। प्रधान जगदीप औलख, सरपंच नवीन राणा बरसत, बलविंद्र सिंह जमालपुर, अजय राणा गढ़ीखजूर, रिंकू राणा ने कहा कि बसताड़ा टोल प्लाजा आसपास के गांवों के वाहन चालकों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। दो किलोमीटर पर बसे गांवों को भी करनाल जाने के लिए टैक्स देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। टोल सिक्योरिटी गंदा व्यवहार करती हैं
इतना ही नहीं जब लोकल वाहन चालक अपनी बात रखते है तो उनके साथ टोल की सिक्योरिटी गंदा व्यवहार करती है। यहां पर हर साल यही होता है क्योंकि हर साल नई कंपनी को टेंडर मिलता है और कंपनी अपनी मनमानी करती है। हमें बार-बार आंदोलन करके वाहन चालकों को टोल फ्री करवाना पड़ता है। अब नई कंपनी ने टोल का चार्ज संभाला है। लोकल वाहन चालकों को भी मंथली पास बनवाने का फरमान सुना दिया गया है, जबकि पहले वाहन चालक अपनी आरसी दिखाकर टोल क्रॉस कर जाते थे। टोल प्रबंधन एनएचएआई के नियमों का हवाला दे रहा है, लेकिन पहले भी यहां पर कंपनियां आकर गई है, क्या उनके लिए नियम नहीं थे, उन्होंने भी तो लोकल वाहन चालकों का सहयोग किया। हमने टोल मैनेजर से बात की है, वे भी यहीं बात कह रहे है कि मंथली पास बनवाना पड़ेगा। हमने टोल मैनेजर को खुली चेतावनी दी है। यदि एक हफ्ते के अंदर लोकल वाहनों के लिए टोल फ्री नहीं हुआ तो यहां पर उग्र प्रदर्शन होगा। 9 अगस्त को भी किया गया था प्रदर्शन
9 अगस्त को भी घरौंडा की शिव शक्ति टैक्सी यूनियन ने टोल फ्री की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था और टोल सिक्योरिटी पर गुंडागर्दी के आरोप लगाए थे। उनको भी टोल मैनेजर ने मंथली पास बनवाने के लिए कहा था। वे भी आज तक अपनी इस समस्या से जूझ रहे हैं। उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हुई। टोल मैनेजर मुकेश शर्मा का कहना है कि किसान यूनियन और सरपंच मिले थे, वे लोकल वाहनों के लिए टोल फ्री की मांग कर रहे है, लेकिन एनएचएआई की गाइडलाइंस के अनुसार ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्थानीय वाहन चालकों के लिए 340 रुपए की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें कितनी बार भी वाहन चालक आ जा सकते है। फोटो कैप्शन-बसताड़ा टोल प्लाजा पर टोल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते किसान व सरपंच, जानकारी देते सरदार जगदीप औलख, सरपंच नवीन राणा व अन्य हरियाणा | दैनिक भास्कर