हरियाणा में करनाल के निगदू थाना क्षेत्र के माजरा रोडान पावर हाउस कार्यालय में एक बिजली कर्मचारी ने बुधवार की दोपहर बाद संदिग्ध हालातों में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। मृतक की पहचान 30 वर्षीय सुमित सैनी निवासी जींद के रूप में हुई है। सुमित 132 केवी सब-स्टेशन में एसए के पद पर तैनात था। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। सुमित ने प्लास्टिक की रस्सी से फांसी लगाई थी। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज भेज दिया है। कल पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। डिप्रेशन बना आत्महत्या की वजह प्रारंभिक जांच में सुमित के डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है। हालांकि, आत्महत्या के पीछे के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है। सुमित के परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। उसकी अचानक मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों को घटना की सूचना पहले ही दे दी गई थी। पुलिस सुमित के डिप्रेशन और आत्महत्या के कारणों की हर पहलू से जांच कर रही है। थाना निगदू प्रभारी रमेश ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। किसी तरह की कोई शिकायत मिलती है तो उसके अनुरूप आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा में करनाल के निगदू थाना क्षेत्र के माजरा रोडान पावर हाउस कार्यालय में एक बिजली कर्मचारी ने बुधवार की दोपहर बाद संदिग्ध हालातों में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। मृतक की पहचान 30 वर्षीय सुमित सैनी निवासी जींद के रूप में हुई है। सुमित 132 केवी सब-स्टेशन में एसए के पद पर तैनात था। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। सुमित ने प्लास्टिक की रस्सी से फांसी लगाई थी। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज भेज दिया है। कल पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। डिप्रेशन बना आत्महत्या की वजह प्रारंभिक जांच में सुमित के डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है। हालांकि, आत्महत्या के पीछे के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है। सुमित के परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। उसकी अचानक मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों को घटना की सूचना पहले ही दे दी गई थी। पुलिस सुमित के डिप्रेशन और आत्महत्या के कारणों की हर पहलू से जांच कर रही है। थाना निगदू प्रभारी रमेश ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। किसी तरह की कोई शिकायत मिलती है तो उसके अनुरूप आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस में 66 नाम फाइनल:25 सिटिंग विधायकों की टिकट तय; सैलजा-सुरजेवाला की सीटें रोकीं, लिस्ट में 7 नए नाम जोड़े
हरियाणा कांग्रेस में 66 नाम फाइनल:25 सिटिंग विधायकों की टिकट तय; सैलजा-सुरजेवाला की सीटें रोकीं, लिस्ट में 7 नए नाम जोड़े हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कल आएगी। इसकी पुष्टि प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने की। केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग के बाद बाबरिया ने कहा कि बैठक में 34 सीटों पर चर्चा की गई। 32 पर सहमति बन गई है। रेसलर विनेश फोगाट के चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि कल इस बारे में स्थिति क्लियर हो जाएगी। कांग्रेस से विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने की चर्चा है। वहीं जिन 2 सीटों पर फैसला नहीं हो पाया है, वो रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा की हैं। हालांकि मीटिंग में इन दोनों सीटों के प्रस्ताव रखे गए, चर्चा भी की गई। सुरजेवाला की कैथल सीट से नाम चर्चा में है। वहीं सैलजा ने अभी किसी सीट पर दावेदारी नहीं जताई है। हालांकि चुनाव लड़ने की सूरत में वे अंबाला की मुलाना और सिरसा की कालांवाली रिजर्व सीट से उम्मीदवार हो सकती हैं। अभी तक के मंथन में पार्टी ने तय किया है कि सिटिंग 29 विधायकों में से 25 को वह फिर से चुनाव मैदान में उतारेगी। इसके अलावा लिस्ट में 7 नए चेहरों को भी शामिल किया गया है। इनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का भी नाम शामिल है। इन दो विधायकों की टिकटों पर पेंच
पार्टी सूत्रों के मुताबिक महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह और समालखा से विधायक धर्म सिंह छौक्कर के टिकट पर पेंच फंसा हुआ है। बाबरिया दोनों को टिकट देने के पक्ष में नहीं है, जबकि हुड्डा दोनों की पैरवी कर रहे हैं। चर्चा यह भी है कि राव दान सिंह ने बेटे अक्षत राव का नाम टिकट के लिए सामने रखा है, लेकिन फीडबैक के बाद प्रभारी उनके पक्ष में भी नहीं हैं। वहीं सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को भी टिकट मिल सकती है। अभी वह ED के केस में जेल में बंद हैं। पंवार न लड़े तो फिर उनके बेटे या बहू भी उम्मीदवार हो सकती हैं। वहीं दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान कांग्रेस से टिकट चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें टिकट देगी। उन्होंने कहा कि अगर नहीं देगी तो वे चुनाव तो लड़ेंगे। 2 दिन पहले 49 सीटों पर हुई थी चर्चा
वहीं सोमवार (2 सितंबर) को हुई CEC की मीटिंग के बाद दीपक बाबरिया ने बताया था कि CEC मीटिंग में 49 सीटों पर चर्चा हुई। 34 उम्मीदवारों के नाम फाइनल हुए। 15 नाम स्क्रीनिंग कमेटी को लौटा दिए हैं। इन पर दोबारा बातचीत की जाएगी। जो 34 नाम फाइनल हुए हैं, उनमें 22 विधायक हैं। लिस्ट 2 दिनों के भीतर जारी हो जाएगी। इनकी टिकट तय मानी जा रही
टिकटों को लेकर अभी तक हुए मंथन में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डॉ. रघुवीर सिंह कादियान या उनके परिवार से सदस्य, जगबीर मलिक या उनके परिवार से सदस्य, भारत भूषण बत्रा, गीता भुक्कल, आफताब अहमद, मोहम्मद इलियास, मामन खान, शैली चौधरी, मेवा सिंह, बीएल सैनी, शमशेर सिंह गोगी, अमित सिहाग, शीश पाल, राजेंद्र, कुलदीप वत्स, चिरंजीव राव, बलबीर सिंह, इंदुराज नरवाल, नीरज शर्मा, जयवीर वाल्मीकि, सुभाष गांगोली, सुरेंद्र पंवार या उनके परिवार से सदस्य, प्रदीप चौधरी, रेणु बाला, शकुंतला खटक को भी टिकट दी जा सकती है। जिन अन्य को उम्मीदवार बताया जा सकता है, उनमें उदयभान, अशोक अरोड़ा, कुलदीप शर्मा, रामकरण काला, धर्मपाल गोंदर, चंद्रप्रकाश, करण सिंह दलाल या उनके परिवार के सदस्य, शारदा राठौर, भीमसेन मेहता शामिल हैं।
हरियाणा के पूर्व मंत्री ने BJP छोड़ी:इस्तीफे में लिखा- पार्टी में अब गद्दारों को तवज्जो, कल पार्टी में आने वालों को टिकटें बांटी
हरियाणा के पूर्व मंत्री ने BJP छोड़ी:इस्तीफे में लिखा- पार्टी में अब गद्दारों को तवज्जो, कल पार्टी में आने वालों को टिकटें बांटी हरियाणा के पूर्व मंत्री कर्ण देव कांबोज ने बीजेपी छोड़ते हुए पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इंद्री विधानसभा से 2014 में विधायक और हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले एवं वन विभाग के पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज ने इंद्री से टिकट न मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। वर्तमान में वह भाजपा ओबीसी मोर्चा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष थे, लेकिन उन्होंने अपने पद के साथ-साथ भाजपा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा में गद्दारों को तवज्जो मिलने का आरोप
कर्ण देव कांबोज ने अपने इस्तीफे में पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाली भाजपा नहीं रही। उन्होंने कहा कि अब पार्टी में नुकसान पहुंचाने वाले गद्दारों को तवज्जो दी जा रही है, जबकि वफादार कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। कांबोज ने कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने वर्षों तक भाजपा की सेवा की, लेकिन पार्टी ने उनके योगदान को नजरअंदाज किया। संगठन में किए गए काम को नजरअंदाज किया गया
कांबोज ने इस्तीफे में उल्लेख किया कि पिछले पांच सालों में उन्होंने ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में पूरे हरियाणा में काम किया और 150 सामाजिक टोलियों का गठन किया। इसके बावजूद पार्टी ने उनकी सेवाओं को नजरअंदाज किया और उन्हें टिकट नहीं दिया। कांबोज ने आरोप लगाया कि पार्टी ने वफादार कार्यकर्ताओं के बजाय उन लोगों को टिकट दिया है जो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं। कृष्ण देव कांबोज के इस्तीफे की कॉपी… कांग्रेस और भाजपा में अब कोई फर्क नहीं
कांबोज ने भाजपा के फैसलों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी अब कांग्रेस की तरह हो गई है। उन्होंने कहा, “जब पार्टी में पुराने और वफादार कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर नए चेहरों को प्राथमिकता दी जा रही है, तो कांग्रेस और भाजपा में क्या फर्क रह गया है?” उनका यह बयान सीधे तौर पर भाजपा की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है और पार्टी के अंदर गहरे असंतोष को दर्शाता है। आगे का राजनीतिक सफर चुनाव लड़ने के संकेत
कर्ण देव कांबोज ने अपने इस्तीफे में यह भी कहा कि उनका आगामी फैसला उनके समर्थकों के निर्णय पर निर्भर करेगा। उन्होंने संकेत दिया कि वह अपने समर्थकों के निर्णय का सम्मान करते हुए अगला कदम उठाएंगे। कांबोज ने यह भी इशारा किया कि उनके समर्थक तय करेंगे कि वह आगामी चुनाव लड़ेंगे या नहीं। इससे यह स्पष्ट होता है कि वह चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं और बीजेपी के खिलाफ एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ सकते हैं या किसी अन्य पार्टी से हाथ मिला सकते हैं। राजनीतिक परिदृश्य में असर
कर्ण देव कांबोज का इस्तीफा खासकर इंद्री विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। कांबोज ने 2014 में इंद्री से जीत हासिल की थी और खाद्य विभाग के मंत्री बने थे। हालांकि, 2019 में पार्टी ने उन्हें इंद्री की बजाय रादौर से चुनाव लड़ने भेजा, जहां वह हार गए। अब 2024 के चुनाव में कांबोज का अलग मैदान में उतरना भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
हरियाणा के मंत्रियों ने मांगी लग्जरी गाड़ियां:CM से फॉर्च्यूनर, मर्सिडीज-वोल्वो की डिमांड; 80 करोड़ का हेलिकॉप्टर खरीद चुकी सरकार
हरियाणा के मंत्रियों ने मांगी लग्जरी गाड़ियां:CM से फॉर्च्यूनर, मर्सिडीज-वोल्वो की डिमांड; 80 करोड़ का हेलिकॉप्टर खरीद चुकी सरकार हरियाणा के मंत्री जल्द ही नई लग्जरी गाड़ियों में घूमते नजर आएंगे। असल में मंत्रियों को सरकार की पहले खरीदी गाड़ियां अच्छी नहीं लग रही हैं। मंत्रियों ने CM नायब सैनी को नई गाड़ियों की इच्छा बता दी है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों ने पसंद के तौर पर फॉर्च्यूनर, मर्सिडीज और वॉल्वो कार की डिमांड की है। चूंकि भाजपा ने हरियाणा में सरकार बनाने की हैट्रिक लगाई है, इसलिए सरकार भी इसके लिए सहमत हो गई है। सरकार खुद भी चाहती है कि 3 से 4 लाख तक चल चुकी गाड़ियों को अब मंत्रियों के काफिले से बाहर कर दिया जाए। इनकी जगह पर नई लग्जरी कार और एसयूवी को शामिल किया जाएगा। मंत्रियों की चॉइस को देखते हुए अधिकारियों ने नई गाड़ियों की खरीद के लिए होमवर्क भी शुरू कर दिया है। हरियाणा सरकार में CM समेत 14 मंत्री हैं। पिछली सरकार में खरीदी थी 11 फॉर्च्यूनर
पिछली सरकार में जब मूलचंद शर्मा परिवहन मंत्री थे तो सरकार ने हाई पावर परचेज कमेटी की मीटिंग की थी। जिसमें मंजूरी लेने के बाद मंत्रियों के लिए 11 फॉर्च्यूनर खरीदी थीं। जिस पर 3 करोड़ से ज्यादा की रकम खर्च की गई थी। सरकार ने यह गाड़ियां सीधे कंपनी से खरीदी थी ताकि कुछ कम रेट में मिल जाएं। अनिल विज पहले ही वॉल्वो कार ले चुके
प्रदेश के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज के पास वॉल्वो कार है। मनोहर लाल खट्टर के CM रहते वह गृहमंत्री थे तो इसी गाड़ी से चलते थे। हालांकि इसमें फील्ड में जाने के दौरान पानी भर गया और सेंसर खराब हो गए। हालांकि इंश्योरेंस की वजह से उन्हें नई गाड़ी मिल गई। जो विज के मंत्री न बनने के बाद सीएम नायब सैनी के पास भी रही। इससे पहले विज मर्सिडीज का इस्तेमाल करते थे, जिसका गुरुग्राम में शॉकर टूट गया था। जिसके बाद उन्होंने इसे बदल दिया था। मंत्रियों को एक नहीं 2 गाड़ियां मिलती हैं
खास बात यह है कि प्रदेश के मंत्रियों को 1 नहीं बल्कि 2 गाड़ियां मिलती हैं। इनमें एक गाड़ी मेन और दूसरी रिलीवर होती है। यह भी मंत्री के ही पास रहती है। अगर मेन गाड़ी में कोई दिक्कत आ जाए या सर्विस के लिए जाए तो मंत्री रिलीवर गाड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह नियम भूपेंद्र हुड्डा के सीएम रहते शुरू किया गया था, जो अब भी चल रहा है। CM लैंड क्रूजर यूज कर रहे
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुरक्षा कारणों से हरियाणा पुलिस द्वारा खरीदी गई लैंड क्रूजर में चलते हैं। उनके काफिले में कई फॉर्च्यूनर व एंडेवर जैसी गाड़ियां भी रहती हैं, जिसमें सुरक्षाकर्मी चलते हैं। इससे पहले खट्टर सरकार के वक्त डिप्टी सीएम रहे दुष्यंत चौटाला भी लैंड क्रूजर और फोर्ड एंडेवर जैसी महंगी और लग्जरी गाड़ी में चला करते थे। सरकार 80 करोड़ का हेलिकॉप्टर भी खरीद चुकी
करीब एक हफ्ते पहले ही सरकार ने 80 करोड़ का हेलिकॉप्टर खरीदा है। नए हेलिकॉप्टर को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि पिछले कुछ समय से हमारा हेलिकॉप्टर दिक्कत कर रहा था। काफी पुराना होने की वजह से सेफ्टी का भी इश्यू था। इसकी मंजूरी पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर सरकार में हाई लेवल परचेज कमेटी में दी गई थी। यह हेलिकॉप्टर जर्मनी से हरियाणा आया है।