करनाल के कमालपुर रोडान गांव में एक बेटे ने शातिराना तरीके से अपने ही मां-बाप को मौत के घाट उतार दिया। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए आरोपी ने ड्रिल मशीन का इस्तेमाल किया। आरोपी डीपीएस स्कूल करनाल में बस ड्राइवर है और वही से इसने एक मिस्त्री से ड्रिल मशीन का इंतजाम किया था और उसको एक कट्टे में डाला। अपने साथ काम करने वाले टिकरी गांव के दोस्त की कार का इस्तेमाल भी वारदात में किया। इंद्री के डीएसपी सतीश गौतम ने खुलासा किया कि आरोपी ने कार की नंबर प्लेट उतार दी थी और रात को करीब एक बजे वह संगोहा व दरड़ गांव के रास्ते से होता हुआ कमालपुर रोडान गांव में पहुंच गया था। 13-14 मार्च की दरमियानी रात को वह दीवार फांदकर अपने घर में घुस गया, उसे पता था कि उसका पिता होली वाले दिन शराब पीता है। चूंकि उसका पिता नशे में था उसने ड्रिल सीधे उसके सिर में घुसा दी और फिर मां ने शोर मचाया तो उसने मां को भी सिर में ड्रिल मशीन घुसाकर मार दी। फर्श पर खून बिखर गया था, उसने खून को साफ भी किया लेकिन खून ज्यादा था, वहीं पर उसे करीब ढाई बज गए थे। ज्यादा खून न बहे इसके लिए उसने दरी का इस्तेमाल किया और उन पर दोनों शव डाल दिए। इस रास्ते से गया नहर पर कार को बैक करने के बाद डिग्गी में पहले मां और फिर अपने पिता का शव डाला। यहां से बाहर का ताला लगाया और गाड़ी को स्टार्ट करके रिंडल, बड़ा गांव और आईटीआई चौक से होता हुआ, मेडिकल कॉलेज चौक, गोगड़ीपुर फाटक से होते हुए वह गगसीना गांव के पास पहुंचा और वहां नहर किनारे कार लगाकर दोनों की डेडबॉडी नहर में डाल दी। उसके बाद वापिस इसी रास्ते से टिकरी गांव में पहुंचा और कार को अपने दोस्त के घर के बाहर खड़ा किया। सारे सबूत आरोपी बेटे की तरफ इशारा कर रहे थे पुलिस को बेटे पर शक था, जिसे हिरासत में लिया गया और सारे सबूत आरोपी बेटे की तरफ इशारा कर रहे थे। जब सबूत ढूंढे गए और आरोपी को दिखाए गए तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। बाद में पता चला कि आरोपी बेटे का अपने पिता के साथ प्रॉपर्टी विवाद था। मामला कोर्ट में भी चल रहा है। आरोपी को 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है ताकि आरोपी से गहनता से पूछताछ की जा सके। फिलहाल महेंद्र सिंह का शव नहीं मिल पाया है, एसडीआरएफ की टीम उसकी तलाश में लगी हुई है। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए क्या है पूरा मामला गांव कमालपुर रोडान में महेंद्र सिंह अपनी पत्नी बाला के साथ घर पर रहता था। उसका हिम्मत नाम का बेटा है और एक बेटी है। बेटी की भी शादी हो चुकी है और बेटे ने करीब 9 महीने पहले अरेंज मैरिज की थी। वह करनाल के उचाना गांव में अपनी पत्नी के साथ किराये के मकान में रह रहा था। हिम्मत सिंह डीपीएस स्कूल करनाल में ड्राइवरी का काम करता था। उसके पिता उसकी शादी से नाराज थे और प्रोपर्टी को लेकर दोनों के बीच झगड़ा होता रहता था। 13 मार्च की रात को दिया हत्याकांड को अंजाम हिम्मत 13 मार्च की आधी रात को कमालपुर गांव में अपने दोस्त शिव की कार लेकर पहुंचा था। हालांकि उसके दोस्त ने कार देने से भी मना किया था, लेकिन उसने जिद्द करके कार ले ली थी। यह कार गांव के सीसीटीवी कैमरों में भी देखी गई थी और चक्कर लगाती हुई नजर आई थी। आधी रात को करीब एक बजे वह घर के अंदर घुस गया और हत्याकांड को अंजाम दे दिया। तेजधार हथियार से अपनी मां को गोद दिया और दोनों की लाश कार में डाला और फिर मेन गेट का ताला लगा दिया। बाद में गगसीना गांव के पास नहर में लाश फेंक दी और कार अपने दोस्त के घर खड़ी करके चला गया। दो दिन तक घर के बाहर लटका रहा ताला 14 मार्च को होली के दिन महेंद्र के घर के बाहर ताला लगा हुआ था। परिजनों ने सोचा कि पति-पत्नी किसी रिश्तेदारी में गए होंगे, लेकिन 15 मार्च की शाम तक भी ताला लगा हुआ था। जिसके बाद चचेरे भाई नफे सिंह ने रिश्तेदारियों में कॉल करके महेंद्र की सुध लेनी चाही, लेकिन वह किसी रिश्तेदारी में नहीं थे। जिसके बाद थोड़ा शक हुआ। 15 मार्च की शाम परिवार के एक सदस्य को दीवार फांदकर घर के अंदर भेजा गया, जहां बरामदे में खून बिखरा हुआ मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। घर में किसी के घसीटने के निशान पुलिस को मिले थे। जिसके बाद से ही सीआईए-2, डीएसपी इंद्री और इंद्री थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गई। बेटे और चाचा से पूछताछ घटना के बाद से ही 15 मार्च को पुलिस ने बेटे हिम्मत सिंह और चाचा सुरेंद्र को हिरासत में ले लिया था। पारिवारिक झगड़े से जोड़कर मामले को देखा जा रहा था, इसलिए शक की सूई बेटे पर जा रही थी। सीआईए-2 ने हिम्मत सिंह से गहनता से पूछताछ की, जिसके बाद एक-एक करके सारी बाते सामने आती चली गई, हालांकि पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही थी और लगातार सबूत इकट्ठे कर रही थी। 13 मार्च की रात को दिया हत्याकांड को अंजाम हिम्मत 13 मार्च की आधी रात को कमालपुर गांव में अपने दोस्त शिव की कार लेकर पहुंचा था। यह कार गांव के सीसीटीवी कैमरों में भी देखी गई थी और चक्कर लगाती हुई नजर आई थी। आधी रात को करीब एक बजे वह घर के अंदर घुस गया और हत्याकांड को अंजाम दे दिया। तेजधार हथियार से अपनी मां को गोद दिया और दोनों की लाश कार में डाला और फिर मेन गेट का ताला लगा दिया। बाद में गगसीना गांव के पास नहर में लाश फेंक दी और कार अपने दोस्त के घर खड़ी करके चला गया। दो दिन तक घर के बाहर लटका रहा ताला 14 मार्च को होली के दिन महेंद्र के घर के बाहर ताला लगा हुआ था। परिजनों ने सोचा कि पति-पत्नी किसी रिश्तेदारी में गए होंगे, लेकिन 15 मार्च की शाम तक भी ताला लगा हुआ था। जिसके बाद चचेरे भाई नफे सिंह ने रिश्तेदारियों में कॉल करके महेंद्र की सुध लेनी चाही, लेकिन वह किसी रिश्तेदारी में नहीं थे। जिसके बाद थोड़ा शक हुआ। 15 मार्च की शाम परिवार के एक सदस्य को दीवार फांदकर घर के अंदर भेजा गया, जहां बरामदे में खून बिखरा हुआ मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। घर में किसी के घसीटने के निशान पुलिस को मिले थे। जिसके बाद से ही सीआईए-2, डीएसपी इंद्री और इंद्री थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गई। 16 मार्च को मोर्चरी हाउस पानीपत में मिली महिला की लाश पुलिस लगातार पति पत्नी की तलाश कर रही थी। पुलिस को मोर्चरी हाउस पानीपत में महिला की लाश होने की जानकारी मिली। जिसके बाद पुलिस मृतक के परिजनों के साथ पहुंची, जहां पर महिला की शिनाख्त हुई। महिला के शरीर पर तेजधार हथियार के निशान मिले और गला भी दबाया हुआ था। पानीपत मोर्चरी हाउस से पता चला कि महिला की डेडबॉडी 14 मार्च को डाहर-बिंझोल पुल के पास 10 से 11 बजे के बीच नहर से मिली थी। जिसको जनसेवा दल पानीपत के कपिल मल्होत्रा ने मोर्चरी हाउस पहुंचाया था। 17 को डॉक्टरों के बोर्ड ने किया पोस्टमॉर्टम पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया और करनाल में डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा 17 मार्च को पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई की गई। जिसमें पुलिस ने एक-एक डिटेल ली। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। जिसके बाद शाम को ही महिला का दाह संस्कार कर दिया गया। दाह संस्कार की कार्रवाई के बाद पुलिस फिर से आगे की कार्रवाई में जुट गई। दाह संस्कार पर पहुंचे कपिल मल्होत्रा ने बताया था कि प्राथमिक जांच में यह हत्या का मामला लगा, क्योंकि महिला के चेहरे, गले और हाथों पर चोट के गहरे निशान थे। महिला पुलिसकर्मियों ने शव की जांच की तो उसकी छाती पर भी चोटें पाई गईं। बाद में जब कमालपुर की घटना के बारे में खबर सामने आई, तो शव की शिनाख्त राजबाला के रूप में हुई। 18 मार्च को हुआ बड़ा खुलासा, आरोपी गिरफ्तार 18 मार्च को पुलिस हिरासत में आरोपी हिम्मत सिंह ने मामले का खुलासा किया और हत्या का कारण प्रोपर्टी विवाद सामने आया। उसने पुलिस को पूरी डिटेल दी और उसके बाद पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस मामले के अन्य पहलुओं को लेकर भी जांच में जुटी हुई है, लेकिन पुलिस कुछ भी खुलकर नहीं बता रही है। महेंद्र का अब तक नहीं लगा सुराग, एसडीआरएफ जुटी तलाश में ग्रामीणों के अनुसार, महेंद्र के दाहिने हाथ का अंगूठा और एक अंगूली बचपन से कटी हुई थी। इसी आधार पर उसकी तस्वीर को आसपास के इलाकों में सर्कुलेट किया गया है ताकि कोई भी शव मिलने पर उसकी पहचान की जा सके। 18 मार्च को इंद्री पुलिस ने गगसीना के पास एसडीआरएफ की टीम के साथ महेंद्र की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। सीआईए-2 की टीम एफएसएल के साथ टिकरी गांव में शिव की कार की जांच करने के लिए पहुंची और रात को हिम्मत सिंह को लेकर कमालपुर रोडान गांव में पहुंची और निशानदेही करवाई। ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाने के बाद अब पुलिस महेंद्र की तलाश में जुटी है और हत्यारे को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है। इंद्री डीएसपी सतीश गौतम ने बताया कि आरोपी हिम्मत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। महेंद्र का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। गगसीना के पास भी नहर में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर आगामी कार्रवाई की जाएगी। करनाल के कमालपुर रोडान गांव में एक बेटे ने शातिराना तरीके से अपने ही मां-बाप को मौत के घाट उतार दिया। हत्याकांड को अंजाम देने के लिए आरोपी ने ड्रिल मशीन का इस्तेमाल किया। आरोपी डीपीएस स्कूल करनाल में बस ड्राइवर है और वही से इसने एक मिस्त्री से ड्रिल मशीन का इंतजाम किया था और उसको एक कट्टे में डाला। अपने साथ काम करने वाले टिकरी गांव के दोस्त की कार का इस्तेमाल भी वारदात में किया। इंद्री के डीएसपी सतीश गौतम ने खुलासा किया कि आरोपी ने कार की नंबर प्लेट उतार दी थी और रात को करीब एक बजे वह संगोहा व दरड़ गांव के रास्ते से होता हुआ कमालपुर रोडान गांव में पहुंच गया था। 13-14 मार्च की दरमियानी रात को वह दीवार फांदकर अपने घर में घुस गया, उसे पता था कि उसका पिता होली वाले दिन शराब पीता है। चूंकि उसका पिता नशे में था उसने ड्रिल सीधे उसके सिर में घुसा दी और फिर मां ने शोर मचाया तो उसने मां को भी सिर में ड्रिल मशीन घुसाकर मार दी। फर्श पर खून बिखर गया था, उसने खून को साफ भी किया लेकिन खून ज्यादा था, वहीं पर उसे करीब ढाई बज गए थे। ज्यादा खून न बहे इसके लिए उसने दरी का इस्तेमाल किया और उन पर दोनों शव डाल दिए। इस रास्ते से गया नहर पर कार को बैक करने के बाद डिग्गी में पहले मां और फिर अपने पिता का शव डाला। यहां से बाहर का ताला लगाया और गाड़ी को स्टार्ट करके रिंडल, बड़ा गांव और आईटीआई चौक से होता हुआ, मेडिकल कॉलेज चौक, गोगड़ीपुर फाटक से होते हुए वह गगसीना गांव के पास पहुंचा और वहां नहर किनारे कार लगाकर दोनों की डेडबॉडी नहर में डाल दी। उसके बाद वापिस इसी रास्ते से टिकरी गांव में पहुंचा और कार को अपने दोस्त के घर के बाहर खड़ा किया। सारे सबूत आरोपी बेटे की तरफ इशारा कर रहे थे पुलिस को बेटे पर शक था, जिसे हिरासत में लिया गया और सारे सबूत आरोपी बेटे की तरफ इशारा कर रहे थे। जब सबूत ढूंढे गए और आरोपी को दिखाए गए तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। बाद में पता चला कि आरोपी बेटे का अपने पिता के साथ प्रॉपर्टी विवाद था। मामला कोर्ट में भी चल रहा है। आरोपी को 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है ताकि आरोपी से गहनता से पूछताछ की जा सके। फिलहाल महेंद्र सिंह का शव नहीं मिल पाया है, एसडीआरएफ की टीम उसकी तलाश में लगी हुई है। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए क्या है पूरा मामला गांव कमालपुर रोडान में महेंद्र सिंह अपनी पत्नी बाला के साथ घर पर रहता था। उसका हिम्मत नाम का बेटा है और एक बेटी है। बेटी की भी शादी हो चुकी है और बेटे ने करीब 9 महीने पहले अरेंज मैरिज की थी। वह करनाल के उचाना गांव में अपनी पत्नी के साथ किराये के मकान में रह रहा था। हिम्मत सिंह डीपीएस स्कूल करनाल में ड्राइवरी का काम करता था। उसके पिता उसकी शादी से नाराज थे और प्रोपर्टी को लेकर दोनों के बीच झगड़ा होता रहता था। 13 मार्च की रात को दिया हत्याकांड को अंजाम हिम्मत 13 मार्च की आधी रात को कमालपुर गांव में अपने दोस्त शिव की कार लेकर पहुंचा था। हालांकि उसके दोस्त ने कार देने से भी मना किया था, लेकिन उसने जिद्द करके कार ले ली थी। यह कार गांव के सीसीटीवी कैमरों में भी देखी गई थी और चक्कर लगाती हुई नजर आई थी। आधी रात को करीब एक बजे वह घर के अंदर घुस गया और हत्याकांड को अंजाम दे दिया। तेजधार हथियार से अपनी मां को गोद दिया और दोनों की लाश कार में डाला और फिर मेन गेट का ताला लगा दिया। बाद में गगसीना गांव के पास नहर में लाश फेंक दी और कार अपने दोस्त के घर खड़ी करके चला गया। दो दिन तक घर के बाहर लटका रहा ताला 14 मार्च को होली के दिन महेंद्र के घर के बाहर ताला लगा हुआ था। परिजनों ने सोचा कि पति-पत्नी किसी रिश्तेदारी में गए होंगे, लेकिन 15 मार्च की शाम तक भी ताला लगा हुआ था। जिसके बाद चचेरे भाई नफे सिंह ने रिश्तेदारियों में कॉल करके महेंद्र की सुध लेनी चाही, लेकिन वह किसी रिश्तेदारी में नहीं थे। जिसके बाद थोड़ा शक हुआ। 15 मार्च की शाम परिवार के एक सदस्य को दीवार फांदकर घर के अंदर भेजा गया, जहां बरामदे में खून बिखरा हुआ मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। घर में किसी के घसीटने के निशान पुलिस को मिले थे। जिसके बाद से ही सीआईए-2, डीएसपी इंद्री और इंद्री थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गई। बेटे और चाचा से पूछताछ घटना के बाद से ही 15 मार्च को पुलिस ने बेटे हिम्मत सिंह और चाचा सुरेंद्र को हिरासत में ले लिया था। पारिवारिक झगड़े से जोड़कर मामले को देखा जा रहा था, इसलिए शक की सूई बेटे पर जा रही थी। सीआईए-2 ने हिम्मत सिंह से गहनता से पूछताछ की, जिसके बाद एक-एक करके सारी बाते सामने आती चली गई, हालांकि पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही थी और लगातार सबूत इकट्ठे कर रही थी। 13 मार्च की रात को दिया हत्याकांड को अंजाम हिम्मत 13 मार्च की आधी रात को कमालपुर गांव में अपने दोस्त शिव की कार लेकर पहुंचा था। यह कार गांव के सीसीटीवी कैमरों में भी देखी गई थी और चक्कर लगाती हुई नजर आई थी। आधी रात को करीब एक बजे वह घर के अंदर घुस गया और हत्याकांड को अंजाम दे दिया। तेजधार हथियार से अपनी मां को गोद दिया और दोनों की लाश कार में डाला और फिर मेन गेट का ताला लगा दिया। बाद में गगसीना गांव के पास नहर में लाश फेंक दी और कार अपने दोस्त के घर खड़ी करके चला गया। दो दिन तक घर के बाहर लटका रहा ताला 14 मार्च को होली के दिन महेंद्र के घर के बाहर ताला लगा हुआ था। परिजनों ने सोचा कि पति-पत्नी किसी रिश्तेदारी में गए होंगे, लेकिन 15 मार्च की शाम तक भी ताला लगा हुआ था। जिसके बाद चचेरे भाई नफे सिंह ने रिश्तेदारियों में कॉल करके महेंद्र की सुध लेनी चाही, लेकिन वह किसी रिश्तेदारी में नहीं थे। जिसके बाद थोड़ा शक हुआ। 15 मार्च की शाम परिवार के एक सदस्य को दीवार फांदकर घर के अंदर भेजा गया, जहां बरामदे में खून बिखरा हुआ मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। घर में किसी के घसीटने के निशान पुलिस को मिले थे। जिसके बाद से ही सीआईए-2, डीएसपी इंद्री और इंद्री थाना पुलिस मामले की जांच में जुट गई। 16 मार्च को मोर्चरी हाउस पानीपत में मिली महिला की लाश पुलिस लगातार पति पत्नी की तलाश कर रही थी। पुलिस को मोर्चरी हाउस पानीपत में महिला की लाश होने की जानकारी मिली। जिसके बाद पुलिस मृतक के परिजनों के साथ पहुंची, जहां पर महिला की शिनाख्त हुई। महिला के शरीर पर तेजधार हथियार के निशान मिले और गला भी दबाया हुआ था। पानीपत मोर्चरी हाउस से पता चला कि महिला की डेडबॉडी 14 मार्च को डाहर-बिंझोल पुल के पास 10 से 11 बजे के बीच नहर से मिली थी। जिसको जनसेवा दल पानीपत के कपिल मल्होत्रा ने मोर्चरी हाउस पहुंचाया था। 17 को डॉक्टरों के बोर्ड ने किया पोस्टमॉर्टम पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया और करनाल में डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा 17 मार्च को पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई की गई। जिसमें पुलिस ने एक-एक डिटेल ली। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। जिसके बाद शाम को ही महिला का दाह संस्कार कर दिया गया। दाह संस्कार की कार्रवाई के बाद पुलिस फिर से आगे की कार्रवाई में जुट गई। दाह संस्कार पर पहुंचे कपिल मल्होत्रा ने बताया था कि प्राथमिक जांच में यह हत्या का मामला लगा, क्योंकि महिला के चेहरे, गले और हाथों पर चोट के गहरे निशान थे। महिला पुलिसकर्मियों ने शव की जांच की तो उसकी छाती पर भी चोटें पाई गईं। बाद में जब कमालपुर की घटना के बारे में खबर सामने आई, तो शव की शिनाख्त राजबाला के रूप में हुई। 18 मार्च को हुआ बड़ा खुलासा, आरोपी गिरफ्तार 18 मार्च को पुलिस हिरासत में आरोपी हिम्मत सिंह ने मामले का खुलासा किया और हत्या का कारण प्रोपर्टी विवाद सामने आया। उसने पुलिस को पूरी डिटेल दी और उसके बाद पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस मामले के अन्य पहलुओं को लेकर भी जांच में जुटी हुई है, लेकिन पुलिस कुछ भी खुलकर नहीं बता रही है। महेंद्र का अब तक नहीं लगा सुराग, एसडीआरएफ जुटी तलाश में ग्रामीणों के अनुसार, महेंद्र के दाहिने हाथ का अंगूठा और एक अंगूली बचपन से कटी हुई थी। इसी आधार पर उसकी तस्वीर को आसपास के इलाकों में सर्कुलेट किया गया है ताकि कोई भी शव मिलने पर उसकी पहचान की जा सके। 18 मार्च को इंद्री पुलिस ने गगसीना के पास एसडीआरएफ की टीम के साथ महेंद्र की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। सीआईए-2 की टीम एफएसएल के साथ टिकरी गांव में शिव की कार की जांच करने के लिए पहुंची और रात को हिम्मत सिंह को लेकर कमालपुर रोडान गांव में पहुंची और निशानदेही करवाई। ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाने के बाद अब पुलिस महेंद्र की तलाश में जुटी है और हत्यारे को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रही है। इंद्री डीएसपी सतीश गौतम ने बताया कि आरोपी हिम्मत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। महेंद्र का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। गगसीना के पास भी नहर में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर आगामी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
