हरियाणा में करनाल के एसडीएम कार्यालय की पारदर्शिता वाली कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। एसडीएम कार्यालय में गाड़ी मालिक की मौजूदगी के बिना ही न सिर्फ एनओसी जारी कर दी, बल्कि गाड़ी की ओरिजिनल आरसी किसी ओर व्यक्ति के हवाले कर दी। चौंकाने वाली बात तो यह है कि गाड़ी मालिक के पास 2021 से गाड़ी ही नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि जब मालिक के पास गाड़ी ही नहीं है, उसके बावजूद भी आरसी और एनओसी कैसे जारी हो गई। एसडीएम कार्यालय में चल रहे इस फर्जीवाड़े की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 2021 से गाड़ी नहीं है मालिक के पास करनाल के गांव शामगढ़ निवासी राजीव कुमार ने 2021 में एक गाड़ी खरीदी थी। जिसका नंबर और रजिस्ट्रेशन दिल्ली का था। गाड़ी खरीद के बाद करनाल के एसडीएम ऑफिस से नया रजिस्ट्रेशन लिया गया, लेकिन आरसी उसी ऑफिस में डिपॉजिट थी। इसके बाद दिल्ली नंबर की प्लेट जमा करवाकर नई नंबर प्लेट और आरसी जारी होनी थी, लेकिन गाड़ी बेचने वाले ने उसे न तो गाड़ी वापिस दी और न ही उसके पैसे वापिस किए। उसने कई बार गाड़ी मालिक से पैसे वापिस लेने की कोशिश की, लेकिन वह उसे टरकाता रहा। जिससे परेशान होकर पीड़ित ने तरावडी थाना में आरोपी के खिलाफ शिकायत कर दी थी। तीन साल से उसके पास गाड़ी ही नहीं है। गाड़ी के एनओसी और आरसी जारी होने का खुलासा राजीव कुमार ने बताया कि बीती 22 अक्टूबर को ट्रेफिक पोर्टल के जरिए उसे गाड़ी की एनओसी और आरसी जारी होने की जानकारी मिली। जब उसे पता चला कि गाड़ी की असल आरसी भी बीते जून माह में किसी अनजान व्यक्ति को सौंप दी गई, तो वे हैरान रह गया। राजीव का कहना है कि नियमों के अनुसार, गाड़ी की आरसी असली ऑनर को भेजी जानी चाहिए थी। नियमों को दिखाया गया ठेंगा पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि गाड़ी की एनओसी जारी करने के लिए एसडीएम ऑफिस में फिजिकल वैरिफिकेशन और असल मालिक का हाजिर होना कंपलसरी है। साथ ही, एनओसी की फाइल भी मालिक द्वारा खुद ही पेश की जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा बिलकुल भी नहीं हुआ, नियमों को ठेंगा दिखाकर धांधली की गई है। जिसके बाद राजीव ने बीती 23 अक्तूबर को एसडीएम कार्यालय में शिकायत दी। पुलिस जुटी जांच में सिविल लाइन थाना के जांच अधिकारी सुंदर ने बताया कि राजीव द्वारा एक शिकायत दी गई है। शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। जैसे भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुरूप आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा में करनाल के एसडीएम कार्यालय की पारदर्शिता वाली कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। एसडीएम कार्यालय में गाड़ी मालिक की मौजूदगी के बिना ही न सिर्फ एनओसी जारी कर दी, बल्कि गाड़ी की ओरिजिनल आरसी किसी ओर व्यक्ति के हवाले कर दी। चौंकाने वाली बात तो यह है कि गाड़ी मालिक के पास 2021 से गाड़ी ही नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि जब मालिक के पास गाड़ी ही नहीं है, उसके बावजूद भी आरसी और एनओसी कैसे जारी हो गई। एसडीएम कार्यालय में चल रहे इस फर्जीवाड़े की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 2021 से गाड़ी नहीं है मालिक के पास करनाल के गांव शामगढ़ निवासी राजीव कुमार ने 2021 में एक गाड़ी खरीदी थी। जिसका नंबर और रजिस्ट्रेशन दिल्ली का था। गाड़ी खरीद के बाद करनाल के एसडीएम ऑफिस से नया रजिस्ट्रेशन लिया गया, लेकिन आरसी उसी ऑफिस में डिपॉजिट थी। इसके बाद दिल्ली नंबर की प्लेट जमा करवाकर नई नंबर प्लेट और आरसी जारी होनी थी, लेकिन गाड़ी बेचने वाले ने उसे न तो गाड़ी वापिस दी और न ही उसके पैसे वापिस किए। उसने कई बार गाड़ी मालिक से पैसे वापिस लेने की कोशिश की, लेकिन वह उसे टरकाता रहा। जिससे परेशान होकर पीड़ित ने तरावडी थाना में आरोपी के खिलाफ शिकायत कर दी थी। तीन साल से उसके पास गाड़ी ही नहीं है। गाड़ी के एनओसी और आरसी जारी होने का खुलासा राजीव कुमार ने बताया कि बीती 22 अक्टूबर को ट्रेफिक पोर्टल के जरिए उसे गाड़ी की एनओसी और आरसी जारी होने की जानकारी मिली। जब उसे पता चला कि गाड़ी की असल आरसी भी बीते जून माह में किसी अनजान व्यक्ति को सौंप दी गई, तो वे हैरान रह गया। राजीव का कहना है कि नियमों के अनुसार, गाड़ी की आरसी असली ऑनर को भेजी जानी चाहिए थी। नियमों को दिखाया गया ठेंगा पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि गाड़ी की एनओसी जारी करने के लिए एसडीएम ऑफिस में फिजिकल वैरिफिकेशन और असल मालिक का हाजिर होना कंपलसरी है। साथ ही, एनओसी की फाइल भी मालिक द्वारा खुद ही पेश की जानी चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा बिलकुल भी नहीं हुआ, नियमों को ठेंगा दिखाकर धांधली की गई है। जिसके बाद राजीव ने बीती 23 अक्तूबर को एसडीएम कार्यालय में शिकायत दी। पुलिस जुटी जांच में सिविल लाइन थाना के जांच अधिकारी सुंदर ने बताया कि राजीव द्वारा एक शिकायत दी गई है। शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। जैसे भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुरूप आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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