करनाल में युवक का अपहरण कर पीटा, FIR:फौजी ने बंदूक से किया वार; थाने में पुलिस अफसरों ने डरा धमका कराया राजीनामा

करनाल में युवक का अपहरण कर पीटा, FIR:फौजी ने बंदूक से किया वार; थाने में पुलिस अफसरों ने डरा धमका कराया राजीनामा

करनाल में गांव खेडी मान सिंह के एक युवक ने चार युवकों पर अपहरण कर बंदूक से हमला करने, जान से मारने की धमकी देने और फिर पुलिस थाने में जबरदस्ती फैसला लिखवाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। युवक के करनाल पुलिस के दो अधिकारियों पर आरोप हैं कि उन्होंने आरोपी पक्ष से मिलकर उसे थाने में डराया, धमकाया और जातिसूचक गालियां दीं। मामले में आईजी करनाल को दी गई शिकायत के बाद अब थाना सदर में एफआईआर दर्ज की गई है। युवक ने पुलिस से अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। 8 मई की रात किया अपहरण गांव खेडी मान सिंह निवासी बलिन्द्र कुमार ने करनाल आईजी को दी शिकायत में बताया है कि बीती 8 मई को करीब 12:30 बजे आरोपी रिक्की संधू, सुनील फौजी, नन्हा और परी ने मिलकर उसका अपहरण किया और उसके साथ बुरी तरह मारपीट की। इस दौरान सुनील फौजी ने बंदूक से उसकी गर्दन पर वार किया और सिर में चोट मारी। उसने कहा कि आरोपी उसे जान से मारकर नदी में फेंकने की बात कर रहे थे। थाना में दी शिकायत, फिर शुरू हुआ दबाव बलिन्द्र ने थाना सदर करनाल में अपहरण और मारपीट की शिकायत दी थी। इसके बाद वह थाना प्रभारी से भी मिला और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उसी दिन शाम करीब 6:15 बजे पीएसआई विकास का कॉल आया, जिसने बलिन्द्र को बयान देने के बहाने थाने बुलाया। बलिन्द्र के अनुसार, विकास ने उसे दो घंटे तक बैठाए रखा और कोई कार्रवाई नहीं की। इस दौरान आरोपी रिक्की बार-बार एसएचओ और पीएसआई से बातचीत करता रहा। पीएसआई ने बलिन्द्र को रिक्की के पास बैठाकर फैसला करने का दबाव बनाया, लेकिन बलिन्द्र ने इससे साफ इनकार कर दिया। डीएसपी से साठगांठ का भी आरोप ​​​​​​​बलिन्द्र का आरोप है कि रिक्की ने उसे धमकाते हुए बताया कि डीएसपी नायब सिंह से बात करके पुलिस कार्रवाई रुकवा दी गई है। उसने धमकी दी कि अगर फैसला नहीं किया तो जान से मार देंगे और परिवार को सड़क पर ला देंगे। थाने में घेरकर धमकाया, पहचान कराई और डराया गया ​​​​​​​पीड़ित का आरोप है कि रात करीब 8:30 बजे पीएसआई विकास ने उसको अपने कमरे में बुलाया, जहां आरोपियों के अलावा 5-6 अन्य बदमाश किस्म के लोग अंदर आए और 15-20 लोग बाहर डटे हुए थे। रिक्की ने सबके सामने उसकी पहचान कराई और कान में कुछ बातें भी कीं। इसके बाद पीएसआई सभी को लेकर एसएचओ के पास गया, जहां आरोपीगण ने कबूल किया कि उन्होंने बलिन्द्र का अपहरण कर मारपीट की। लेकिन एसएचओ ने उल्टा बलिन्द्र को मां-बहन की गालियां दीं और उसे ही जेल भेजने की धमकी दी। फोन छीना, डाटा चेक किया और जातिसूचक शब्द बोले गए ​​​​​​​बलिन्द्र ने आरोप लगाया कि एसएचओ के कहने पर पीएसआई विकास ने उसका मोबाइल फोन छीन लिया और उसमें मौजूद डाटा देखने लगा। इसके बाद बलिन्द्र के साथ बदसलूकी और प्रताड़ना की गई। उसे जातिसूचक शब्द कहे गए, जिससे वह मानसिक रूप से बेहद डर गया। फैसला लिखवाया, वीडियो रिकॉर्डिंग की और धमकी दी ​​​​​​​बलिन्द्र के अनुसार, उसे ऊपर एक कमरे में ले जाकर एक सफेद कागज पर जबरन फैसला लिखवाया गया और वीडियो भी रिकॉर्ड की गई, जिसमें उससे कहलवाया गया कि कोई दबाव नहीं है। जबकि इससे पहले उसे लगातार डराया और धमकाया गया। रात 10:15 बजे जब बलिन्द्र बाहर निकलने लगा तो आरोपी पक्ष के बदमाशों ने उसे बाहर घेर लिया, फोटो खींची और धमकी दी कि अगर शिकायत की तो जान से मार देंगे। घर पहुंचा डरा-सहमा, उच्च अधिकारियों से लगाई गुहार ​​​​​​​बलिन्द्र किसी तरह वहां से बचकर घर पहुंचा, लेकिन वह पूरी तरह डरा, सहमा और मानसिक रूप से टूट चुका था। उसने आईजी हरियाणा पुलिस करनाल को शिकायत भेजकर मांग की है कि आरोपियों और पुलिस कर्मियों एसएचओ और पीएसआई के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। पीड़ित ने मामले की जांच आईएएस लेवल के अधिकारी से करवाने की मांग की है। अब पुलिस ने दर्ज किया केस, न्याय की उम्मीद ​​​​​​​बलिन्द्र की शिकायत के आधार पर थाना सदर करनाल में मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी ने बताया कि यह केस आरोपी रिक्की संधू, सुनील फौजी, नन्हा और परी के खिलाफ दर्ज किया गया है। मामले की जांच शुरू हो गई है। आगामी जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। करनाल में गांव खेडी मान सिंह के एक युवक ने चार युवकों पर अपहरण कर बंदूक से हमला करने, जान से मारने की धमकी देने और फिर पुलिस थाने में जबरदस्ती फैसला लिखवाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। युवक के करनाल पुलिस के दो अधिकारियों पर आरोप हैं कि उन्होंने आरोपी पक्ष से मिलकर उसे थाने में डराया, धमकाया और जातिसूचक गालियां दीं। मामले में आईजी करनाल को दी गई शिकायत के बाद अब थाना सदर में एफआईआर दर्ज की गई है। युवक ने पुलिस से अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। 8 मई की रात किया अपहरण गांव खेडी मान सिंह निवासी बलिन्द्र कुमार ने करनाल आईजी को दी शिकायत में बताया है कि बीती 8 मई को करीब 12:30 बजे आरोपी रिक्की संधू, सुनील फौजी, नन्हा और परी ने मिलकर उसका अपहरण किया और उसके साथ बुरी तरह मारपीट की। इस दौरान सुनील फौजी ने बंदूक से उसकी गर्दन पर वार किया और सिर में चोट मारी। उसने कहा कि आरोपी उसे जान से मारकर नदी में फेंकने की बात कर रहे थे। थाना में दी शिकायत, फिर शुरू हुआ दबाव बलिन्द्र ने थाना सदर करनाल में अपहरण और मारपीट की शिकायत दी थी। इसके बाद वह थाना प्रभारी से भी मिला और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उसी दिन शाम करीब 6:15 बजे पीएसआई विकास का कॉल आया, जिसने बलिन्द्र को बयान देने के बहाने थाने बुलाया। बलिन्द्र के अनुसार, विकास ने उसे दो घंटे तक बैठाए रखा और कोई कार्रवाई नहीं की। इस दौरान आरोपी रिक्की बार-बार एसएचओ और पीएसआई से बातचीत करता रहा। पीएसआई ने बलिन्द्र को रिक्की के पास बैठाकर फैसला करने का दबाव बनाया, लेकिन बलिन्द्र ने इससे साफ इनकार कर दिया। डीएसपी से साठगांठ का भी आरोप ​​​​​​​बलिन्द्र का आरोप है कि रिक्की ने उसे धमकाते हुए बताया कि डीएसपी नायब सिंह से बात करके पुलिस कार्रवाई रुकवा दी गई है। उसने धमकी दी कि अगर फैसला नहीं किया तो जान से मार देंगे और परिवार को सड़क पर ला देंगे। थाने में घेरकर धमकाया, पहचान कराई और डराया गया ​​​​​​​पीड़ित का आरोप है कि रात करीब 8:30 बजे पीएसआई विकास ने उसको अपने कमरे में बुलाया, जहां आरोपियों के अलावा 5-6 अन्य बदमाश किस्म के लोग अंदर आए और 15-20 लोग बाहर डटे हुए थे। रिक्की ने सबके सामने उसकी पहचान कराई और कान में कुछ बातें भी कीं। इसके बाद पीएसआई सभी को लेकर एसएचओ के पास गया, जहां आरोपीगण ने कबूल किया कि उन्होंने बलिन्द्र का अपहरण कर मारपीट की। लेकिन एसएचओ ने उल्टा बलिन्द्र को मां-बहन की गालियां दीं और उसे ही जेल भेजने की धमकी दी। फोन छीना, डाटा चेक किया और जातिसूचक शब्द बोले गए ​​​​​​​बलिन्द्र ने आरोप लगाया कि एसएचओ के कहने पर पीएसआई विकास ने उसका मोबाइल फोन छीन लिया और उसमें मौजूद डाटा देखने लगा। इसके बाद बलिन्द्र के साथ बदसलूकी और प्रताड़ना की गई। उसे जातिसूचक शब्द कहे गए, जिससे वह मानसिक रूप से बेहद डर गया। फैसला लिखवाया, वीडियो रिकॉर्डिंग की और धमकी दी ​​​​​​​बलिन्द्र के अनुसार, उसे ऊपर एक कमरे में ले जाकर एक सफेद कागज पर जबरन फैसला लिखवाया गया और वीडियो भी रिकॉर्ड की गई, जिसमें उससे कहलवाया गया कि कोई दबाव नहीं है। जबकि इससे पहले उसे लगातार डराया और धमकाया गया। रात 10:15 बजे जब बलिन्द्र बाहर निकलने लगा तो आरोपी पक्ष के बदमाशों ने उसे बाहर घेर लिया, फोटो खींची और धमकी दी कि अगर शिकायत की तो जान से मार देंगे। घर पहुंचा डरा-सहमा, उच्च अधिकारियों से लगाई गुहार ​​​​​​​बलिन्द्र किसी तरह वहां से बचकर घर पहुंचा, लेकिन वह पूरी तरह डरा, सहमा और मानसिक रूप से टूट चुका था। उसने आईजी हरियाणा पुलिस करनाल को शिकायत भेजकर मांग की है कि आरोपियों और पुलिस कर्मियों एसएचओ और पीएसआई के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। पीड़ित ने मामले की जांच आईएएस लेवल के अधिकारी से करवाने की मांग की है। अब पुलिस ने दर्ज किया केस, न्याय की उम्मीद ​​​​​​​बलिन्द्र की शिकायत के आधार पर थाना सदर करनाल में मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी ने बताया कि यह केस आरोपी रिक्की संधू, सुनील फौजी, नन्हा और परी के खिलाफ दर्ज किया गया है। मामले की जांच शुरू हो गई है। आगामी जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर