हरियाणा में करनाल के बुढा खेड़ा गांव के एक व्यक्ति को विदेश भेजने के नाम पर 20.30 लाख रुपए की ठगी और उसको कीनिया में 7 महीने तक बंधक बनाकर रखने का मामला सामने आया है। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। आरोपियों ने झूठे वादों के माध्यम से पीड़ित से भारी रकम ऐंठी और उसको सर्बिया भेजकर वहां से डिपोर्ट करवा दिया। जिसके बाद पीड़ित की पत्नी ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। वर्क परमिट पर यूरोप भेजने का झांसा गांव बुढा खेड़ा निवासी सीमा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उनके पति राजेंद्र कुमार की जान-पहचान कर्ण नामक व्यक्ति से थी, जो शिव कॉलोनी, करनाल का निवासी है। कर्ण ने राजेंद्र कुमार से कहा कि उसके परिचित जोगा सिंह उर्फ अगन और राज सिंह, जो आपस में साला-जीजा लगते हैं, विदेश भेजने का काम करते हैं। कर्ण ने बताया कि ये लोग उन्हें यूरोप में वर्क परमिट पर भेज सकते हैं और इसके लिए 10.50 लाख रुपए की जरूरत होगी। इस प्रस्ताव पर भरोसा करते हुए राजेंद्र कुमार ने अपनी पत्नी सीमा के साथ मिलकर पैसा जुटाना शुरू किया। रकम का भुगतान और दस्तावेज़ों का सौंपना 17 मई 2022 को राजेंद्र कुमार ने गुरप्रीत कौर पत्नी जोगा सिंह के खाते में 3.10 लाख रुपए का चेक जमा करवाया। इसके अलावा, राज सिंह को 1 लाख रुपए नकद भी दिए। इस समय पीड़िता के पति ने पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, और अन्य जरूरी दस्तावेज़ भी आरोपियों को सौंप दिए। इसके बाद, एक सप्ताह के भीतर ही आरोपियों ने 4 लाख रुपए की और मांग की, जिसे राजेंद्र कुमार ने कर्ण के कहने पर आरोपियों को नकद दे दिया। ये भुगतान प्रार्थी के घर पर किया गया था, जब आरोपी अपनी गाड़ी में वहां पहुंचे थे। वीजा की प्रक्रिया और धोखाधड़ी का खुलासा इसके बाद, आरोपियों ने राजेंद्र कुमार का वीजा करवाने के लिए उनसे 3.70 लाख रुपए और वसूल किए, जिसे उन्होंने यूरो में बदलकर दिया। इसके बाद, आरोपी जोगा सिंह और राज सिंह ने राजेन्द्र कुमार को चंडीगढ़ एयरपोर्ट से दुबई के लिए फ्लाइट दिलवा दी। लेकिन दुबई पहुंचने पर उनके कागजात और वीजा फर्जी पाए गए, और उन्हें सर्बिया भेज दिया गया। इस बीच, आरोपियों ने सीमा से 1.50 लाख रुपए और वसूल किए, यह कहकर कि वर्क परमिट के लिए पैसे की जरूरत है। बंधक बनाकर रखने और धमकी देने का मामला जब सीमा और राजेन्द्र कुमार ने और अधिक रकम देने से मना कर दिया, तो आरोपियों ने राजेंद्र कुमार को कीनिया भेज दिया, जहां उन्हें 7 महीने तक बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान, आरोपियों ने सीमा से 5 लाख रुपए और मांगे। लेकिन जब उन्होंने पैसे देने से मना किया, तो उनके पति को धमकियां दी गईं और सर्बिया से डिपोर्ट करवा दिया गया। इस दौरान, राजेंद्र कुमार ने अपने मकान पर 17 लाख रुपए का लोन भी लिया था, ताकि वह आरोपियों की मांगें पूरी कर सकें। सबूत और पुलिस में शिकायत सीमा ने पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सबूत के तौर पर बैंक स्टेटमेंट और ऑडियो रिकॉर्डिंग्स उपलब्ध करवाई हैं। इन सबूतों के आधार पर, पुलिस ने धारा 406, 420 IPC और इमिग्रेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों के खिलाफ दर्ज इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सीमा ने कहा है कि वह और उनके पति इस ठगी और धोखाधड़ी से बहुत परेशान हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हरियाणा में करनाल के बुढा खेड़ा गांव के एक व्यक्ति को विदेश भेजने के नाम पर 20.30 लाख रुपए की ठगी और उसको कीनिया में 7 महीने तक बंधक बनाकर रखने का मामला सामने आया है। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। आरोपियों ने झूठे वादों के माध्यम से पीड़ित से भारी रकम ऐंठी और उसको सर्बिया भेजकर वहां से डिपोर्ट करवा दिया। जिसके बाद पीड़ित की पत्नी ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। वर्क परमिट पर यूरोप भेजने का झांसा गांव बुढा खेड़ा निवासी सीमा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उनके पति राजेंद्र कुमार की जान-पहचान कर्ण नामक व्यक्ति से थी, जो शिव कॉलोनी, करनाल का निवासी है। कर्ण ने राजेंद्र कुमार से कहा कि उसके परिचित जोगा सिंह उर्फ अगन और राज सिंह, जो आपस में साला-जीजा लगते हैं, विदेश भेजने का काम करते हैं। कर्ण ने बताया कि ये लोग उन्हें यूरोप में वर्क परमिट पर भेज सकते हैं और इसके लिए 10.50 लाख रुपए की जरूरत होगी। इस प्रस्ताव पर भरोसा करते हुए राजेंद्र कुमार ने अपनी पत्नी सीमा के साथ मिलकर पैसा जुटाना शुरू किया। रकम का भुगतान और दस्तावेज़ों का सौंपना 17 मई 2022 को राजेंद्र कुमार ने गुरप्रीत कौर पत्नी जोगा सिंह के खाते में 3.10 लाख रुपए का चेक जमा करवाया। इसके अलावा, राज सिंह को 1 लाख रुपए नकद भी दिए। इस समय पीड़िता के पति ने पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, और अन्य जरूरी दस्तावेज़ भी आरोपियों को सौंप दिए। इसके बाद, एक सप्ताह के भीतर ही आरोपियों ने 4 लाख रुपए की और मांग की, जिसे राजेंद्र कुमार ने कर्ण के कहने पर आरोपियों को नकद दे दिया। ये भुगतान प्रार्थी के घर पर किया गया था, जब आरोपी अपनी गाड़ी में वहां पहुंचे थे। वीजा की प्रक्रिया और धोखाधड़ी का खुलासा इसके बाद, आरोपियों ने राजेंद्र कुमार का वीजा करवाने के लिए उनसे 3.70 लाख रुपए और वसूल किए, जिसे उन्होंने यूरो में बदलकर दिया। इसके बाद, आरोपी जोगा सिंह और राज सिंह ने राजेन्द्र कुमार को चंडीगढ़ एयरपोर्ट से दुबई के लिए फ्लाइट दिलवा दी। लेकिन दुबई पहुंचने पर उनके कागजात और वीजा फर्जी पाए गए, और उन्हें सर्बिया भेज दिया गया। इस बीच, आरोपियों ने सीमा से 1.50 लाख रुपए और वसूल किए, यह कहकर कि वर्क परमिट के लिए पैसे की जरूरत है। बंधक बनाकर रखने और धमकी देने का मामला जब सीमा और राजेन्द्र कुमार ने और अधिक रकम देने से मना कर दिया, तो आरोपियों ने राजेंद्र कुमार को कीनिया भेज दिया, जहां उन्हें 7 महीने तक बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान, आरोपियों ने सीमा से 5 लाख रुपए और मांगे। लेकिन जब उन्होंने पैसे देने से मना किया, तो उनके पति को धमकियां दी गईं और सर्बिया से डिपोर्ट करवा दिया गया। इस दौरान, राजेंद्र कुमार ने अपने मकान पर 17 लाख रुपए का लोन भी लिया था, ताकि वह आरोपियों की मांगें पूरी कर सकें। सबूत और पुलिस में शिकायत सीमा ने पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सबूत के तौर पर बैंक स्टेटमेंट और ऑडियो रिकॉर्डिंग्स उपलब्ध करवाई हैं। इन सबूतों के आधार पर, पुलिस ने धारा 406, 420 IPC और इमिग्रेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों के खिलाफ दर्ज इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सीमा ने कहा है कि वह और उनके पति इस ठगी और धोखाधड़ी से बहुत परेशान हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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किसान दिल्ली कूच करेंगे या नहीं, फैसला 16 जुलाई को:HC ने कहा- हरियाणा सरकार एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर खोले; किसी को रोक नहीं सकते
किसान दिल्ली कूच करेंगे या नहीं, फैसला 16 जुलाई को:HC ने कहा- हरियाणा सरकार एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर खोले; किसी को रोक नहीं सकते पंजाब और हरियाणा के अंबाला व पटियाला के बीच बने शंभू बॉर्डर पर 5 महीने से बैठे किसान दिल्ली कूच करेंगे या नहीं, इसको लेकर फैसला 16 जुलाई को होगा। आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान मजदूर मोर्चा के सरवण सिंह पंधेर ने कहा- हरियाणा सरकार बैरिकेड हटाती है तो हमारी तरफ से भी रास्ता बंद नहीं होगा। दिल्ली जाने को लेकर फैसले के लिए 16 को मीटिंग बुलाई गई है। बता दें कि बुधवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर पर की गई बैरिकेडिंग हटाने को कहा। हाईकोर्ट ने कहा कि किसानों की मांगें केंद्र सरकार से हैं। शंभू बॉर्डर पर स्थिति शांतिपूर्ण है। उन्हें दिल्ली जाने की छूट देनी चाहिए। हालांकि हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि शंभू बॉर्डर खोलने से अगर कोई स्थिति बिगड़ती है तो लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए हरियाणा सरकार कार्रवाई को लेकर स्वतंत्र है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि हम लोकतंत्र में रह रहे हैं। किसानों को हरियाणा में घुसने से नहीं रोक सकते। उन्हें घेराव करने दें। यह प्रतिक्रिया तब आई, जब हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि बॉर्डर पर 400-450 प्रदर्शनकारी हैं। अगर बॉर्डर खोला तो वे अंबाला एसपी का कार्यालय घेर सकते हैं। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि वर्दीधारी लोगों को इससे डरना नहीं चाहिए। शुभकरण की मौत की जांच के लिए SIT बनाई
वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान शुभकरण की मौत के मामले में हाईकोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ। हाईकोर्ट ने किसान यूनियनों को कहा कि FSL रिपोर्ट के मुताबिक शुभकरण की मौत शॉट गन से हुई है। पुलिस शॉट गन का इस्तेमाल नहीं करती। ऐसा लगता है कि गोली किसानों की तरफ से चलाई गई हो। हाईकोर्ट ने कहा कि उस दिन की फुटेज चैक की जानी चाहिए ताकि पता चल सके कि शॉटगन किसके पास थी। हरियाणा सरकार के वकील दीपक सब्बरवाल ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर झज्जर सतीश बालन की अगुआई में किसान शुभकरन की मौत की जांच को लेकर एसआईटी बनाई गई है। हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में यह भी तर्क दिया कि किसानों ने स्पेशल फोर्स बना रखी थी। हाईकोर्ट में दायर याचिका में यह दिए थे तर्क 1. भुखमरी की कगार पर आए दुकानदार
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने आज पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। वासु रंजन शांडिल्य ने दायर जनहित याचिका में बताया कि 5 महीने से नेशनल हाईवे 44 बंद पड़ा है। अंबाला के दुकानदार, व्यापारी, छोटे बड़े रेहड़ी फड़ी वाले भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। 2. सरकारी बसों का रूट डायवर्ट, तेल खर्च बढ़ा, मरीजों को दिक्कत
वासु रंजन शांडिल्य ने याचिका में पंजाब व हरियाणा सरकार सहित किसान नेता स्वर्ण सिंह पंढेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल को भी पार्टी बनाया है। याचिका में हाईकोर्ट को बताया कि शंभू बॉर्डर बंद होने के कारण सरकारी बसों को रूट डायवर्ट किया हुआ है, जिससे तेल का खर्च बढ़ रहा है। अंबाला व शंभू के आसपास के मरीज बॉर्डर बंद होने के कारण दिक्कत में है। एंबुलेंस के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 3. वकीलों को भी आने-जाने में दिक्कत हो रही
वहीं वासु रंजन ने कहा कि हरियाणा पंजाब के वकीलों को भी अंबाला से पटियाला व पटियाला वालों को अंबाला की अदालतों में आने में भारी दिक्कतें हो रही है। उन्होंने बताया कि फरवरी 2024 से गैर कानूनी तरीके से संविधान का उल्लंघन कर राष्ट्रीय हाईवे को बंद किया हुआ है। 4. किसानों ने अस्थायी घर बना लिए
शंभू बॉर्डर के आसपास किसानों ने अस्थाई घर बना लिए हैं, ऐसा लगता है कि जैसे अब शंभू बॉर्डर कभी खुलेगा ही नहीं अनिश्चित काल के लिए बंद हो गया है। वासु रंजन ने दायर जनहित याचिका में कहा कि तुरंत हाईकोर्ट केंद्र व दोनों राज्य सरकारों को रास्ता खोलने के आदेश दें। 5. रोड बंद करना मौलिक अधिकारों का हनन
वासु रंजन ने कहा था कि रास्ता किसके कारण ओर क्यों बंद है इस पर निर्णय हाईकोर्ट करेगा, लेकिन चाहे हरियाणा सरकार हो या पंजाब सरकार हो या केंद्र रोड को बंद करना जनता के मौलिक अधिकारों का हनन है। जबकि फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर बंद पड़ा है जिस कारण अंबाला जिला व पटियाला जिला का छोटा बड़ा काम बंद हो चुका है। हाईवे पंजाब हिमाचल, जम्मू कश्मीर को जोड़ता है इसके बंद होने से न केवल सरकारों को नुकसान हो रहा है बल्कि आम आदमी तो बिना मतलब से भुखमरी के कगार पर आ गया है। 13 फरवरी से चल रहा है आंदोलन
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर 13 फरवरी से किसान आंदोलन चल रहा है। किसान मांगों को लेकर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर दिल्ली कूच के लिए निकले थे, लेकिन उन्हें शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया। यहां पुलिस और किसानों के बीच टकराव भी हुआ था। किसानों के आगे बढ़ने पर उन पर पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले दागे गए। यही स्थित खनौरी बॉर्डर पर भी देखने को मिली थी। किसानों के साथ पुलिस कर्मचारी भी घायल हुए थे। खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण की मौत हो गई थी। NHAI को 108 करोड़ से अधिक का नुकसान
शंभू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के कारण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को 108 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। 13 फरवरी को शंभू टोल प्लाजा को बंद किया गया था। तब से अभी तक हाईवे शुरू नहीं हो सका है।
हरियाणा में 5% कम वोटिंग से किसे नुकसान:पिछले 2 चुनाव में बंपर वोटिंग का फायदा BJP को मिला; कांग्रेस कम मतदान के बावजूद पॉजिटिव
हरियाणा में 5% कम वोटिंग से किसे नुकसान:पिछले 2 चुनाव में बंपर वोटिंग का फायदा BJP को मिला; कांग्रेस कम मतदान के बावजूद पॉजिटिव हरियाणा में छठे चरण में सभी 10 सीटों पर वोटिंग हो गई। मतदान 65 फीसदी हुआ। इन 10 सीटों की तुलना 2009, 2014 और 2019 से करें तो रोचक तस्वीर सामने आ रही है। 2009 में इन 10 सीटों पर वोटिंग प्रतिशत 67.51% रहा। 2014 में मतदान 3.94 फीसदी से अधिक बढ़कर 71.45% प्रतिशत पहुंच गया। साल 2019 में इस वोटिंग प्रतिशत 1.11 प्रतिशत की गिरावट आकर 70.34% चला गया। इस बार ये आंकड़ा 65.00 फीसदी ही रह गया, यानी 2019 के मुकाबले करीब 5.34 फीसदी कम। आंकड़ों को यदि हम देखें तो 2014 और 2019 के चुनावी मुकाबले में बंपर वोटिंग भाजपा के पक्ष में गई, इस बार कम वोटिंग को लेकर कांग्रेस पॉजिटिव दिख रही है। भास्कर ने एक्सपट्र्स की मदद से पिछले 5 लोकसभा चुनावों के डेटा का एनालिसिस कर घटे मतदान के मायने समझने की कोशिश की… कम वोटिंग प्रतिशत किसकी चिंता बढ़ाएगा?
आमतौर पर हरियाणा में परसेप्शन है कि विधानसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़े तो राज्य सरकार को टेंशन हो जाती है। वहीं लोकसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो भाजपा को फायदा मिलता है। कम होने पर कांग्रेस फायदा उठाकर ले जाती है। ऐसे में इस बार वोटिंग के कम प्रतिशत ने भाजपा और कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर दिया है। वोट शेयर में कितना अंतर रहेगा? सवाल ये भी है कि कम वोटिंग होने से भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट शेयर में क्या अंतर रहेगा। सीट जीत-हार का असल खेल वोट शेयर के आंकड़ों में छिपा है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के वोट शेयर में बड़ा अंतर रहा है। इस कारण से कांग्रेस पिछले दो बार से लगातार हार का मुंह देख रही है। हालांकि इस बार कम वोटिंग को लेकर भी कांग्रेस कुछ ज्यादा आशान्वित नहीं दिख रही है। यहां पढ़िए सभी 10 सीटों की 3 चुनाव की ओवर ऑल स्थिति… यहां देखिए हर सीट का लेखा-जोखा…
कुरुक्षेत्र में नहर में कूदकर मां ने की आत्महत्या:बचाने आया बेटा भी डूबा; कुछ दिन पहले ही कनाडा से आए थे इंडिया
कुरुक्षेत्र में नहर में कूदकर मां ने की आत्महत्या:बचाने आया बेटा भी डूबा; कुछ दिन पहले ही कनाडा से आए थे इंडिया कुरुक्षेत्र की भाखड़ा नहर में महिला कूद कर आत्महत्या कर ली। महिला को बचाने आया उसका बेटा भी पानी में डूब गया। गोताखोर ने सर्च अभियान चलाकर महिला के शव को बरामद कर लिया है। जबकि युवक की तलाश की जा रही है। सरपंच मिर्जापुर रामनाथ ने बताया दोनों मिर्जापुर गांव के रहने वाले हैं। मां राजबाला (60) और बेटा गौरव (30) नहर में कूद गए। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही राजबाला व गौरव कनाडा से इंडिया आए थे। सरपंच का कहना है कि हवन की सामग्री पानी में डालने के लिए आए थे। प्रत्यक्षदर्शी नरेश ने बताया कि वह नहर के पास जा रहा था, तो देखा कि महिला भाग कर पानी में कूद गई। वह उसे बचाने के लिए एक लड़का आया और जब वह भी बचाव नहीं कर सका तो वो हेल्प हेल्प चिल्लाने लगा। गोताखोर प्रगट सिंह ने कहा कि सूचना मिलने पर वह यहां पहुंचे और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जांच अधिकारी ने कहा कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच की जा रही है।