हरियाणा के करनाल के शेखपुरा गांव मे विवाहिता द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। दहेज प्रताड़ना से तंग आकर विवाहिता शीतल ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मायके वालों ने ससुराल वालों पर शीतल को दहेज के लिए प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 5 साल पहले हुई थी शादी गढ़ी जाटान निवासी बलबीर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने अपनी बेटी शीतल की शादी करीब पांच साल पहले लाडवा स्थित रामपाल महाराज के आश्रम सत्संग भवन में शेखपुरा (सुहाना) निवासी विक्रम से की थी। बलबीर ने बताया कि उसने शादी में अपनी हैसियत से अधिक दान-दहेज दिया था। इसके बावजूद शादी के कुछ दिन बाद ही विक्रम और उसके माता-पिता शीतल से और दहेज लाने के लिए झगड़ा करने लगे और मारपीट करने लगे। उन्होंने विक्रम की शादी किसी अमीर परिवार में करवाने के लिए शीतल को जान से मारने की धमकी भी दी। बलबीर ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत कई बार सदर थाने में की थी, लेकिन समाज के गणमान्य लोगों के समझाने पर उन्होंने शीतल को वापस ससुराल भेज दिया था, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। फंदे से लटकी मिली विवाहिता कल शाम को विक्रम ने उसे फोन कर बताया कि शीतल उसके साथ झगड़ा कर रही है। बलबीर ने विक्रम से शीतल से बात कराने को कहा, लेकिन विक्रम ने बात नहीं कराई। बलबीर ने विक्रम से शीतल को उनके घर लाने को कहा ताकि वे दोनों को समझा सकें। विक्रम अकेला बलबीर के पास गांव पहुंचा, जिसके बाद बलबीर का भतीजा सुमित और पत्नी महिन्द्रों विक्रम के साथ शेखपुरा सुहाना गए। वहां पहुंचने पर उन्होंने शीतल को फांसी के फंदे पर लटका पाया। पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा शव पुलिस ने शीतल के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज भेज दिया। आज दोपहर बाद पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। सदर थाना के जांच अधिकारी सुलतान सिंह ने बताया कि बलबीर सिंह की शिकायत के आधार पर शीतल के पति विक्रम और ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। हरियाणा के करनाल के शेखपुरा गांव मे विवाहिता द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। दहेज प्रताड़ना से तंग आकर विवाहिता शीतल ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मायके वालों ने ससुराल वालों पर शीतल को दहेज के लिए प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 5 साल पहले हुई थी शादी गढ़ी जाटान निवासी बलबीर सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने अपनी बेटी शीतल की शादी करीब पांच साल पहले लाडवा स्थित रामपाल महाराज के आश्रम सत्संग भवन में शेखपुरा (सुहाना) निवासी विक्रम से की थी। बलबीर ने बताया कि उसने शादी में अपनी हैसियत से अधिक दान-दहेज दिया था। इसके बावजूद शादी के कुछ दिन बाद ही विक्रम और उसके माता-पिता शीतल से और दहेज लाने के लिए झगड़ा करने लगे और मारपीट करने लगे। उन्होंने विक्रम की शादी किसी अमीर परिवार में करवाने के लिए शीतल को जान से मारने की धमकी भी दी। बलबीर ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत कई बार सदर थाने में की थी, लेकिन समाज के गणमान्य लोगों के समझाने पर उन्होंने शीतल को वापस ससुराल भेज दिया था, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। फंदे से लटकी मिली विवाहिता कल शाम को विक्रम ने उसे फोन कर बताया कि शीतल उसके साथ झगड़ा कर रही है। बलबीर ने विक्रम से शीतल से बात कराने को कहा, लेकिन विक्रम ने बात नहीं कराई। बलबीर ने विक्रम से शीतल को उनके घर लाने को कहा ताकि वे दोनों को समझा सकें। विक्रम अकेला बलबीर के पास गांव पहुंचा, जिसके बाद बलबीर का भतीजा सुमित और पत्नी महिन्द्रों विक्रम के साथ शेखपुरा सुहाना गए। वहां पहुंचने पर उन्होंने शीतल को फांसी के फंदे पर लटका पाया। पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा शव पुलिस ने शीतल के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज भेज दिया। आज दोपहर बाद पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। सदर थाना के जांच अधिकारी सुलतान सिंह ने बताया कि बलबीर सिंह की शिकायत के आधार पर शीतल के पति विक्रम और ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में 3 पुराने और एक बाहरी चेहरे को टिकट:शहरी-ग्रामीण सीट को दोहराया; इसराना में हारे कृष्णलाल पंवार पर जताया विश्वास, समालखा में नए को मौका भारतीय जनता पार्टी ( BJP) ने हरियाणा की 67 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने से एक दिन पहले 4 सितंबर को भाजपा ने पानीपत की सभी चारों विधानसभा के प्रत्याशियों को टिकट दे दी। इन टिकटों में खास बात यह है कि भाजपा ने तीन पुराने चेहरों पर विश्वास जताया है। जबकि एक नए व बाहरी चेहरे पर दांव खेला है। विश्वास जिताने वाली सीट पानीपत ग्रामीण से मंत्री महिपाल ढांडा, पानीपत शहर से प्रमोद विज और इसराना से कृष्णलाल पंवार है। जबकि, समालखा से शशिकांत कौशिक व संजय छौक्कर जैसे अनुभवी नेताओं पर मनमोहन भड़ाना को तवज्जो दी गई है। सांसद का 4 साल का कार्यकाल दांव पर लगाया बीजेपी के खाते में अभी जिले की दो सीट है। जिसमें शहरी और ग्रामीण शामिल है। जबकि इसराना में 2019 के चुनाव में कृष्णलाल पंवार को कांग्रेस के बलबीर वाल्मीकि ने हराया था। इसके बाद भाजपा ने पंवार को राज्यसभा भेज दिया। दिया। अभी उनका चार वर्ष का राज्यसभा का कार्यकाल बाकी है। इसराना में मजबूत चेहरे को तलाशते हुए बीजेपी ने पंवार को टिकट दी है। यहां से पुराने नेता सत्यवान शेरा, जोकि पहले लोकसभा के लिए दमखम भर रहे थे। वहां टिकट नहीं मिलने पर विधानसभा के लिए दावेदारी कर रहे थे। ऐसे में उन्हें भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। दिलचस्प होगा समालखा विधानसभा का चुनाव
इतिहास में कभी भी समालखा से अपना खाता न खोलने वाली समालखा विधानसभा सीट पर बीजेपी ने इस बार भी स्थानीय नेताओं पर भरोसा नहीं जताया है। यहां पार्टी ने मनमोहन भड़ाना को टिकट दी है। मनमोहन ने 2009 में बसपा की टिकट से समालखा विधानसभा चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें सिर्फ 8 हजार 334 वोट मिले थे। तभी समालखा से दो बार विधायक रहे उनके पिता करतार भड़ाना ने समालखा से ताउम्र चुनाव नहीं लड़ने के बारे में कहा था। अब यह उनके बेटे को टिकट मिलने के बाद चुनाव दिलचस्प हो गया है।
हरियाणा में शादी के 50 दिन बाद दुल्हन गायब:4 साल के रिलेशनशिप के बाद कोर्ट मैरिज, पति बोला- ससुराल वाले खुश नहीं थे
हरियाणा में शादी के 50 दिन बाद दुल्हन गायब:4 साल के रिलेशनशिप के बाद कोर्ट मैरिज, पति बोला- ससुराल वाले खुश नहीं थे हरियाणा के पानीपत शहर में नवविवाहिता अपनी शादी के महज 50 दिन बाद ही संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। उसने पिछले महीने अपने सहकर्मी से कोर्ट मैरिज की थी, लेकिन अब वह घर छोड़कर चली गई है। हालांकि विवाहिता के पति ने उसके लापता होने के पीछे उसके माता-पिता की साजिश का संदेह जताया है। पति ने कहा है कि वह हमारी शादी से खुश नहीं थी और कई बार हमें धमका चुके थे। पत्नी के लापता होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। प्रेम विवाह से नाखुश थे लड़की के परिजन
मॉडल टाउन थाने में दी शिकायत में व्यक्ति ने बताया कि वह आरके पुरम का रहने वाला है। उसने 5 सितंबर को कोर्ट मैरिज की थी। लड़की के परिजन इस शादी से नाखुश थे। वह पत्नी के साथ अपने घर पर रह रहा है। 25 अक्टूबर को सुबह करीब 11 बजे पत्नी संदिग्ध परिस्थितियों में घर से निकल गई। उसकी कई जगह तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिली। 4 साल से दोनों के बीच रिश्ता
व्यक्ति ने बताया कि उसकी पत्नी और वह एक कंपनी में साथ काम करते थे। दोनों 4 साल से रिलेशनशिप में हैं। वह करीब डेढ़ महीने से प्रेग्नेंट भी है। शादी के बाद से ही दोनों खुशी-खुशी साथ रह रहे थे। लेकिन पत्नी के घरवाले खूब धमका रहे थे। वे बार-बार अलग-अलग तरकीबें आजमा रहे थे कि किसी तरह वह उनके पास आ जाए। इसी बीच कुछ दिन पहले पत्नी का भांजा घर आया। उसने पत्नी को परिवार में किसी की मौत के बारे में बताया। साथ ही कहा कि अब परिवार यूपी में अपने गांव चला गया है। यह सुनकर पत्नी परेशान रहने लगी। जिसके चलते वह यहां से चली गई। लेकिन अब उसके घरवाले न तो उसे बात करने दे रहे हैं और न ही यह बता रहे हैं कि वह कहां है।
हरियाणा में भर्ती का जिम्मा दागी पर:HCS वत्सल वशिष्ठ को HSSC में OSD किया नियुक्त, एसीबी ने हिसार कोर्ट में की चार्जशीट दाखिल
हरियाणा में भर्ती का जिम्मा दागी पर:HCS वत्सल वशिष्ठ को HSSC में OSD किया नियुक्त, एसीबी ने हिसार कोर्ट में की चार्जशीट दाखिल हरियाणा की चौटाला सरकार में हरियाणा सिविल सेवा (HCS) भर्ती में अनियमितताओं के मामले में चार्जशीटेड एचसीएस अधिकारी वत्सल वशिष्ठ को हरियाणा सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। हरियाणा सरकार ने 2002 बैच के एचसीएस अधिकारी वत्सल वशिष्ठ को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के ओएसडी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। इस नियुक्ति को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्ष ने उन पर निशाना साधते हुए कहा है कि “सरकार ने बिल्ली को ही रखवाली के लिए दूध सौंप दिया है”। बता दें कि 22 दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के शासनकाल में हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) के 66 पदों की भर्ती में अनियमितताओं के मामले में पंचकूला स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हिसार के जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार मित्तल की अदालत में 29 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें एचसीएस अधिकारी वत्सल वशिष्ठ का नाम भी शामिल है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 11 नवंबर को हिसार कोर्ट में होगी। जजपा नेता केसी बांगड़ा का भी नाम
ACB की ओर से हिसार कोर्ट में दायर चार्जशीट में हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य एवं इस समय जजपा नेता केसी बांगड़ के अलावा आयोग के सचिव सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हरदीप सिंह के नाम शामिल हैं। इसके अलावा HPSC के 5 पूर्व सदस्यों, 9 एक्जामिनर के अलावा 13 चयनित HCS को भी आरोपी बनाया गया था। ACB ने आयोग के सदस्य पूर्व सदस्य महेंद्र सिंह शास्त्री, एनएन यादव, जगदीश राय, नरेंद्र विद्यालंकार, दयाल सिंह और एक्जामिनर पैनल में शामिल प्रोफेसर जेसी कैरिरयन कैप्पन, डॉ. महेश्वरी प्रसाद, प्रोफेसर चंद्र मोउली, डॉ. आरके बाॉस, पुष्पेंद्र कुमार, जगदीश सिंह, एसके वर्मा, प्रेम सागर चतुर्वेदी, दर्वेश गोपाल को भी आरोपी बनाया गया है। 13 चयनित अभ्यर्थी में थे वत्सल वशिष्ठ
इसी प्रकार 13 चयनित अभ्यर्थी वत्सल वशिष्ठ, कुलधीर सिंह, रणजीत कौर, कमलेश कुमार, सरिता मलिक, अशोक कुमार, राकेश कुमार, पूनम नाड़ा, दिलबाग सिंह, वीना हुड्डा, जग निवास, सुरेंद्र कुमार व जगदीप को भी आरोपी बनाया है। जांच के दौरान जिन तीन सदस्यों सुरेश कुमार गुप्ता, गुलशन भारद्वाज और मेहर सिंह सैनी की मृत्यु हो चुकी है, उनको आरोपी नहीं बनाया गया है। परीक्षा नियंत्रक बनवारी लाल के अलावा एक्जामिनर डॉ केडी पांडे, डॉ. विवेक पांडे, आरके पूनिया, देवेंद्र गोपाल को भी आरोपी नहीं बनाया गया है। इनमें डॉ. केडी पांडे की मृत्यु को चुकी है और बाकियों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। बिना उत्तर लिखे भी दे दिए थे अंक
जिस मामले में ACB ने चार्जशीट दाखिल की थी उसमें उत्तर पुस्तिका में कटिंग, ओवर राइटिंग, अंकों को बढ़ाना व घटना और साक्षात्कार में टॉपर को कम और कम अंक वालों को ज्यादा अंक देने की अनियमितताएं सामने आई थी। कई अभ्यर्थी तो ऐसे भी थे जिनकों मेरिट के आधार पर साक्षात्कार में नहीं बुलाया जा सकता था तो उनकी उत्तर पुस्तिका में अंकों को बढ़ा दिया गया। ACB की जांच रिपोर्ट के अनुसार 1 मार्च, 1999 को एचसीएस के कुल 66 पदों पर आवेदन मांगे गए थे और 21 हजार से अधिक व्यक्तियों ने आवेदन किया था। 3 मई, 2002 को परिणाम घोषित किया गया। जांच के दौरान साक्षात्कार के लिए बुलाए गए 195 अभ्यर्थियों में से 117 की 696 उत्तर पुस्तिका को जांचा गया तो 101 अभ्यर्थियों की 198 उत्तर पुस्तिका में अनियमितताएं मिली। इन अनियमितताओं में ओवरराइटिंग, अंकों को बढ़ाना व घटाना, अलग-अलग स्याही का प्रयोग करना, पेज खाली छोड़ देना, प्रश्नों के उत्तर न लिखने वालों को भी अंक दे देना शामिल थी। जांच एजेंसी ने 98 उत्तर पुस्तिकाओं को जांच के लिए एफएसएल में भेजा तो उनमें बड़े पैमाने पर टैंपरिंग साबित हुई। जांच के दौरान एक्जामिनर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जांच के दौरान कुल 15 अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ दिया जाना पाया गया। कांग्रेस नेता कर्ण सिंह दलाल 78 अभ्यर्थियों की 465 उत्तर पुस्तिकाओं के आधार पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की और इस भर्ती प्रक्रिया को चुनौती दी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इसकी जांच की और 35 अभ्यर्थियों की 54 उत्तर पुस्तिका में अंकों को घटना व बढ़ाना पाया गया गयाा। इसके बाद विजिलेंस जांच की अनुमति मिली थी।