हरियाणा भिवानी के गांव पाजू में कल शाम से लापता 5 साल की बच्ची का शव सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में उसके ताऊ के मकान की छत पर मिला है। बच्ची की गर्दन पर चोट का निशान हैं। बच्ची की हत्या की आशंका जताई जा रही है। बहल थाना व चैहड़ कलां चौकी पुलिस द्वारा शव को कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम के लिए भिवानी के नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया है। बच्ची के पिता ने करीब 10 माह पहले कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस छानबीन में लगी है। भिवानी के गांव पाजू निवासी बृजलाल ने बताया कि उसके भाई ईश्वर की मौत के बाद उसके तीन बच्चे व पत्नी उसके साथ ही रहते हैं। ईश्वर के तीन बच्चे थे, जिनमें 7 साल का अंकुर, 5 साल की रेनू व 3 साल की सोनम। बच्चों की मां ज्योति व सभी बच्चे घर पर थे। रविवार को 5 वर्षीय रेनू अचानक घर से लापता पता हो गई थी। उसे परिवार के लोग कल से तलाश कर रहे थे, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। ताऊ की छत पर मिला बच्ची का शव परिवार के लोग सोमवार को भी बच्ची की तलाश में लगे थे। इस बीच बच्ची रेनू मृत हालत में साथ लगते ताऊ बलवान के मकान की छत पर मिली। बच्ची के सगे ताऊ बृजलाल ने बताया कि बलवान उसके ताऊ का लड़का है। बच्ची की गर्दन पर मिले चोट के निशान बच्ची रेनू की गर्दन पर चोट के निशान मिले हैं। रस्सी से गला घोंटने की आशंका जताई जा रही है। घटना की सूचना बहल थाना पुलिस को दी। पुलिस व एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए शाम काे भिवानी के नागरिक अस्पताल पहुंचाया। पुलिस व डॉक्टरों की टीम कार्रवाई में लगी हुई थी। 10 माह पहले पिता ने की थी आत्महत्या परिजनों ने बताया कि बच्ची का पिता ईश्वर खेती बाड़ी करता था। दस माह पहले ही उसने स्प्रे पीकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद पूरा परिवार टूट गया था।घटना ने बेबस मां ज्योति व परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। हरियाणा भिवानी के गांव पाजू में कल शाम से लापता 5 साल की बच्ची का शव सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में उसके ताऊ के मकान की छत पर मिला है। बच्ची की गर्दन पर चोट का निशान हैं। बच्ची की हत्या की आशंका जताई जा रही है। बहल थाना व चैहड़ कलां चौकी पुलिस द्वारा शव को कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम के लिए भिवानी के नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया है। बच्ची के पिता ने करीब 10 माह पहले कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस छानबीन में लगी है। भिवानी के गांव पाजू निवासी बृजलाल ने बताया कि उसके भाई ईश्वर की मौत के बाद उसके तीन बच्चे व पत्नी उसके साथ ही रहते हैं। ईश्वर के तीन बच्चे थे, जिनमें 7 साल का अंकुर, 5 साल की रेनू व 3 साल की सोनम। बच्चों की मां ज्योति व सभी बच्चे घर पर थे। रविवार को 5 वर्षीय रेनू अचानक घर से लापता पता हो गई थी। उसे परिवार के लोग कल से तलाश कर रहे थे, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। ताऊ की छत पर मिला बच्ची का शव परिवार के लोग सोमवार को भी बच्ची की तलाश में लगे थे। इस बीच बच्ची रेनू मृत हालत में साथ लगते ताऊ बलवान के मकान की छत पर मिली। बच्ची के सगे ताऊ बृजलाल ने बताया कि बलवान उसके ताऊ का लड़का है। बच्ची की गर्दन पर मिले चोट के निशान बच्ची रेनू की गर्दन पर चोट के निशान मिले हैं। रस्सी से गला घोंटने की आशंका जताई जा रही है। घटना की सूचना बहल थाना पुलिस को दी। पुलिस व एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए शाम काे भिवानी के नागरिक अस्पताल पहुंचाया। पुलिस व डॉक्टरों की टीम कार्रवाई में लगी हुई थी। 10 माह पहले पिता ने की थी आत्महत्या परिजनों ने बताया कि बच्ची का पिता ईश्वर खेती बाड़ी करता था। दस माह पहले ही उसने स्प्रे पीकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद पूरा परिवार टूट गया था।घटना ने बेबस मां ज्योति व परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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जीन्द में 2 कारों की टक्कर, एक की मौत:4 घायल, बस ने पहले मारा था कट, बेकाबू होकर दूसरी से टकराई जींद बाईपास पर हैबतपुर गांव के नजदीक मंगलवार शाम को बस ने कार को कट मारा, जिससे कार बेकाबू होकर डिवाइडर से टकराकर दूसरी तरफ चली गई और सामने से आ रही कार से टक्करा गई। दोनों कारों की भिड़ंत में कार सवार पिंडारा निवासी ओमबीर की मौत हो गई, जबकि 4 युवक घायल हो गए। दूसरी कार में सवार 3 युवकों को शहर के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि घायल धनखड़ी निवासी रोबिन को पीजीआई रेफर कर दिया। जानकारी के मुताबिक, पिंडारा निवासी 25 वर्षीय ओमबीर मकान पर पीवीसी का काम करता था। अपने दूसरे साथी धनखड़ी निवासी रोबिन जो कि बिजली का मिस्त्री है, उसके साथ धनखड़ी गांव में मकान में पीवीसी के काम के लिए गए हुए थे। शाम को जब दोनों कार में सवार होकर पिंडारा आ रहे थे। जैसी वह हैबतपुर गांव के नजदीक बाईपास पर पहुंचे तो उनकी कार को क्रॉस कर रही एक बस ने कट मार दिया। जिससे उनकी कार बेकाबू होकर डिवाइडर से टकरा गई और सड़क के दूसरी तरफ चली गई। इसमें कार चालक पिंडारा निवासी ओमबीर की मौत हो गई। दूसरी तरफ से आ रही कार में टक्कर हो गई। कार दिल्ली से पंजाब जा रही थी। दूसरी कार के 3 लोग घायल
इस कार में सोनीपत के सेवली गांव निवासी दिनेश, माहरा गांव निवासी विनित और पंजाब के लुधियाना के आलमवीर निवासी मनकरण सवार थे। कार की टक्कर लगने से इनकी कार ने हाईवे पर तीन से चार बार पलटी खाई और 3 लोग घायल हो गए। तीनों युवक पहलवानी करते हैं और पंजाब में एक अखाड़े में तैयारी कर रहे हैं। मनकरण के पांव में फ्रैक्चर होने के कारण दिल्ली से इलाज कराकर वापस पंजाब जा रहे थे। सिविल लाइन थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस ने घटना की सूचना मिलने पर घायलों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया। मृतक व घायलों के बयान दर्ज कर जांच की जाएगी। बुधवार सुबह मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
खट्टर के दिल्ली जाने से नहीं हो रहा डैमेज कंट्रोल:CM सिटी के 5 बड़े नेता पार्टी छोड़ गए; केवल एक को ही मना पाए सैनी
खट्टर के दिल्ली जाने से नहीं हो रहा डैमेज कंट्रोल:CM सिटी के 5 बड़े नेता पार्टी छोड़ गए; केवल एक को ही मना पाए सैनी हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के सांसद बनने पर करनाल छोड़ने से भाजपा के हाथ से जिले की पकड़ भी ढीली होती जा रही है। यहां लगातार नेताओं के इस्तीफे आ रहे हैं और पार्टी में बगावती सुर भी मुखर हो रहे हैं। मौजूदा CM नायब सैनी करनाल में डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बात नहीं बन रही, क्योंकि पार्टी ने नायब सैनी को भी करनाल छोड़ लाडवा से उम्मीदवार बनाया है। जबकि सैनी खुद चाहते थे कि वह करनाल से ही विधानसभा चुनाव लड़ें। पार्टी की रिपोर्ट में बताया गया है कि नायब सैनी को बाहरी होने के कारण करनाल की जनता नापसंद कर रही थी, इसलिए उन्हें करनाल की बजाय लाडवा से कैंडिडेट घोषित किया गया है। जगमोहन आनंद को लोकल होने के चलते करनाल सीट पर खड़ा किया गया है, लेकिन पार्टी से अलग हुए नेता हरपाल कलामपुरा कह चुके हैं कि सैनी को पार्टी ने ही परेशान कर लाडवा भेजा है। करनाल में राजनीति के जानकार मानते हैं कि जब तक यहां से मनोहर लाल खट्टर विधायक रहे और 2 बार CM बने, तब तक पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक था। क्योंकि यहां के ज्यादातर नेता खट्टर के जरिए ही पार्टी में लाए गए, और उनसे ही इन नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलवाने की आशा थी। खट्टर के दिल्ली की राजनीति में इन्वॉल्व होने से करनाल के नेता टिकट से भी वंचित रह गए। इसका असर यह हुआ कि जिले के 5 बड़े नेता अब तक पार्टी छोड़ चुके हैं। करनाल में भाजपा के हालात बिगड़ने के 3 प्रमुख कारण… 1. पूर्व सीएम खट्टर की दूरी
केंद्रीय मंत्री बनने के बाद मनोहर लाल खट्टर की करनाल से दूरी बढ़ गई, जबकि खट्टर ही वह धागा थे, जिससे करनाल के नेता एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। उनके केंद्र में चले जाने से इन नेताओं को भाजपा का कोई अन्य बड़ा नेता संभाल नहीं पाया, जिससे पार्टी यहां कमजोर हो चली है और नेतृत्व भटकता नजर आ रहा है। 2. टिकट कटने से नाराजगी
खट्टर पंजाबी समाज से आते हैं। लोकसभा में जाने के बाद उपचुनाव में नायब सैनी को यहां से चुनाव लड़वाया गया। उस समय भी बाहरी होने का मुद्दा उठा था, लेकिन खट्टर इसे कंट्रोल कर गए। इसके चलते सैनी को उपचुनाव में जीत मिली। लोकल-बाहरी का मुद्दा इस बार न बने, इसलिए पार्टी ने सैनी को लाडवा विधानसभा भेज दिया और पंजाबी चेहरा जगमोहन आनंद को यहां से उम्मीदवार बना दिया। हालांकि, कार्यकर्ता यहां विरोध जगमोहन आनंद का भी कर रहे हैं, क्योंकि उनकी कहना है कि जगमोहन यहां एक्टिव नहीं रहे। इनके लिए पार्टी ने खट्टर के करीबी 4 नेताओं रेणु बाला गुप्ता, मुकेश अरोड़ा, अशोक सुखीजा और जय प्रकाश को दरकिनार कर दिया। 3. बागी नेताओं को नहीं मनाया गया
तीसरा मुख्य कारण यह भी माना जा रहा है कि टिकट कटने से नाराज नेताओं को मनाने के लिए न तो CM नायब सैनी पहुंचे और न ही पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर पहुंच पाए। इस कारण असंध से जिले राम शर्मा, करनाल से पूर्व मंत्री जय प्रकाश, इंद्री से कर्ण देव कंबोज, करनाल से हरपाल कलामपुरा और युवा नेता सुरेंद्र उड़ाना पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। पूर्व मेयर को मना लिया, लेकिन प्रचार से दूरी
करनाल की पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता भी टिकट न मिलने से नाराज हो गई थीं, लेकिन भाजपा ने उन्हें मना लिया है। मुख्यमंत्री सैनी खुद उन्हें मनाने के लिए पहुंचे थे। मनोहर लाल खट्टर ने भी उनके घर जाकर उनसे बात की। इसके बाद रेणु बाला ने भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया और शनिवार को हुई प्रधानमंत्री की पब्लिक मीटिंग में भी शामिल हुईं। हालांकि, भाजपा कैंडिडेट जगमोहन आनंद के चुनाव प्रचार से उन्होंने दूरी बनाई हुई है, जबकि रेणु बाला को मनाने और उनका समर्थन मांगने के लिए उनके घर जगमोहन आनंद भी गए थे। करनाल से बाहर भी BJP में घमासान
इंद्री में पूर्व राज्य मंत्री और पूर्व विधायक कर्ण देव कंबोज ने BJP को ‘गद्दारों की पार्टी’ बताते हुए छोड़ दिया। उन्हें मनाने के लिए CM नायब सैनी पहुंचे थे, लेकिन कंबोज इतने नाराज थे कि उन्होंने सैनी से हाथ तक नहीं मिलाया। इसके बाद कंबोज कांग्रेस में शामिल हो गए। इंद्री में ही प्रदेश मीडिया कोआर्डिनेटर सुरेंद्र उड़ाना ने भी BJP को अलविदा कह दिया और BSP-INLD के उम्मीदवार बनकर मैदान में उतर गए। उधर, जिलेराम शर्मा ने भी पार्टी छोड़ दी। उन्होंने 6 महीने पहले ही पूर्व CM मनोहर लाल के नेतृत्व में BJP जॉइन की थी। 2014 में करनाल की पांचों सीटें जीती भाजपा
2014 के विधानसभा चुनाव में मोदी की लहर के दम पर करनाल की पांचों सीटें करनाल, इंद्री, असंध, नीलोखेड़ी और घरौंडा भाजपा ने जीती थीं। इसके बाद 2019 के चुनाव में भी भाजपा ने घरौंडा, करनाल और इंद्री में जीत का सिलसिला जारी रखा, लेकिन असंध और नीलोखेड़ी को भाजपा ने गंवा दिया। दोनों चुनाव खट्टर के नेतृत्व में ही लड़े गए। इस बार पार्टी ने करनाल और असंध सीट पर चेहरे बदले हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष बना हुआ है। इसके बीच पार्टी के लिए पिछले 2 बार जैसे प्रदर्शन को दोहराना बड़ी चुनौती होगी।
हिसार में संदिग्ध परिस्थितियों में युवक लापता:कोई बार बार कर रहा था फोन, भाई ने पुलिस को नंबरों की दी जानकारी
हिसार में संदिग्ध परिस्थितियों में युवक लापता:कोई बार बार कर रहा था फोन, भाई ने पुलिस को नंबरों की दी जानकारी हरियाणा के हिसार जिला में बरवाला के वार्ड नम्बर 01 निवासी ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि मेरा भाई सुनील उर्फ शम्मी 13 अगस्त 24 को शाम को घर से निकला व आज तक वापिस नहीं आया। उसका मोबाइल फोन भी बंद आ रहा है, जिसका नम्बर 9034792005 है। छानबीन में जुटी पुलिस हमने आस पड़ोस व रिश्तेदारों के यहां पता किया, लेकिन मेरे भाई का कोई पता नहीं लग पाया। मेरे भाई सुनील उर्फ शम्मी की लम्बाई 5 फीट 8 के आस पास, रंग गेहुंआ, खाकी टी शर्ट व काला पायजामा व पैरों में चपल पहनी हुई थी। हमें डर है कि मेरा भाई किसी मुसीबत में न हो। उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे भाई के फोन पर निम्न नंबरों से बार बार फोन आते थे, इनसे पूछताछ की जाए। बरवाला पुलिस ने सुनील की शिकायत पर केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।