हरियाणा के करनाल के असंध थाने में एक युवक पर 18 साल की लड़की को अगवा करने का आरोप लगा है। लड़की पिछले 8-10 दिनों से अपने मामा के घर रह रही थी और अचानक घर से गायब हो गई। परिजनों को शक है कि युवक उसे बहला-फुसलाकर ले गया है। परिजनों ने लड़की की तलाश की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। समुदाय विशेष के युवक पर आरोप लड़की के भाई ने पुलिस को बताया कि उसकी चचेरी बहन एक समुदाय विशेष के युवक के संपर्क में थी, उसे समझाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं मानी। 5 जुलाई की सुबह 3 बजे बहन अपने घर से गायब हो गई। भाई ने बताया कि बहन का मोबाइल नंबर बंद है और जब युवक के घर पर फोन किया गया तो उन्होंने कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया। जब कहा गया कि हम पुलिस में शिकायत करेंगे तो उनकी तरफ से जवाब मिला कि जो करना है कर लो। युवती से करवाया भाई के पास फोन युवक ने मेरी बहन से फोन करवाकर मुझे धमकी भी दी कि उसे ढूंढने की कोशिश मत करो। युवक एक विशेष समुदाय से है और वह हमारी बहन को बहला-फुसलाकर ले गया है, जिससे उसकी जान को खतरा है। आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस ने किया मामला दर्ज असंध थाना के जांच अधिकारी श्री भगवान ने बताया कि असंध थाना में यह मामला दर्ज किया गया है और पुलिस ने धारा 137, 87 BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि युवती को सुरक्षित वापस लाया जा सके और दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके। हरियाणा के करनाल के असंध थाने में एक युवक पर 18 साल की लड़की को अगवा करने का आरोप लगा है। लड़की पिछले 8-10 दिनों से अपने मामा के घर रह रही थी और अचानक घर से गायब हो गई। परिजनों को शक है कि युवक उसे बहला-फुसलाकर ले गया है। परिजनों ने लड़की की तलाश की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। समुदाय विशेष के युवक पर आरोप लड़की के भाई ने पुलिस को बताया कि उसकी चचेरी बहन एक समुदाय विशेष के युवक के संपर्क में थी, उसे समझाने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं मानी। 5 जुलाई की सुबह 3 बजे बहन अपने घर से गायब हो गई। भाई ने बताया कि बहन का मोबाइल नंबर बंद है और जब युवक के घर पर फोन किया गया तो उन्होंने कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया। जब कहा गया कि हम पुलिस में शिकायत करेंगे तो उनकी तरफ से जवाब मिला कि जो करना है कर लो। युवती से करवाया भाई के पास फोन युवक ने मेरी बहन से फोन करवाकर मुझे धमकी भी दी कि उसे ढूंढने की कोशिश मत करो। युवक एक विशेष समुदाय से है और वह हमारी बहन को बहला-फुसलाकर ले गया है, जिससे उसकी जान को खतरा है। आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस ने किया मामला दर्ज असंध थाना के जांच अधिकारी श्री भगवान ने बताया कि असंध थाना में यह मामला दर्ज किया गया है और पुलिस ने धारा 137, 87 BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि युवती को सुरक्षित वापस लाया जा सके और दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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राव इंद्रजीत की प्रेशर पॉलिटिक्स का राज क्या?:हरियाणा में बेटी को मंत्रीपद, अपनी प्रमोशन या CM दावेदारी; 15 MLA के समर्थन का दावा कर चुके हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाने वाली BJP के भीतर अहीरवाल बेल्ट में सबसे ज्यादा राजनीति गर्माई हुई है। यहां से पार्टी को 11 में से 10 सीटों पर जीत मिली है। सरकार बनाने में इस इलाके का अहम रोल होने के कारण यहां के कद्दावर नेता और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह प्रेशर पॉलिटिक्स की राह पर चल पड़े हैं। रिजल्ट आने के बाद से ही राव इंद्रजीत सिंह पूरी तरह एक्टिव है और चुनाव जीते 9 MLA उनसे मुलाकात कर चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, उनके संपर्क में 15 से ज्यादा MLA है। ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह किस बड़ी मंशा को लेकर चल रहे हैं, इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है। सियासी माहिरों की मानें तो राव इस पूरे दांव से क्या साधना चाहते हैं, उसकी ये 5 वजहें हो सकती हैं…. 1. बेटी को हरियाणा में मंत्रीपद
राव इंद्रजीत सिंह ने इस बार अपने पसंद से अहीरवाल की 11 में से 9 सीटों पर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया, जिनमें सभी चुनाव जीत गए। इनमें अटेली सीट से उनकी बेटी आरती राव भी शामिल है। आरती राव का ये पहला ही चुनाव था। उन्हें कड़े मुकाबले में जीत मिली है। राव इंद्रजीत सिंह बेटी आरती राव को नई सरकार में मंत्री बनाकर इलाके में अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं। 2. अपने समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह
BJP अहीरवाल बेल्ट को इस बार 2 कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री का पद दे सकती है। राव इंद्रजीत सिंह की कोशिश अपने समर्थक विधायकों को ही इन पदों पर एडजस्ट करने की है। इनमें पटौदी से चुनाव जीती बिमला चौधरी के अलावा लक्ष्मण यादव, ओपी यादव को मंत्री बनाया जा सकता है। बिमला चौधरी किसी वजह से मंत्री नहीं बन पाई तो बावल से चुनाव जीते डॉ. कृष्ण कुमार को विकल्प के रूप में मंत्रीपद दिलवा सकते है। 3. राव नरबीर को मंत्री बनने से रोकना
अहीरवाल की बादशाहपुर सीट पर सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले राव नरबीर सिंह का नाम नए मंत्रिमंडल को लेकर सुर्खियों में है। नरबीर सिंह इस बार अपने खुद के दम पर टिकट लेकर आए और चुनाव भी जीत गए। उन्हें राव इंद्रजीत सिंह का धुर विरोधी माना जाता है। राव इंद्रजीत सिंह नहीं चाहते कि राव नरबीर सिंह सरकार में मंत्री बने। राव इंद्रजीत सिंह खुद गुरुग्राम से सांसद है। अगर राव नरबीर मंत्री बनते है तो राव इंद्रजीत सिंह का वह इलाके में दूसरा बड़ा विकल्प बन सकते है। नरबीर 2014 में भी चुनाव जीतने के बाद मनोहर लाल की कैबिनेट में पावरफुल मंत्री बने थे। हालांकि 2019 के चुनाव में उनकी टिकट कट गई थी। 4. CM पद पर दावा बरकरार रखना
अहीरवाल से मुख्यमंत्री पद की मांग भी लगातार उठ रही है। रेवाड़ी यादव सभा इसकी मांग पहले ही कर चुकी है। हालांकि भाजपा पहले ही नायब सैनी को सीएम चेहरा घोषित कर चुकी है। फिर भी राव भविष्य के लिए दावा मजबूत रखना चाहते हैं। यही वजह है कि राव इंद्रजीत सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार सीएम पद पर दावा ठोका। रिजल्ट आने के बाद भी राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- हमने 10 सीटें जिताकर अपना काम कर दिया। अब हाईकमान को इलाके की संज्ञान लेना चाहिए। 5. केंद्र में राज्यमंत्री की जगह कैबिनेट मंत्री की प्रमोशन
राव इंद्रजीत सिंह ने भाजपा में रहते हुए गुरुग्राम सीट से लगातार तीसरी लोकसभा चुनाव जीता। दोनों बार वह मोदी सरकार में राज्यमंत्री रहे। इस बार जीत के बाद उनके कैबिनेट मंत्री बनने की संभावनाएं थी। लेकिन उन्हें राज्यमंत्री का पद मिला। जिसका दर्द राव इंद्रजीत सिंह खुद बयां कर चुके हैं। वह कह चुके है कि उनसे छोटे नेता को कैबिनेट मंत्री बना दिया और वह आज तक राज्यमंत्री ही रहे, जिससे अहीरवाल इलाके में भी मायूसी हुई। अब विधानसभा चुनाव में इस इलाके से मिली बड़ी जीत के बाद राव इंद्रजीत सिंह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री की प्रमोशन चाहते हैं। दो सीटों पर प्रचार करने नहीं गए राव इंद्रजीत
भाजपा ने इस बार गुरुग्राम से मुकेश शर्मा, बावल से डॉ. कृष्ण कुमार, पटौदी से बिमला चौधरी, सोहना से तेजपाल तंवर, रेवाड़ी से लक्ष्मण सिंह यादव, अटेली से आरती राव, नारनौल से ओमप्रकाश यादव और महेंद्रगढ़ से कंवर सिंह को राव इंद्रजीत सिंह की पसंद से टिकट दी। जबकि नांगल चौधरी में डॉ. अभय सिंह और बादशाहपुर में राव नरबीर को उनके विरोध के बीच चुनावी मैदान में उतारा। राव नरबीर तो चुनाव जीत गए लेकिन अभय सिंह चुनाव हार गए। इलाके में मजबूत पकड़ होने के कारण राव इंद्रजीत सिंह ने प्रचार की जिम्मेदारी खुद संभाली। हालांकि वह बादशाहपुर और नांगल चौधरी में चुनाव प्रचार करने नहीं गए। अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह के परिवार की पकड़
अहीरवाल इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के परिवार रामपुरा हाउस की पकड़ दशकों से रही है। पहले उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह का इलाके में दबदबा रहा। इसके बाद राव इंद्रजीत सिंह ने पिता के रुतबे को इस इलाके में बनाए रखा। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह एक तरह से अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपनी बेटी आरती राव को पूरी तरह एडजस्ट कर चुके है। राव इंद्रजीत सिंह 6 बार सांसद और 4 बाद विधायक बने है। अब उनकी उत्तराधिकारी के रूप में आरती राव इस पूरे इलाके में एक्टिव है।
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पलवल में नवविवाहिता की संदिग्ध हालात में मौत:शादी को हुआ था डेढ़ महीना; दहेज में 2 लाख रुपए मांग रहे थे ससुराली
पलवल में नवविवाहिता की संदिग्ध हालात में मौत:शादी को हुआ था डेढ़ महीना; दहेज में 2 लाख रुपए मांग रहे थे ससुराली हरियाणा के पलवल में एक नवविवाहिता की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसकी शादी को अभी डेढ़ महीना ही हुआ था। उसके मायके के लोगों का आरोप है कि दहेज में 2 लाख न मिलने पर ससुराल वालों ने उनकी बेटी को फंदे पर लटका कर हत्या कर दी। पुलिस ने मृतका के पिता की शिकायत पर पति सहित 5 के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। यूपी के जिला गौतमबुध नगर के जेवर निवासी भिक्कन ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उसने अपनी बेटी कुमकुम की शादी 9 जुलाई 2024 को हथीन थाना के मंडोरी गांव निवासी कृष्ण के साथ की थी। शादी में अपनी हैसियत अनुसार दान-दहेज भी दिया था। लेकिन ससुराल वाले दहेज से खुश नहीं थे। शादी के दिन से ही उसकी बेटी के साथ दहेज में 2 लाख रुपए की मांग कर रहे थे। उसने आरोप लगाया कि दो लाख रुपए न देने पर मंडोरी गांव निवासी पति कृष्ण, ससुर जगबीर, जेठ सतीश, जेठानी सतीश की पत्नी व ननद रेखा उनकी बेटी कुमकुम के साथ मारपीट करने लगे। कहते थे कि अपने पिता से 2 लाख रुपए लेकर नहीं आई तो तुझे जान से मार देंगे। शिकायत में कहा कि उसकी बेटी कुमकुम ने अपने पिता को फोन कर 25 अगस्त को बुलाया था। वह अपने साथ तीन अन्य व्यक्तियों को लेकर अपनी बेटी की ससुराल पहुंचा और उसकी ससुराल वालों को समझा-बुझाकर अपनी बेटी को अपने साथ ले जाने के लिए कहने लगा। लेकिन कुमकुम की ससुराल ने उसकी बेटी को भेजने से इनकार कर दिया। इसके बाद वे वापस अपने गांव चले गए। 26 अगस्त 2024 को उसकी बेटी कुमकुम की दहेज की मांग पूरी न होने पर फांसी लगाकर हत्या कर दी। वे बेटी की ससुराल पहुंचे तो उसकी बेटी मृत मिली। हथीन थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि कुमकुम के पिता भिक्कन की शिकायत पर पति कृष्ण, ससुर जगबीर, जेठ सतीश, जेठानी सतीश की पत्नी व ननद रेखा के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के बाद वारिसों को सौंप दिया गया है। पुलिस ने आरोपी पति कृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है।