हरियाणा के करनाल के घरौंडा थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में सात महिलाएं और दो नाबालिग लापता हो गई हैं। इनमें से दो महिलाएं घरौंडा की अलग-अलग कॉलोनियों की रहने वाली हैं, जिनमें से एक महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त है। जबकि तीन महिलाएं अपने बच्चों के साथ मायके आई हुई थीं। घटना के बाद आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई है। परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला भी लापता घरौंडा निवासी शिकायतकर्ता पति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी 24 वर्षीय पत्नी मानसिक रूप से विक्षिप्त है। पत्नी ने कहा था कि वह बच्चों को सरकारी अस्पताल घरौंडा में टीका लगवाने जा रही है। लेकिन वह वापस नहीं लौटी। उसकी काफी तलाश की गई लेकिन नेहा का कोई सुराग नहीं मिला। इससे पहले भी नेहा 3-4 बार बिना किसी को बताए घर से बाहर गई थी, जो वापस आ जाती थी। मायके आई महिलाएं और उनके बच्चे लापता यमुना से सटे एक गांव में तीन बहनें अपने बच्चों के साथ मायके आई हुई थीं। शिकायतकर्ता भाई ने बताया कि उसकी 35 वर्षीय बहन, 22 वर्षीय बहन, 17 वर्षीय बहन और उनके बच्चे, जिनमें से एक 14 वर्ष का और दूसरा छह वर्ष का है, लापता हैं। 21 जून को उसके घर पर रहने आए थे। जब 27 जून की सुबह उठकर देखा तो वे सभी गायब थे। शिकायतकर्ता व उनके परिवार ने सभी रिश्तेदारियों में तलाश की, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। 24 वर्षीय महिला भी लापता घरौंडा निवासी शिकायतकर्ता पति ने पुलिस को दी जानकारी में बताया कि उनकी 24 वर्षीय पत्नी 27 जून को सुबह 5.30 बजे बिना बताए घर से चली गई। उन्होंने अपनी पत्नी की आसपास सभी जगह तलाश की लेकिन कहीं पता नहीं लगा। उसने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल व अन्य स्थानों पर भी खोजबीन की है, लेकिन कही पर भी कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस ने शुरू की जांच लापता महिलाओं और बच्चों के परिजनों ने पुलिस से जल्द से जल्द उनकी तलाश करने की गुहार लगाई है। परिजनों का कहना है कि वे बेहद चिंतित हैं और उन्हें उम्मीद है कि पुलिस उनकी मदद करेगी।पुलिस ने सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। हर पहलू पर बारीकी से जांच की जा रही है। थाना प्रभारी जंगशेर ने बताया कि तीन अलग-अलग मामलों में महिलाओं व बच्चों के लापता होने की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा के करनाल के घरौंडा थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में सात महिलाएं और दो नाबालिग लापता हो गई हैं। इनमें से दो महिलाएं घरौंडा की अलग-अलग कॉलोनियों की रहने वाली हैं, जिनमें से एक महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त है। जबकि तीन महिलाएं अपने बच्चों के साथ मायके आई हुई थीं। घटना के बाद आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई है। परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला भी लापता घरौंडा निवासी शिकायतकर्ता पति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी 24 वर्षीय पत्नी मानसिक रूप से विक्षिप्त है। पत्नी ने कहा था कि वह बच्चों को सरकारी अस्पताल घरौंडा में टीका लगवाने जा रही है। लेकिन वह वापस नहीं लौटी। उसकी काफी तलाश की गई लेकिन नेहा का कोई सुराग नहीं मिला। इससे पहले भी नेहा 3-4 बार बिना किसी को बताए घर से बाहर गई थी, जो वापस आ जाती थी। मायके आई महिलाएं और उनके बच्चे लापता यमुना से सटे एक गांव में तीन बहनें अपने बच्चों के साथ मायके आई हुई थीं। शिकायतकर्ता भाई ने बताया कि उसकी 35 वर्षीय बहन, 22 वर्षीय बहन, 17 वर्षीय बहन और उनके बच्चे, जिनमें से एक 14 वर्ष का और दूसरा छह वर्ष का है, लापता हैं। 21 जून को उसके घर पर रहने आए थे। जब 27 जून की सुबह उठकर देखा तो वे सभी गायब थे। शिकायतकर्ता व उनके परिवार ने सभी रिश्तेदारियों में तलाश की, लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। 24 वर्षीय महिला भी लापता घरौंडा निवासी शिकायतकर्ता पति ने पुलिस को दी जानकारी में बताया कि उनकी 24 वर्षीय पत्नी 27 जून को सुबह 5.30 बजे बिना बताए घर से चली गई। उन्होंने अपनी पत्नी की आसपास सभी जगह तलाश की लेकिन कहीं पता नहीं लगा। उसने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल व अन्य स्थानों पर भी खोजबीन की है, लेकिन कही पर भी कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस ने शुरू की जांच लापता महिलाओं और बच्चों के परिजनों ने पुलिस से जल्द से जल्द उनकी तलाश करने की गुहार लगाई है। परिजनों का कहना है कि वे बेहद चिंतित हैं और उन्हें उम्मीद है कि पुलिस उनकी मदद करेगी।पुलिस ने सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। हर पहलू पर बारीकी से जांच की जा रही है। थाना प्रभारी जंगशेर ने बताया कि तीन अलग-अलग मामलों में महिलाओं व बच्चों के लापता होने की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में निगम के चेयरमैन होंगे पावरफुल:20 लाख का होगा निजी कोष; सिक्योरिटी के लिए बॉडीगार्ड मिलेगा हरियाणा के सरपंचों की तरह अब निकाय चेयरमैन व वाइस चेयरमैनों की भी पावर बढ़ने वाली है। शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने जनप्रतिनिधियों के वित्तीय अधिकारों में बढ़ोतरी का खाका तैयार कर लिया है। इस खाका में जहां बिल पास करने के लिए चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और सचिव की कमेटी में से 2 को साइन की पॉवर दी जाएगी तो वहीं सरकारी काम के लिए अब वह खुद की गाड़ी इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके एवज में उन्हें विभाग की ओर से 16 रुपए प्रति किलोमीटर के तहत पैसों की अदायगी की जाएगी। हर महीने वह 2500 किलोमीटर तक गाड़ी का इस्तेमाल कर सकेंगे। दरअसल, निकाय चेयरमैनों की ओर से लंबे समय से वित्तीय पावर बढ़ाने सहित अन्य अधिकार देने की मांग की जा रही। इस संबंध में महीनों पहले शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने प्रदेश भर के चेयरमैनों के साथ बैठक की थी जिसमें उनकी मांगों को उचित बताते हुए प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए थे। फिलहाल मंत्री की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय को फाइल भेजी जा चुकी है जहां से मुख्यमंत्री की स्वीकृति का इंतजार है। पेमेंट अप्रूवल कमेटी में मिलेगी जगह निकाय एसोसिएशन की ओर से महीनों पहले निकाय मंत्री सुभाष सुधा के साथ हुई बैठक में 5 सूत्रीय एजेंडे को लागू करने की मांग की गई थी। निकाय एसोसिएशन की प्रदेशाध्यक्ष रजनी विरमानी ने मंत्री को बताया है कि पेमेंट अप्रूवल कमेटी में जिन-जिन सदस्यों को रखा गया है उनके बीच विवाद होने की संभावना ज्यादा है, इसलिए इस कमेटी में सिर्फ निर्वाचित अध्यक्ष व जो भी अधिकारी हो तथा जिस वार्ड में काम होना हो वहां के निर्वाचित मेंबर को ही शामिल किया जाए। 20 लाख तक का होगा निजी कोष सभी निकायों में निर्वाचित अध्यक्ष के पास भी कम से कम 15-20 लाख रुपए तक के काम करवाने के लिए हर महीने निजी कोष में बजट दिया जाए। सभी शहरों में काफी सामुदायिक केंद्र व धर्मशालाएं लंबे समय से बनी हैं जो जर्जर हालत में पहुंच गई है लेकिन उनके पास मलकीयत के दस्तावेज नहीं है। ऐसी धर्मशालाओं के जीर्णोद्वार का काम निकायों को देना चाहिए।
इसके अलावा सभी चेयरमैनों को सिक्योरिटी के तहत अंगरक्षक उपलब्ध करवाने के साथ ही अफसरों पर प्रधानों का नियंत्रण स्थापित करने की पॉवर देनी चाहिए। सरपंचों की सरकार बढ़ा चुकी पावर कुरुक्षेत्र में पंचायती राज सम्मेलन के दौरान सीएम नायब सैनी सरपंचों की पावर बढ़ाने का ऐलान कर चुके हैं। जिसके बाद अब सरपंच ई-टेंडरिंग के बगैर 21 लाख तक के काम करा सकेंगे। खट्टर के CM रहते यह लिमिट 5 लाख कर दी गई थी।जिसका सरपंच लगातार विरोध कर रहे थे। वह ई-टेंडरिंग को ही खत्म करने की मांग कर रहे थे। इसके विरोध में यूनियन तक बनाई गई और खट्टर का सीएम रहते खूब विरोध भी किया गया।हालांकि सीएम ने अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव को देखते हुए फिलहाल काम कराने की लिमिट में ही राहत दी है।