हरियाणा के करनाल के शेखपुरा खालसा गांव में एक विवाहिता ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि महिला का पति सुबह करीब 5 बजे अपनी नाइट ड्यूटी से घर लौटा और सोने चला गया। महिला ने ऊपर वाले कमरे में आत्महत्या कर ली। जब परिजनों ने ऊपर जाकर देखा तो महिला फंदे से लटकी हुई थी। आत्महत्या की खबर मिलते ही आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए और पुलिस को घटना की सूचना दी गई। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। दो बेटियों की मां थी अनु मृतका की पहचान शेखपुरा खालसा निवासी सत्येंद्र की पत्नी 35 वर्षीय अनु के रूप में हुई है। मृतका का पति करनाल में निजी सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करता है। वह रात को ड्यूटी पर गया था। सुबह करीब पांच बजे वह घर आया और लेट गया। इसी बीच विवाहिता ने कमरे में जाकर अपने दुपट्टे से फांसी लगा ली। अभी आत्महत्या के कारणों के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। मृतका दो बेटियों की मां थी। दोनों ने ही अपनी मां को खो दिया है। दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस एफएसएल टीम का इंतजार कर रही घरौंडा थाने से जांच अधिकारी राम अवतार मौके पर पहुंचे। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को सूचना दी। अब फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंचेगी और मौके से साक्ष्य जुटाए जाएंगे। जिसके बाद पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज भेजेगी। जांच अधिकारी राम अवतार ने बताया कि महिला के आत्महत्या करने की सूचना मिली है। अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। विवाहिता के मायके वाले अभी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। परिजनों की शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के करनाल के शेखपुरा खालसा गांव में एक विवाहिता ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि महिला का पति सुबह करीब 5 बजे अपनी नाइट ड्यूटी से घर लौटा और सोने चला गया। महिला ने ऊपर वाले कमरे में आत्महत्या कर ली। जब परिजनों ने ऊपर जाकर देखा तो महिला फंदे से लटकी हुई थी। आत्महत्या की खबर मिलते ही आसपास के लोग मौके पर जमा हो गए और पुलिस को घटना की सूचना दी गई। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। दो बेटियों की मां थी अनु मृतका की पहचान शेखपुरा खालसा निवासी सत्येंद्र की पत्नी 35 वर्षीय अनु के रूप में हुई है। मृतका का पति करनाल में निजी सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करता है। वह रात को ड्यूटी पर गया था। सुबह करीब पांच बजे वह घर आया और लेट गया। इसी बीच विवाहिता ने कमरे में जाकर अपने दुपट्टे से फांसी लगा ली। अभी आत्महत्या के कारणों के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। मृतका दो बेटियों की मां थी। दोनों ने ही अपनी मां को खो दिया है। दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस एफएसएल टीम का इंतजार कर रही घरौंडा थाने से जांच अधिकारी राम अवतार मौके पर पहुंचे। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को सूचना दी। अब फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंचेगी और मौके से साक्ष्य जुटाए जाएंगे। जिसके बाद पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज भेजेगी। जांच अधिकारी राम अवतार ने बताया कि महिला के आत्महत्या करने की सूचना मिली है। अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है। विवाहिता के मायके वाले अभी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। परिजनों की शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में खाद्य विभाग के 4 इंस्पेक्टर सस्पेंड:राशन हड़पने वाले डिपो होल्डर्स को दी शह; चार साल का रिकॉर्ड खंगाला तो हुआ पर्दाफाश
पानीपत में खाद्य विभाग के 4 इंस्पेक्टर सस्पेंड:राशन हड़पने वाले डिपो होल्डर्स को दी शह; चार साल का रिकॉर्ड खंगाला तो हुआ पर्दाफाश हरियाणा के पानीपत में गरीबों का लाखों रुपए का राशन हड़पने वाले डिपो होल्डर्स को शह देने वाले 4 इंस्पेक्टर पर बड़ी गाज गिरी है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय ने चार इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें इंस्पेक्टर सुरेंद्र सैनी, प्रवीन, अमित दहिया और बिजेंद्र शामिल है। इनमें से तीन वर्तमान में पानीपत में ही तैनात हैं, जबकि बिजेंद्र सिंह करनाल में तैनात है। इस बड़ी कार्रवाई के बाद स्थानीय विभागीय कर्मचारी और अधिकारियों में हड़कंप मचा है। गौरतलब है कि, DFSC ने दो माह पहले 12 अप्रैल को डिपो होल्डर्स और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिनमें इंस्पेक्टर सुरेंद्र सैनी, प्रोग्रामर सृजन भारती और तीन डिपो होल्डर अनिल, ललिता और उमेश पर करीब 20 लाख से ज्यादा का राशन गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।
उन्होंने उनकी पिछले चार सालों के रिकॉर्ड की जांच कराने की मुख्यालय से अपील की थी। इसी जांच में ये खुलासा हुआ कि इन्हीं डिपो होल्डर के साथ ये चारों इंस्पेक्टर संलिप्त हैं। खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक का कहना है कि मुख्यालय की ओर से चारों इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया है। इतने बड़े घोटाले की हुई थी शिकायत
गांधी कालोनी अग्रवाल मंडी के अंकित ने अप्रैल में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय में शिकायत देकर विभाग के इंस्पेक्टर, प्रोग्रामर द्वारा तीन डिपोधारकों के साथ मिलकर राशन में गबन के आरोप लगाए थे।
उसने आरोप लगाया था कि तीन डिपोधारकों ने 5 अन्य डिपो की सप्लाई अटैच कराकर इसी वर्ष जनवरी, फरवरी और मार्च में जारी राशन स्टाक को गलती से पुराने स्टाक में दर्ज बताकर पीओएस मशीन से अपने फिंगर प्रिंट से इंस्पेक्शन कर स्टाक में से 3 लाख 26 हजार 665 किलो 700 ग्राम गेहूं, 43,884 किलोग्राम बाजरा, 2002 लीटर सरसों का तेल व 1003 किलोग्राम चीनी को शून्य कर दिया गया। इसके अलावा उसने वर्ष 2021- 22, 23 में भी उक्त डिपो धारकों द्वारा कान्फेड से जारी बिल, स्टाक को पीओएस मशीन में रिसीव न करके 1,47,505 किलोग्राम गेहूं, 9,631 किलो 800 ग्राम बाजरा, 11, 961 लीटर सरसों का तेल, 4,020 किलोग्राम चीनी व 1132 किलोग्राम नमक के गबन करने के आरोप लगाए थे। इसमें अभी तक डिपोधारकों से कोई रिकवरी या स्टाक के बारे में नोटिस तक जारी नहीं किया गया।
निदेशालय ने तलब की रिपोर्ट
अंकित मित्तल की ओर से की गई शिकायत में राशन वितरण में गबन करने के आरोपों के बाद निदेशालय ने मामले में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उमेश डिपोधारक व उससे अटैच राशन सप्लाई संतोष की पीओएस मशीन से अतिरिक्त 17,315 किलोग्राम बाजरा, 1,786 लीटर सरसों तेल, 1009 किलोग्राम चीनी, 37,628 किलोग्राम गेहूं राशन स्टाक का गबन सामने आया। ये एनएफएसए व पीएमजीकेएवाई स्कीम के तहत था।
ललिता डिपोधारक व उससे अटैच राशन सप्लाई में सुरेंद्र व पुनीत की पीओएस मशीन से अतिरिक्त 13034.7 किलोग्राम बाजरा, 200 किलोग्राम चीनी, 13,344 किलोग्राम गेहूं, सरसों तेल 280 लीटर का गबन किया गया। जबकि 6,339 किलोग्राम बाजरा एक मशीन आइडी में इंद्राज किया मिला।
अनिल डिपोधारक व उससे अटैच जोगिंदर व नंदकिशोर की पीओएस मशीन में राशन स्टाक से 15,907.4 किलोग्राम बाजरा, 6,429.3 किलोग्राम गेहूं, 258 किलोग्राम चीनी, 1986 लीटर सरसों तेल स्टाक का गबन किया गया। वहीं 1201 किलोग्राम गेहूं, 4831 किलोग्राम बाजरा, 257 किलोग्राम चीनी पाश मशीन में दर्ज किया मिला।
यमुनानगर में कार ने स्कूटी को मारी टक्कर:मां की मौत, बेटा गंभीर घायल; सत्संग सुनने जा रहे थे दोनों
यमुनानगर में कार ने स्कूटी को मारी टक्कर:मां की मौत, बेटा गंभीर घायल; सत्संग सुनने जा रहे थे दोनों यमुनानगर के थाना प्रताप नगर क्षेत्र में कार ने एक्टिवा सवार मां बेटे को टक्कर मार दी। हादसे में मां की मौत हो गई। जबकि बेटा गंभीर रूप से घायल है। जिसे सिविल अस्पताल यमुनानगर में भर्ती कराया गया। मृतक महिला की पहचान नंदी देवी (56) के तौर पर हुई। जबकि घायल की पहचान नरेंद्र के नाम से हुई। जो प्रताप नगर की हाइडल कॉलोनी के रहने वाले हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घायल नरेंद्र ने बताया कि ने वह मां के साथ एक्टिवा पर सवार होकर प्रताप नगर के राधा स्वामी सत्संग घर सत्संग सुनने के लिए जा रहे थे। गांव आराईया वाला की वन विभाग की चौकी के पास सफेद रंग की कार उनकी एक्टिवा को टक्कर मार दी। जब वह हथिनी कुंड बैराज से आगे वन विभाग पुलिस चौकी के पास पहुंचे, तो तेज गति से आ रही कार ने उनकी एक्टिवा को टक्कर मार दी। हादसे में नरेंद्र ऊपर हवा में उछल गया और तीन चार बार पर हवा में ही उछलता रहा, जब वह जमीन पर गिरा तो उसके हाथ कमर और छाती पर चोट लगी और बुरी तरह से लहूलुहान हो गया। वहीं उसकी मां भी एक्टिवा से उछल कर सड़क पर जा गिरी, उसके सर और नाक मुंह से खून बहने लगा। जिससे उसकी मौत हो गई।
अंबाला में गड्ढे में डूबने से लड़के की मौत:निर्माणाधीन मकान में काम करते सीढ़ी से गिरा, प्लंबर का करता था काम
अंबाला में गड्ढे में डूबने से लड़के की मौत:निर्माणाधीन मकान में काम करते सीढ़ी से गिरा, प्लंबर का करता था काम हरियाणा के अंबाला जिले में निर्माणाधीन मकान में काम करते हुए 15 वर्षीय लड़के की पानी के गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। गड्ढे की खुदाई टॉयलेट टैंक बनाने के लिए की गई थी। हादसे के वक्त सीढ़ी पर चढ़कर प्लंबर का काम कर रहा था। अचानक सीढ़ी से नीचे गिरा तो सीधा पानी से भरे गड्ढे में जा गिरा, और पानी में डूबने से मौत हो गई। हादसा रविवार शाम को बराड़ा के की करनाल कॉलोनी में हुआ। मृतक के पिता ने प्लंबर और मकान मालिक पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं, जिसके आधार पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्लंबर के साथ आया था काम पर यमुनानगर जिले के सारण गांव निवासी नरेश कुमार ने बताया कि उसके पड़ोसी गांव बराड़ा निवासी निर्मल सिंह प्लंबर का काम करता है। निर्मल सिंह उसका अच्छा जानकार है। निर्मल सिंह उसके 15 वर्षीय बेटे सुमित को अपने साथ काम पर ले जाता था। उसने कई बार कहा कि सुमित अभी नाबालिग है, काम पर मत लेकर जाया करो। डूबने से हुई मौत निर्मल सिंह रविवार को भी उसके बेटे सुमित को काम कराने के लिए बराड़ा में अंकुर सिंगला के निर्माणाधीन मकान में ले गया था। इस दौरान निर्मल सिंह उसके बेटे को बिना सेफ्टी काम पर लगाकर कहीं चला गया। पीछे से उसका बेटा सुमित काम करते हुए सीढ़ी से टॉयलेट के लिए बनाए गड्ढे में जा गिरा। गड्ढे में ढाई फीट पानी था। उसका बेटा चोट लगने के कारण गड्ढे से उठ नहीं पाया। यहां पानी में डूबने से उसके बेटे सुमित की मौत हो गई। मामले की जांच में जुटी पुलिस पिता के आरोप है कि प्लंबर निर्मल सिंह और मकान मालिक अंकुर सिंगला ने अपने मकान में बिना सेफ्टी के उसके बेटे से काम कराया। बराड़ा थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 279 व 304ए के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।