हरियाणा में करनाल के कुटेल गांव में एएआई संजीव की हत्या की गुत्थी दो दिन बाद भी रहस्य ही बनी हुई है। जहां पुलिस अब तक संजीव द्वारा पकड़े जाने वाले भगोड़ों का रिकॉर्ड ट्रैक कर रही थी, वहीं अब पुलिस ने अपनी जांच की सूई थोड़ी दूसरी तरफ घुमा दी है। अब पुलिस इस पहलू पर जांच कर रही है कि संजीव द्वारा पकड़े गए भगौड़ों में कोई कुख्यात बदमाश या आरोपी तो नहीं था। अगर था तो कोई जमानत पर तो बाहर नहीं आया था। पुलिस को भले ही CCTV में कुछ नजर आया हो, लेकिन उसमें भी कुछ स्पष्ट नहीं है, क्योंकि अंधेरे के कारण कुछ क्लियर नहीं है। बाइक पर दो युवक नजर तो आए है लेकिन एक ने हेलमेट लगाया हुआ है और दूसरे ने मुहं पर कपड़ा बांधा हुआ है। पुलिस घटनास्थल पर ट्रैक हुए मोबाइल के डंप भी उठा रही है और उन डंप के मार्फत संदिग्धों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। संजीव हत्याकांड पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी मिस्ट्री बन चुका है और इस रहस्य से पर्दा तभी उठ पाएगा, जब आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे, लेकिन फिलहाल अभी तक पुलिस के हाथ खाली है। सिलसिले वार समझिये पूरा मामला 2 जुलाई की रात सिर में मारी गोली 2 जुलाई की रात करीब 8:30 बजे कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर टहलने गए क्राइम ब्रांच के एएसआई संजीव की बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। संजीव का डेरा कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर है और संजीव वहीं सड़क पर टहल रहे थे। तभी बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी और फरार हो गए। परिजनों के मुताबिक एक गोली उनके सिर में लगी, जो आर-पार हो गई, दूसरी गोली कमर में लगी। गंभीर रूप से घायल संजीव को करनाल के अमृतधारा में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद घरौंडा DSP मनोज कुमार और करनाल DSP सोनू नरवाल मौके पर पहुंचे। साथ ही FSL टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने मौके से दो जिंदा कारतूस और एक खोखा भी बरामद किया था। डॉक्टरों के बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम क्राइम ब्रांच अफसर की हत्या से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। बारीक से बारीक जानकारी के लिए पुलिस एड़ी चोटी तक का जोर लगा रही है। पोस्टमार्टम में कुछ सुराग मिल सके, इसके लिए 3 जुलाई को पुलिस ने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के बोर्ड से ही एएसआई का पोस्टमार्टम करवाया था।उधर, मृतक के बेटे योगेश को कनाडा में अपने पिता की हत्या की सूचना मिल चुकी थी। जिसके बाद उसने तत्काल टिकट बुक करवाई और 4 जुलाई की अलसुबह दो बजे दिल्ली पहुंच गया और उसके बाद घर पहुंचा। परिजनों ने फैसला किया था कि बेटे के आने के बाद ही संजीव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि मृतक संजीव का कुटेल गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 10 बजे संजीव के पार्थिव शरीर को लेकर घर परिवार व ग्रामीण श्मशान घाट की तरफ बढ़े। जहां पर योगेश ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में शामिल गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। पहले चाचा, फिर दादा और अब पिता तीन साल पहले योगेश के चाचा लाभ सिंह की घरौंडा लिबर्टी के सामने सड़क हादसे में मौत हो गई थी और चाचा की मौत के सदमे में दादा प्रेम सिंह की भी मौत हो गई थी। परिवार पर दुखों का पहाड़ कम होने का नाम नहीं ले रहा था कि अब योगेश के पिता को भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। योगेश की छोटी बहन भी है, जिसका रो रोकर बुरा हाल है। इन बच्चों के सिर पर न तो पिता का साया रहा, न चाचा का और न ही दादा का। इन दोनों बच्चों के मन की पीड़ा को ये ही समझ सकते हैं। पुलिस की सूई घुमी दूसरी तरफ कुरूक्षेत्र और यमुनानगर क्राइम ब्रांच का रिकॉर्ड खंगालने के बाद यह तो स्पष्ट हो चुका है कि संजीव भगौड़ों को पकड़ने और चैक बाउंस के केस संभालता था। इन केस में कोई ऐसा भगौड़ा अपराधी तो संजीव ने नहीं पकड़ लिया था, जो संजीव से रंजिश रखता हो और वह जमानत पर बाहर आ गया हो, और उसी ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया हो या फिर किसी से करवाया हो? घटना वाले दिन भी संजीव किसी भगौड़े को ही पकड़ने के लिए करनाल आया था। पुलिस हर पहलू की जांच में जुटी है और सीसीटीवी फुटेज से कुछ सुराग तो लगे है, लेकिन उतनी सफलता नहीं मिल पाई है, जितनी मिलनी चाहिए थी। हर पहलू पर कर रही पुलिस जांच घरौंडा DSP मनोज कुमार ने बताया कि संजीव हत्याकांड में पुलिस गहनता से छानबीन कर रही है और कुछ सबूत भी सामने आए है। हर एंगल पर काम किया जा रहा है। आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। हरियाणा में करनाल के कुटेल गांव में एएआई संजीव की हत्या की गुत्थी दो दिन बाद भी रहस्य ही बनी हुई है। जहां पुलिस अब तक संजीव द्वारा पकड़े जाने वाले भगोड़ों का रिकॉर्ड ट्रैक कर रही थी, वहीं अब पुलिस ने अपनी जांच की सूई थोड़ी दूसरी तरफ घुमा दी है। अब पुलिस इस पहलू पर जांच कर रही है कि संजीव द्वारा पकड़े गए भगौड़ों में कोई कुख्यात बदमाश या आरोपी तो नहीं था। अगर था तो कोई जमानत पर तो बाहर नहीं आया था। पुलिस को भले ही CCTV में कुछ नजर आया हो, लेकिन उसमें भी कुछ स्पष्ट नहीं है, क्योंकि अंधेरे के कारण कुछ क्लियर नहीं है। बाइक पर दो युवक नजर तो आए है लेकिन एक ने हेलमेट लगाया हुआ है और दूसरे ने मुहं पर कपड़ा बांधा हुआ है। पुलिस घटनास्थल पर ट्रैक हुए मोबाइल के डंप भी उठा रही है और उन डंप के मार्फत संदिग्धों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। संजीव हत्याकांड पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी मिस्ट्री बन चुका है और इस रहस्य से पर्दा तभी उठ पाएगा, जब आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे, लेकिन फिलहाल अभी तक पुलिस के हाथ खाली है। सिलसिले वार समझिये पूरा मामला 2 जुलाई की रात सिर में मारी गोली 2 जुलाई की रात करीब 8:30 बजे कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर टहलने गए क्राइम ब्रांच के एएसआई संजीव की बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। संजीव का डेरा कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर है और संजीव वहीं सड़क पर टहल रहे थे। तभी बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी और फरार हो गए। परिजनों के मुताबिक एक गोली उनके सिर में लगी, जो आर-पार हो गई, दूसरी गोली कमर में लगी। गंभीर रूप से घायल संजीव को करनाल के अमृतधारा में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद घरौंडा DSP मनोज कुमार और करनाल DSP सोनू नरवाल मौके पर पहुंचे। साथ ही FSL टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने मौके से दो जिंदा कारतूस और एक खोखा भी बरामद किया था। डॉक्टरों के बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम क्राइम ब्रांच अफसर की हत्या से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। बारीक से बारीक जानकारी के लिए पुलिस एड़ी चोटी तक का जोर लगा रही है। पोस्टमार्टम में कुछ सुराग मिल सके, इसके लिए 3 जुलाई को पुलिस ने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के बोर्ड से ही एएसआई का पोस्टमार्टम करवाया था।उधर, मृतक के बेटे योगेश को कनाडा में अपने पिता की हत्या की सूचना मिल चुकी थी। जिसके बाद उसने तत्काल टिकट बुक करवाई और 4 जुलाई की अलसुबह दो बजे दिल्ली पहुंच गया और उसके बाद घर पहुंचा। परिजनों ने फैसला किया था कि बेटे के आने के बाद ही संजीव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि मृतक संजीव का कुटेल गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 10 बजे संजीव के पार्थिव शरीर को लेकर घर परिवार व ग्रामीण श्मशान घाट की तरफ बढ़े। जहां पर योगेश ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में शामिल गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। पहले चाचा, फिर दादा और अब पिता तीन साल पहले योगेश के चाचा लाभ सिंह की घरौंडा लिबर्टी के सामने सड़क हादसे में मौत हो गई थी और चाचा की मौत के सदमे में दादा प्रेम सिंह की भी मौत हो गई थी। परिवार पर दुखों का पहाड़ कम होने का नाम नहीं ले रहा था कि अब योगेश के पिता को भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। योगेश की छोटी बहन भी है, जिसका रो रोकर बुरा हाल है। इन बच्चों के सिर पर न तो पिता का साया रहा, न चाचा का और न ही दादा का। इन दोनों बच्चों के मन की पीड़ा को ये ही समझ सकते हैं। पुलिस की सूई घुमी दूसरी तरफ कुरूक्षेत्र और यमुनानगर क्राइम ब्रांच का रिकॉर्ड खंगालने के बाद यह तो स्पष्ट हो चुका है कि संजीव भगौड़ों को पकड़ने और चैक बाउंस के केस संभालता था। इन केस में कोई ऐसा भगौड़ा अपराधी तो संजीव ने नहीं पकड़ लिया था, जो संजीव से रंजिश रखता हो और वह जमानत पर बाहर आ गया हो, और उसी ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया हो या फिर किसी से करवाया हो? घटना वाले दिन भी संजीव किसी भगौड़े को ही पकड़ने के लिए करनाल आया था। पुलिस हर पहलू की जांच में जुटी है और सीसीटीवी फुटेज से कुछ सुराग तो लगे है, लेकिन उतनी सफलता नहीं मिल पाई है, जितनी मिलनी चाहिए थी। हर पहलू पर कर रही पुलिस जांच घरौंडा DSP मनोज कुमार ने बताया कि संजीव हत्याकांड में पुलिस गहनता से छानबीन कर रही है और कुछ सबूत भी सामने आए है। हर एंगल पर काम किया जा रहा है। आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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इसके अलावा किसान संगठन भी बरवाला में रणबीर गंगवा के विरोध का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने इसके लिए 17 सितंबर को एक मीटिंग बुलाई है। दरअसल बरवाला एरिया किसान आंदोलन का गढ़ रहा है। यहां के बाडोपट्टी टोल प्लाजा पर पूरे आंदोलन के दौरान धरना चला। लोकसभा चुनाव में किसानों ने हिसार सीट से BJP उम्मीदवार रणजीत चौटाला का इस इलाके में जमकर विरोध किया था। लोकसभा चुनाव में रणबीर गंगवा के पुराने हलके नलवा में भी भाजपा का विरोध हुआ था। तब उनकी गाड़ी के शीशे भी टूट गए थे। उस घटना में कई किसानों पर केस भी दर्ज हुआ।
हरियाणा में 4 सीटों पर उम्मीदवार बदल सकती है भाजपा:दिल्ली में इमरजेंसी मीटिंग बुलाई; गोपाल कांडा को पार्टी मर्ज करने को कहा
हरियाणा में 4 सीटों पर उम्मीदवार बदल सकती है भाजपा:दिल्ली में इमरजेंसी मीटिंग बुलाई; गोपाल कांडा को पार्टी मर्ज करने को कहा हरियाणा में टिकट वितरण के बाद बीजेपी में बगावत शुरू हो गई है। चुनाव के दौरान इस बगावत को लेकर भाजपा के दिल्ली में बैठे नेता भी अलर्ट हो गए हैं। इसको लेकर दिल्ली में शाम को इमरजेंसी मीटिंग बुला ली है। इस मीटिंग में जिन सीटों पर बगावत हो रही है, उन सीटों को लेकर चर्चा की जाएगी। पार्टी सूत्रों की मानें तो 4 विधानसभा सीटों पर पार्टी कैंडिडेट बदल सकती है। इसकी लिस्ट दूसरी लिस्ट के साथ जारी हो सकती है। भाजपा के प्रदेश स्तर के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह पक्का नहीं है लेकिन बगावत का स्तर और उसमें शामिल नेताओं के ग्राउंड फीडबैक के आधार के हिसाब से पार्टी फैसला ले सकती है। सिरसा में मंत्री रणजीत चौटाला के बगावती सुर को देखते हुए पार्टी ने हरियाणा लोक हित पार्टी (HLP) के मुखिया गोपाल कांडा को दिल्ली में तलब कर लिया है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक उनको पार्टी ने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय करने का ऑफर दिया है। 32 नेता बीजेपी छोड़ गए
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए BJP की पहली सूची जारी होने के साथ ही पार्टी में भगदड़ मच गई है। बुधवार शाम को 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफे गिरने शुरू हो गए। यह सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा। 24 घंटे से भी कम समय में पार्टी के 32 बड़े चेहरों ने अलविदा कह दिया है। इनमें 1 मंत्री, 1 विधायक, 5 पूर्व विधायक भी शामिल हैं। प्रदेश में रानियां, महम, बाढड़ा, थानेसर, उकलाना, सफीदों, पृथला, रेवाड़ी, इसराना, हिसार, समालखा में बगावत दिखी। अब इन 4 सीटों पर बदलाव संभव 1. इंद्री विधानसभा: यहां से बीजेपी ने राम कुमार कश्यप को मैदान में उतारा है, जिससे नाराज होकर कर्णदेव कंबोज ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। कंबोज ने अपने इस्तीफे में लिखा है, मैं बीजेपी ओबीसी मोर्चा और सभी अन्य पदों से अपना त्यागपत्र देता हूं। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी पंडित दीन दयाल उपाध्याय तथा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाली भाजपा नहीं रहीं। इसके बाद वीरवार को सीएम सैनी खुद कंबोज को मनाने के लिए पहुंचे। 2. सोनीपत विधानसभा: यहां से भाजपा ने खोई सीट को दोबारा पाने के लिए अपने पुराने नेताओं-वर्करों को किनारे कर दिया है। यहां से 2 माह पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए निखिल मदान को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है। जिसके बाद यहां से टिकट की प्रबल दावेदार पूर्व मंत्री कविता जैन ने बगावत शुरू कर दी है। उन्होंने भाजपा को टिकट बदलने के लिए कहा है। अब उन्होंने 8 सितंबर के लिए मैसेज जारी कर दिया है कि जिस तरह से भाजपा की टिकट वितरण में कार्यकर्ताओं एवं जनता की भावनाओं की अनदेखी की है, उसके चलते रविवार को बैठक कर अगला फैसला लिया जाएगा। 3. हिसार विधानसभा: यहां से भाजपा ने कैबिनेट मंत्री कमल गुप्ता को प्रत्याशी बनाया है, जिसके बाद भाजपा नेत्री और उद्योगपति सावित्री जिंदल ने बगावत कर दी है। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मीटिंग कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हालांकि उन्हें मनाने की कवायद जारी है, खुद कमल गुप्ता उनसे मिलकर चुनाव नहीं लड़ने का आग्रह कर चुके हैं। सावित्री जिंदल का कहना है कि ये उनका आखिरी चुनाव है। उनके कुछ काम बच गए हैं, जिन्हें वह पूरा करने के लिए चुनाव लड़ना चाहती हैं। उनके भाजपा सांसद बेटे नवीन जिंदल ने भी मां का समर्थन किया है। 4. बवानीखेड़ा विधानसभा: यहां से भाजपा ने कपूर वाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने यहां से नायब सैनी की राज्यमंत्री विशंभर वाल्मीकि की टिकट काट दी है। जिसके बाद पार्टी में बगावत शुरू हो चुकी है। विशंभर वाल्मीकि का अपने हल्के और समाज के लोगों में अच्छा प्रभाव है। HLP को बीजेपी का विलय का ऑफर
सिरसा सीट पर भी बगावत हो रही है। भाजपा ने इस बार यहां से सैनी के कैबिनेट मंत्री रह चुके रणजीत सिंह चौटाला को टिकट नहीं दिया है। पार्टी ने इस सीट पर HLP से गठबंधन के बाद गोपाल कांडा की ओर से उम्मीदवार उतारा गया है। हालांकि विरोध को देखते हुए कांडा को पार्टी ने दिल्ली में बुलाया है। जहां उनको पार्टी की ओर से एचएलपी को बीजेपी में विलय का ऑफर मिला है, लेकिन कांडा ने मना कर दिया है। कांडा अभी दिल्ली में ही हैं, उनकी केंद्रीय नेतृत्व से दूसरी मीटिंग हैं, जिसमें फैसला होगा कि वह पार्टी को बीजेपी में विलय करेंगे या अकेले चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली में बैक टू बैक चल रही मीटिंग
हरियाणा में टिकटों की लेकर चल रही बगावत के बाद दिल्ली का केंद्रीय नेतृत्व पूरी तरह से अलर्ट है। इसको लेकर बैक टू बैक मीटिंगें भी चल रही हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को भी दिल्ली बुलाया गया है, जहां केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ मीटिंग होनी है। हालांकि देर शाम को ही ये मीटिंग संभव हो पाएगी।