हरियाणा में करनाल के पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के कर्मचारियों के प्रदर्शन में शामिल होने आए व्यक्ति की CM आवास के बाहर संदिग्ध हालात में मौत हो गई। व्यक्ति अपने साथी जो PWD विभाग में कर्मचारी है उसके साथ करनाल में CM आवास का घेराव करने के लिए आए थे।लेकिन प्रेम नगर में मुख्यमंत्री के आवास के बाहर जब वह अपने साथी के साथ प्रदर्शन में शामिल था तो उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई और उसकी वहीं पर संदिग्ध हालात में मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। सोनीपत की दया कॉलोनी को रहने वाला था व्यक्ति देर शाम को पोस्टमॉर्टम हाउस में पहुंचे दया कॉलोनी सोनीपत निवासी मृतक सुशील (39) के साथी ने बताया कि वह उनकी मदद के लिए करनाल के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए था। सुशील सोनीपत कोर्ट में टाइपिस्ट के पद पर कार्यरत था। लेकिन यहां पर उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई और उसकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई। दो बच्चों के सिर उठा पिता का साया सुशील मूल रूप से सोनीपत का ही रहने वाला था, घर में वह इकलौता ही कमाने वाला था। सुशील के पास दो छोटे छोटे बच्चें है। सुशील की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। अब परिवार में उसकी पत्नी व दो छोटे छोटे बच्चें रहे गए है। परिवार को अब चिंता है कि उसके बच्चों का अब पालन पोषण कौन करेगा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद होगा मौत का खुलासा सूचना के बाद मौके पर पहुंचे रामनगर थाना के जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया है। आज शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। रिपोर्ट के बाद ही सुशील की मौत के सही कारणों का पता लग पाएगा। हरियाणा में करनाल के पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के कर्मचारियों के प्रदर्शन में शामिल होने आए व्यक्ति की CM आवास के बाहर संदिग्ध हालात में मौत हो गई। व्यक्ति अपने साथी जो PWD विभाग में कर्मचारी है उसके साथ करनाल में CM आवास का घेराव करने के लिए आए थे।लेकिन प्रेम नगर में मुख्यमंत्री के आवास के बाहर जब वह अपने साथी के साथ प्रदर्शन में शामिल था तो उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई और उसकी वहीं पर संदिग्ध हालात में मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। सोनीपत की दया कॉलोनी को रहने वाला था व्यक्ति देर शाम को पोस्टमॉर्टम हाउस में पहुंचे दया कॉलोनी सोनीपत निवासी मृतक सुशील (39) के साथी ने बताया कि वह उनकी मदद के लिए करनाल के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए था। सुशील सोनीपत कोर्ट में टाइपिस्ट के पद पर कार्यरत था। लेकिन यहां पर उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई और उसकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई। दो बच्चों के सिर उठा पिता का साया सुशील मूल रूप से सोनीपत का ही रहने वाला था, घर में वह इकलौता ही कमाने वाला था। सुशील के पास दो छोटे छोटे बच्चें है। सुशील की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। अब परिवार में उसकी पत्नी व दो छोटे छोटे बच्चें रहे गए है। परिवार को अब चिंता है कि उसके बच्चों का अब पालन पोषण कौन करेगा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद होगा मौत का खुलासा सूचना के बाद मौके पर पहुंचे रामनगर थाना के जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया है। आज शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। रिपोर्ट के बाद ही सुशील की मौत के सही कारणों का पता लग पाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गुरुग्राम BJP में टिकट को लेकर घमासान:जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक ने छोड़ी पार्टी; कांग्रेस में जाने की चर्चा
गुरुग्राम BJP में टिकट को लेकर घमासान:जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक ने छोड़ी पार्टी; कांग्रेस में जाने की चर्चा हरियाणा में बीजेपी कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी होने के बाद प्रदेशभर में भाजपाईयों में नाराजगी देखी जा रही है। पार्टी पदाधिकारी टिकट वितरण पर सवाल उठा रहे हैं, तो कई नेता पार्टी भी छोड़ रहे हैं। वहीं गुरुग्राम में टिकट की रेस में चल रहे जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक भाजपा नेताओं ने पार्टी को बाय-बाय बोल दिया है। वहीं कई अपने समर्थकों से डिस्कसन कर रहे हैं। जल्द ही कई अन्य भी पार्टी छोड़ हाथ के साथ हो सकते हैं। बीजेपी की पहली लिस्ट के बाद से उपजे विवाद से यह बात तो साफ हो गई कि जिन बाहरी नेताओं को प्रदेश की बागड़ोर सौंपी गई, उन्होंने अपना होमवर्क सही तरीके से नहीं किया। शायद बीजेपी में पहली बार उनके कार्यकर्ता खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। जीएल शर्मा जल्द ही एक बड़ा प्रोग्राम कर कांग्रेस में शामिल होंगे। बीजेपी में जिस कदर की भगदड़ मची है, उसके चलते यह तो साफ है कि डैमेज कंट्रोल करना इतना आसान नहीं रहने वाला। गुरुग्राम से बीजेपी टिकट के दावेदार जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित उनके करीब 150 समर्थकों ने पार्टी को छोड़ने का ऐलान किया है। साथ ही इन्होंने टिकट वितरण पर सवालिया निशान लगाते हुए अपने नेताओं पर कई आरोप तक मढ़ दिए हैं। जीएल शर्मा ने बताया कि तीसरी बार दावेदारी थी, पार्टी का हर काम ईमानदारी से किया, मन उदास है, समर्थकों का प्रेशर है, इसलिए पार्टी छोड़ने जा रहे हैं। जल्द बड़ा प्रोग्राम कर कांग्रेस में शामिल होंगे। अब बागी बिगाड़ेंगे बीजेपी प्रत्याशी का खेल
गुरुग्राम सीट की बात करें तो यहां से बीजेपी ने मुकेश शर्मा को टिकट दिया है। नाराज नेताओं का आरोप है कि जिसने पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा और सीनियर नेताओं को अपशब्द कहते हुए पार्टी गाइड लाइन का उल्लंघन किया उसे टिकट देकर बीजेपी ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। वैश्य चेहरे नवीन गोयल ने बुधवार को कई किमी की पैदल यात्रा निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया उसे भी पार्टी नेताओं ने नजरअंदाज कर दिया। अब नवीन गोयल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर मुकेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसी प्रकार पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा ने भी समर्थकों की मीटिंग बुलाई है और वह भी टिकट वितरण से खासे नाराज हैं। समर्थकों से मंत्रणा पश्चात वह भी शायद पार्टी को बाय-बाय कह सकते हैं। भितरघात व नाराज वर्कर्स को मनाना आसान नहीं
गुरुग्राम ही नहीं बल्कि प्रदेश की दो दर्जन से अधिक विधानसभाओं में बीजेपी के टिकट दावेदार सड़क पर उतर गए हैं। लगातार इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव ताल ठोंक रहे हैं। इसके अलावा जो पार्टी नहीं छोड़ रहे उनका भी बीजेपी नेताओं से मोह भंग हो गया है। भले ही वह पार्टी में रहेंगे लेकिन यह साफ है कि वह बीजेपी प्रत्याशी का अंदरखाने किसी भी सूरत में सपोर्ट नहीं करेंगे। सालों से जो वर्कर्स पार्टी से जुड़े थे अब उनका सहयोग हासिल करना पार्टी के लिए बड़ा टॉस्क है। इसके चलते कई सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को भितरघात का डर सताने लगा है। यहां तक मौजूदा विधायक व संगठन पदाधिकारी भी अब अंदरखाने खेला करने में शायद पीछे नहीं रहेंगे। चुनाव प्रभारी व प्रदेश प्रभारी पर उठे सवाल
राजनैतिक जानकारों का कहना है कि दूसरे प्रदेश के नेताओं को प्रदेश प्रभारी, चुनाव प्रभारी सहित अन्य दायित्व भले ही दिए गए लेकिन उनका ना तो प्रदेश ना ही यहां के लोगों की समझ है। इन लोगों ने ग्राउंड स्तर पर काम भी नहीं किया। साथ ही प्रदेश के कुछ बीजेपी नेता अपने कद का दुरुपयोग करते हुए अपने समर्थकों के लिए खुलकर पैरवी कर रहे थे, लेकिन दूसरे प्रदेश के प्रभारी इन पर प्रेशर तक नहीं बना पाए। कारण भी साफ है कि प्रदेश के नेताओं के कद, उम्र व अनुभव में दूसरे प्रदेश के जिन नेताओं को दायित्व दिया गया वह उनके सामने अदने थे और उनका जरा भी विरोध नहीं कर पाए। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि भले ही वर्चस्व स्थापित करने के लिए नेताओं ने अपने समर्थकों को टिकट दिला दी, लेकिन अब जो भगदड़ मची है, उससे पार्टी का ही नुकसान होगा। जबकि लोकसभा चुनाव में भी सतीश पूनिया को प्रदेश की बागड़ोर सौंपी गई थी, लेकिन वह असफल साबित हुए और पार्टी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। नवीन गोयल अब निर्दलीय उतरेंगे चुनावी रण में
बीजेपी टिकट दावेदार नवीन गोयल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी ने जो भी जिम्मेदारी दी उसका ईमानदारी से निर्वहन किया। पार्टी का कद बढ़ाने के साथ उनकी नीतियों को घर-घर तक पहुंचाया। प्रदेश की रैलियों का सफल आयोजन कराया। 36 बिरादरी को पार्टी से जोड़ा बावजूद 11 साल मेहनत करने के साथ ही लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराईं, लेकिन उनकी उपेक्षा से अब मन उदास है। समर्थकों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का दबाव बनाया, सर्वे में नाम था बावजूद पता नहीं टिकट वितरण का क्या पैमाना था लेकिन अब लोगों की टिकट पर चुनावी रण में उतरेंगे। नवीन गोयल ने कहा कि लोगों के हित में उनका अभियान जारी रहेगा। जिसे टिकट दी वह ना तो धरातल पर सक्रिय थे ना ही लोगों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं थे।
हरियाणा में BJP के ऑब्जर्वर अमित शाह क्यों?:सैनी के मुकाबले विज की CM दावेदारी, अहीरवाल से मुख्यमंत्री कुर्सी की मांग समेत 3 वजहें
हरियाणा में BJP के ऑब्जर्वर अमित शाह क्यों?:सैनी के मुकाबले विज की CM दावेदारी, अहीरवाल से मुख्यमंत्री कुर्सी की मांग समेत 3 वजहें हरियाणा में 90 में से 48 सीटें जीतकर बहुमत मिलने के बाद BJP से नायब सैनी CM चेहरे के तौर पर लगभग कन्फर्म हैं। इसके बावजूद मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ऑब्जर्वर बना BJP ने कई सियासी चर्चाओं को जन्म दे दिया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शाह ने ही चुनाव से पहले पंचकूला में मंच से कहा था कि ये चुनाव नायब सैनी की अगुआई में लड़ेंगे। अब 17 अक्टूबर के शपथग्रहण से एक दिन पहले 16 अक्टूबर को शाह का आना कई संकेत दे रहा है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो इसकी 3 बड़ी वजहें हो सकती हैं… 1. अनिल विज की CM पद की दावेदारी
विधायक दल की मीटिंग में नायब सैनी के दोबारा CM बनने में कोई पेंच है तो वह अंबाला कैंट से 7वीं बार MLA बने अनिल विज हैं। विज चुनाव प्रचार के दौरान दावा ठोक चुके हैं कि वह सीनियर हैं। सीनियरिटी के हिसाब से वह इस बार मुख्यमंत्री पद का दावा करेंगे। विधायक दल की मीटिंग में विज, सैनी के नाम के खिलाफ हुए तो फिर शाह को उन्हें संभालना होगा। इससे पहले भी जब मार्च महीने में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया तो विज मीटिंग छोड़कर चले गए थे। BJP के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो फिलहाल सैनी को CM चेहरे से बदलने की कोई सूरत नजर नहीं आती, लेकिन भाजपा 2014 में मनोहर लाल खट्टर को लाकर चौंका चुकी है। 2. अहीरवाल बेल्ट के विधायकों का रुख CM चेहरे को लेकर दूसरा मुद्दा अहीरवाल बेल्ट का है। यहां से इस बार BJP ने 11 में से 10 सीटें जीती हैं। अहीरवाल बेल्ट से लगातार मांग उठ रही है कि वहां से CM चेहरा होना चाहिए। इसकी वजह ये भी है कि 2014 में BJP यहां से सारी 11 सीटें जीती तो 47 सीटों के साथ बहुमत आया था। 2019 में BJP यहां से 8 सीटें जीती तो 46 के बहुमत से कम 40 पर रह गई। यही वजह है कि केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत कह चुके हैं कि उन्होंने अपना काम कर दिया, अब पार्टी को संज्ञान लेना चाहिए। शाह की मौजूदगी के जरिए इसे भी देखा जा सकता है कि अगर सैनी सीएम बने तो फिर वहां के विधायकों का क्या रुख रहता है। 3. मंत्रीपद की दावेदारी BJP बहुमत पार जरूर आई है लेकिन इस बार मंत्रिमंडल में कौन-कौन होगा, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। खासकर, चुनाव में RSS के इन्वॉल्व और उनसे जुड़े कुछ चेहरों के विधायक चुने जाने के बाद उनका भी नंबर आ सकता है। कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जिनकी पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से नाराजगी रही। इसके अलावा राव इंद्रजीत भी अहीरवाल बेल्ट से 2 से 3 मंत्री पद की मांग कर रहे हैं। ऐसे में योग्य मंत्रीपद से न चूके और इसके विरोध में किसी तरह की बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी न हो, इसलिए शाह इसे मैनेज करेंगे। ये खबर भी पढ़ें :- अमित शाह चुनेंगे हरियाणा का CM:BJP ने 2 ऑब्जर्वर तय किए, 16 को विधायक दल की बैठक; अनिल विज नड्डा से मिले हरियाणा के नए CM के चुनाव के लिए BJP ने अमित शाह को ऑब्जर्वर लगा दिया है। उनके साथ मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव भी रहेंगे। पिछले 5 वर्षों में यह दूसरा मौका होगा, जब उत्तर प्रदेश के बाद शाह हरियाणा में ऑब्जर्वर बनकर आ रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें…
हरियाणा विधानसभा चुनाव-2024:भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति मीटिंग 23-24 अगस्त को; 90 सीटों पर उम्मीदवारों के पैनल बनेंगे
हरियाणा विधानसभा चुनाव-2024:भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति मीटिंग 23-24 अगस्त को; 90 सीटों पर उम्मीदवारों के पैनल बनेंगे हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है। चुनाव के लिए 5 सितंबर से नामांकन शुरू होंगे। जिसे देखते हुए भाजपा और कांग्रेस समेत बाकी दलों ने उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल करनी शुरू कर दी है। इसके अलावा भाजपा से सीएम नायब सैनी और कांग्रेस से भूपेंद्र हुड्डा एवं कुमारी सैलजा लगातार रैलियां कर रहे हैं। भाजपा ने टिकट फाइनल करने के लिए 23-24 अगस्त को गुरुग्राम में प्रदेश चुनाव समिति की मीटिंग बुला ली है। 2 दिन की मीटिंग में सभी 90 सीटों पर भाजपा के टिकट फाइनल किए जाएंगे।