हरियाणा में करनाल के घरौंडा थाना क्षेत्र के एक गांव से 19 वर्षीय एक प्रवासी युवती संदिग्ध हालातों में लापता हो गई। युवती कोहंड के पास एक फैक्ट्री में काम करती थी। परिजनों ने फैक्ट्री में काम करने वाले युवक पर ही आरोप लगाया है। परिजनों को बेटी के साथ अनहोनी होने की भी आशंका जताई है। परिवार का आरोप है कि आरोपी युवक उनकी बेटी को युवक बहला फुसलाकर ले गया है। उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। यूपी के बदायूं का रहने वाला है परिवार शिकायतकर्ता पिता ने पुलिस को बताया है कि वह उत्तर प्रदेश के जिला बदायूं के गांव का रहने वाला है। वह कई वर्षो से कोहंड गांव के पास एक फैक्ट्री में मजदूरी का काम करता है। उसके पास दो लड़के व दो लड़कियां है। पीड़ित पिता ने शिकायत में बताया है कि 28 मई की सुबह करीब 11 बजे उसकी 19 वर्षीय बेटी अचानक लापता हो गई। फैक्ट्री गए तो युवक भी था गायब परिजनों ने युवती को आसपास के इलाके में भी तलाश की, वे फैक्ट्री में भी गए। जहां उन्हें पता चला कि फैक्ट्री में काम करने वाला एक प्रवासी युवक भी गायब है। पिता ने आरोप लगाया है कि फैक्ट्री से गायब हुआ युवक ही उनकी बेटी को लेकर गया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने दोनों की तलाश आसपास के एरिया में की। करनाल पानीपत के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी गए लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया। बाद में उन्होंने घरौंडा पुलिस को शिकायत दी। पुलिस कर रही मामले की जांच घरौंडा थाना के जांच अधिकारी जगदीश ने बताया कि युवती के लापता होने की शिकायत मिली है। एक युवक पर लड़की को बहला फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा में करनाल के घरौंडा थाना क्षेत्र के एक गांव से 19 वर्षीय एक प्रवासी युवती संदिग्ध हालातों में लापता हो गई। युवती कोहंड के पास एक फैक्ट्री में काम करती थी। परिजनों ने फैक्ट्री में काम करने वाले युवक पर ही आरोप लगाया है। परिजनों को बेटी के साथ अनहोनी होने की भी आशंका जताई है। परिवार का आरोप है कि आरोपी युवक उनकी बेटी को युवक बहला फुसलाकर ले गया है। उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। यूपी के बदायूं का रहने वाला है परिवार शिकायतकर्ता पिता ने पुलिस को बताया है कि वह उत्तर प्रदेश के जिला बदायूं के गांव का रहने वाला है। वह कई वर्षो से कोहंड गांव के पास एक फैक्ट्री में मजदूरी का काम करता है। उसके पास दो लड़के व दो लड़कियां है। पीड़ित पिता ने शिकायत में बताया है कि 28 मई की सुबह करीब 11 बजे उसकी 19 वर्षीय बेटी अचानक लापता हो गई। फैक्ट्री गए तो युवक भी था गायब परिजनों ने युवती को आसपास के इलाके में भी तलाश की, वे फैक्ट्री में भी गए। जहां उन्हें पता चला कि फैक्ट्री में काम करने वाला एक प्रवासी युवक भी गायब है। पिता ने आरोप लगाया है कि फैक्ट्री से गायब हुआ युवक ही उनकी बेटी को लेकर गया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने दोनों की तलाश आसपास के एरिया में की। करनाल पानीपत के रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी गए लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया। बाद में उन्होंने घरौंडा पुलिस को शिकायत दी। पुलिस कर रही मामले की जांच घरौंडा थाना के जांच अधिकारी जगदीश ने बताया कि युवती के लापता होने की शिकायत मिली है। एक युवक पर लड़की को बहला फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में ट्रैवल एजेंसियों पर सख्त हुई सरकार:बजट सेशन में लाया जाएगा संशोधित बिल; गृह विभाग ने सीएम को भेजा
हरियाणा में ट्रैवल एजेंसियों पर सख्त हुई सरकार:बजट सेशन में लाया जाएगा संशोधित बिल; गृह विभाग ने सीएम को भेजा हरियाणा सरकार ने कबूतर बाजों पर नकेल कसने का मन बना लिया है। विधान सभा के बजट सत्र में ही इस आशय का बिल लाकर कानून बनाया जाएगा। यह संकेत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी दे चुके हैं। इसके बाद कबूतरबाजी पर नकेल कसने के लिए प्रस्तावित कानून को लेकर बिल का मसौदा गृह विभाग ने मुख्यमंत्री को भेज दिया है। प्रदेश के गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) सुमिता मिश्रा ने बताया कि इस सत्र में संशोधित बिल लाया जाएगा। इससे पहले भी विधानसभा में इस प्रकार के बिल पर चर्चा हो चुकी है और पास करके केंद्र को भेजा गया था, लेकिन खामियों के चलते इसे लौटा दिया गया। सुमिता मिश्रा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 26 कबूतर बाजों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। इसके अलावा सूबे के सभी जिला उपायुक्तों को कबूतर बाजों के खिलाफ सख्त रहने के निर्देश दिए हैं। केंद्र पहले एक्ट को कर चुका खारिज हरियाणा में पिछले साल गृह विभाग की ओर से कबूतरबाजों पर कार्रवाई के लिए रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ऑफ दी ट्रैवल एजेंसी एक्ट (RRTAA) ड्राफ्ट तैयार किया गया था। जिसको दिसंबर में विधानसभा के विंटर सेशन में पेश किया गया था। हालांकि विधानसभा से पास होने के बाद इसको केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन कुछ खामियों के कारण इसको वापस भेज दिया गया था। इसके बाद अब नए सिरे से गृह विभाग इसका मसौदा तैयार कर रहा है। एक्ट में ये थे कड़े प्रावधान हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन आफ दी ट्रैवल एजेंसी एक्ट (2024) में कबूतर बाजों पर शिकंजा कसने के लिए कई कड़े प्रावधान रखे गए थे। इस एक्ट के कई पहलू पंजाब की ओर से बनाए गए पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन एक्ट 2013 से लिए गए थे। इसमें ट्रैवल एजेंसी, जनरल सेल्स एजेंट, आइलेट्स कोचिंग सेंटर, पासपोर्ट और टिकटिंग सहित तमाम तरह की सेवाएं देने वालों को शामिल किया गया था ट्रैवल एजेंट के लिए 10 साल तक की सजा एक्ट के अनुसार इस तरह की सेवा देने के लिए सरकार से अधिकृत फीस चुकाकर लाइसेंस लेना जरूरी किया गया था। इस कानून के प्रभावी होने के बाद प्रदेश में कोई भी अनधिकृत तरीके से कहीं पर भी विदेश भेजने के नाम का दफ्तर नहीं खोल सकेगा। विधेयक में ट्रैवल एजेंटों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है और मानव तस्करी के अपराध के लिए 10 साल तक की कैद, 2 से 5 लाख रुपए का जुर्माना और संपत्तियों की कुर्की की कड़ी सजा का प्रावधान किया गया था। फर्जी दस्तावेज पर लोगों को विदेश भेजना भी शामिल है जिसे स्थानीय भाषा में ‘डंकी रूट’ कहा जाता है। प्रॉपर्टी कुर्क कर सकेगी कोर्ट अगर एजेंट आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है या प्रमाण पत्र की शर्तों का उल्लंघन करता है या दिवालिया हो जाता है तो रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र रद्द कर दिया जाएगा। विधेयक में यह भी प्रावधान था कि अदालत ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ मामलों का फैसला करते समय उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने का आदेश भी दे सकती है। हरियाणा में अभी कोई सिस्टम नहीं विदेश भेजने के नाम पर दफ्तर चलाने वालों की मॉनिटरिंग करने के लिए हरियाणा सरकार में अभी किसी तरह का कोई लाइसेंस सिस्टम नहीं है। यही कारण है प्रदेश भर में आए दिन कबूतरबाजी के मामले सामने आ रहे हैं। पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में विदेश भेजने के नाम पर करीब 10 हजार छोटे-बड़े एजेंट आफिस खोलकर बैठे हैं, जो बड़े-बड़े दावे कर लोगों को लुभाने का काम कर रहे हैं। इनमें पुलिस के पास सबसे ज्यादा मामले अंबाला, यमुनानगर, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत सरीखे जिलों से आ रहे हैं।
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करनाल में निकाय चुनाव की सुगबुगाहट से हलचल तेज:एक्टिव मोड में बीजेपी, कांग्रेस कर रही मंथन, मैदान में उतरने लगे दावेदार
करनाल में निकाय चुनाव की सुगबुगाहट से हलचल तेज:एक्टिव मोड में बीजेपी, कांग्रेस कर रही मंथन, मैदान में उतरने लगे दावेदार हरियाणा में निकाय चुनाव अगले दो महीनों में होने की संभावना है। निकाय चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो चुकी है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां स्पष्ट कर चुकी है कि चुनाव सिंबल पर होंगे। ऐसे में पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले भी मैदान में उतरने लगे है और जनता के बीच जाकर अपनी पैठ बनाने में लगे हुए है। निकाय चुनावों में सबसे ज्यादा एक्टिव बीजेपी नजर आ रही है। बीजेपी अपने बूथ लेवल तक काम कर चुकी है। जबकि कांग्रेस के पास संगठन का ना होना ही अपने आप में एक बड़ा सवाल है। हालांकि कांग्रेस नेता तरलोचन सिंह, मनोज वधवा यह बात स्पष्ट कर चुके है कि वे चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। बीजेपी में इन चेहरों पर खेल सकती है दांव निकाय चुनावों में अभी सबसे आगे बीजेपी में पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता का नाम चल रहा है। रेणुबाला गुप्ता ने विधानसभा चुनावों के दौरान टिकट की इच्छा जताई थी। लेकिन टिकट न मिलने पर रेणु बाला गुप्ता ने गहरी नाराजगी भी जताई थी। उसके बाद सीएम नायब सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल ने रेणु बाला गुप्ता के साथ मीटिंग की थी और उनकी नाराजगी दूर की थी। इसके बाद ही इनके पति को कार्यकारी जिला अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया। अब भी रेणु बाला गुप्ता चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक चुकी है। वहीं कृष्ण गर्ग और संजय भठला का भी नाम भी सामने आ रहा है। संजय बठला पहले सीएम के ओएसडी रह चुके है और कृष्ण गर्ग भी पूर्व डिप्टी मेयर रह चुके है। तीनों ही नेता पूर्व सीएम मनोहर लाल और सीएम नायब सैनी के करीबी है। सभी दावेदार टिकट मिलने से पहले फिल्ड में एक्टिव दिखाई देने लगे है। कांग्रेस से भी बड़े चेहरे मैदान में अगर बात कांग्रेस की करें तो कांग्रेस में भी मनोज वधवा, अशोक खुराना और पराग गाबा मैदान में है। विधानसभा चुनावों के दौरान इन चेहरों ने भी टिकट की इच्छा जताई थी। मनोज वधवा की पत्नी आशा वधवा मेयर चुनाव लड़ चुकी है। जो करीब 8 हजार वोट से हारी थी। जिसके बाद मनोज वधवा ने भाजपा ज्वांइन की, लेकिन बाद में लोकसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए। मनोज वधवा 2014 में मनोहर लाल के सामने विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके है। अशोक खुराना और पराग गाबा भी कांग्रेस के अच्छे लीडरों में शामिल है। कौन सा कार्ड खेलगी बीजेपी और कांग्रेस बीजेपी के पास भी संजय बठला के रूप में पंजाबी चेहरा है और रेणु बाला व कृष्ण गर्ग बनिया समाज से आते है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट एंव DAV कॉलेज के प्राचार्य आरपी सैनी की माने तो बीजेपी बनिया समाज दांव लगा सकती है, क्योंकि करनाल से पंजाबी समाज का सांसद मनोहर लाल के रूप में है और जगमोहन आनंद विधायक है, ये भी पंजाबी समाज से है। वहीं अगर कांग्रेस की बात की जाए तो तीनों की चेहरे पंजाबी समाज से आते है। ऐसे में लाजमी है कि कांग्रेस पंजाबी कार्ड खेल सकती है, क्योंकि करनाल में सबसे ज्यादा पंजाबी वोटर है। बागियों को तवज्जो या नहीं करनाल के विधायक जगमोहन आनंद कई बार यह बात स्पष्ट कर चुके है कि विधानसभा चुनावों में बगावत करने वाले नेताओं और पार्षदों को बीजेपी में कोई एंट्री नहीं मिलेगी। ऐसे में जो बीजेपी से बागी हो चुके है वे कांग्रेस या फिर दूसरी पार्टियों का रुख करेंगे। कांग्रेस दूसरी पार्टी के नेताओं और लोगों को स्वीकार करती है या नहीं, वह आने वाला समय बताएगा। प्रशासन की तैयारी निकाय चुनावों को लेकर प्रशासन नई वार्ड बंदी कर चुका है और नई वार्ड बंदी के अनुसार 16 बूथ ओर बढ़ गए है। इससे पहले निगम में 249 बूथ फाइनल किए थे और अब यह संख्या 265 पर पहुंच चुकी है। 2018 में वोटरों ने 224 बूथों पर मतदान किया था। बूथ बढ़ाने के लिए भी क्राइटेरिया तय किया गया है, जहां पर भी 1500 से अधिक वोटर की संख्या है वहां पर बूथ बढ़ा दिए गए है। मतदाता सूची 28 जनवरी तक डीसी उत्तम सिंह के मुताबिक, नई मतदाता सूची से संबंधित दावे एवं आपत्तियां भी 13 जनवरी तक लिए जाएंगे और 17 जनवरी को रिवाइजिंग अथॉरिटी आपत्तियों का निपटान करेगी। 21 जनवरी को डीसी के समक्ष रिवाइजिंग अथॉरिटी की रिपोर्ट पहुंच जाएगी। 28 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा।
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हरियाणा के 14 जिलों में बारिश की चेतावनी:अगस्त में सामान्य से अधिक बरसा; 24 घंटे में 7 जिलों में बरसात, सोनीपत में सबसे ज्यादा
हरियाणा के 14 जिलों में बारिश की चेतावनी:अगस्त में सामान्य से अधिक बरसा; 24 घंटे में 7 जिलों में बरसात, सोनीपत में सबसे ज्यादा अगस्त में हरियाणा में मानसून मेहरबान रहा है। लगातार सात दिनों की बारिश के बाद मौसम विभाग ने 14 जिलों में फिर से मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। हालांकि इन जिलों में बारिश को लेकर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। वहीं, 24 घंटे में प्रदेश के 7 जिलों में भारी बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश सोनीपत जिले में हुई, जहां करीब 15 एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 20 और 21 अगस्त को भारी बारिश का अलर्ट पहले ही जारी कर दिया है। इन जिलों में खराब रहेगा मौसम हरियाणा के जिन जिलों में मौसम खराब रहेगा, उनमें पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, पलवल मेवात शामिल हैं। मौसम विभाग ने इन जिलों को आइसोलेटेड कैटेगरी में रखा है, जहां 25% तक बारिश संभव है। वहीं, करनाल, पानीपत और यमुनानगर में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इन जिलों को डार्क ग्रीन कैटेगरी में शामिल किया गया है। 11 जिलों में भारी बारिश हुई हरियाणा के 7 जिले ऐसे रहे जहां 24 घंटे के दौरान भारी बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश सोनीपत में हुई, जहां 15 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा अंबाला और करनाल में 13 एमएम, महेंद्रगढ़ में 5.0 एमएम, कुरुक्षेत्र में 4.0 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा पानीपत और जींद में भी हल्की बारिश हुई। अगस्त में मेहरबान मानसून अगर आंकड़ों को देखें तो हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अभी तक सभी जगह 53.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 एमएम बारिश हो चुकी है। इनमें फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।