पंजाब में 6 हजार करोड़ की ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की आज मंगलवार को ED की स्पेशल अदालत में सुनवाई होगी। इस मामले में पंजाब पुलिस के बर्खास्त DSP जगदीश भोला मुख्य आरोपी है। इस मामले में अदालत फैसला भी सुना सकती है। हालांकि पिछली सुनवाई पर भोला को फिजिकल रूप में पेश नहीं किया गया था। इसके बाद इस मामले की अगली तारीख पड़ गई थी। भोला पर ड्रग तस्करी की कमाई से करोड़ों रुनए की संपत्ति बनाने का आरोप है। वैसे ड्रग तस्करी मामले में भोला समेत 25 लोगों को सजा सुनाई जा चुकी है। 11 साल पहले सामने आया था मामला यह मामला साल 2013 में सामने आया था। जब पंजाब पुलिस ने इस मामले में अर्जुन अवॉर्डी पहलवान रुस्तम-ए-हिंद और पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश सिंह भोला को गिरफ्तार किया था। तब पता चला था कि यह रैकेट पंजाब से लेकर विदेशों तक फैला हुआ है। इस केस के सामने आने से पंजाब की राजनीति से लेकर खेल जगत में भूचाल आ गया था। वहीं, राज्य के कई नेताओं पर भी सवाल उठे थे। जांच में पता चला था कि यह ड्रग रैकेट 6 हजार करोड़ का है। साल 2019 में इस मामले में सीबीआई की अदालत ने 25 लोगों को एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा सुनाई थी। करोड़ों की बनाई संपत्ति, नहीं भरा कोई टैक्स ईडी ने जब मामले की जांच शुरू की तो पता चला था कि इस केस में शामिल आरोपियों ने करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी बनाई हुई है। जबकि इन लोगों ने इनकम टैक्स तक नहीं भरा था। वहीं, उनकी आमदन से आय बहुत अधिक है। इससे साफ हो गया था कि उक्त लोग किसी अन्य कारोबार में शामिल थे। इसके बाद ईडी ने आरोपियों की प्रॉपर्टी काे अटैच किया था। इसमें मोहाली से लेकर कई जगह आलीशान कोठियां, इंडस्ट्रियल प्लॉट व अन्य संपत्ति शामिल थी। दोषी पाया गया तो फांसी दे देना जगदीश भोला के पिता बलशिंदर सिंह का 24 जुलाई को देहांत हो गया था। इस दौरान जब भोला 26 जुलाई उनके अंतिम संस्कार में जेल से अपने गांव पहुंचे थे तो उनका कहना था कि उसे इस मामले में फंसाने के पीछे सरकारें हैं। उन्होंने कहा था कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जांच में अगर में दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें फांसी दे दी जाए। वह कभी भी पीछे नहीं हटेंगे। पंजाब में 6 हजार करोड़ की ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की आज मंगलवार को ED की स्पेशल अदालत में सुनवाई होगी। इस मामले में पंजाब पुलिस के बर्खास्त DSP जगदीश भोला मुख्य आरोपी है। इस मामले में अदालत फैसला भी सुना सकती है। हालांकि पिछली सुनवाई पर भोला को फिजिकल रूप में पेश नहीं किया गया था। इसके बाद इस मामले की अगली तारीख पड़ गई थी। भोला पर ड्रग तस्करी की कमाई से करोड़ों रुनए की संपत्ति बनाने का आरोप है। वैसे ड्रग तस्करी मामले में भोला समेत 25 लोगों को सजा सुनाई जा चुकी है। 11 साल पहले सामने आया था मामला यह मामला साल 2013 में सामने आया था। जब पंजाब पुलिस ने इस मामले में अर्जुन अवॉर्डी पहलवान रुस्तम-ए-हिंद और पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश सिंह भोला को गिरफ्तार किया था। तब पता चला था कि यह रैकेट पंजाब से लेकर विदेशों तक फैला हुआ है। इस केस के सामने आने से पंजाब की राजनीति से लेकर खेल जगत में भूचाल आ गया था। वहीं, राज्य के कई नेताओं पर भी सवाल उठे थे। जांच में पता चला था कि यह ड्रग रैकेट 6 हजार करोड़ का है। साल 2019 में इस मामले में सीबीआई की अदालत ने 25 लोगों को एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा सुनाई थी। करोड़ों की बनाई संपत्ति, नहीं भरा कोई टैक्स ईडी ने जब मामले की जांच शुरू की तो पता चला था कि इस केस में शामिल आरोपियों ने करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी बनाई हुई है। जबकि इन लोगों ने इनकम टैक्स तक नहीं भरा था। वहीं, उनकी आमदन से आय बहुत अधिक है। इससे साफ हो गया था कि उक्त लोग किसी अन्य कारोबार में शामिल थे। इसके बाद ईडी ने आरोपियों की प्रॉपर्टी काे अटैच किया था। इसमें मोहाली से लेकर कई जगह आलीशान कोठियां, इंडस्ट्रियल प्लॉट व अन्य संपत्ति शामिल थी। दोषी पाया गया तो फांसी दे देना जगदीश भोला के पिता बलशिंदर सिंह का 24 जुलाई को देहांत हो गया था। इस दौरान जब भोला 26 जुलाई उनके अंतिम संस्कार में जेल से अपने गांव पहुंचे थे तो उनका कहना था कि उसे इस मामले में फंसाने के पीछे सरकारें हैं। उन्होंने कहा था कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जांच में अगर में दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें फांसी दे दी जाए। वह कभी भी पीछे नहीं हटेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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