जालंधर के कस्बा फिल्लौर में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। महिला के ससुराल पक्ष की महिलाएं व अन्य रिश्तेदार जब उसे अंतिम स्नान करवाने लगे तो उसकी मौत का राज खुलकर सामने आ गया। मृतक महिला की जांघ पर काले पैन से मारने वालों के नाम का सुसाइड नोट लिखा था लेकिन जल्दबाजी में ससुराल पक्ष वालों ने नाम मिटा दिए। स्नान करवा रही महिलाओं ने पढ़े जांघ पर लिखा सुसाइड नोट स्नान करवा रही महिलाओं ने जब उसकी जांघ पर देखा ध्यान से देखा तो उस पर लिखा था-आज मुझे यदि कुछ हो जाता है तो ये लोग इसके जिम्मेवार होगे…। मृतक महिला का नाम अमनदीप (30)है। पुलिस को जैसे ही इस मामले की भनक लगी तो महिला का शव को चिता से उठा कर पुलिस ने कब्जे में ले लिया। फिलहाल महिला का पोस्टमॉर्टम करवा जाएगा। उसकी रिपोर्ट के बाद ही पुलिस इस मामले में अगला एक्शन लेगी। 2 साल से पति दुबई में कर रहा काम जानकारी मुताबिक अमनदीप का पति गोलू दो साल से दुबई में काम कर रहा है। अमनदीप की शादी 10 साल पहले हुई है। उसके 2 लड़के और एक लड़की है। सोमवार सुबह अचानक अमनदीप कौर की मौत हो गई। ससुरालियों ने मायके वालों को बताया कि अमनदीप की हार्ट अटैक के कारण मौत हुई है। सब कुछ ससुरालियों के मुताबिक चल रहा था। अंतिम स्नान के समय रिश्तेदार मनप्रीत ने देखा कि अमनदीप की जांघ पर पैन से कुछ लिखा है। उसने ध्यान से पढ़ा तो लिखा था-मुझे कुछ होता है तो ये लोग जिम्मेदार होगे। इससे पहले की मनप्रीत अच्छे से पढ़ पाती अमनदीप की ननद प्रवीण और बाकी महिलाओं ने तेजी से पानी फेंक कर सुसाइड के जिम्मेदार लोगों के नाम धो डाले। शिकायत मिलने ही चिता से उठवाई पुलिस ने लाश ननद ने मनप्रीत की मिन्नतें की ताकि वह इस बारे किसी से बात न करे। मामले की शिकायत पुलिस के पास पहुंची तो अधिकारियों ने संस्कार रुकवा दिया। थाना प्रभारी सुखदेव सिंह ने बताया कि लड़की पक्ष की शिकायत पर मृतका के ससुराल पक्ष की दो महिलाओं को हिरासत में लिया है। जांच और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद मौत के असल कारणों का पता चल पाएगा। तलाकशुदा ननद प्रवीण करती थी तंग उधर, अमनदीप कौर की बहन चरणजीत का कहना है कि मैं जब भी अपनी बहन अमनदीप से बात करती थी तो हर बार वो यही कहती थी कि उसकी तलाकशुदा ननद प्रवीण ने उसका जीना दुश्वार कर रखा है। ननद उस पर कई बार हाथ तक उठाने लग गई है। सोमवार को ससुराल वालों ने उसकी मौत की खबर उन्हें दी। उन्होंने कहा कि अमनदीप की तबीयत खराब हो गई है। वे उसे अस्पताल ले जाने लगे को उसे हार्ट अटैक आ गया जिस कारण उसकी घर पर ही मौत हो गई। हमारे पहुंचने से पहले ही उसे शमशान घाट ले जा चुके थे। हमारी एक रिश्तेदार मनप्रीत कौर ने बताया कि जब अमनदीप को अंतिम स्नान करवाया जा रहा था। वह सिर्फ इतना ही पढ़ पाई। आज आगर मुझे कुछ होता है तो मेरी मौत के जिम्मेवार ये लोग होंगे। इससे पहले की वह कुछ और पढ़ पाती प्रवीण और अन्य महिलाओं ने पानी डालकर मिटाने की कोशिश की। जालंधर के कस्बा फिल्लौर में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। महिला के ससुराल पक्ष की महिलाएं व अन्य रिश्तेदार जब उसे अंतिम स्नान करवाने लगे तो उसकी मौत का राज खुलकर सामने आ गया। मृतक महिला की जांघ पर काले पैन से मारने वालों के नाम का सुसाइड नोट लिखा था लेकिन जल्दबाजी में ससुराल पक्ष वालों ने नाम मिटा दिए। स्नान करवा रही महिलाओं ने पढ़े जांघ पर लिखा सुसाइड नोट स्नान करवा रही महिलाओं ने जब उसकी जांघ पर देखा ध्यान से देखा तो उस पर लिखा था-आज मुझे यदि कुछ हो जाता है तो ये लोग इसके जिम्मेवार होगे…। मृतक महिला का नाम अमनदीप (30)है। पुलिस को जैसे ही इस मामले की भनक लगी तो महिला का शव को चिता से उठा कर पुलिस ने कब्जे में ले लिया। फिलहाल महिला का पोस्टमॉर्टम करवा जाएगा। उसकी रिपोर्ट के बाद ही पुलिस इस मामले में अगला एक्शन लेगी। 2 साल से पति दुबई में कर रहा काम जानकारी मुताबिक अमनदीप का पति गोलू दो साल से दुबई में काम कर रहा है। अमनदीप की शादी 10 साल पहले हुई है। उसके 2 लड़के और एक लड़की है। सोमवार सुबह अचानक अमनदीप कौर की मौत हो गई। ससुरालियों ने मायके वालों को बताया कि अमनदीप की हार्ट अटैक के कारण मौत हुई है। सब कुछ ससुरालियों के मुताबिक चल रहा था। अंतिम स्नान के समय रिश्तेदार मनप्रीत ने देखा कि अमनदीप की जांघ पर पैन से कुछ लिखा है। उसने ध्यान से पढ़ा तो लिखा था-मुझे कुछ होता है तो ये लोग जिम्मेदार होगे। इससे पहले की मनप्रीत अच्छे से पढ़ पाती अमनदीप की ननद प्रवीण और बाकी महिलाओं ने तेजी से पानी फेंक कर सुसाइड के जिम्मेदार लोगों के नाम धो डाले। शिकायत मिलने ही चिता से उठवाई पुलिस ने लाश ननद ने मनप्रीत की मिन्नतें की ताकि वह इस बारे किसी से बात न करे। मामले की शिकायत पुलिस के पास पहुंची तो अधिकारियों ने संस्कार रुकवा दिया। थाना प्रभारी सुखदेव सिंह ने बताया कि लड़की पक्ष की शिकायत पर मृतका के ससुराल पक्ष की दो महिलाओं को हिरासत में लिया है। जांच और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद मौत के असल कारणों का पता चल पाएगा। तलाकशुदा ननद प्रवीण करती थी तंग उधर, अमनदीप कौर की बहन चरणजीत का कहना है कि मैं जब भी अपनी बहन अमनदीप से बात करती थी तो हर बार वो यही कहती थी कि उसकी तलाकशुदा ननद प्रवीण ने उसका जीना दुश्वार कर रखा है। ननद उस पर कई बार हाथ तक उठाने लग गई है। सोमवार को ससुराल वालों ने उसकी मौत की खबर उन्हें दी। उन्होंने कहा कि अमनदीप की तबीयत खराब हो गई है। वे उसे अस्पताल ले जाने लगे को उसे हार्ट अटैक आ गया जिस कारण उसकी घर पर ही मौत हो गई। हमारे पहुंचने से पहले ही उसे शमशान घाट ले जा चुके थे। हमारी एक रिश्तेदार मनप्रीत कौर ने बताया कि जब अमनदीप को अंतिम स्नान करवाया जा रहा था। वह सिर्फ इतना ही पढ़ पाई। आज आगर मुझे कुछ होता है तो मेरी मौत के जिम्मेवार ये लोग होंगे। इससे पहले की वह कुछ और पढ़ पाती प्रवीण और अन्य महिलाओं ने पानी डालकर मिटाने की कोशिश की। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब में 3 दिन तक छुट्टी रहेगी:गुरु पर्व और शहीदी दिवस को लेकर फैसला; स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थान बंद रहेंगे
पंजाब में 3 दिन तक छुट्टी रहेगी:गुरु पर्व और शहीदी दिवस को लेकर फैसला; स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थान बंद रहेंगे पंजाब में आने वाले दिनों में लगातार तीन छुट्टियां रहेंगी। मिली जानकारी के अनुसार 15, 16 और 17 नवंबर को छुट्टियां रहेंगी। पंजाब सरकार की ओर से जारी सालाना सूची में इस बारे में जानकारी साझा की गई। तीनों दिन सरकारी निजी स्कूल-कॉलेज, सरकारी कार्यालय और संस्थान बंद रहेंगे। पंजाब सरकार की ओर से घोषित छुट्टियों की सूची में 15 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का गुरु पर्व, 16 नवंबर को शनिवार को शहीद करतार सिंह सराभा का शहीदी दिवस और अंत में 17 नवंबर को रविवार रहेगा। ऐसे में लगातार तीन दिन छुट्टियां रहेंगी। सरकार जल्द ही दोनों दिन की छुट्टी को लेकर एक और अलग नोटिफिकेशन जारी करेगी। पंजाब सरकार की वार्षिक छुट्टियों की लिस्ट….
सुखबीर सिंह माफीनामा किया गया सार्वजिनक:प्रकाश सिंह बादल द्वारा लिखे पत्र का भी हवाला, पंज सिंह साहिबान की बैठक में होगा फैसला
सुखबीर सिंह माफीनामा किया गया सार्वजिनक:प्रकाश सिंह बादल द्वारा लिखे पत्र का भी हवाला, पंज सिंह साहिबान की बैठक में होगा फैसला अकाली दल के समय में हुई बेअदबी की घटनाओं के लिए सुखबीर सिंह बादल की ओर से श्री अकाल तख्त को दिए गए माफीनामा को सार्वजनिक किया गया है। श्री अकाल तख्त साहिब के सचिव ने यह माफीनामा सार्वजनिक किया है और कहा है कि पांच सिंह साहिबानों की बैठक में इसका फैसला किया जाएगा। आपको बता दें कि, अकाली दल के बागी गुट ने 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में आकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और सुखबीर सिंह बादल को 2007 से अक्टूबर 2015 तक हुई घटनाओं के संबंध में दोषी ठहराया था। जिसके संबंध में पंज सिंह साहिबानों ने अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल से 15 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था। जिसके मद्देनजर 24 जुलाई 2024 को शिरोमणि अकाली दल के नेताओं और अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष बंद लिफाफे के बारे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया गया था। लगातार हो रही थी सार्वजनिक करने की मांग श्री अकाल तख्त साहिब के सचिव सुखदेव सिंह ने आज यह पत्र सार्वजनिक करते हुए कहा कि संगत की ओर से लगातार मांग कर रही थी कि बंद लिफाफे के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा कि अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार जल्द ही पंज सिंह साहिबों के साथ बैठक कर इस संबंध में अपना फैसला सुनाएंगे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मौजूदा प्रधान ने अपने स्पष्टीकरण में लिखा है कि 24 सितंबर 2015 को श्री अकाल में सिंह साहिबों की सभा में डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के मामले में गुरमता किया गया था। जिसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष अवतार सिंह के आदेश पर मुख्य सचिव हरचरण सिंह द्वारा विज्ञापन जारी किए गए। वहीं, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपनी सफाई में कहा है कि अकाली दल के कुछ नेताओं की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को माफी पत्र सौंपा गया था। जो भी उनके खिलाफ लिख कर दे दिया गया है, बस वह सब अपनी झोली में डालते हैं और जो कुछ श्री अकाल तख्त साहिब देगा वह उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने इस माफीनामे में उनके पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के लिखे पत्र को भी जोड़ा है और उसका भी हवाला दिया है।
पंजाबी सूबा दिवस आज:सुखबीर बादल ने कहा- पंजाब के साथ केंद्र का मतभेद जारी; SGPC बोली-पंजाबियों के साथ हुई बेईमानी
पंजाबी सूबा दिवस आज:सुखबीर बादल ने कहा- पंजाब के साथ केंद्र का मतभेद जारी; SGPC बोली-पंजाबियों के साथ हुई बेईमानी आज 1 नवंबर को पूरे पंजाब में दिवाली और बंदी छोड़ दिवस के साथ पंजाबी राज्य दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन 1966 में पंजाबी राज्य के अस्तित्व में आने की स्मृति के रूप में मनाया जाता है। जब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश को भाषा के आधार पर अलग कर पंजाब को अलग कर दिया गया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने इस दिन पर केंद्र सरकार पर मतभेद के आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट को शेयर किया है। जिसमें उन्होंने कहा- देश की आजादी के लिए सबसे ज्यादा बलिदान देने वाले सिख समुदाय से कांग्रेस नेताओं ने आजादी से पहले कई वादे किए थे। लेकिन जैसे ही देश आजाद हुआ, कांग्रेस नेता उन वादों से मुकर गए। इन्हीं ज्यादतियों के आक्रोश से शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व में मातृभाषा पंजाबी भाषा के आधार पर ‘पंजाबी प्रांत’ की मांग उठी, जिसके लिए हजारों अकाली नेताओं ने केंद्र सरकार की यातनाएं सहन की और चले गए। जेल गए, धरने दिए और सभी प्रकार की जबरदस्ती का विरोध किया। आखिरकार लंबे संघर्ष और कई बलिदानों के बाद 1 नवंबर, 1966 को ‘पंजाबी प्रांत’ का गठन हुआ। केंद्र सरकार का पंजाब के साथ भेदभाव लगातार जारी है, हमारी जायज़ मांगें आज तक भी नहीं मानी गईं। शिरोमणि अकाली दल इसके लिए संघर्ष करता रहेगा। SGPC ने कहा- पंजाब तकसीम दार तकसीम होता गया सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भी इस दिन पर केंद्र के खिलाफ रोष जाहिर किया गया है। SGPC के सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट शेयर की गई। जिसमें लिखा है- आज ही के दिन 1966 में भाषा के आधार पर विभाजित पंजाबी राज्य अस्तित्व में आया था। भारत के विभाजन के बाद दक्षिण से लेकर उत्तर तक भाषा के आधार पर प्रांतों के परिसीमन का मुद्दा उठा। आंध्र प्रदेश के गठन के बाद पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने पंजाबी राज्य की मांग रखी। एक लंबे संघर्ष के बाद (जिसमें हजारों सिखों ने जेल भरीं, यातनाएं झेली, शहादतें दी) 1 नवंबर 1966 को पंजाबी को एक राज्य बनाया गया। केंद्र ने पंजाबियों के साथ बेईमानी करते हुए जान-बूझकर कई पंजाबी भाषी क्षेत्रों को हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान में मिला लिया, न केवल पंजाब को खंडित कर दिया, बल्कि उसके जल, बांधों और राजधानी पर भी कब्जा करके बड़ी चोट पहुंचाई। पंजाब पुनर्गठन का इतिहास 1960 के दशक में पंजाबी सूबा आंदोलन के तहत सिखों और पंजाबी भाषी लोगों ने एक अलग राज्य की मांग की थी। 1966 में यह मांग पूरी हुई, और भाषा के आधार पर पंजाब का पुनर्गठन हुआ। इसके बाद पंजाब को मुख्य रूप से पंजाबी बोलने वालों का राज्य घोषित किया गया और हरियाणा को एक अलग हिंदी भाषी राज्य के रूप में पहचान मिली। साथ ही, हिमाचल प्रदेश का भी एक अलग राज्य के रूप में गठन किया गया। इस पुनर्गठन का उद्देश्य भाषाई और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करना था।