हरियाणा की कलायत विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि यहां से पूर्व राज्यमंत्री कमलेश ढांडा एक बार फिर से भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश उर्फ जेपी के बेटे विकास सहारण चुनाव लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) से अनुराग ढांडा, इनेलो-बसपा से रामपाल मजारा, जजपा-असपा के प्रीतम मेहरा और कांग्रेस की बागी अनीता ढुल, पूर्व विधायक सतविंद्र राणा, विनोद निर्मल समेत 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। कलायत में कुल वोटरों की संख्या 2.15 लाख है। यहां टूटी सड़कें, जलभराव और रोजगार प्रमुख मुद्दे हैं। सबसे ज्यादा 87 हजार वोट जाट समाज के हैं। प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार कमलेश ढांडा, विकास सहारण, अनुराग ढांडा और रामपाल माजरा जाट समाज से ही हैं। लोगों का कहना है कि यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के विकास सहारण, भाजपा की कमलेश ढांडा और निर्दलीय अनीता ढुल में है। फील्ड में भाजपा के खिलाफ लोगों में नाराजगी है। आरोप है कि विधायक और मंत्री होने के बाद भी कमलेश ढांडा ने यहां कुछ नहीं कराया। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो भाजपा के खिलाफ कैमरे पर नहीं बोल पाए। ऐसे में कमलेश को ढांडा गोत्र, ओबीसी समाज और साइलेंट वोटरों का सहारा है। लोगों के मुताबिक AAP और इनेलो उम्मीदवार भी वोट लेकर जाएंगे, लेकिन फाइट में नहीं है। विकास सहारण को पिता जयप्रकाश का महिला नेता पर बयान और बुजुर्ग व्यापारी को लात मारना भारी पड़ सकता है। दूसरा भीतरघात का भी खतरा है। कांग्रेस के वोट बागी अनीता ढुल की तरफ भी शिफ्ट होंगे। अनीत को ढुल खाप और सहानुभूति का फायदा मिल सकता है। 6 पॉइंट में समझें कलायत विधानसभा के समीकरण कमलेश ढांडा 10 साल के कार्यकाल के नाम पर वोट मांग रहीं कमलेश ढांडा पूर्व मंत्री स्व. नरसिंह ढांडा की पत्नी हैं। 2009 में नर सिंह ढांडा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और पांचवें नंबर पर रहे। 13 दिसंबर 2009 को लंबी बीमारी के बाद नर सिंह ढांडा का निधन हो गया। इसके बाद उनकी पत्नी कमलेश ढांडा राजनीति में एक्टिव हो गईं। 2019 में कमलेश ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद खट्टर सरकार में उन्हें महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री बनाया गया। इस चुनाव में भाजपा ने दोबारा कमलेश को टिकट दिया। उनके चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ढांडा आ चुके हैं। ढांडा जनता के बीच भाजपा के 10 साल के कार्यकाल और बिना पर्ची बिना खर्ची के नौकरी का हवाला देते हुए वोटों की अपील कर रही हैं। विकास सहारण सांसद पिता के नाम पर एक्टिव विकास सहारण पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके पिता जयप्रकाश 2014 में इस सीट से निर्दलीय विधायक बने थे। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। इस चुनाव से पहले तक विकास अपने पिता के ही चुनाव प्रचार में दिखते थे। खुद के हिसार से सांसद बनने के बाद उन्होंने बेटी की राजनीति में एंट्री कराई। विकास सहारण के प्रचार के लिए अब तक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा आ चुके हैं। विकास जनता के बीच किसान आंदोलन और महंगाई को लेकर भाजपा को घेर रहे हैं। दूसरा वह पिता के विधायक रहते कराए गए काम भी गिना रहे हैं। अनीता ढुल महिलाओं के अपमान पर जयप्रकाश को घेर रहीं अनीता ढुल लंबे समय से कांग्रेस के साथ जुड़ी हुई थी। कांग्रेस में वह महिला प्रदेश महासचिव के पद पर थीं। वह कलायत से टिकट की मांग कर रही थी, लेकिन कांग्रेस ने यहां सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को टिकट दे दिया। इसके बाद जयप्रकाश के एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह मंच से एक महिला नेता के बारे में कहते हैं कि पाउडर और लिप्स्टिक लगाकर वोट मिलते हो तो मैं भी लगा लूं। इस बयान को अनीता ढुल से जोड़कर देखा गया। जयप्रकाश के इस बयान के बाद ढुल खाप ने पंचायत की और जयप्रकाश का बहिष्कार करने की बात कही गई। साथ ही ढुल खाप ने अनीता ढुल को निर्दलीय चुनाव लड़ने को कहा। अब अनीता ढुल जनता के बीच जाकर क्षेत्र में लगातार एक्टिव होने की बात कह रही हैं। वह कह रही हैं कि कलायत से मंत्री होते हुए भी यहां की सड़कें टूटी पड़ीं हैं। साथ ही वह जयप्रकाश के बयान पर कह रही हैं कि महिलाओं का अपमान किया गया है। महिलाएं इसका जवाब जरूरी देंगी। रामपाल माजरा भाजपा-कांग्रेस के खिलाफ वोट मांग रहे इनेलो के उम्मीदवार रामपाल माजरा चौटाला परिवार के खास रहे हैं। वह पहली बार साल 1996 में पाई हलके से समता पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे। साल 2000 में वह इनेलो के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद 2005 में चुनाव हार गए। साल 2009 में उन्होंने कलायत से इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ा और तीसरी बार विधायक चुने गए। चौटाला परिवार में मतभेद के चलते वह 2019 में भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने 28 जनवरी 2021 को भाजपा से इस्तीफा दे दिया। ओमप्रकाश चौटाला के कहने पर 2024 में वह दोबारा इनेलो में शामिल हो गए। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या के बाद रामपाल माजरा को इनेलो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। अब वह जनता के बीच जाकर कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ वोट मांग रहे हैं। वह कह रहे हैं कि 20 साल से कांग्रेस और भाजपा सरकार ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। अनुराग ढांडा बदलाव के नाम पर वोट मांग रहे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अनुराग ढांडा राज्य के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं। वह कई मीडिया संस्थानों में पत्रकार के तौर पर काम कर चुके हैं। साल 2022 में उन्होंने आम आदमी पार्टी के जरिए राजनीति में एंट्री की। वह अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में AAP को कलायत से मिली लीड के बाद उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की। दूसरा ढांडा गोत्र का भी यहां अच्छा प्रभाव है। उनके प्रचार के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत कई बड़े नेता आ चुके हैं। अब अनुराग जनता के बीच जाकर कह रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। वह बदलाव और AAP की पांच गारंटियों के नाम पर वोट मांग रहे हैं। क्या कहते हैं कलायत के वोटर… अनिल बोले- कमलेश ने भ्रष्टाचार फैलाया अनिल कुमार का कहना है कि कमलेश ढांडा यहां से विधायक थीं। उन्होंने यहां विकास का कोई काम नहीं कराया। उन्होंने सिर्फ भ्रष्टाचार फैलाने का काम किया। हमारे बुजुर्गों ने कमलेश ढांडा को गरीब समझकर वोट दिए, लेकिन अभी तक उसकी गरीबी दूर हुई है या नहीं, वह देखने वाली बात है। उसने भ्रष्टाचार फैलाया है। जगतराम बोले- जयप्रकाश को माफी नहीं मिलेगी खेड़ी शेरू के रहने वाले जगतराम का कहना है कि कलायत में अनीता की जीत नजर आ रही है। ढुल खाप के 5 गांव हैं और 22 हजार वोट हैं। जयप्रकाश के बयान से लोगों में नाराजगी है। यह पूरे चुनाव में चलेगी। जयप्रकाश को काई माफी नहीं मिलेगी। सतनारायण शर्मा ने कहा- AAP की तरफ रूझान सतनारायण शर्मा ने बताया कि कलायत में सभी कैंडिडेट रात को जीतकर सोते हैं। बीजेपी ने 10 साल में कोई खास काम नहीं किया। पोर्टल पर अटका कर रखा है। इन पोर्टलों का ऐसा हाल है कि उड़ जा चिड़िया, मर जा चिड़िया, कभी सर्वर काम नहीं करते, कभी कर्मचारी छुट्टी पर हो जाते हैं। हर रोज नई नई स्कीम शुरू कर देते हैं। इस बार आम आदमी पार्टी का रूझान है। लोगों को पंजाब और दिल्ली में हुए काम पसंद आ रहे हैं। सुभाष बोले- कमलेश चुनाव जीतने के बाद धन्यवाद करने तक नहीं आईं सुभाष ढांडा ने बताया कि कमलेश ढांडा का अपने ही गांव खेड़ी संदल में काई रूझान नहीं है। 2019 में चुनाव जीतने के बाद वह लोगों को धन्यवाद तक करनी नहीं आईं। गांव के लोग उनके पक्ष में नहीं हैं। गांव के विकास में भी मंत्री का कोई योगदान नहीं रहा। बीजेपी की खिलाफत का कारण कैंडिडेट है। अभी किसी का माहौल साफ नहीं है। आगे जैसे-जैसे चुनाव बढ़ेगा, माहौल पता चलेगा। आम आदमी के पक्ष में भी लोग नजर आ रहे हैं। कमलेश ने कहा- पंचायत भवन अधूरा पड़ा महिला कमलेश ने बताया कि यहां पर पंचायत भवन अधूरा पड़ा है। कोई भी काम नहीं करवाया। कमलेश ढांडा से मिलने जाते थे तो कोई आश्वासन भी नहीं मिलता था। काम के लिए कई बार सरपंच को भी कहा, लेकिन उसने भी कोई जवाब नहीं दिया। सरपंच भी कुछ नहीं कराता। एक्सपर्ट बोलीं- मुकाबला रोचक होगा कलायत विधानसभा की राजनीति में अच्छी समझ रखने वाली राजनीति विशेषज्ञ डॉ वीना छाबड़ा का मानना है कि इस बार इस सीट पर रोचक मुकाबला रहेगा। फिलहाल की स्थिति देखें तो कांग्रेस के विकास सहारण, निर्दलीय प्रत्याशी अनिता ढुल और भाजपा सरकार में मंत्री रहीं कमलेश ढांडा के बीच ही मुकाबला है। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… यहां बंसीलाल की विरासत की लड़ाई:श्रुति चौधरी की चचेरे भाई ने मुश्किलें बढ़ाईं; जाट वोट बंटे तो BJP फंसेगी, बागी से भी नुकसान पूर्व BJP मंत्री हैट्रिक चांस में कड़े मुकाबले में फंसे:AAP की गुर्जर वोट बैंक में सेंध; कांग्रेस वेव से अकरम को फायदा अनिल विज कड़े मुकाबले में फंसे:खुद को CM चेहरा बता फायदा लेने की कोशिश; कांग्रेस पर गुटबाजी भारी, वोट शिफ्ट हुए तो चित्रा भारी पड़ेंगी राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी गणित नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:BJP के बागी गर्ग वोटकटवा; बड़शामी ने जाट न बांटे तो कांग्रेस के मेवा से कड़ी टक्कर विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा हरियाणा की कलायत विधानसभा सीट हॉट बनी हुई है, क्योंकि यहां से पूर्व राज्यमंत्री कमलेश ढांडा एक बार फिर से भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश उर्फ जेपी के बेटे विकास सहारण चुनाव लड़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) से अनुराग ढांडा, इनेलो-बसपा से रामपाल मजारा, जजपा-असपा के प्रीतम मेहरा और कांग्रेस की बागी अनीता ढुल, पूर्व विधायक सतविंद्र राणा, विनोद निर्मल समेत 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। कलायत में कुल वोटरों की संख्या 2.15 लाख है। यहां टूटी सड़कें, जलभराव और रोजगार प्रमुख मुद्दे हैं। सबसे ज्यादा 87 हजार वोट जाट समाज के हैं। प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवार कमलेश ढांडा, विकास सहारण, अनुराग ढांडा और रामपाल माजरा जाट समाज से ही हैं। लोगों का कहना है कि यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के विकास सहारण, भाजपा की कमलेश ढांडा और निर्दलीय अनीता ढुल में है। फील्ड में भाजपा के खिलाफ लोगों में नाराजगी है। आरोप है कि विधायक और मंत्री होने के बाद भी कमलेश ढांडा ने यहां कुछ नहीं कराया। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो भाजपा के खिलाफ कैमरे पर नहीं बोल पाए। ऐसे में कमलेश को ढांडा गोत्र, ओबीसी समाज और साइलेंट वोटरों का सहारा है। लोगों के मुताबिक AAP और इनेलो उम्मीदवार भी वोट लेकर जाएंगे, लेकिन फाइट में नहीं है। विकास सहारण को पिता जयप्रकाश का महिला नेता पर बयान और बुजुर्ग व्यापारी को लात मारना भारी पड़ सकता है। दूसरा भीतरघात का भी खतरा है। कांग्रेस के वोट बागी अनीता ढुल की तरफ भी शिफ्ट होंगे। अनीत को ढुल खाप और सहानुभूति का फायदा मिल सकता है। 6 पॉइंट में समझें कलायत विधानसभा के समीकरण कमलेश ढांडा 10 साल के कार्यकाल के नाम पर वोट मांग रहीं कमलेश ढांडा पूर्व मंत्री स्व. नरसिंह ढांडा की पत्नी हैं। 2009 में नर सिंह ढांडा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और पांचवें नंबर पर रहे। 13 दिसंबर 2009 को लंबी बीमारी के बाद नर सिंह ढांडा का निधन हो गया। इसके बाद उनकी पत्नी कमलेश ढांडा राजनीति में एक्टिव हो गईं। 2019 में कमलेश ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद खट्टर सरकार में उन्हें महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री बनाया गया। इस चुनाव में भाजपा ने दोबारा कमलेश को टिकट दिया। उनके चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ढांडा आ चुके हैं। ढांडा जनता के बीच भाजपा के 10 साल के कार्यकाल और बिना पर्ची बिना खर्ची के नौकरी का हवाला देते हुए वोटों की अपील कर रही हैं। विकास सहारण सांसद पिता के नाम पर एक्टिव विकास सहारण पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके पिता जयप्रकाश 2014 में इस सीट से निर्दलीय विधायक बने थे। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। इस चुनाव से पहले तक विकास अपने पिता के ही चुनाव प्रचार में दिखते थे। खुद के हिसार से सांसद बनने के बाद उन्होंने बेटी की राजनीति में एंट्री कराई। विकास सहारण के प्रचार के लिए अब तक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा आ चुके हैं। विकास जनता के बीच किसान आंदोलन और महंगाई को लेकर भाजपा को घेर रहे हैं। दूसरा वह पिता के विधायक रहते कराए गए काम भी गिना रहे हैं। अनीता ढुल महिलाओं के अपमान पर जयप्रकाश को घेर रहीं अनीता ढुल लंबे समय से कांग्रेस के साथ जुड़ी हुई थी। कांग्रेस में वह महिला प्रदेश महासचिव के पद पर थीं। वह कलायत से टिकट की मांग कर रही थी, लेकिन कांग्रेस ने यहां सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को टिकट दे दिया। इसके बाद जयप्रकाश के एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह मंच से एक महिला नेता के बारे में कहते हैं कि पाउडर और लिप्स्टिक लगाकर वोट मिलते हो तो मैं भी लगा लूं। इस बयान को अनीता ढुल से जोड़कर देखा गया। जयप्रकाश के इस बयान के बाद ढुल खाप ने पंचायत की और जयप्रकाश का बहिष्कार करने की बात कही गई। साथ ही ढुल खाप ने अनीता ढुल को निर्दलीय चुनाव लड़ने को कहा। अब अनीता ढुल जनता के बीच जाकर क्षेत्र में लगातार एक्टिव होने की बात कह रही हैं। वह कह रही हैं कि कलायत से मंत्री होते हुए भी यहां की सड़कें टूटी पड़ीं हैं। साथ ही वह जयप्रकाश के बयान पर कह रही हैं कि महिलाओं का अपमान किया गया है। महिलाएं इसका जवाब जरूरी देंगी। रामपाल माजरा भाजपा-कांग्रेस के खिलाफ वोट मांग रहे इनेलो के उम्मीदवार रामपाल माजरा चौटाला परिवार के खास रहे हैं। वह पहली बार साल 1996 में पाई हलके से समता पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे। साल 2000 में वह इनेलो के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद 2005 में चुनाव हार गए। साल 2009 में उन्होंने कलायत से इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ा और तीसरी बार विधायक चुने गए। चौटाला परिवार में मतभेद के चलते वह 2019 में भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने 28 जनवरी 2021 को भाजपा से इस्तीफा दे दिया। ओमप्रकाश चौटाला के कहने पर 2024 में वह दोबारा इनेलो में शामिल हो गए। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या के बाद रामपाल माजरा को इनेलो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। अब वह जनता के बीच जाकर कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ वोट मांग रहे हैं। वह कह रहे हैं कि 20 साल से कांग्रेस और भाजपा सरकार ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। अनुराग ढांडा बदलाव के नाम पर वोट मांग रहे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अनुराग ढांडा राज्य के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं। वह कई मीडिया संस्थानों में पत्रकार के तौर पर काम कर चुके हैं। साल 2022 में उन्होंने आम आदमी पार्टी के जरिए राजनीति में एंट्री की। वह अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में AAP को कलायत से मिली लीड के बाद उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की। दूसरा ढांडा गोत्र का भी यहां अच्छा प्रभाव है। उनके प्रचार के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत कई बड़े नेता आ चुके हैं। अब अनुराग जनता के बीच जाकर कह रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेश को लूटने का काम किया है। वह बदलाव और AAP की पांच गारंटियों के नाम पर वोट मांग रहे हैं। क्या कहते हैं कलायत के वोटर… अनिल बोले- कमलेश ने भ्रष्टाचार फैलाया अनिल कुमार का कहना है कि कमलेश ढांडा यहां से विधायक थीं। उन्होंने यहां विकास का कोई काम नहीं कराया। उन्होंने सिर्फ भ्रष्टाचार फैलाने का काम किया। हमारे बुजुर्गों ने कमलेश ढांडा को गरीब समझकर वोट दिए, लेकिन अभी तक उसकी गरीबी दूर हुई है या नहीं, वह देखने वाली बात है। उसने भ्रष्टाचार फैलाया है। जगतराम बोले- जयप्रकाश को माफी नहीं मिलेगी खेड़ी शेरू के रहने वाले जगतराम का कहना है कि कलायत में अनीता की जीत नजर आ रही है। ढुल खाप के 5 गांव हैं और 22 हजार वोट हैं। जयप्रकाश के बयान से लोगों में नाराजगी है। यह पूरे चुनाव में चलेगी। जयप्रकाश को काई माफी नहीं मिलेगी। सतनारायण शर्मा ने कहा- AAP की तरफ रूझान सतनारायण शर्मा ने बताया कि कलायत में सभी कैंडिडेट रात को जीतकर सोते हैं। बीजेपी ने 10 साल में कोई खास काम नहीं किया। पोर्टल पर अटका कर रखा है। इन पोर्टलों का ऐसा हाल है कि उड़ जा चिड़िया, मर जा चिड़िया, कभी सर्वर काम नहीं करते, कभी कर्मचारी छुट्टी पर हो जाते हैं। हर रोज नई नई स्कीम शुरू कर देते हैं। इस बार आम आदमी पार्टी का रूझान है। लोगों को पंजाब और दिल्ली में हुए काम पसंद आ रहे हैं। सुभाष बोले- कमलेश चुनाव जीतने के बाद धन्यवाद करने तक नहीं आईं सुभाष ढांडा ने बताया कि कमलेश ढांडा का अपने ही गांव खेड़ी संदल में काई रूझान नहीं है। 2019 में चुनाव जीतने के बाद वह लोगों को धन्यवाद तक करनी नहीं आईं। गांव के लोग उनके पक्ष में नहीं हैं। गांव के विकास में भी मंत्री का कोई योगदान नहीं रहा। बीजेपी की खिलाफत का कारण कैंडिडेट है। अभी किसी का माहौल साफ नहीं है। आगे जैसे-जैसे चुनाव बढ़ेगा, माहौल पता चलेगा। आम आदमी के पक्ष में भी लोग नजर आ रहे हैं। कमलेश ने कहा- पंचायत भवन अधूरा पड़ा महिला कमलेश ने बताया कि यहां पर पंचायत भवन अधूरा पड़ा है। कोई भी काम नहीं करवाया। कमलेश ढांडा से मिलने जाते थे तो कोई आश्वासन भी नहीं मिलता था। काम के लिए कई बार सरपंच को भी कहा, लेकिन उसने भी कोई जवाब नहीं दिया। सरपंच भी कुछ नहीं कराता। एक्सपर्ट बोलीं- मुकाबला रोचक होगा कलायत विधानसभा की राजनीति में अच्छी समझ रखने वाली राजनीति विशेषज्ञ डॉ वीना छाबड़ा का मानना है कि इस बार इस सीट पर रोचक मुकाबला रहेगा। फिलहाल की स्थिति देखें तो कांग्रेस के विकास सहारण, निर्दलीय प्रत्याशी अनिता ढुल और भाजपा सरकार में मंत्री रहीं कमलेश ढांडा के बीच ही मुकाबला है। हरियाणा चुनाव से जुड़ी ये ग्राउंड रिपोर्ट्स भी पढ़ें… यहां बंसीलाल की विरासत की लड़ाई:श्रुति चौधरी की चचेरे भाई ने मुश्किलें बढ़ाईं; जाट वोट बंटे तो BJP फंसेगी, बागी से भी नुकसान पूर्व BJP मंत्री हैट्रिक चांस में कड़े मुकाबले में फंसे:AAP की गुर्जर वोट बैंक में सेंध; कांग्रेस वेव से अकरम को फायदा अनिल विज कड़े मुकाबले में फंसे:खुद को CM चेहरा बता फायदा लेने की कोशिश; कांग्रेस पर गुटबाजी भारी, वोट शिफ्ट हुए तो चित्रा भारी पड़ेंगी राव इंद्रजीत की बेटी आरती तिकोने मुकाबले में फंसी:कांग्रेस बांटेगी अहीर वोटर; राजपूत-दलित वोटर्स एकतरफा तो ठाकुर बिगाड़ेंगे सियासी गणित नायब सैनी को CM चेहरे का फायदा:BJP के बागी गर्ग वोटकटवा; बड़शामी ने जाट न बांटे तो कांग्रेस के मेवा से कड़ी टक्कर विनेश फोगाट को कांग्रेस की वेव का सबसे बड़ा सहारा:जाट वोट बंटे तो मुश्किल में फंसेगी रेसलर; OBC-ब्राह्मण एकतरफा होने पर ही BJP को फायदा हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में HCS मीनाक्षी दहिया रिश्वत केस में बड़ा खुलासा:चौकीदार को स्कूटी से रिश्वत लेने भेजा; जमानत खारिज, 29 मई से अंडर ग्राउंड हरियाणा के मत्स्य विभाग में ज्वाइंटर सेक्रेटरी के पद पर तैनात HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ा खुलासा किया है। एसीबी ने कहा है कि दहिया ने अपनी स्कूटी से चौकीदार को जिला मत्स्य अधिकारी से 1 लाख रुपए रिश्वत लेने के लिए भेजा था। 29 मई से अंडर ग्राउंड चल रहीं मीनाक्षी दहिया हालांकि अभी तक एसीबी की पकड़ से दूर हैं। उनका फोन स्विच ऑफ और उनकी लोकेशन के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। सबसे अहम बात यह है कि पंचकूला की आदलत ने एचसीएस अधिकारी मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी है नियुक्ति HSVP में, काम कर रहा दहिया के साथ एसीबी ने अभी तक की जांच में कोर्ट में दावा किया है कि स्कूटी अधिकारी के नाम पर ही रजिस्टर्ड है। मत्स्य विभाग के चपरासी सतिंदर सिंह को लेकर भी एसीबी ने बड़ा खुलासा किया है। कहा है कि गिरफ्तार चपरासी ने खुलासा किया है कि वह शहरी स्थानीय निकाय विभाग का कर्मचारी है, लेकिन वह दहिया के घर पर काम करता था। उसकी नियुक्ति 2020 में एचएसवीपी में हुई थी। उसने यह भी दावा किया है कि उसने उसे जिला मत्स्य अधिकारी राजन खोरा से किसी आधिकारिक काम के लिए पैसे लेने के लिए भेजा था। उसके साथ जुड़े स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह को भी बिचौलिए के तौर पर काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। खोरा के साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग भी ACB के पास मीनाक्षी दहिया के साथ खोरा की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी एसीबी के पास मौजूद है। दरअसल, काम हो जाने के बाद दहिया ने खोरा को व्हाट्सएप कॉल किया था, जिसने उसे आश्वासन दिया कि उसी दिन आदेश जारी किए जाएंगे। चार्जशीट वापस लेने के बाद, जब वह 19 अप्रैल को आभार व्यक्त करने के लिए दहिया के कार्यालय गया और उनकी बातचीत रिकॉर्ड की। अदालत को सौंपी गई प्रतिलिपि में, उसने जोगिंदर के साथ खोरा द्वारा तय की गई 1 लाख रुपये की राशि पर चर्चा की, और कहा कि वह अपनी सुविधानुसार इसका प्रबंध कर सकता है क्योंकि उसे कोई जल्दी नहीं है। ACB दहिया को जारी कर चुकी नोटिस सबूतों के आधार पर एसीबी ने इस मामले में दहिया को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि वह इस भ्रष्टाचार के केस में उससे पूछताछ करना चाह रही है। नोटिस दहिया के घर भी एसीबी के द्वारा लेकर भेजा गया है, लेकिन घर से वह फरार बताई जा रही हैं। साथ ही अभी तक भी एसीबी के किसी भी नोटिस का दहिया के द्वारा जवाब नहीं दिया गया है। ये खबरें भी पढ़ें…।
हरियाणा में ACB की FIR में खुलासा:HCS अफसर मीनाक्षी दहिया ने 1 महीना रिश्वत का इंतजार किया, पर्ची पर सेवादार का नाम लिखा हरियाणा के मत्स्य विभाग में जॉइंट सेक्रेटरी मीनाक्षी दहिया के खिलाफ दर्ज एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की FIR में बड़े खुलासे सामने आए हैं। रिश्वत केस में फरार चल रही मीनाक्षी दहिया ने एक पर्ची में अपने सेवादार सत्येंद्र का नाम लिखकर दिया था। उन्होंने शिकायतकर्ता को यह भी कहा था कि मुझे फोन करने के बाद पर्ची पर लिखे नाम वाले व्यक्ति को रिश्वत के एक लाख रुपए दे देना। इसके बाद शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी ACB को दी और तय समय के तहत रिश्वत की राशि सेवादार सत्येंद्र व स्टेनोग्राफर जोगेंद्र को देते हुए ACB ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया (पूरी खबर पढ़ें ) हरियाणा में रिश्वत केस में फंसी HCS अफसर:CMO के साथ 2 बड़े IAS अधिकारी बचाने में जुटे, हुड्डा सरकार में भर्ती हुई थीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में भर्ती हुई HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया को बचाने की प्लानिंग शुरू हो गई है। मीनाक्षी दहिया मत्स्य विभाग की जॉइंट सेक्रेटरी हैं। रिश्वत लेने से जुड़े केस में हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पंचकूला में FIR दर्ज की है। इस केस में सीनियर स्केल स्टेनोग्राफर जोगिंद्र सिंह और सेवादार सत्येंद्र सिंह गिरफ्तार हो चुके हैं। FIR में मीनाक्षी दहिया का भी नाम है। चीफ मिनिस्टर ऑफिस (CMO) के साथ 2 बड़े IAS अफसर मीनाक्षी को बचाने में जुट गए हैं। ACB की टीम मीनाक्षी दहिया की तलाश कर रही है (पूरी खबर पढ़ें)
ओपी जिंदल बीड़ी पीते, दोस्तों संग ताश खेलते:देवीलाल ने बिजली काटी तो राजनीति में उतरे; बेटा BJP सांसद, पत्नी का टिकट कटा
ओपी जिंदल बीड़ी पीते, दोस्तों संग ताश खेलते:देवीलाल ने बिजली काटी तो राजनीति में उतरे; बेटा BJP सांसद, पत्नी का टिकट कटा 1976 की बात है। चौधरी देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों जिंदल ग्रुप के मालिक ओम प्रकाश जिंदल हिसार में अपना उद्योग जमा रहे थे। कुछ मुद्दों को लेकर देवीलाल से उनकी तकरार थी। एक दिन जिंदल ने कहा- ‘देवीलाल क्या कर लेंगे, मैं उनसे नहीं डरता।’ ये बात देवीलाल तक पहुंची, तो वे गुस्से से लाल हो गए। जिंदल ग्रुप की बिजली काट दी गई। प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन के आरोप में जिंदल के प्लांट पर कार्रवाई भी हो गई। प्लांट में अफरातफरी मच गई। कर्मचारी यूनियन की बैठक में हिंसा भड़क गई। बचाव में सुरक्षाकर्मियों ने गोलियां चला दीं, जिससे एक की मौत और 17 लोग जख्मी हो गए। जिंदल पर IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया। कंपनी के 20 लोग गिरफ्तार कर लिए गए। ओपी जिंदल पर लिखी किताब ‘द मैन हु टॉक्ड टू मशीन्स’ में उनके भाई सीताराम जिंदल बताते हैं- ‘पुलिस ओपी को गिरफ्तार करने के लिए जगह-जगह छापेमारी कर रही थी। वे मेरे घर में छिपे रहे। छठे दिन पुलिस को कहीं से खबर मिल गई और वो दरवाजे पर आ गई। पुलिस ने दरवाजा खुलावकर अंदर तलाशी ली, लेकिन ओपी तब तक पीछे के दरवाजे से भाग निकले।’ ओपी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई और गिरफ्तारी से बच गए। इस घटना के बाद ओपी को सत्ता की जरूरत महसूस होने लगी थी। उन्होंने जनता के बीच जाना शुरू कर दिया। सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने लगे। हालांकि, छोटे भाई सीताराम जिंदल उन्हें बार-बार मना करते रहे कि राजनीति के बारे में मत सोचिए, राजनीति बहुत गंदी चीज होती है। ओपी जिंदल नहीं माने और 1991 में हिसार विधानसभा से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। ओपी जिंदल तीन बार विधायक और एक बार सांसद रहे। हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। उनकी पत्नी सावित्री जिंदल हरियाणा सरकार में मंत्री रहीं। बेटा नवीन जिंदल तीन बार सांसद बन चुके हैं। आज जिंदल की दूसरी पीढ़ी राजनीति में है। हरियाणा के ताकतवर राजनीतिक परिवारों की सीरीज ‘परिवार राज’ के पांचवें एपिसोड में जिंदल ग्रुप के फाउंडर रहे ओपी जिंदल परिवार की कहानी… 7 अगस्त 1930, गांधी जी का सविनय अवज्ञा आंदोलन चरम पर था। इसी दिन दिल्ली से 161 किलोमीटर दूर हिसार के नलवा में नेतराम जिंदल और चंद्रावली जिंदल के घर एक बेटे का जन्म हुआ, नाम रखा गया ओम प्रकाश जिंदल। उनका परिवार मूल रूप से रोहतक जिले के कानी गांव से आता था, लेकिन परदादा मंगनीराम 1850 में नलवा आकर बस गए। ओपी ने गांव के स्कूल से महज छठी तक पढ़ाई की। उनके पिता को नलवा गांव में 200 एकड़ जमीन विरासत में मिली थी। पिता के साथ ओपी भी खेतों पर जाया करते थे। 17 साल की उम्र में जिंदल की शादी हो गई। तब उनकी पत्नी विद्या देवी 13 साल की थीं। उनके तीन बेटे पृथ्वीराज, सज्जन कुमार, रतन कुमार और चार बेटियां सरोज, निर्मला, उर्मिला और आशा हुईं। ओपी जिंदल, 20 साल के हुए तो उनके पिता ने कहा कि अगर पैसा कमाना चाहते हो, तो गांव को छोड़ दो। 1950 में जिंदल घर छोड़कर ओडिशा चले गए। यहां कटमांजी कस्बे में उन्होंने तारपीन के तेल का कारोबार शुरू किया। कुछ समय बाद वे दार्जिलिंग और फिर कोलकाता चले गए। खेत में पाइप का ढेर देखकर ओपी को सूझा बिजनेस का आइडिया इतिहासकार डॉ. एमएम जुनेजा अपनी किताब ‘शून्य से शिखर’ में लिखते हैं- ‘ 1951 की बात है। ओपी तब कोलकाता में थे। एक दिन वे खेतों में घूम रहे थे। एक खेत में उन्हें पाइप का एक ढेर दिखा। जिस पर ‘मेड इन इंग्लैंड‘ लिखा हुआ था। ओपी ने कहा कि इन पाइपों का इस्तेमाल भारत में हो रहा है, तो ये पाइप तो भारत बनाए क्यों नहीं जा सकते। इसके बाद ओपी ने कटे और पुराने पाइपों का कारोबार शुरू किया। वे असम से नीलामी में ऐसे पाइप खरीदते और कोलकाता लाकर बेच देते। दरअसल, दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान असम, अमेरिकी सैनिकों का बड़ा ठिकाना था। युद्ध के बाद वे लोहे और स्टील से बना बहुत सा सामान यहीं छोड़ गए थे।’ 1952 में ओपी ने कोलकाता के पास लिलुआ में पाइप बेंड और सॉकेट बनाने की फैक्ट्री लगाई। इसका नाम ‘जिंदल इंडिया लिमिटेड’ रखा गया। वे पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर के टाटा ट्यूब्स और ओडिशा के कलिंगा ट्यूब्स से स्क्रैप खरीदा करते थे। करीब 8 साल कोलकाता में काम करने के बाद 1960 में वे अपने गृह जिले हिसार लौट आए। हिसार में ओपी ने दोस्तों को बताया कि वे यहां भी कोलकाता की तरह फैक्ट्री खोलेंगे, तो उनके दोस्त हंसने लगे। उन्हें लगा कि ओपी मजाक कर रहे हैं। शुरुआत में ओपी ने हिसार में बाल्टी बनाने की फैक्ट्री लगाई। उनका ये बिजनेस चल गया। अच्छी आमदनी होने लगी। दो साल बाद यानी, 1962 में उन्होंने जिंदल इंडिया लिमिटेड नाम से एक फैक्ट्री खोली। इसके बाद 1969 में जिंदल स्ट्रिप्स लिमिटेड की शुरुआत की। आज इसका नाम स्टेनलेस है। पत्नी की मौत के बाद 19 साल छोटी साली से शादी की 1964 में ओपी जिंदल की पत्नी विद्या देवी कैंसर के कारण चल बसीं। उस वक्त ओपी की उम्र 34 साल थी और उनके ऊपर 7 बच्चों की जिम्मेदारी थी। सबसे छोटी बेटी आशा तब एक साल की थीं, जिसे उनके छोटे भाई सीताराम जिंदल ने गोद ले लिया। परिवार ने तय किया कि बच्चों की देखभाल के लिए विद्या देवी की छोटी बहन सावित्री सबसे बेहतर रहेगीं। सावित्री की तब 15 साल थी। वे ओपी के बड़े बेटे पृथ्वीराज से 2 साल बड़ी थीं। सावित्री जिंदल के 3 बच्चे बेटा नवीन जिंदल और दो बेटी सारिका और सीमा का जन्म हुआ। हार का बदला लेने के लिए भजनलाल ने भी जिंदल प्लांट की बिजली कटवा दी ओपी जिंदल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल अच्छे दोस्त थे। 1991 में बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी बनाई, तो ओपी जिंदल उसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। ओपी ने बंसीलाल की पार्टी के टिकट पर 1991 में हरियाणा विधानसभा चुनाव का चुनाव लड़ा। दूसरी तरफ कांग्रेस से ओमप्रकाश महाजन प्रत्याशी थे। चौधरी भजनलाल का उन्हें पूरा समर्थन था। भजनलाल ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था, लेकिन जिंदल चुनाव जीत गए। ओपी जिंदल के वकील रहे एडवोकेट पीके रंधीर बताते हैं- ‘ विधानसभा चुनाव में ओपी की जीत से भजनलाल को ठेस पहुंची थी। 25 अक्टूबर 1991 को भजनलाल सरकार ने जिंदल की फैक्ट्री में बिजली और पानी कटवा दिया। इसी साल उनके घर सेल्स टैक्स का छापा भी पड़ा। हालांकि, सेशन कोर्ट के आदेश पर बिजली का कनेक्शन फिर से जोड़ दिया गया।’ 1996 में ओपी जिंदल ने कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। जिंदल ने इनेलो प्रत्याशी कैलाशो देवी को हराया। 1998 के लोकसभा चुनाव में ओपी हिसार से चुनाव में उतरे, लेकिन हार गए। इसी साल चौधरी बंसीलाल और ओपी जिंदल के बीच अगरोहा मेडिकल कॉलेज को लेकर मतभेद हो गए। एक साल बाद ओपी ने बंसीलाल का साथ छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली। ओपी ने फिर कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा। इस बार भी वे हार गए। इसके बाद वे 2000 में हिसार से विधायक बने। 2005 विधानसभा चुनाव में उन्हें फिर से हिसार टिकट मिला और वे जीतने में कामयाब रहे। प्रदेश में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी। ओपी को ऊर्जा मंत्री बनाया गया। बीड़ी पीते थे ओपी, खाली वक्त में दोस्तों के साथ ताश खेलते थे एक बार ओपी जिंदल से मिलने कुछ वीआईपी उनके घर पहुंचे। उन लोगों ने गार्ड से कहा कि हमें ओपी जिंदल से मिलना है। गार्ड ने बगीचे की तरफ इशारा किया। बनियान और पाजामा पहने हुए एक शख्स खटिया पर बैठकर अखबार पढ़ रहा था। उस शख्स को देखर उन लोगों ने गार्ड से कहा- नहीं, नहीं, हमें सेठ से मिलना है। बड़ा सेठ, चेयरमैन साहब।’ पास खड़े ओपी के भाई सीताराम जिंदल हंसने लगे। उन्होंने कहा कि जो शख्स खटिया पर बैठकर अखबार पढ़ रहा है, वो जिंदल साहब ही हैं। ओपी जिंदल बीड़ी पीते थे। वे अपने प्लांट्स में भी बनियान पहनकर बीड़ी पीते हुए दिख जाते थे। उन्हें भूने हुए चने बहुत पसंद थे। खाली वक्त में टीवी या सिनेमा देखने के बजाय वे मन बहलाने के लिए दोस्तों के साथ ताश खेलते थे। ओपी जिंदली पर लिखी किताब ‘द मैन हू टॉक्ड टू मशीन्स’ किताब में इस किस्से का जिक्र है। मंत्री बनने के 21 दिन बाद हेलिकॉप्टर क्रैश में जिंदल की मौत 1 अप्रैल 2005, ओपी जिंदल को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होना था। सुबह 11:30 में उनके हेलिकॉप्टर चंडीगढ़ एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। हेलिकॉप्टर में जिंदल के साथ बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह, पायलट टीएस चौहान, ओपी जिंदल के समधी वेद गोयल और गनमैन विनोद यादव सवार थे। रास्ते में सरसावा एयरबेस साफ दिखाई दे रहा था। पायलट ने 12:17 बजे सरसावा के एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से आगे बढ़ने की इजाजत ले ली। दोपहर करीब 12:30 बजे यूपी के सहारनपुर के पास अचानक हेलिकॉप्टर का इंजन फेल हो गया। जिंदल ने पायलट से कहा कि हेलिकॉप्टर लैंड करा दो। इसी बीच हेलिकॉप्टर तेजी से हिलने लगा और कुछ ही पलों बाद क्रैश हो गया। इस हादसे में ओपी जिंदल, सुरेंद्र सिंह, पायलट टीएस चौहान की मौत हो गई। जबकि, ओपी जिंदल के समधी वेद गोयल और गनमैन विनोद यादव को रीढ़ की हड्डी में चोटें आईं, लेकिन दोनों को बचा लिया गया। वेद गोयल बताते हैं, ‘जिंदल कभी सीट बेल्ट नहीं बांधते थे। उस दिन भी उन्होंने सीट बेल्ट नहीं बांधी थी। हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, तो उनका सिर जोर से खिड़की से टकराया और खून बहने लगा। मैंने भी उस दिन सीट बेल्ट नहीं बांधी थी, लेकिन मैं बीच में था इसलिए बच गया।’ पति की मौत के बाद राजनीति में उतरीं सावित्री जिंदल ओपी जिंदल 2004 में बेटे नवीन जिंदल को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना चुके थे, लेकिन उनकी मौत के बाद विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सावित्री जिंदल ने उठाई। वह जिंदल की मौत के बाद खाली हुई हिसार सीट से विधायक बनीं। 2009 में दोबारा सावित्री ने हिसार विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। इस बार उन्हें कांग्रेस की हुड्डा सरकार में नगर निकाय मंत्री भी बनाया गया। 2023 में एशिया वन मैंगजीन को दिए इंटरव्यू में सावित्री कहती हैं- ‘एक आम भारतीय महिला की तरह मैं घर पर रहकर परिवार की देखभाल कर रही थी, लेकिन पति की मौत के बाद मुझे कारोबार और उनकी राजनीतिक विरासत संभालना पड़ा।’ सावित्री जिंदल कभी कॉलेज नहीं गईं, लेकिन पति की मौत के बाद उन्होंने बिजनेस को न सिर्फ संभाला बल्कि कामयाबी की नई ऊंचाइयों तक लेकर गईं। फॉर्च्यून इंडिया की हालिया रिपोर्ट में सावित्री जिंदल देश की टॉप 10 अमीरों की सूची में चौथे स्थान पर हैं। उनके पास 2.77 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल की संपत्ति में पिछले 2 साल में भारी इजाफा हुआ है। 2020 में फोर्ब्स ने उन्हें 349वें नंबर पर रखा था। 2021 में वे 234वें और 2022 में 91वें नंबर पर पहुंच गईं। 2022 में ब्लूमबर्ग ने सावित्री को एशिया की सबसे अमीर महिला बताया था। 2004 में राजनीति मे उतरे नवीन, कोयला घोटाले के दाग लगे ओपी जिंदल ने सभी बेटों में व्यापार की हिस्सेदारी बांट दी थी। वहीं, राजनीति में उन्होंने दूसरे पत्नी से हुए इकलौते बेटे नवीन जिंदल को अपना उत्तराधिकारी बनाया। 2004 में ओपी चुनावी सभाओं में नवीन को साथ ले जाने लगे। 2004 के लोकसभा चुनाव में नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और जीते भी। इसके बाद 2009 में भी वे कुरुक्षेत्र से सांसद बने। साल 2012, केंद्र में यूपीए की सरकार थी। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानी, CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि निजी कंपनियों को कोयले की खदानें देने से सरकार को 1.86 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। सरकार पर आरोप लगा कि उसने बिना बोली लगाए कंपनियों को खदानें आवंटित की थीं। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक एसार पावर, हिंडाल्को, टाटा स्टील, टाटा पावर, जिंदल स्टील एंड पावर सहित 25 कंपनियों को विभिन्न राज्यों में ये खदानें दी गई थीं। सीबीआई ने पूरे प्रकरण की जांच की और कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल पर एफआईआर दर्ज की। कोयला घोटाले में नवीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 2013 में जिंदल हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे भाजपा और हरियाणा जनहित कांग्रेस यानी, HJP के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। तब हरियाणा में भाजपा और HJP का प्रदेश में गठबंधन था। लाठीचार्ज में दोनों दलों के करीब 25 कार्यकर्ता घायल हुए। BJP कार्यकर्ताओं ने जिंदल हाउस के गेट पर कालिख पोत दी। कोयला घोटाले का खामियाजा 2014 के लोकसभा चुनाव में जिंदल परिवार को भुगतना पड़ा। नवीन कुरुक्षेत्र से चुनाव हार गए। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल भी अपनी हिसार सीट हार गईं। इसके बाद जिंदल परिवार 10 साल राजनीति से दूर रहा। 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नवीन जिंदल और उसके बाद उनकी मां सावित्री जिंदल बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी के टिकट पर नवीन हिसार लोकसभा सीट से संसद पहुंचे। हालांकि, इस बार विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल को बीजेपी से टिकट नहीं मिला। अब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मां का टिकट कटने के बाद एक इंटरव्यू में नवीन जिंदल ने बताया- ‘मैं पार्टी के टिकट वितरण के फैसले को सही मानता हूं, लेकिन मां के फैसले का भी सम्मान करता हूं। कुल मिलाकर 9 भाई-बहन मां के साथ हैं। पूरा हिसार मेरा परिवार है। मां ने अपने परिवार की सेवा के लिए जो भी फैसला लिया है, मैं उसका सम्मान करता हूं और साथ भी दूंगा।’
सिरसा में डॉक्टर पर तेजधार हथियार से हमला:डेंटल हॉस्पिटल में घुसे 4 युवक; 2 साल पहले केमिस्ट से हुआ था झगड़ा
सिरसा में डॉक्टर पर तेजधार हथियार से हमला:डेंटल हॉस्पिटल में घुसे 4 युवक; 2 साल पहले केमिस्ट से हुआ था झगड़ा हरियाणा के सिरसा शहर के बेगू रोड पर स्थित एक डेंटल हॉस्पिटल के डॉक्टर पर चार युवकों ने तेजधार हथियार से हमला कर दिया। इसमें डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गया। युवक इलाज कराने के बहाने अस्पताल में आए थे। सिटी थाना पुलिस ने शुक्रवार को घायल डॉक्टर के बयान दर्ज कर अज्ञात युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। हथियार लेकर घुसे 3 साथी जानकारी के अनुसार मेला ग्राउंड निवासी दीपक का बेगू रोड पर जेआर नाम से डेंटल हॉस्पिटल है। डॉ दीपक का कहना है कि गुरुवार रात को वह हॉस्पिटल में अकेला बैठा था। इसी दौरान दांत दिखाने के बहाने एक लड़का हॉस्पिटल में आया। उक्त युवक उससे बात कर रहा था कि तीन अन्य युवक तेजधार हथियार लेकर हॉस्पिटल में घूस आए। इसके बाद चारों युवकों ने डॉ दीपक को पकड़ लिया और उस पर हमला कर दिया। डॉक्टर द्वारा शोर मचाने पर हमलावर फरार हो गए। दो साल पहले हुआ झगड़ा डॉ दीपक का कहना है कि उस पर हमला बेगू रोड पर स्थित लीलावती मेडिकल स्टोर के मालिक राहुल सोनी व उसके साले विक्की ने करवाया है। करीब दो साल पहले उसका राहुल सोनी के साथ झगड़ा हो गया था। हमले में डॉ दीपक को काफी चोट आई। लोगों ने उसे सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया और घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर शहर थाना पुलिस अस्पताल पहुंची। मेडिकल स्टोर संचालक का नाम आया पुलिस का कहना है कि शुक्रवार को घायल डॉ दीपक का बयान दर्ज करके अज्ञात युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही युवकों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।